पीरियड्स में संबंध बनाने से संक्रमण का खतरा भी बढ़ सकता है, हालांकि इससे मसल्स क्रैंप में आराम मिलता है।
पीरियड्स के दौरान शारीरिक संबंध बनाने को लेकर लोगों के मन में तमाम सवाल पैदा होते हैं। कई लोग मानते हैं कि ऐसे समय में शारीरिक संबंध बनाना महिलाओं के पीरियड क्रैंप को कम करता है। तो कुछ लोगों का मानना है ऐसे में संबंध बनाना आनंददायक होता है। डॉक्टर्स भी ऐसे में संबंध बनाने के लिए मना नहीं करते हैं।
आज हम आपको पीरियड के दौरान संबंध बनाने से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं। आकाश हेल्थकेयर में निदेशक और प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. शिल्पा घोष के मुताबिक यदि महिलाएं पीरियड्स के दौरान फिजिकल रिलेशनशिप बनाती हैं तो उन्हें तनाव से मुक्ति मिलती है और वो काफी रिलेक्स महसूस करती हैं।
पीरियड के दौरान ज्यादातर महिलाओं को मूड स्विंग की प्रॉब्लम होती है, जिसका नुकसान उनके पार्टनर को भी भुगतना पड़ता है। ऐसे में अगर शारीरिक संबंध बनाए जाएं तो महिलाओं का मूड अच्छा रहता है। लेकिन महिला अगर अपनी इच्छा से संबंध बनाए तभी ये उसकी मेंटल हेल्थ के लिए अच्छा साबित होता है।
पीरियड में रिलेशन बनाने से हो सकते हैं ये नुकसान
असुरक्षित संबंध बनाने से संक्रमण जैसे एसटीडी, एसटीआई, एचआईवी का खतरा अधिक हो जाता है। इस दौरान वायरस ब्लड के माध्यम से तेजी से फैल सकता है। इसलिए पीरियड में संबंध बनाने के लिए डॉक्टर्स प्रोटेक्शन इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।
हो सकती हैं प्रेग्नेंट
महिलाओं को लगता है कि पीरियड्स में असुरक्षित संबंध बनाने से गर्भधारण नहीं होता है। लेकिन ये केवल वहम है। उस वक्त भी प्रेग्नेंसी की संभावना अधिक होती है।
यीस्ट बढ़ने से होता है इन्फेक्शन का खतरा
ज्यादातर महिलाएं पीरियड्स से पहले वेजाइनल इंफेक्शन या इचिंग महसूस करती हैं। जो उनके पीरियड्स से लगभग एक हफ्ते होने लगता है। ऐसे में अगर वो महिलाएं पीरियड के दौरान संबंध बनाती हैं तो संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। जिससे उनके ब्लड फ्लो पर भी असर पड़ सकता है। जिससे वेजाइना में जलन और खुजली हो सकती है।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
अगर पीरियड्स में संबंध बनाते हैं तो सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। संबंध बनाने के बाद अपने गुप्तांग को अच्छे से साफ करें। तुरंत यूरिन जाएं और पानी से प्राइवेट पार्ट को धोएं।
पीरियड्स के दौरान फिजिकल रिलेशन बॉडी पेन और मसल्स क्रैंप से राहत दिलाता है।
पीरियड के दौरान शारीरिक संबंध बनाने को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां हैं। कुछ लोग इसे ठीक मानते हैं, तो तमाम लोग इसके पक्ष में नहीं हैं। हालांकि विशेषज्ञ कहते हैं कि पीरियड के दौरान शारीरिक संबंध ना सिर्फ आनंददायक होता है बल्कि पीरियड के दौरान होने वाले दर्द और ऐंठन को भी कम करता है। एक्सपर्ट के मुताबिक पीरियड के दौरान महिलाओं को शारीरिक संबंध बनाने से परहेज करने की जरूरत नहीं है।
आकाश हेल्थकेयर में निदेशक और प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. शिल्पा घोष indianexpress.com से बातचीत में कहती हैं, ‘कुछ महिलाएं ऐसी हैं जो पीरियड के दौरान शारीरिक संबंध बनाना ज्यादा पसंद करती हैं। उन्हें इस दौरान शारीरिक संबंध बनाना महीने के बाकी दिनों से ज्यादा आनंददायक लगता है। शारीरिक संबंध के दौरान ऑर्गेज्म तक पहुंचने वाली महिलाओं को पीरियड से होने वाली तमाम परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है’। वह कहती हैं कि पीरियड का मतलब ये नहीं है कि फिजिकल रिलेशन से पूरी तरह परहेज किया जाए।
क्या कहती हैं एक्सपर्ट?
डॉ. शिल्पा घोष कहती हैं कि पीरियड्स के दौरान फिजिकल रिलेशन महिलाओं के लिए कई तरह से फायदेमंद साबित हो सकता है। बॉडी पेन और मसल्स क्रैंप से राहत मिलती है। महिलाओं में इस दौरान मूड स्विंग की परेशानी ज्यादा होती है। फिजिकल होने से तनाव दूर होता है और मूड ठीक रहता है। इस दौरान अगर महिलाएं ऑर्गेज्म तक पहुंचती हैं तो बॉडी में एंडोर्फिन हॉर्मोन रिलीज होता है। ये हार्मोन ऑक्सीटोसिन और डोपामाइन जैसे फील-गुड हार्मोन हैं जो तनाव को दूर करते हैं और बॉडी को रिलैक्स करते हैं।
डॉ. शिल्पा कहती हैं कि पीरियड के दौरान महिलाओं को ब्लीडिंग रहती है, जिससे वजाइना वेट रहती है। ऐसे में ड्राइनेस की दिक्कत भी नहीं होती। पीरियड के दौरान सिर दर्द और माइग्रेन का दर्द भी काफी परेशान करता है, उससे भी राहत मिलती है।
रखें ये सावधानी
पीरियड के दौरान शारीरिक संबंध बना रही हैं तो सावधानी का खास ध्यान रखें। असुरक्षित संबंध बनाने से आप अनचाही प्रेग्नेंसी कंसीव कर सकती हैं। पीरियड के दौरान असुरक्षित संबंध से आप सेक्सुअल ट्रांसमिटिड इंफेक्शन (Sexually transmitted infections) की चपेट में भी आ सकते हैं।
क्या कहता है आयुर्वेद? जानी मानी आयुर्वेद चिकित्सक और केरल आयुर्वेद से जुड़ी डॉ. अर्चना सुकुमारन कहती हैं कि ‘आयुर्वेद के मुताबिक पीरियड महिलाओं की आंतरिक सफाई करता है। इससे मेटाबॉलिज्म भी प्रभावित हो सकता है। ऐसे में आयुर्वेद द्वारा सुझाए गए तमाम तौर-तरीको को जरूर फॉलो करना चाहिए’।
उधर, आयुर्वेद की जानकार डॉ. राधामोनी भी अपने एक वीडियो में कहती हैं कि, ‘पीरियड्स के दौरान वात की गति नीचे की दिशा में होती है, जिसे वात अनुलोमता भी कहते हैं। लेकिन शारीरिक संबंध बनाने के दौरान वात की गति ऊपर की दिशा में हो जाती है। ऐसे में जब आप शारीरिक संबंध बनाते हैं तो वात विपरीत और परस्पर विरोधी दिशाओं में चला जाता है। इससे महिलाओं की प्रजनन प्रणाली में असंतुलन पैदा हो सकता है’।