पीरियड साफ ना हो तो क्या करें? - peeriyad saaph na ho to kya karen?

मासिक धर्म महिलाओं के शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया उनकी प्रजनन क्षमता से संबंध रखती है। हर महिला को अपने पीरियड्स से जुड़ी सभी बातों के बारे में बारीकि से ध्यान रखना चाहिए। हर महिला में मासिक धर्म चक्र अलग-अलग हो सकता है। इसके अलावा उनके मासिक धर्म में रक्त का स्त्राव भी कम या ज्यादा हो सकता है। आमतौर में हर 21 से 35 दिनों की अवधि के पश्चात महिलाओं को मासिक धर्म (पीरियड्स) होते हैं। सामान्यतः माहवारी में रक्त स्त्राव दो से सात दिनों तक हो सकता है। हालांकि यह अवधि शारीरिक बदलाव के कारण बदल सकती है। महिलाओं के नियमित मासिक धर्म चक्र में जब रक्त स्त्राव कम हो या रक्तस्त्राव कम दिनों के लिए हो तो इसको मासिक धर्म कम आना कहा जाता है। मासिक धर्म में होने वाली अनियमितताएं महिलाओं के लिए समस्या का कारण बन जाती हैं। समाज में इस बारे में खुलकर बात नहीं की जाती है, इसी कारण महिलाओं के मन में मासिक धर्म को लेकर कई तरह के सवाल कभी सुलझ नहीं पाते हैं। महिलाओं की इसी परेशानी को देखते हुए आपको मासिक धर्म का कम आना, मासिक धर्म में कम आने के लक्षण, कारण, इलाज और जटिलताओं के बारे में बताया जा रहा है।

(और पढें - मासिक धर्म जल्दी लाने के उपाय)

  1. पीरियड्स या रुक रुक कर आना क्या है - What is a light period in hindi
  2. माहवारी में खून कम आने के लक्षण - Symptoms of light periods in hindi
    • माहवारी में खून कम आने पर डॉक्टर के पास कब जाएं?
  3. पीरियड्स में कम ब्लीडिंग होने के कारण - Causes of light periods in hindi
    • उम्र
    • अधिक वजन और गलत डाइट
    • प्रेग्नेंसी
    • स्तनपान
    • जन्म नियंत्रण के उपाय
    • तनाव
    • अधिक एक्सरसाइज
    • भोजन-संबंधी विकार (ईटिंग डिसऑर्डर)
    • पीसीओएस
    • गंभीर मेडिकल कंडीशन
  4. पीरियड खुल कर न आने का इलाज - Treatment for light periods in hindi

पीरियड खुलकर न आना या कम आना के डॉक्टर

पीरियड्स या रुक रुक कर आना क्या है - What is a light period in hindi

महिलाओं को माहवारी होना, उनके शरीर की जैविक प्रक्रिया का हिस्सा है। सरल शब्दों में कहा जाए तो महिलाओं के शरीर का प्रजनन के लिए तैयार होने पर पीरियड्स आना शुरू हो जाते हैं। हर महिला का मासिक धर्म चक्र भिन्न हो सकता है। विशेषज्ञ मासिक धर्म के चक्र की अवधि को 21 से 35 दिन बताते हैं। इस समय अवधि में महिलाओं को पीरियड्स होते हैं। पीरियड्स के समय महिलाओं को 2 से 7 दिनों तक रक्तस्त्राव हो सकता है। इसके अलावा विशेषज्ञ बताते हैं कि सामान्य महिला को इन दिनों में लगभग 30 से 40 मिली लीटर रक्तस्त्राव हो सकता है। माना जाता है कि एक पैड करीब 5 मिली लीटर रक्त सोखने के लिए सक्षम होता है। इस प्रकार माहवारी के दौरान यदि 7 से 8 पैड्स इस्तेमाल हो तो इसको सामान्य अवस्था समझी जाती है। इसके आलावा इससे कम होने पर या आपको खुद रक्त का स्त्राव कम महसूस हो, तो इस स्थिति को मासिक धर्म कम आना कहा जाएगा।

(और पढें - मासिक धर्म में अधिक रक्तस्त्राव)

माहवारी में खून कम आने के लक्षण - Symptoms of light periods in hindi

माहवारी के दौरान खून कम आना आपके लिए परेशानी का कारण हो सकता है। इस समस्या के कई लक्षण आपके शरीर में दिखाई देते हैं। आगे जानते हैं कि इस दौरान क्या लक्षण महसूस होते हैं।

  • दो या उससे कम दिन रक्त स्त्राव होना। (और पढ़ें - योनि से रक्तस्त्राव के कारण) 
  • खून के थक्कों की तरह कम रक्त स्त्राव या माहवारी में बेहद कम खून आना।
  • नियमित होने वाले रक्त प्रवाह से कम रक्त निकलना। (और पढ़ें - पीरियड्स में क्या खाएं) 
  • माहवारी के अगले महिने भी कम रक्त स्त्राव होना।

पीरियड्स में ब्लड कम आने के सही कारणों के बारे में आप नहीं समझ पा रही हों तो आपको इस स्थिति के बारे में अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। डॉक्टर इस समस्या के अंतर्निहित कारणों और इससे आपके मासिक धर्म चक्र पर पड़ने वाले प्रभावों का सही तरह से पता लगा पाएंगे।   

(और पढ़ें - मासिक धर्म से जुड़ें मिथक)

माहवारी में खून कम आने पर डॉक्टर के पास कब जाएं?

पीरियड्स में कम ब्लीडिंग होने के कारण - Causes of light periods in hindi

यहाँ पढ़िए पीरियड्स खुलकर न आने के क्या कारण हो सकते हैं -

उम्र

आपके पीरियड्स आपकी उम्र पर भी निर्भर करते हैं। किशोरावस्था में प्रवेश करने वाली लड़कियों के पीरियड्स की अवधि और मात्रा सामान्य से भिन्न होती है। वहीं रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं के पीरियड्स में कमी आ जाती है। ऐसा इसीलिए होता है, क्योंकि इन दोनों ही आयु वाली महिलाओं के हार्मोन में असंतुलन होता है। जिसका प्रभाव उनके मासिक धर्म पर पड़ता है। 

(और पढ़ें - महिलाओं के लिए हार्मोन्स का महत्व)

अधिक वजन और गलत डाइट

महिलाओं के शरीर का अधिक वजन और वसा उनके पीरियड्स को प्रभावित करता है। महिलाओं का वजन सामान्य से कम होने पर उनके शरीर के हार्मोन सही तरह से कार्य नहीं कर पाते हैं और इससे उनके मासिक धर्म में अनियमितता आ जाती है। इसके साथ ही वजन का अधिक होना भी आपके पीरियड की अनियमतता का कारण बनता है। 

(और पढ़ें - वजन कम करने के तरीके)

प्रेग्नेंसी

प्रेग्नेंसी के दौरान आपको पीरियड्स नहीं आते हैं। लेकिन इस समय भी आप खून के थक्कों का आना महसूस कर सकती हैं और इसको आप अपने पीरियड्स समझने की भूल कर सकती हैं। मगर यह अवस्था प्रेग्नेंसी के शुरूआती दौर में निषेचित अंडे का आपके गर्भाशय में जुड़ने के परिणामस्वरूप उत्पन्न होती है। यह सामान्य प्रक्रिया होती है और यह मुख्यतः दो दिनों तक ही रहती है।

(और पढ़ें - प्रेग्नेंसी के महीने)

स्तनपान

यदि आपने हाल में बच्चे को जन्म दिया है तो स्तनपान कराने के दौरान आपको मासिक धर्म देर से होता है। दरअसल इस समय महिला के शरीर में दूध बनाने वाले हार्मोन ओवुलेशन प्रक्रिया को आगे बढ़ा देते हैं। ऐसे में पीरियड्स होने में देरी होती है। स्तनपान कराने के कुछ महीनों बाद महिलाओं के मासिक धर्म नियमित प्रक्रिया में आ जाते हैं।

स्तनपान कराने के दौरान पीरियड्स न आने की स्तिथि में भी आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं। ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि प्रसव के पश्चात होने वाले पीरियड के दो सप्ताह पहले ही आप में ओवुलेशन होता है। अगर आप स्तनपान के दौरान असुरक्षित यौन संबंध बनाती हैं और आपको इसके बाद रक्त के थक्के आते दिखाई देते हैं, तो यह रक्त के थक्के निषेचित अंडों के कारण बने हैं या नहीं, इसकी जांच के लिए आपको प्रेग्नेंसी टेस्ट कराना होता है। 

(और पढ़ें - मासिक धर्म में सेक्स और sex karne ke tarike)

जन्म नियंत्रण के उपाय

हार्मोनल जन्म नियंत्रण उपाय आजमाने से भी आपको पीरियड्स खुल कर नहीं आ पाते हैं। कई तरह के जन्म नियंत्रण के उपाय आपके शरीर में ओवुलेशन की प्रक्रिया को बाधित करते हैं। जिनमें से कुछ तरीके नीचे बताए जा रहें हैं।

  1. दवाओं का सेवन
  2. पैच (Patch)
  3. अंगूठी (Ring)
  4. शॉट (Shot)

जब महिलाओं के शरीर में ओवुलेशन प्रक्रिया के द्वारा अंडा नहीं बन पाता है, तब गर्भाशय में मोटी परत बन जाती है। इसके परिणाम स्वरूप पीरियड्स खुल कर नहीं आते या वह आगे बढ़ जाते हैं। इसके अलावा जन्म नियंत्रण लेना शुरू करने से पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं।

(और पढ़ें - पीरियड्स जल्दी रोकने के उपाय)

तनाव

तनाव में रहने वाली महिलाओं का मस्तिष्क उनके मासिक धर्म चक्र के लिए जिम्मेदार हार्मोन्स को प्रभावित करता है। जिससे उन्हें पीरियड्स कम आते हैं या उनके आने की अवधि बढ़ जाती है। तनाव दूर होने के बाद आपके पीरियड्स दोबारा नियमित अवधि में आ जाते हैं।

(और पढ़ें - तनाव दूर करने के उपाय)

अधिक एक्सरसाइज

जो महिलाएं नियमित व अधिक एक्सरसाइज करती हैं उनके पीरियड्स में बदलाव होने लगता है। उदाहरण के तौर पर एथलिट महिलाएं अधिकतर तनाव में रहती है। साथ ही अधिक शारीरिक कार्य करने से उनका वजन भी कम हो जाता है। जिसके चलते उनको पीरियड्स खुलकर नहीं आते हैं।

(और पढ़ें - पीरियड्स के समय की जाने वाली एक्सरसाइज)

भोजन-संबंधी विकार (ईटिंग डिसऑर्डर)

खाने से संबंधित एनोरेक्सिया नर्वोसा (Anorexia nervosa) और बुलीमिया (Bulimia) नामक दोनों विकारों के कारण महिलाओं को माहवारी में खून कम आता है। खाने के इन विकारों से महिलाओं के शरीर का वजन कम हो जाता है। जिससे पीरियड् को नियमित करने वाले हार्मोन पर प्रभाव पड़ता है और वह काम कम करने लगते हैं।

(और पढ़ें - संतुलित आहार)

पीसीओएस

पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) के कारण भी महिलाओं के पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं या होना बंद हो सकते हैं। इसमें हार्मोनल बदलाव के कारण महिलाओं के शरीर में बनने वाले अंडों को परिपक्व होने की प्रक्रिया रूक जाती है। इसमें हार्मोनल बदलाव के कारण होने वाली अन्य समस्याओं को नीचे बताया जा रहा है -

  • वजन में बदलाव होना और मोटापा बढ़ना
  • मुंहासे निकलना
  • चेहरे में अनचाहें बालों का उगना
  • प्रजनन क्षमता में कमी आना

पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का परीक्षण अल्ट्रासाउंड के द्वारा किया जाता है। कई बार पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के गर्भाशय में छाले भी हो जाते हैं। इस अवस्था में डॉक्टर महिलाओं को वजन कम करने की सलाह देते हैं और पीरियड्स को नियमित करने के लिए गर्भनिरोधक गलियों खाने का सुझाव देते हैं।

(और पढ़ें - गर्भनिरोधक गोलियों के नाम)

गंभीर मेडिकल कंडीशन

कई गंभीर रोग के कारण आपका मासिक धर्म अनियमित हो सकता है। जबकि नियमित पीरियड्स से पता चलाता है कि आप अंदुरूनी रूप से बिलकुल स्वस्थ हैं। पीरियड्स संबंधी समस्या इस बात की ओर इशारा करते हैं कि आपका हार्मोन स्तर अनियंत्रित हो गया है। प्रजनन अंगों में आने वाली समस्याओं के कारण भी पीरियड्स में अनियमितता आ जाती है।

(और पढ़ें - मासिक धर्म के समय पेट दर्द)

पीरियड खुल कर न आने का इलाज - Treatment for light periods in hindi

मासिक धर्म के कम आने के कई कारण हो सकते हैं। यह समस्या कई महिलाओं को सिर्फ एक बार ही होती है। यदि पीरियड्स में ब्लड कम आने की समस्या आपको पिछले दो-तीन महीनों से लगातार हो रही है और इस दौरान आपको स्वास्थ्य संबंधी अन्य परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है, तो आपको इसका इलाज कराने की आवश्यकता होती है। इसके लिए आपके डॉक्टर कुछ परीक्षण करते हैं जिसके आधार पर आपका इलाज शुरू किया जाता है। नियमित रूप से मासिक धर्म कम आने की समस्या को कुछ दवाओं व दिनचर्या में बदलाव करके आसानी से ठीक किया जा सकता है।    

(और पढ़ें - पीरियड्स में हाइजीन टिप्स)

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पीरियड खुलकर न आना या कम आना के डॉक्टर

पीरियड खुलकर न आना या कम आना से जुड़े सवाल और जवाब

सवाल 3 साल से अधिक पहले

अगर पीरियड्स 2 दिन से कम आएं तो क्या गर्भधारण करने में कोई दिक्कत हो सकती है?

नॉर्मली पीरियड्स 2 से 7 दिन तक आते हैं। अगर आपको शुरु से ही पीरियड्स 2 दिन से कम आते हैं, तो इसमें चिंता करने की कोई बात नहीं है। लेकिन अगर आपके साथ ऐसा कुछ महीनों से ही हो रहा है तो आप अपना थायराइड का टेस्ट करवा लें।

सवाल 3 साल से अधिक पहले

अगर पीरियड्स हर महीने 4 से 5 दिन पहले शुरु होने लगें और 2 दिन तक ब्लीडिंग होने के बाद तीसरे दिन बंद हो जाए, तो क्या मासिक चक्र नॉर्मल है?

पीरियड्स की साइकिल 21 से 38 दिनों की होना नॉर्मल है और 2 से 7 दिन तक ब्लीडिंग होना भी नॉर्मल है। अगर आपके पीरियड्स 4 से 5 दिन पहले आते हैं तो इसका मतलब है कि आपका मासिक चक्र 24 से 28 दिन के बीच में है जो कि नॉर्मल स्थिति है। अगर आपको ब्लीडिंग 2 से 3 दिन तक होती है तो यह भी नॉर्मल बात है।

सवाल 3 साल से अधिक पहले

अगर पीरियड्स नॉर्मल हैं लेकिन ब्लीडिंग कम आती है तो इसका इलाज कैसे करें?

अगर पीरियड्स हमेशा से ही ऐसे आते हैं तो ये नॉर्मल बात है लेकिन अगर आपको यह समस्या कुछ समय पहले से ही शुरु हुई है तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

सवाल 3 साल से अधिक पहले

अगर थायराइड की वजह से पीरियड्स बंद हो जाएं तो क्या करना चाहिए?

आपको थायराइड का इलाज करवाना चाहिए। आपको थायराइड फंक्शन टेस्ट करवाना होगा और थायराइड TSH के लेवल से पता चलेगा कि आपको पीरियड्स क्यों नहीं आ रहे हैं।

संदर्भ

  1. Wright ST. The effect of light and dark periods on the production of ethylene from water-stressed wheat leaves. Planta. 1981 Oct;153(2):172-80. PMID: 24276768
  2. Sonya S. Dasharathy et al. Menstrual Bleeding Patterns Among Regularly Menstruating Women . Am J Epidemiol. 2012 Mar 15; 175(6): 536–545. PMID: 22350580
  3. Office on Women's Health [Internet] U.S. Department of Health and Human Services; Period problems.
  4. Eunice Kennedy Shriver National Institute of Child Health and Human; National Health Service [Internet]. UK; What causes menstrual irregularities?
  5. Office on Women's Health [Internet] U.S. Department of Health and Human Services; Menstrual Cycle.

सम्बंधित लेख

पीरियड खुलकर नहीं आए तो क्या करना चाहिए?

पीरियड्स खुलकर न आने पर डॉक्टर से मिलें अगर आप खुद में पीरियड खुल के नहीं आने के लक्षणों को अनुभव करती हैं तो आपको बिना देरी किए एक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना और अपनी परेशानियों के बारे में उन्हें बताना चाहिए। निर्धारित समय पर पीरियड्स आना सेहत के लिए बहुत जरूरी है।

पीरियड खुलकर क्यों नहीं आती है?

यह प्रेग्‍नेंसी या हार्मोन से संबंधित किसी समस्‍या का संकेत भी दे सकते हैं। जी हां, महिलाओं को कई पीरियड्स संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, पीरियड्स में कम ब्‍लड का फ्लो ऐसी समस्‍या है जो तनाव का कारण बन सकती है। जबकि इसके लिए हमेशा किसी एक्‍सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए।

पीरियड खुलकर आने के लिए क्या खाएं?

अदरक का रस – ताजे अदरक का रस माहवारी खुलकरआने की समस्या का एक बेहतर घरेलू इलाज है। ताजे अदरक की गांठ लें और इसे अच्छी तरह धोकर काट लें और पानी में उबालें। फिर इसे छानकर एक चम्मच शहद और एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं और प्रतिदिन दिन में दो बार पीएं। आपका पीरियड खुलकर आने लगेगा।

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