- होम
- वीडियो
- सर्च
- वेब स्टोरीज
- ई-पेपर
- होम
- वीडियो
- सर्च
- वेब स्टोरीज
- ई-पेपर
- Hindi News
- National
- गर्मी में पशु पक्षियों के लिए भी करें पानी की व्यवस्था
गर्मी में पशु पक्षियों के लिए भी करें पानी की व्यवस्था
भास्कर न्यूज | जांजगीर-चांपा
गर्मी में पानी को अमृत के समान माना जाता है, मनुष्य को प्यास लगती है तो वह कहीं भी मांग कर पी लेता है, लेकिन मूक पशु पक्षियों को प्यास में तड़पना पड़ता है, हालांकि जब वे प्यासे होते हैं तो घरों के सामने दरवाजे पर आकर खड़े हो जाते हैं। कुछ लोग पानी पिला देते हैं तो कुछ लोग भगा भी देते है। इस गर्मी में पशु पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए लोगों को प्रयास करना चाहिए
गर्मियों में कई परिंदों व पशुओं की मौत पानी की कमी के कारण हो जाती है। लोगों का थोड़ा सा प्रयास घरों के आस पास उड़ने वाले परिंदों की प्यास बुझाकर उनकी जिंदगी बचा सकता है। सुबह आंखें खुलने के साथ ही घरों के आस-पास गौरेया, मैना व अन्य पक्षियों की चहक सभी के मन को मोह लेती है। घरों के बाहर फुदकती गौरेया बच्चों सहित बड़ों को भी अपनी ओर आकर्षित करती है। गर्मियों में घरों के आसपास इनकी चहचहाहट बनी रहे, इसके लिए जरूरी है कि लोग पक्षियों से प्रेम करें और उनका विशेष ख्याल रखें। जिले में गर्मी बढऩे लगी है। यहां का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस पार हो गया है। आने वाले सप्ताह और जेठ में और अधिक गर्मी पडऩे की संभावना है। गर्मी में मनुष्य के साथ-साथ सभी प्राणियों को पानी की आवश्यकता होती है। मनुष्य तो पानी का संग्रहण कर रख लेता है, लेकिन परिंदे व पशुओं को तपती गर्मी में यहां-वहां पानी के लिए भटकना पड़ता है। पानी न मिले तो पक्षी बेहोश होकर गिर पड़ते हैं।
न्यू चंदनियापारा में मवेशियों के लिए रखा गया कोटना
भोजन और पानी की होती है कमी
गर्मी में पक्षियों के लिए भोजन की भी कमी रहती है। पक्षियों के भोजन कीड़े-मकोड़े गर्मियों में नमी वाले स्थानों में ही मिल पाते हैं। खुले मैदान में कीड़ों
की संख्या कम हो जाती है, जिससे पक्षियों को भोजन खोजने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है। जंगलों में पेड़ों के पत्ते झड़ जाते हैं, साथ ही जल स्त्रोत भी सूख जाते हैं। वहीं मवेशियों के लिए भी चारागाह के अलावा खेतों में पानी की समस्या होती है, इस वजह से पानी के साथ भोजन की भी कमी से मवेशियों को जूझना पड़ता है।
क्या कहते हैं पशु चिकित्सक- पशु चिकित्सक डॉ. केके पटेल ने बताया कि साल्ट और एनर्जी पक्षियों की किडनी के फंक्शन के लिए जरूरी है। इसकी पूर्ति खनिज-लवण युक्त पानी से हो सकती है। गर्मी में अपने घरों के बाहर, छतों पर पानी के बर्तन रखें और हो सके तो छतों पर पक्षियों के लिए छाया की व्यवस्था भी करें। पक्षियों के शरीर में इलेक्ट्रोलाइट की मात्रा संतुलित रहे, इसके लिए पानी मे गुड़ की थोड़ी मात्रा मिलानी चाहिए।
इससे गर्मी में तापमान से राहत मिलती है और शरीर में पानी की कमी नहीं होती। वहीं मवेशियों के लिए भी कोटना अपने घरों के सामने रखना चाहिए जो वेस्ट वाटर घर से बाहर फेंका जाता है, वह कोटना में डाल दें तो मवेशियों को भी पानी मिल सकता है।
क्या करें उपाय
घरों के बाहर पानी के
बर्तन भरकर टांगें, या बड़ा बर्तन अथवा कोटना पानी भरकर रखें, जिससे मवेशी व परिंदे पानी देखकर आकर्षित होते हैं।
छत में भी पानी की व्यवस्था करें, छायादार जगह बनाकर वहां पानी के बर्तन भर कर रखें।
पक्षियों के लिए चना, चावल, ज्वार, गेंहूं आदि जो भी घर में उपलब्ध हो उस चारे की व्यवस्था छतों में करें।
कम पानी वाले जल स्रोतों को गंदा न करें, इससे पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था हो सकती है।
जल संरक्षण