रोज खट्टा खाने से क्या होता है? - roj khatta khaane se kya hota hai?

गुड़ शरीर के 100 अवगुण दूर करता है। गुड़ में अनंत गुण होने के कारण आदर्श निघण्टु ग्रन्थ में इसकी महिमा अपार बताई है। गुड़ देह को दुर्गुण से बचाता है।

    • गुड़ -एक गुणकारी औषधी **
    • Jaggery – an Amrutam medicine**

गुड़ एक असरदायक औषधि है। गुड़ गुणों की खान है। यह उदर के गुड़ रहस्यों-रोगो का नाशक है। आयुर्वेद ग्रन्थ वनस्पति कोष, आयुर्वेदिक चिकित्सा, सुश्रुत संहिता, भावप्रकाश, आयुर्वेद निघण्ठ़ आदि में गुड़ की विषेशताओं का विस्तार से वर्णन है। 【१】गुड़ गन्ने (ईख) के रस से निर्मित होता है। ईख तन के कई दोशो का दहन करता है। 【२】गुड़ प्राकृतिक पेट पीड़ाहर दवा है। 【३】 गुड़ में मौजूद तत्व तन के अम्ल (एसिड) को दूर करता है जब चीनी के सेवन से एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जिससे शरीर में हमारी व्याधियों से घिर जाता है। गुड़ के मुकाबले चीनी को पचाने में पाँच गुना ज्यादा ऊर्जा व्यय होती है। 【४】गुड़ पाचनतन्त्र के पचड़ो को पछाड़ भोजन पचाकर पाचनक्रिया को ठीक करता है। 【५】पुरानी कठोर कब्ज के कब्ज़े से मुक्ति हेतु रोज रात्रि में 15-20 ग्राम गुड़ 200 मि.ली जल में उबालकर 40-50 मि.ली रहने के उपरान्त चाय की तरह पीये साथ में अमृतम ZEO Malt का सेवन करें 10 दिन के लगातार प्रयोग से कब्जियत पूरी तरह मिट जाती है। भूख खुलकर लगती है। 【६】महिलाये खाने के साथ या बाद गुड़ खाये, तो शरीर के विशैल तत्व दूर होते है। 【७】गुड़ खाने से त्वचा मे निखार आने लगता है। 【८】सुन्दर स्वस्थ त्वचा तथा झुरियाँ मिटाने हेतु गुड़ का नियमित सेवन कर नारी सौन्दर्य तेल की प्रत्येक बुधवार शुक्रवार और शनिवार पूरे शरीर की मालिश करें, तो भंयकर खूबसूरती में वृद्धि होती है। 【९】हडिड्यों को बलशाली बनाता है- गुड़! 【१०】गुड़ मे कैल्षियम के साथ फॉस्फोरस भी होता है, जो हडिड्यो को मजबूत बनाने में चमत्कारी है। 【११】आर्थोकी गोल्ड माल्ट आँवला मुरब्बा, सेब मुरब्बा, और अनेक जडी-बुटियों के काढे़ में गुड मिलाकर निर्मित होता है। यह भंयकर वातविकारो का विनाषक है। 【१२】गुड़ से बना हुआ अमृतम आर्थोकी गोल्ड माल्ट के निरंतर सेवन से बहुत से वातविकार हाहाकार कर तन की पीड़ा का पलायन हो जाता है। 【१३】मंगल की पीडा से पीडित प्राणी को गुड़ का दान अति शुभ लाभकारी है। 【१४】गन्ना मूत्र वर्धक होने से गुड़ मे भी यह पेशाब समय पर लाने में काफी सहायक है। जिन्हें रूक-रूक कर पेषाब आती हो, वे चीनी की जगह केवल गुड़ का इस्तेमाल करें। 【१५】मूत्र सम्बधी समस्या और मूत्राषय की सूजन हेतु दुध के साथ लेवें। 【१६】गुड़ निर्बल कमजोर शरीर वालो के लिए विशेष हितकारी है। 【१७】कमजोरी में 10 ग्राम गुड़़ में 5 ग्राम अमृतम मधु पंचामृत, नीबू का रस, काला नमक मिलाकर लें, साथ ही अमृतम माल्ट का एक माह सेवन करें तों रस-रक्त, बल -वीर्य की वृद्धि होती है। 【१८】हिचकी मिटाने हेतु 5 ग्राम गुड़ में चुटकी भर सोंठ पाउडर या अदरक के रस की 2-3 बूदें मिलाकर लेवें। 【१९】माइग्रेन मिटाने हेतु गुड़ का घी के साथ सेवन करें या अकेला ब्रेन की गोल्ड माल्ट और ब्रेनकी टेबलेट लेवें। 【२०】गाजर मे गुड़ मिलाकर हलुआ खाने से तेज दिमाग होता है। 【२१】एसिडिटी नाषक गुड़ – 10 ग्राम गुड 5 ग्राम गैसाकी चूर्ण ठण्डे जल में घोलकर आधा नीबू निचोडे इसे थोड़ा- थोड़ा पीते रहें। 【२२】बवासीर नाषक गुड़ – बवासीर तन की तासीर और तकदीर खराब कर देता है। इससे मुक्ति हेतु 200 ग्राम पानी में 10 ग्राम गुलाब के फूल, जीरा, अजवायन, सोंफ, सौठ़ ये सभी 2-2 ग्राम डालकर उबालें 100 ग्राम जल रहने पर इसमे 20 ग्राम गुड़ मिलाकर पुनः उबालें 40-50 ग्राम काढा रहने पर रात में गर्म-गर्म पीने से अर्शरोग नष्ट होते है। मस्से सूखने लगते है। तत्काल लाभ हेतु पाइल्सकी माल्ट सुबह-शाम 1-1 चम्मच लेवें। 【२३】पुरानी से पुरानी खाँसी-जुकाम से राहत हेतु गुड़, अदरक, लोंग, जीरा, कालीमिर्च, मुनक्के, हल्दी का काढा बनाकर सुबह खाली पेट लेवें। 【२४】गुड़ रक्त की कमी को दूर कर रक्तचाप को सामान्य करता है। 【२५】दिल की बीमारी होने से रोकता है। 【२६】 गुड़ , घी का मिश्रण आँखो के लिए अमृत है। 【२७】गुड़ लड़कियों को पीसीओडी एवं मासिकधर्म की परेशानियों भी राहतकारी है। 【२८】कान का दर्द, थकान मिटाने हेतु यह अद्भुत है। 【२९】ध्यान देवें गर्मियों में गुड़ का सेवन पूरे दिन में 15-20 ग्राम से अधिक न करें। 【३०】शुगर के मरीज़ चीनी की जगह गुड़ का सेवन करें तो किडनी सुरक्षित रहती है। निवेदन- भोजन उपरांत 10 से 20 ग्राम गुड़ खजाने कभी वातरोग नहीं स्टेट, इसलिए हर हाल गुड़ जरूर खाएं।

गुड़ एक मीठा ठोस खाद्य पदार्थ है जो ईख, ताड़ आदि के रस को उबालकर कर सुखाने के बाद प्राप्त होता है। इसका रंग हल्के पीले से लेकर गाढ़े भूरे तक हो सकता है। भूरा रंग कभी-कभी काले रंग का भी आभास देता है। यह खाने में मीठा होता है। प्राकृतिक पदार्थों में सबसे अधिक मीठा कहा जा सकता है। अन्य वस्तुओं की मिठास की तुलना गुड़ से की जाती हैं। साधारणत: यह सूखा, ठोस पदार्थ होता है, पर वर्षा ऋतु जब हवा में नमी अधिक रहती है तब पानी को अवशोषित कर अर्धतरल सा हो जाता है। यह पानी में अत्यधिक विलेय होता है और इसमें उपस्थित अपद्रव्य, जैसे कोयले, पत्ते, ईख के छोटे टुकड़े आदि, सरलता से अलग किए जा सकते हैं। अपद्रव्यों में कभी कभी मिट्टी का भी अंश रहता है, जिसके सूक्ष्म कणों को पूर्णत: अलग करना तो कठिन होता हैं किंतु बड़े बड़े कण विलयन में नीचे बैठ जाते हैं तथा अलग किए जा सकते हैं। गरम करने पर यह पहले पिघलने सा लगता है और अंत में जलने के पूर्व अत्यधिक भूरा काला सा हो जाता है।

गुड़ का उपयोग मूलतः दक्षिण एशिया में किया जाता है। भारत के ग्रामीण इलाकों में गुड़ का उपयोग चीनी के स्थान पर किया जाता है। गुड़ लोहतत्व का एक प्रमुख स्रोत है और रक्ताल्पता (एनीमिया) के शिकार व्यक्ति को चीनी के स्थान पर इसके सेवन की सलाह दी जाती है। गुड़ के एक अन्य हिन्दी शब्द जागरी का प्रयोग अंग्रेजी में इसके लिए किया जाता है।

गुड़ कई प्रकार और आकार का होते हुए भी वस्तुत: एक ही पदार्थ है। ईख से प्राप्त ईख का गुड़ एवं ताड़ से प्राप्त ताड़ का गुड़ कहा जाता है, पर ईख से प्राप्त गुड़ इतना प्रचलित है कि इसे लोग केवल गुड़ ही कहते हैं। इसके विपरीत भी गुड़ का कई तरह से वर्गीकरण किया जा सकता है, जैसे साफ किया हुआ गुड़ एवं बिना साफ किया हुआ गुड़, छोटी पिंडियों एवं बड़ी पिंडियोंवाला आदि। रख दिए जाने पर, अर्थात् पुराना होने पर, इसके गुणों में परिवर्तन होता जाता है। इसलिये नया गुड़, एवं पुराना गुड़ इस भाँति भी उपयोग में इसका विवरण आता है।

गुड़ में चीनी का बाहुल्य होता है और इसकी मात्रा कभी कभी 90 प्रतिशत से भी अधिक तक पहुँच जाती है। इसके अतिरिक्त इसमें ग्लूकोज़, फ्रुक्टोज़, खनिज (चूना, पोटाश, फासफ़ोरस आदि) भी अल्प मात्रा में रहते हैं। इसमें जल का भी थोड़ा अंश रहता है जो ऋतु के अनुसार घटता बढ़ता रहता है।

गुड़ उद्योग भारत का बहुत पुराना उद्योग है तथा जहाँ जहाँ ईख पैदा होती है, यह उद्योग काफी प्रचलित है। उत्तर प्रदेश में घी उद्योग के बाद इसी का स्थान है। कृषक स्वयं ही पुराने ढंग से गुड़ बनाते हैं। दक्षिण भारत में भी यह उद्योग बहुत प्रचलित है। यहाँ पर गुड़ ईख के रस के अतिरिक्त ताड़ के रस, या मीठी ताड़ी से भी बनाया जाता है। यह रस इन पेड़ों से, विशेष कर ग्रीष्म ऋतु में निकलता है। अब तो भारत के सभी प्रदेशों में, जहाँ ये वृक्ष पाए जाते है, ताड-गुड़-उद्योग को काफी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। गुड़ के फायदे मौसम के बदलाने पर शरीर को भी कुछ बदलाव करने पडते हैं और अपने खानपान में बदलाव लाकर हम अपने शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। सर्दियों में कुछ खास खाद्य पदार्थो के सेवन से हमारे शरीर को विशेष लाभ होता है। खजूर को सर्दियों का मेवा कहा जाता है और इसे इस मौसम में खाने से खास फायदे होते हैं।

खजूर या पिंडखजूर कई प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें आयरन और फ्लोरिन भरपूर मात्रा में होते हैं इसके अलावा यह कई प्रकार के विटामिंस और मिनरल्स का बहुत ही खास स्त्रोत होता है। इसका इस्तेमाल नियमित तौर पर करने से आप खुद को कई प्रकार के रोगों से दूर रख सकते हैं और यह कॉलेस्ट्राल कम रखने में भी मददगार है।

खजूर को इस्तेमाल करने के अनगिनत फायदे हैं क्योंकि खजूर में कॉलेस्ट्रोल नही होता है और फेट का स्तर भी काफी कम होता है। खजूर में प्रोटीन के साथ साथ डाइटरी फाइबर और विटामिन बी-1 , बी-२, बी - ३, बी -5 और सी भरपूर मात्रा में होते हैं। स्वाद मे मीठा गुड मे गुणो की खान भरी हुई है ये सेहत, शरीर, और त्वचा के साथ-साथ कई चीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद है. आज हम हमारे इस लेख मे आपको गुड के कई फ़ायदों से अवगत करा रहे है, जिससे आप भी गुणो से भरी इस चीज के कई फायदे जान पाये. ठंड के मौसम में गुड सरलता से उपलब्ध होती है एवं मौसमी मिठाई हैं तो जानते हैं

गुड़ खाने के बे‍हतरीन लाभ

प्राकृतिक मिठाई के तौर पर पहचाना जाने वाला गुड़, स्वाद के साथ ही सेहत का भी खजाना है, अगर अाप अब तक अनजान हैं इसके स्वास्थ्यवर्धक गुणों से, तो अब जान जानि‍ए गुड़ खाने के यह 24 बेहतरीन लाभ स्वाद मे मीठा गुड मे गुणो की खान भरी हुई है ये सेहत, शरीर, और त्वचा के साथ-साथ कई चीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद है. आज हम हमारे इस लेख मे आपको गुड के कई फ़ायदों से अवगत करा रहे है, जिससे आप भी गुणो से भरी इस चीज के कई फायदे जान पाये. ठंड के मौसम में गुड सरलता से उपलब्ध होती है एवं मौसमी मिठाई हैं तो जानते हैं

गुड़ खाने के बे‍हतरीन लाभ

प्राकृतिक मिठाई के तौर पर पहचाना जाने वाला गुड़, स्वाद के साथ ही सेहत का भी खजाना है, अगर अाप अब तक अनजान हैं इसके स्वास्थ्यवर्धक गुणों से, तो अब जान जानि‍ए गुड़ खाने के यह 24 बेहतरीन लाभ -

1 *पेट की समस्या - जी हां गुड़ पेट की समस्याओं से निपटने के एक बेहद आसान और फायदेमंद उपाय है। यह पेट में गैस बनना और पाचन क्रिया से जुड़ी अन्य समस्याओं को हल करने में बेहद लाभदायक है। खाना खाने के बाद गुड़ का सेवन पाचन में सहयोग करता है।

2 *सर्दी होने पर - सर्दी के दिनों में या सर्दी होने पर गुड़ का प्रयोग आपके लिए अमृत के समान होगा। इसकी तासीर गर्म होने के कारण यह सर्दी, जुकाम और खास तौर से कफ से आपको राहत देने में मदद करेगा। इसके लिए दूध या चाय में गुड़ का प्रयोग किया जा सकता है, और आप इसका काढ़ा भी बनाकर ले सकते हैं।

3 * गुड़ को अदरक के साथ गर्म कर, इसे गुनगुना खाने से गले की खराश और जलन में राहत मिलती है। इससे आवाज भी काफी बेहतर हो जाती है।

4 जोड़ों में दर्द की समस्या होने पर गुड़ का अदरक के साथ प्रयोग काफी लाभदायक सिद्ध होता है। प्रतिदिन गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक खाने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।

5 * त्वचा की सेहत के लिए भी गुड़ आपके लिए बहुत काम की चीज है। जी हां गुड़ रक्त से हानिकारक टॉक्स‍िन्स को बाहर कर, त्वचा की सफाई में मदद करता है, और रक्त संचार भी बेहतर करता है।

6 प्रतिदिन थोड़ा सा गुड़ खाने से मुंहासों की समस्या नहीं होती और त्वचा में चमक आती है। यह आपकी त्वचा की समस्याओं को आंतरिक रूप से ठीक करने में मदद करता है।

7 शरीर में आयरन की कमी होने पर गुड़ आपकी काफी मदद कर सकता है। गुड़ आयरन का एक अच्छा और सुलभ स्रोत है। एनिमिया के रोगियों के लिए भी गुड़ बेहद फायदेमंद होता है।

8 अगर आप बहुत अधि‍क थकान या कमजोरी महसूस कर रहे हैं, तब भी गुड़ आपकी मदद कर सकता है। क्योंकि यह आपके शरीर में उर्जा के स्तर को बढ़ा देता है, और आपको थकान महसूस नहीं होती।

9 शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में गुड़ सहायक होता है। इसमें एंटी एलर्जिक तत्व होते हैं, इसलिए अस्थमा होने पर भी मरीज़ों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है।

10 * पेट में गैस बनने की समस्या होने पर प्रतिदिन एक गिलास पानी या दूध के साथ गुड़ का सेवन करने से पेट में ठंडक होती है, और गैस भी नहीं बनती।

11 प्रतिदिन दोपहर व रात के खाने के बाद थोड़ा सा गुड़ मुंह में रखकर चूसने से पाचन भी बेहतर होता है, और गैस भी नहीं बनती।

12 गुड़ शरीर में रक्त की सफाई कर मेटाबॉलिज्म रेट को भी नियंत्रित करता है। इसकें अलावा गुड़ गले और फेफड़ों के संक्रमण के इलाज में फायदेमंद होता है।

13 अस्थमा के इलाज में गुड़ काफी लाभदायक होता है। गुड़ और काले तिल के लड्डू बनाकर खाने से सर्दी में अस्थमा की समस्या नहीं होती और शरीर में आवश्यक गर्मी बनी रहती है।

14 इसके अलावा सांस संबंधी रोगों के लिए पांच ग्राम गुड़ को समान मात्रा में सरसों के तेल में मिलाकर खाने से सांस संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

15 गला बैठ जाने और आवाज जकड़ जाने की स्थि‍ति में पके हुए चावल में गुड़ मिलाकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक होता है एवं आवाज भी खुल जाती है।

16 कान में दर्द होने पर भी गुड़ काफी लाभदायक होता है। गुड़ को घी के साथ मिलाकर खाने से कान में होने वाले दर्द की समस्या ये निजात मिलती है।

17 पीलिया हो जाने पर पांच ग्राम सोंठ में दस ग्राम गुड़ मिलाकर एक साथ खाने से काफी लाभ मिलता है।

18 महिलाओं को मासिकधर्म की समस्याओं में राहत देने के लिए भी गुड़ काफी फायदेमंद है। उन दिनों में गुड़ का सेवन करने से हर तरह की तकलीफ में राहत मिलेगी।

19 स्मरण शक्ति बढ़ाने में भी गुड़ बहुत फायदेमंद है। इसके नियमित सेवन से याददाश्त बढ़ती है और दिमाग कमजोर नहीं होता।

20 अगर आपको कम भूख लगती है,तो आपकी इस समस्या का इलाज गुड़ के पास है। गुड़ खाने से आपकी भूख खुलेगी, और पाचनक्रिया दुरूस्त होगी।

21 गु़ड़ एक अच्छा मूड बूस्ट है, यह आपके मूड को खुशनुमा बनाने में मदद करता है। इसके अलावा माइग्रेन की समस्या में भी गुड़ फायदा पहुंचाता है। प्रतिदिन गुड़ का सेवन करने से लाभ होता है।

22 खट्टी डकारें आने या पेट की अन्य समस्या में गुड़ में काला नमक मिलाकर चाटने से लाभ होता है। इसके अलावा यह तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने में काफी सहायक होता है।

23 वजन कम करने के लिए भी गुड़ का प्रयोग किया जा सकता है। शरीर में जल के अवधारण को कम करके शरीर के वजन को नियंत्रित करता है।

24 वैसे तो गुड़ को गर्म मासीर का माना जाता है, लेकिन इसके पानी के साथ घोलकर पीने से यह शरीर में ठंडक प्रदान करता है, और गर्मी को नियंत्रित करता है।

13 अस्थमा के इलाज में गुड़ काफी लाभदायक होता है। गुड़ और काले तिल के लड्डू बनाकर खाने से सर्दी में अस्थमा की समस्या नहीं होती और शरीर में आवश्यक गर्मी बनी रहती है।

14 इसके अलावा सांस संबंधी रोगों के लिए पांच ग्राम गुड़ को समान मात्रा में सरसों के तेल में मिलाकर खाने से सांस संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

15 गला बैठ जाने और आवाज जकड़ जाने की स्थि‍ति में पके हुए चावल में गुड़ मिलाकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक होता है एवं आवाज भी खुल जाती है।

16 कान में दर्द होने पर भी गुड़ काफी लाभदायक होता है। गुड़ को घी के साथ मिलाकर खाने से कान में होने वाले दर्द की समस्या ये निजात मिलती है।

17 पीलिया हो जाने पर पांच ग्राम सोंठ में दस ग्राम गुड़ मिलाकर एक साथ खाने से काफी लाभ मिलता है। इसके अलावा जुकाम ज्यादा हो जाने पर गुड़ को पिघ्‍ालाकर उसकी पपड़ी बनाकर खाने से लाभ होता है।

18 महिलाओं को मासिकधर्म की समस्याओं में राहत देने के लिए भी गुड़ काफी फायदेमंद है। उन दिनों में गुड़ का सेवन करने से हर तरह की तकलीफ में राहत मिलेगी।

19 स्मरण शक्ति बढ़ाने में भी गुड़ बहुत फायदेमंद है। इसके नियमित सेवन से याददाश्त बढ़ती है और दिमाग कमजोर नहीं होता।

20 अगर आपको कम भूख लगती है,तो आपकी इस समस्या का इलाज गुड़ के पास है। गुड़ खाने से आपकी भूख खुलेगी, और पाचनक्रिया दुरूस्त होगी।

21 गु़ड़ एक अच्छा मूड बूस्ट है, यह आपके मूड को खुशनुमा बनाने में मदद करता है। इसके अलाव माइग्रेन की समस्या में भी गुड़ फायदा पहुंचाता है। प्रतिदिन गुड़ का सेवन करने से लाभ होता है।

22 खट्टी डकारें आने या पेट की अन्य समस्या में गुड़ में काला नमक मिलाकर चाटने से लाभ होता है। इसके अलावा यह तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने में काफी सहायक होता है।

23 वजन कम करने के लिए भी गुड़ का प्रयोग किया जा सकता है। शरीर में जल के अवधारण को कम करके शरीर के वजन को नियंत्रित करता है।

24 वैसे तो गुड़ को गर्म मासीर का माना जाता है, लेकिन इसके पानी के साथ घोलकर पीने से यह शरीर में ठंडक प्रदान करता है, और गर्मी को नियंत्रित करता है। खजूर का गुड़ के फायदे खजूर खाने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है क्योंकि यह घुलनशील और अघुलनशील फायबर से भरपूर होता है साथ ही साथ इसमें अमीनो एसीड भी पाया जाता है। खजूर को रातभर पानी में गलाकर इस पानी के साथ पीने से पाचनतंत्र में निश्चित तौर पर सुधार आता है।

2. खजूर में शरीर को एनर्जी प्रदान करने की अद्भुत क्षमता होती है क्योंकि इसमें प्राक्रतिक शुगर जैसे की ग्लूकोज़, सुक्रोज़ और फ्रुक्टोज़ पाए जाते हैं।

3. खजूर में पाए जाने वाली पोटेशियम की भरपूर और सोडियम की कम मात्रा के कारण से शरीर के नर्वस सिस्टम के लिए बेहद लाभकारी है। शोध से साबित हुआ है कि शरीर को पोटेशियम की काफी जरुरत होती है और इससे स्ट्रोक का खतरा कम होता है। खजूर शरीर में होने वाले कॉलेस्ट्रोल के स्तर को भी कम रखकर आपके दिल के स्वास्थ्य की रक्षा करता है।

4. खजूर में पाया जाने वाला आयरन शरीर में खून की कमी यानी की एनीमिया को ठीक करने में बहुत कारगर है। खजूर की मात्रा बढाकर खून की कमी को दूर किया जा सकता है। ख़जूर में फ्लूरिन भी पाया जाता है जिससे दांतों के क्षय होने की प्रकिया धीमी हो जाती है।

6. खजूर उन लोगों के लिए अत्यधिक लाभकारी है जो वजन बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इसका उपयोग शराब पीने से शरीर को होने वाले नुकसान से बचने में भी किया जाता है।

7. खजूर से पेट का कैंसर भी ठीक होता है। इसके विषय में सबसे अच्छी बात यह है कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। इससे आंखों की रोशनी भी बढ़ती है और इसके नियमित उपयोग से रतोंधी से भी छुटकारा मिलता है।

8. अगर आप अपने शरीर का शुगर स्तर को खजूर के उपयोग से निय़ंत्रित कर सकते हैं। खजूर को शहद के साथ इस्तेमाल करने से डायरिया में भरपूर लाभ होता है।

9. खजूर के उपयोग से निराशा को दूर किया जा सकता है और यह स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए अत्यधिक लाभकारी है। खजूर गर्भवती महिलाओं में होने वाली कई प्रकार की समस्याओं से छुटकारा दिलाता है क्योंकि यह बच्चेदानी की दीवार को मज़बूती प्रदान करता है। इससे बच्चों के पैदा होने की प्रक्रिया आसान हो जाती है और खून का स्त्राव भी कम होता है।

10. रात में बिस्तर गीला करने वाले बच्चों के लिए खजूर अत्यधिक लाभकारी है। यह उन लोगों के लिए भी बहुत कारगर है जिन्हें बार-बार बाथरुम जाना पडता है।

इसको बनाने के लिए लोहे के उथले कढ़ाहों में गन्ने के रस को भर कर उबाला जाता है। उबालते समय इसे लगातार हिलाया जाता है और इसमें अशुद्धियां निकालने और इसके गुणों में वृद्धि के लिए विभिन्न वस्तुएं मिलायी जाती हैं। समय के साथ रस का पानी उड़ जाता है और बचे हुए अर्ध ठोस गुड़ को साँचों में डाल कर विभिन्न आकारों में जमा दिया जाता है।

(क) ईख से रस निकालना: देशी कोल्हू के द्वारा लगभग 60-65 प्रतिशत रस निकलता है। यह रस बड़े-बड़े कड़ाहों में डाला जाता है। डालते समय कपड़े से रस छान लिया जाता है, तब यह रस उबाला जाता है।

(ख) रस की सफाई : रस को साफ करने के लिये प्राय: चूने का उपयोग किया जाता है। चूना रस में उपस्थित कार्बनिक अम्लों तथा अन्य अपद्रव्यों से मिल कर रासायनिक परिवर्तन करता है। प्रोटीन के अणु भी रस के गरम होने पर एक दूसरे से परस्पर मिलकर अवक्षिप्त हो जाते हैं। ये सब रस के ऊपर आकर लगभग आधा इंच से लेकर एक इंच तक मोटी तह बनाते हैं। इनमें रस के अधिकांश अपद्रव्य रहते हैं। इन्हें लोहे के बड़े चम्मचों से अलग कर लेते है। चूने के अतिरिक्त विशेष प्रकार के बने कोयले, घास आदि का भी उपयोग अपद्रव्यों को दूर करने के लिए किया जाता है। अपद्रव्यों को अलग करने के पश्चात् रस को उबालते हैं। इससे रस का जल भाप बनकर उड़ता जाता है। जब रस का चौथाई भाग रह जाता है तब चाशनी (syrup) काफी गाढ़ी हो जाती है और इसमें मणिभ बनने के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। तब चाशनी को खुले बर्तनों में एक डेढ़ इंच मोटे स्तर में डाल देते हैं। जब यह थोड़ा गर्म ही रहता है तब, जब तक अर्ध ठोस न हो जाए, लकड़ी के बड़े चम्मचों से चलाते हैं। फिर या तो बड़े बड़े साँचों में डाल देते हैं या हाथ में लेकर छोटी-छोटी भेलियाँ (पिंडिया) बनाते हैं।

ताड़ के रस या मीठी ताड़ी से गुड़ बनाना[संपादित करें]

पश्चिम बंगाल में खजूर से मीठे रस से गुड़ बनाया जाता है।

ताड़ी से गुड़ बनाने की विधि लगभग ईख के रस से गुड़ बनाने की भाँति ही है। इसमें अपद्रव्य कम होते हैं। अत: उन्हें छाँटने के लिए चूना इत्यादि देने की आवश्यकता नहीं पड़ती। ईख के गुड़ की अपेक्षा इसमें ग्लूकोज़ की मात्रा अधिक होती हैं एवं चीनी की कम। विटामिन भी इसमें अधिक रहता हैं। अत: स्वास्थ्य की दृष्टि से यह ईख के गुड़ से अधिक लाभकारी है।

गुड़ के गुण पर मिट्टी, खाद आदि का प्रभाव-यदि मिट्टी में विलेय लवणों की मात्रा अधिक रहे तो उसमें पैदा होने वाली ईख का गुड़ प्राय: अच्छा नहीं होता। यह अधिक भूरा एवं जल सोखने वाला होता है तथा वर्षा ऋतु में पसीजता है और हलका काला भूरा सा होता है। उसकी मिठास में भी एक प्रकार का खारापन रहता है। जिस ईख की सिंचाई होती है उसका गुड़ इतना स्वादिष्ट एवं देखने में अच्छा नहीं होता जितना बरानी (बिना सिंचाई के) ईख का होता हैं। किंतु किसी किसी मिट्टी पर सिंचाई का प्रभाव गुड़ के गुणों पर अच्छा भी होता है।

गुड़ उपयोगी खाद्य पदार्थ माना जाता है। इसका उपयोग भारत में अति प्राचीन काल से होता आ रहा है। भारत की साधारण जनता इसका व्यापक रूप में उपयोग करती है तथा यह भोजन का एक आवश्यक व्यंजन है। इसमें कुछ ऐसे पौष्टिक तत्व विद्यमान रहते हैं जो चीनी में नहीं रहते। स्वच्छ चीनी में केवल चीनी ही रहती हैं, पर गुड़ में 90 प्रतिशत के लगभग ही चीनी रहती है। शेष में ग्लूकोज, खनिज पदार्थ, विटामिन आदि स्वास्थ्य की दृष्टि से उपयोगी पदार्थ भी रहते हैं। आयुर्वेदिक दवाओं तथा भोज्य पदार्थों में विभिन्न रूपों में इसका उपयोग होता है। गुड़ के फायदे मौसम के बदलाने पर शरीर को भी कुछ बदलाव करने पडते हैं और अपने खानपान में बदलाव लाकर हम अपने शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। सर्दियों में कुछ खास खाद्य पदार्थो के सेवन से हमारे शरीर को विशेष लाभ होता है। खजूर को सर्दियों का मेवा कहा जाता है और इसे इस मौसम में खाने से खास फायदे होते हैं।

खजूर या पिंडखजूर कई प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें आयरन और फ्लोरिन भरपूर मात्रा में होते हैं इसके अलावा यह कई प्रकार के विटामिंस और मिनरल्स का बहुत ही खास स्त्रोत होता है। इसका इस्तेमाल नियमित तौर पर करने से आप खुद को कई प्रकार के रोगों से दूर रख सकते हैं और यह कॉलेस्ट्राल कम रखने में भी मददगार है।

खजूर को इस्तेमाल करने के अनगिनत फायदे हैं क्योंकि खजूर में कॉलेस्ट्रोल नही होता है और फेट का स्तर भी काफी कम होता है। खजूर में प्रोटीन के साथ साथ डाइटरी फाइबर और विटामिन बी-1 , बी-२, बी - ३, बी -5 और सी भरपूर मात्रा में होते हैं। स्वाद मे मीठा गुड मे गुणो की खान भरी हुई है ये सेहत, शरीर, और त्वचा के साथ-साथ कई चीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद है. आज हम हमारे इस लेख मे आपको गुड के कई फ़ायदों से अवगत करा रहे है, जिससे आप भी गुणो से भरी इस चीज के कई फायदे जान पाये. ठंड के मौसम में गुड सरलता से उपलब्ध होती है एवं मौसमी मिठाई हैं तो जानते हैं

गुड़ खाने के बे‍हतरीन लाभ

प्राकृतिक मिठाई के तौर पर पहचाना जाने वाला गुड़, स्वाद के साथ ही सेहत का भी खजाना है, अगर अाप अब तक अनजान हैं इसके स्वास्थ्यवर्धक गुणों से, तो अब जान जानि‍ए गुड़ खाने के यह 24 बेहतरीन लाभ स्वाद मे मीठा गुड मे गुणो की खान भरी हुई है ये सेहत, शरीर, और त्वचा के साथ-साथ कई चीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद है. आज हम हमारे इस लेख मे आपको गुड के कई फ़ायदों से अवगत करा रहे है, जिससे आप भी गुणो से भरी इस चीज के कई फायदे जान पाये. ठंड के मौसम में गुड सरलता से उपलब्ध होती है एवं मौसमी मिठाई हैं तो जानते हैं

गुड़ खाने के बे‍हतरीन लाभ

प्राकृतिक मिठाई के तौर पर पहचाना जाने वाला गुड़, स्वाद के साथ ही सेहत का भी खजाना है, अगर अाप अब तक अनजान हैं इसके स्वास्थ्यवर्धक गुणों से, तो अब जान जानि‍ए गुड़ खाने के यह 24 बेहतरीन लाभ -

1 *पेट की समस्या - जी हां गुड़ पेट की समस्याओं से निपटने के एक बेहद आसान और फायदेमंद उपाय है। यह पेट में गैस बनना और पाचन क्रिया से जुड़ी अन्य समस्याओं को हल करने में बेहद लाभदायक है। खाना खाने के बाद गुड़ का सेवन पाचन में सहयोग करता है।

2 *सर्दी होने पर - सर्दी के दिनों में या सर्दी होने पर गुड़ का प्रयोग आपके लिए अमृत के समान होगा। इसकी तासीर गर्म होने के कारण यह सर्दी, जुकाम और खास तौर से कफ से आपको राहत देने में मदद करेगा। इसके लिए दूध या चाय में गुड़ का प्रयोग किया जा सकता है, और आप इसका काढ़ा भी बनाकर ले सकते हैं।

3 * गुड़ को अदरक के साथ गर्म कर, इसे गुनगुना खाने से गले की खराश और जलन में राहत मिलती है। इससे आवाज भी काफी बेहतर हो जाती है।

4 जोड़ों में दर्द की समस्या होने पर गुड़ का अदरक के साथ प्रयोग काफी लाभदायक सिद्ध होता है। प्रतिदिन गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक खाने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।

5 * त्वचा की सेहत के लिए भी गुड़ आपके लिए बहुत काम की चीज है। जी हां गुड़ रक्त से हानिकारक टॉक्स‍िन्स को बाहर कर, त्वचा की सफाई में मदद करता है, और रक्त संचार भी बेहतर करता है।

6 प्रतिदिन थोड़ा सा गुड़ खाने से मुंहासों की समस्या नहीं होती और त्वचा में चमक आती है। यह आपकी त्वचा की समस्याओं को आंतरिक रूप से ठीक करने में मदद करता है।

7 शरीर में आयरन की कमी होने पर गुड़ आपकी काफी मदद कर सकता है। गुड़ आयरन का एक अच्छा और सुलभ स्रोत है। एनिमिया के रोगियों के लिए भी गुड़ बेहद फायदेमंद होता है।

8 अगर आप बहुत अधि‍क थकान या कमजोरी महसूस कर रहे हैं, तब भी गुड़ आपकी मदद कर सकता है। क्योंकि यह आपके शरीर में उर्जा के स्तर को बढ़ा देता है, और आपको थकान महसूस नहीं होती।

9 शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में गुड़ सहायक होता है। इसमें एंटी एलर्जिक तत्व होते हैं, इसलिए अस्थमा होने पर भी मरीज़ों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है।

10 * पेट में गैस बनने की समस्या होने पर प्रतिदिन एक गिलास पानी या दूध के साथ गुड़ का सेवन करने से पेट में ठंडक होती है, और गैस भी नहीं बनती।

11 प्रतिदिन दोपहर व रात के खाने के बाद थोड़ा सा गुड़ मुंह में रखकर चूसने से पाचन भी बेहतर होता है, और गैस भी नहीं बनती।

12 गुड़ शरीर में रक्त की सफाई कर मेटाबॉलिज्म रेट को भी नियंत्रित करता है। इसकें अलावा गुड़ गले और फेफड़ों के संक्रमण के इलाज में फायदेमंद होता है।

13 अस्थमा के इलाज में गुड़ काफी लाभदायक होता है। गुड़ और काले तिल के लड्डू बनाकर खाने से सर्दी में अस्थमा की समस्या नहीं होती और शरीर में आवश्यक गर्मी बनी रहती है।

14 इसके अलावा सांस संबंधी रोगों के लिए पांच ग्राम गुड़ को समान मात्रा में सरसों के तेल में मिलाकर खाने से सांस संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

15 गला बैठ जाने और आवाज जकड़ जाने की स्थि‍ति में पके हुए चावल में गुड़ मिलाकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक होता है एवं आवाज भी खुल जाती है।

16 कान में दर्द होने पर भी गुड़ काफी लाभदायक होता है। गुड़ को घी के साथ मिलाकर खाने से कान में होने वाले दर्द की समस्या ये निजात मिलती है।

17 पीलिया हो जाने पर पांच ग्राम सोंठ में दस ग्राम गुड़ मिलाकर एक साथ खाने से काफी लाभ मिलता है।

18 महिलाओं को मासिकधर्म की समस्याओं में राहत देने के लिए भी गुड़ काफी फायदेमंद है। उन दिनों में गुड़ का सेवन करने से हर तरह की तकलीफ में राहत मिलेगी।

19 स्मरण शक्ति बढ़ाने में भी गुड़ बहुत फायदेमंद है। इसके नियमित सेवन से याददाश्त बढ़ती है और दिमाग कमजोर नहीं होता।

20 अगर आपको कम भूख लगती है,तो आपकी इस समस्या का इलाज गुड़ के पास है। गुड़ खाने से आपकी भूख खुलेगी, और पाचनक्रिया दुरूस्त होगी।

21 गु़ड़ एक अच्छा मूड बूस्ट है, यह आपके मूड को खुशनुमा बनाने में मदद करता है। इसके अलावा माइग्रेन की समस्या में भी गुड़ फायदा पहुंचाता है। प्रतिदिन गुड़ का सेवन करने से लाभ होता है।

22 खट्टी डकारें आने या पेट की अन्य समस्या में गुड़ में काला नमक मिलाकर चाटने से लाभ होता है। इसके अलावा यह तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने में काफी सहायक होता है।

23 वजन कम करने के लिए भी गुड़ का प्रयोग किया जा सकता है। शरीर में जल के अवधारण को कम करके शरीर के वजन को नियंत्रित करता है।

24 वैसे तो गुड़ को गर्म मासीर का माना जाता है, लेकिन इसके पानी के साथ घोलकर पीने से यह शरीर में ठंडक प्रदान करता है, और गर्मी को नियंत्रित करता है।

13 अस्थमा के इलाज में गुड़ काफी लाभदायक होता है। गुड़ और काले तिल के लड्डू बनाकर खाने से सर्दी में अस्थमा की समस्या नहीं होती और शरीर में आवश्यक गर्मी बनी रहती है।

14 इसके अलावा सांस संबंधी रोगों के लिए पांच ग्राम गुड़ को समान मात्रा में सरसों के तेल में मिलाकर खाने से सांस संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

15 गला बैठ जाने और आवाज जकड़ जाने की स्थि‍ति में पके हुए चावल में गुड़ मिलाकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक होता है एवं आवाज भी खुल जाती है।

16 कान में दर्द होने पर भी गुड़ काफी लाभदायक होता है। गुड़ को घी के साथ मिलाकर खाने से कान में होने वाले दर्द की समस्या ये निजात मिलती है।

17 पीलिया हो जाने पर पांच ग्राम सोंठ में दस ग्राम गुड़ मिलाकर एक साथ खाने से काफी लाभ मिलता है। इसके अलावा जुकाम ज्यादा हो जाने पर गुड़ को पिघ्‍ालाकर उसकी पपड़ी बनाकर खाने से लाभ होता है।

18 महिलाओं को मासिकधर्म की समस्याओं में राहत देने के लिए भी गुड़ काफी फायदेमंद है। उन दिनों में गुड़ का सेवन करने से हर तरह की तकलीफ में राहत मिलेगी।

19 स्मरण शक्ति बढ़ाने में भी गुड़ बहुत फायदेमंद है। इसके नियमित सेवन से याददाश्त बढ़ती है और दिमाग कमजोर नहीं होता।

20 अगर आपको कम भूख लगती है,तो आपकी इस समस्या का इलाज गुड़ के पास है। गुड़ खाने से आपकी भूख खुलेगी, और पाचनक्रिया दुरूस्त होगी।

21 गु़ड़ एक अच्छा मूड बूस्ट है, यह आपके मूड को खुशनुमा बनाने में मदद करता है। इसके अलाव माइग्रेन की समस्या में भी गुड़ फायदा पहुंचाता है। प्रतिदिन गुड़ का सेवन करने से लाभ होता है।

22 खट्टी डकारें आने या पेट की अन्य समस्या में गुड़ में काला नमक मिलाकर चाटने से लाभ होता है। इसके अलावा यह तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने में काफी सहायक होता है।

23 वजन कम करने के लिए भी गुड़ का प्रयोग किया जा सकता है। शरीर में जल के अवधारण को कम करके शरीर के वजन को नियंत्रित करता है।

24 वैसे तो गुड़ को गर्म मासीर का माना जाता है, लेकिन इसके पानी के साथ घोलकर पीने से यह शरीर में ठंडक प्रदान करता है, और गर्मी को नियंत्रित करता है। खजूर का गुड़ के फायदे खजूर खाने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है क्योंकि यह घुलनशील और अघुलनशील फायबर से भरपूर होता है साथ ही साथ इसमें अमीनो एसीड भी पाया जाता है। खजूर को रातभर पानी में गलाकर इस पानी के साथ पीने से पाचनतंत्र में निश्चित तौर पर सुधार आता है।

2. खजूर में शरीर को एनर्जी प्रदान करने की अद्भुत क्षमता होती है क्योंकि इसमें प्राक्रतिक शुगर जैसे की ग्लूकोज़, सुक्रोज़ और फ्रुक्टोज़ पाए जाते हैं।

3. खजूर में पाए जाने वाली पोटेशियम की भरपूर और सोडियम की कम मात्रा के कारण से शरीर के नर्वस सिस्टम के लिए बेहद लाभकारी है। शोध से साबित हुआ है कि शरीर को पोटेशियम की काफी जरुरत होती है और इससे स्ट्रोक का खतरा कम होता है। खजूर शरीर में होने वाले कॉलेस्ट्रोल के स्तर को भी कम रखकर आपके दिल के स्वास्थ्य की रक्षा करता है।

4. खजूर में पाया जाने वाला आयरन शरीर में खून की कमी यानी की एनीमिया को ठीक करने में बहुत कारगर है। खजूर की मात्रा बढाकर खून की कमी को दूर किया जा सकता है। ख़जूर में फ्लूरिन भी पाया जाता है जिससे दांतों के क्षय होने की प्रकिया धीमी हो जाती है।

6. खजूर उन लोगों के लिए अत्यधिक लाभकारी है जो वजन बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इसका उपयोग शराब पीने से शरीर को होने वाले नुकसान से बचने में भी किया जाता है।

7. खजूर से पेट का कैंसर भी ठीक होता है। इसके विषय में सबसे अच्छी बात यह है कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। इससे आंखों की रोशनी भी बढ़ती है और इसके नियमित उपयोग से रतोंधी से भी छुटकारा मिलता है।

8. अगर आप अपने शरीर का शुगर स्तर को खजूर के उपयोग से निय़ंत्रित कर सकते हैं। खजूर को शहद के साथ इस्तेमाल करने से डायरिया में भरपूर लाभ होता है।

9. खजूर के उपयोग से निराशा को दूर किया जा सकता है और यह स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए अत्यधिक लाभकारी है। खजूर गर्भवती महिलाओं में होने वाली कई प्रकार की समस्याओं से छुटकारा दिलाता है क्योंकि यह बच्चेदानी की दीवार को मज़बूती प्रदान करता है। इससे बच्चों के पैदा होने की प्रक्रिया आसान हो जाती है और खून का स्त्राव भी कम होता है।

10. रात में बिस्तर गीला करने वाले बच्चों के लिए खजूर अत्यधिक लाभकारी है। यह उन लोगों के लिए भी बहुत कारगर है जिन्हें बार-बार बाथरुम जाना पडता है।

गुड़ का चूर्ण रूप शक्कर कहलाता है और पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसका सेवन लगभग प्रत्येक ग्रामीण घर में किया जाता है। गुड़ गन्ने के अतिरिक्त खजूर से भी बनाया जाता है। खजूर का गुड़ भारत में मुख्यतः पश्चिम बंगाल और इसके आस पास के क्षेत्रों में प्रचलित है। इसे ताल गुड़ भी कहते हैं।

गुड़ को बनाते समय इसमें विभिन्न मसाले डाल कर मसाले वाला गुड़ तैयार किया जाता है। मसालों में प्रमुख रूप से इलायची, सौंफ, काली मिर्च, मूँगफली और कसा हुआ नारियल मिलाया जाता है। इसे आम तौर पर भोजन के पश्चात हाजमा दुरुस्त करने के लिए खाया जाता है।

कुछ लोगों द्वारा गुड़ को विशेष रूप से परिशुद्ध चीनी से अधिक पौष्टिक माना जाता है, परिशुद्ध चीनी के विपरीत, इसमें अधिक खनिज लवण होते है। इसके अतिरिक्त, इसकी निर्माण प्रक्रिया में रासायनिक वस्तुएं इस्तेमाल नहीं की जाती है। भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार गुड़ का उपभोग गले और फेफड़ों के संक्रमण के उपचार में लाभदायक होता है; साहू और सक्सेना[1] ने पाया कि चूहों में गुड़ के प्रयोग से कोयले और सिलिका धूल से होने वाली फेफड़ों की क्षति को रोका जा सकता है। आयुर्वेद के अनुसार चूँकि गुड़ तेजी से रक्त में नही मिलता है इसलिए यह चीनी की तुलना में, अधिक स्वास्थ्यवर्धक है।[2] वैसे, वह अपने स्वयं के व्यक्तिगत आहार में भी इसका प्रयोग करते थे साथ ही वह दूसरो को भी इसके प्रयोग की सलाह देते थे।

गुड़ की एशिया की सबसे बड़ी मंडी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में है।[3] इसके अतिरिक्त दूसरा बडा़ बाजार भी भारत के आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम जिले में है।

ज्यादा खट्टा खाने से कौन सी बीमारी होती है?

डॉ. नायर के मुताबिक ज्यादातर खट्टी चीजें एसिडिक नेचर की होती हैं। ऐसे में इसकी अधिकता से खट्टी डकार और एसिडिटी की समस्या बढ़ सकती है। कई हेल्थ कंडीशन ऐसी होती है, जिसमें खट्टा खाने की वजह से सेहत से जुड़ी परेशानी बढ़ जाती हैं।

खट्टा खाने से क्या लाभ होता है?

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आइए बताते हैं, खट्टे फल खाना हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद है।.
खट्टे फल खाने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।.
खट्टे फल सॉल्युबल फाइबर का अच्छा स्रोत होते हैं, माना जाता है कि खट्टे फलों में 50% सॉल्युबल फाइबर होता है।.
खट्टे फल मोटापा कम करने के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।.

मर्द को खट्टा खाने से क्या होता है?

इसके पीछे का जो मुख्य कारण है वह यही है कि आम का अचार यदि एक पुरुष लगातार खाता है तो उसके अन्दर नपुंसकता आ जाती है. इसीलिए पुरुषों को खट्टा नहीं खाना चाहिए. वीर्य कम और पतला हो जाता है।

पुरुषों को खट्टा क्यों नहीं खाना चाहिए?

1. उच्च नमक सामग्री हानिकारक है और उच्च रक्तचाप और सुनने की समस्या का कारण बनती है। 2. अचार में तेल अधिक मात्रा में होता है जो कोलेस्ट्रॉल/ट्राइग्लिसराइड के स्तर को बढ़ाता है जो अंततः हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाता है।