रोज रामायण पढ़ने से क्या होता है? - roj raamaayan padhane se kya hota hai?

राम से बड़ा राम का नाम,राम का नाम ही आये काम| ये बात बिलकुल सही हैं, राम नाम एक कल्पतरु है और इस कल्पतरु का लाभ मिलता है, रामायण को पड़ने या सुनने से और घर के पूजा घर में रामायण रखने से ,रामायण जीवन के लिए संजीवनी है, ये लेख पढ़े और जाने रामायण से मिलने वाले लाभों को|

  • रामायण एक महाकाव्य ही नहीं बल्कि जीवन दर्शन है जो हमको धर्म पर चलने के सीख देती है, डर और शंका के वातावरण से बाहर निकालती है|
  • जिस घर में रामायण होती है और उस घर के लोगों द्वारा पढ़ी जाती है वहा कोई संकट आता ही नहीं है, और अगर आता भी है तो पल भर में दूर भी हो जाता है क्योंकि हर सनातन धर्मी जानता है की जहां पर रामायण का पाठ होता है उस जगह की रक्षा हनुमानजी खुद करते है, जब रक्षक हनुमानजी हो तो कोई संकट टिक नहीं सकता-इस लिए अपने घर में लाल कपडे में रामायण पूजाघर में हमेशा रखे पढ़े|
  • रामायण की हर चौपाई एक औषधि है, भूत, पिशाच, प्रेत, दरिद्रता, बीमारी व हर नेगेटिव एनर्जी से रक्षा करके तन, मन, धन से जुड़ीं हर समस्या को दूर करती है, समाज में सम्मान दिलाती है, जिस घर में रामायण का रोज, सप्ताह या एक माह तक रोज पाठ यानि मास परायण होता है, उस घर के लोगों को आकाल मौत का व दुर्घटनाओं और नवग्रहों के अनिष्ट प्रभावों का भय नहीं होता क्योंकि उस घर के हर इंसान की रक्षा खुद श्रीरामजी, सीताजी और हनुमानजी करते है|

रामायण पढ़ने वाला इंसान हर संकट को सुलझाने की समझ व ताकत रखता है| रामायण के हर कांड की अलग महत्ता है, इसमे सात कांड हैं और हर कांड को पढने से कुछ विशेष लाभ मिलता है जो की इस तरह से हैं|

  1. बाल कांड—अगर आपकी कोई संतान को लेकर समस्या है जैसे संतान न होना, संतान का बीमार होना, संतान के ग्रहों का ख़राब होना, पढाई या रोजगार में दिल ना लगना, संतान के विवाह में बाधा आना, संतान का चरित्र या व्यवहार ख़राब होना, संतान का माता पिता और परिवार से विमुख चलना यानि संतान से जुडी कोई भी परेशानी हो तब 41 दिन तक रोज रामदरबार के चित्र के आगे घी का दिया जलाकर अपनी समस्या बताकर पाठ करने से संतान से जुडी हर समस्या दूर होती हैं |
  2. अयोध्या कांड—परिवार की लोगो में अगर आपसी मनमुटाव हो रहा हो घर मकान सम्बन्धी कोई भी विवाद हो, कोई बाहर का इंसान परिवार में झगड़ा करवा रहा हो तो रामदरबार के  चित्र के आगे अपनी समस्या बताकर अयोध्या कांड का पाठ 7 मंगलवार करे लाभ होगा|
  3. अरण्यकाण्ड—शत्रु बाधा, रोग बीमारी कोर्ट कचहरी विवाद या कोई भी भय हो तो राम दरबार के चित्र आगे घी का दिया जलाकर अपनी समस्या बताकर 7 दिन तक रोज अरण्यकाण्ड का पाठ करे तुरंत लाभ होगा|
  4. किसकिन्धा कांड—मित्रोँ से लडाई, परिवार में मनमुटाव, रोजगार या सर्विस में सफलता के लिए रामदरबार के चित्र के आगे घी का दिया जलाकर अपनी समस्या बताकर 9 शनिवार तक पाठ करने से लाभ होगा |
  5. सुंदरकांड—जीवन में कोई भी दुःख, भय, चिंता, कार्यो में बाधा रूकावट नवग्रहों से जुड़े कोई भी दुष्प्रभाव व रोजगार,वैवाहिक जीवन में तनाव,संतान से जुडी कोई भी संमस्या,भूत प्रेत नजर बाधा सबके निवारण के लिये रोजाना ही करे या फिर  मंगलवार,शनिवार को राम दरबार के चित्र के आगे घी का दिया जलाकर रामजी और हनुमानजी से अपनी समस्या कहते हुए सुंदर कांड का पाठ करे तत्काल लाभ होगा|
  6. लंकाकांड या युद्धकांड—शत्रु और रोगों पर विजय पाने के लिए 11 शनिवार  राम दरबार के चित्र के आगे घी का दिया जलाकर अपनी समस्या कहकर लंकाकांड का पाठ जोर से करे लाभ होगा|
  7. उत्तरकांड—मानसिक शांति, स्वास्थ्य, आयु जीवन में हर सफलता के लिए रामदरबार के आगे घी का दिया जलाकर मन की बात कहे और पाठ करे लाभ मिलेगा,जीवन की हर मुश्किल आसान होगी हर और सफलता व सुख होगा|

अगर आप सम्पूर्ण रामायण का पाठ नहीं कर पा रहे है तो आप रामायण की कोई भी चौपाई को दिन-रात और उठते-बैठते बोले ऐसा करने से आपको पूरी रामायण को पढने का लाभ मिलेगा| भारत की पहचान और सनातन धर्म का आधार हैं रामायण ये शाश्वत सत्य है की जिस घर में रामायण आदर के साथ रखी होती है उस घर में कभी भी कोई दुःख नहीं आता, दिन में रामायण का पाठ करने से घर में अन्न भंडार हमेशा भरे रहते है माँ लक्ष्मी स्थिर रहती है, शाम के समय रामायण का पथ करने से बीमारी दूर होती है आरोग्य बढता है, पूर्णिमा के दिन रामायण पढने से आकाल मृत्यु नहीं होती लम्बी आयु व निरोगी काया मिलती है तो फिर रोज रामायण पढ़े ओर जोर से बोले जय श्री राम, जय हनुमान |

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Authored by

Parag sharma

| नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: May 3, 2022, 1:30 AM

महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण के दोहे जीवन में ना सिर्फ आपको धर्म के रास्ते पर चलने की सीख देते हैं बल्कि जीवन के हर मोड़ पर आपको लाभ भी देते हैं। इस महाकाव्य में दशरथ नंदन श्रीराम और माता जानकी ही नहीं बल्कि सामाजिक जीवन को जीने के लिए संपूर्ण ज्ञान है। तुलसीदासजी ने मानव जीवन के कल्याण के लिए रामायण का पाठ बहुत जरूरी बताया है। रामायण के इन पाठ को करने से बहुत फायदे मिलते हैं। आइए आज हम आपको रामायण के कुछ बेहतरीन सूक्तियों के बारे में बताएंगे, जिनसे आपका कल्याण हो सके...

  • मिलती है प्रसन्नता

    बुध बिश्राम सकल जन रंजनि। रामकथा कलि कलुष बिभंजनि॥
    रामकथा कलि पंनग भरनी। पुनि बिबेक पावक कहुँ अरनी॥
    तुलसीदासजी ने कहा है कि रामकथा पंडितों को विश्राम देने वाली होती है। साथ ही मनुष्य को हर तरह से प्रसन्नता मिलती है। कलियुग में राम नाम से बढ़कर और कोई नाम नहीं है। रामायण के पाढ़ से सभी पापों का अंत होता है।

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  • कलियुग में केवल राम नाम

    रामकथा कलियुग रूपी सांप के लिए मोरनी के समान है। कलियुग में आप जितना राम का नाम लेंगे, जीवन आपका उतना ही सरल होगा। क्योंकि मोक्ष का केवल एक ही नाम है और वो है केवल राम। विवेकरूपी अग्नि के प्रकट करने के लिए अरणि (मंथन की जाने वाली लकड़ी) है। अर्थात इस कथा से ज्ञान की प्राप्ति होती है।

  • बनी रहती है सुख-शांति

    रामकथा कलि कामद गाई। सुजन सजीवनि मूरि सुहाई॥
    सोइ बसुधातल सुधा तरंगिनि। भय भंजनि भ्रम भेक भुअंगिनि॥
    दोहे में लिखा है कि रामकथा कलियुग में सब मनोरथों को पूर्ण करने वाली कामधेनु गौ के समान है और सज्जनों के लिए सुंदर संजीवनी जड़ी बूटी है। जिस घर में हर रोज रामयण का पाढ़ होता है, उस घर में लक्ष्मी सदैव निवास करती है और सुख-शांति बनी रहती है। रामयण का पाढ़ करने से आपके सभी कार्य पूर्ण होते हैं।

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  • राम का नाम ही सर्वोपरि

    दोहे में आगे लिखा है कि रामयण का पाढ़ पृथ्वी पर अमृत की नदी के समान हैं। यह जन्म-मरण रूपी भय का नाश करने वाली और भ्रमरूपी मेढ़कों को खाने के लिए सर्पिणी है। रामयण का पाढ़ करने से हम संसार रूपी भवसागर से पार पा लेते हैं और कलियुग में राम का नाम ही सर्वोपरि है।

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  • पापों से मिलती है मुक्ति

    असुर सेन सम नरक निकंदिनी। साधु बिबुध कुल हित गिरिनंदिनी।
    संत समाज पयोधि रमा सी। बिस्व भार भर अचल छमा सी।।
    दोहे में लिखा है कि रामकथा असुरों की सेना के समान नरकों का नाश करने वाली है। इसका पाढ़ पढ़कर सभी तरह के कष्ट और पाप से मुक्ति मिलती है। साथ ही साधु रूप देवताओं के कुल का हित करने वाली पार्वती (दुर्गा) के समान है। यह हमको हर तरह के कष्टों से बचाती है और मानव कल्याण के लिए रास्ता दिखाती है।

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  • मुक्ति का मार्ग होता है प्रशस्त

    दोहे में आगे लिखा है कि संत समाज रूपी क्षीर सागर के लिए लक्ष्मीजी के समान है और संपूर्ण विश्व का भार उठाने में अचल पृथ्वी के समान है। रामायण का पाढ़ करने से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।

रामायण कब से पढ़ना चाहिए?

रोज सुबह करना चाहिए इस मंत्र का जाप एक श्लोकी रामायण का जाप रोज सुबह करना चाहिए। सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद घर के मंदिर में पूजा करें।

रोज रामायण पढ़ने से क्या लाभ होता है?

रामायण का पाठ करने से घर में आरोग्य बढ़ता है, बीमारियां कम होती हैं। जिस घर में देशी घी का दीपक जलाकर रामायण की प्रतिदिन आरती होती है उस घर पर श्रीराम की कृपा सदैव रहती है। जिस घर में पूर्णिमा को प्रति माह रामायण का पाठ होता है। उस घर में अकाल मृत्यु नहीं होती है।

रामायण पढ़ने से पहले क्या बोलते हैं?

ये है मंत्र आदि राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्। वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीव संभाषणम्।। बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्। पश्चाद् रावण कुंभकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।

रोज रामायण कैसे पढ़े?

सर्वप्रथम एक चौरंग पर सुंदर वस्त्र बिछाकर भगवान की प्रतिमा स्थापित करें।.
एक छोटा लाल रंग का कपड़ा रुमाल के साइज का चौरंग पर बिछाए यह हनुमान जी के लिए है। ... .
गणेशजी की वंदना करें।" बंदाऊ गुरु पद कंज कृपा….
तत्पश्चात रामचरित मानस का पाठ प्रारंभ करें।.
जहां तक आप पाठ कर सकते हैं करें। ... .
विराम के बाद आरती करें श्री रामायण जी की ।.

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