मुंबई अपने वाणिज्यिक, फैशन, मनोरंजन और पूँजी का उत्पाद करता है. जिससे मुंबई का हर वर्ष 209 अरब अमेरिकी डॉलर जीडीपी होता है. मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी है, भारत का 70% बंदरगाह का व्यपार मुंबई में ही होता है. भारत की राजधानी दिल्ली, जिसका वार्षिक जीडीपी 167 बिलियन अमेरिकी डॉलर होता है.
राजस्थान का सबसे अमीर ज़िला जयपुर ही है क्योकि ये राज्य का सबसे मुख्य जगह होने के नाते येंहा कमाई का स्रोत बहुत है और लोग येंहा अनेक प्रकार के व्यापार को बढ़ा रहे है इसलिए जयपुर सबसे अमीर जिला है राजस्थान में। 1. महाराष्ट्र-27.96 लाख करोड़ GSDP(सकल राज्य घरेलू उत्पाद) के साथ भारत का सबसे अमीर राज्य है।
Top 10 Richest Cities In India
- Kolkata – Talent Hub Of India.
- Bengaluru – Silicon Valley Of India.
- Chennai – Detroit Of South Asia.
- Hyderabad – City Of Pearls.
- Pune – Oxford Of The East.
- Ahmedabad – Textile Hub Of India.
- Surat – City Of Sun.
- Visakhapatnam – Industrial Port Of India.
आज हम जानते है राजस्थान का सबसे अमीर आदमी कौन है. और इसी के साथ जानेंगे इनकी कुल संपत्ति कितनी है. इस प्रकार की जानकारी शायद ही आपको कहीं देखने को मिलेगी यदि इसके बारे में पूरी डिटेल में जानकारी चाहते है तो इसे पूरा पढ़े ताकि आपको इस बारे में एक सही जानकारी मिल सके.
इस तरह के व्यक्ति ज्यादातर किसी न किसी बिज़नेस में होते है इसलिए वह इस सूचि में शामिल हो पाते है क्योंकि नौकरी करने वाला व्यक्ति शायद ही इस तरह की सूचि में शामिल हो सकता है. नौकरी करने वाले व्यक्ति की एक फिक्स सैलरी होती और उस सैलरी में से उसका बहुत सारा खर्चा भी होता है. किसी भी एक फिक्स सैलरी से कोई भी व्यक्ति का नाम इस प्रकार की सूचि में शामिल करना बहुत मुश्किल होता है.
ये जरुर है की आज दुनिया में नौकरी करने वाले व्यक्ति भी बहुत अमीर होते है लेकिन उनकी सैलरी 40-50 हजार या फिर एक लाख नहीं होती है. उनकी सैलरी लाखों डॉलर होती है और इस प्रकार की नौकरी के लिए बहुत मेहनत करने की जरुरत होती है.
राजस्थान का सबसे अमीर आदमी कौन है
राजस्थान का सबसे अमीर व्यक्ति लक्ष्मी मित्तल है. इनका जन्म 15 जून 1950 को शादुलपुर, राजस्थान में हुआ था और इनकी पत्नी का नाम उषा मित्तल है. इनका स्टील का कारोबार है जो दुनियाभर में काफी बड़ा स्टील बनाने का काम है.
लक्ष्मी निवास मित्तल को 2008 में पदमा विभूषण का अवार्ड भी मिल चूका है. इन्हें स्टील किंग के नाम से भी जाना जाता है.
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उमीद करता हूँ की आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी और अब आपको पता चल गया है की राजस्थान का सबसे अमीर आदमी कौन है और यदि लक्ष्मी मित्तल की संपत्ति की बात करे तो इनकी कुल संपत्ति 1600 करोड़ डॉलर है. इसे भारत इंडियन रुपयों में चेंज करके देख सकते है.
यूपी में जो ताकतवर है, उसी का राज होता है. आम आदमी नेता, अफसर, पुलिस, सिस्टम के चंगुल में पिसता पिटता रहता है. यूपी के उन्नाव जिले से खबर है कि एक विधायक और उनके ब्लाक प्रमुख भाई के इशारे पर पुलिस ने एक किसान को उठाया और उसकी पिटाई की. किसान का अपराध ये था कि वह जमीन का बैनामा नहीं कर रहा था.
सदर विधायक उन्नाव पंकज गुप्ता और उनके भाई ब्लॉक प्रमुख नीरज गुप्ता पर ये आरोप लगा है. जमीन के प्रकरण को लेकर किसान के बेटे गंभीर आरोप लगाए हैं.
आरोप है कि विधायक सदर पंकज गुप्ता और विधायक के भाई ब्लॉक प्रमुख नीरज गुप्ता ने पुलिस से किसान को पिटवाया. पंकज गुप्ता विधायक सदर और नीरज गुप्ता ब्लाक प्रमुख बिछिया के कहने पर दही चौकी पुलिस किसान को उठाकर ले गई. उसके बाद पिटाई की गई. किसान के बेटे ने कहा है कि उसे अगर न्याय नहीं मिला तो वह आत्मदाह कर लेगा.
“The Hindu enjoys credibility and goodwill of the people. We will continue along the path of growth,” said N. Ram, Chairman, Kasturi and Sons Limited (KSL). He was speaking at the 58 anniversary celebration of The Hindu Office and National Press Employees’ Union here on Tuesday. “We have to increase revenues in an ethical manner and reduce expenses without harming people,” said Mr. Ram
अयोध्या । हिंदी दैनिक ‘जनमोर्चा’ के 65वें स्थापना दिवस पर अयोध्या में एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें अयोध्या के कमिश्नर गौरव दयाल, पूर्व सांसद निर्मल खत्री, शिक्षाविद् डॉ. बल्देव राज गुप्ता, नवभारत टाइम्स, लखनऊ के संपादक मोहम्मद नदीम, आईआईएमसी के महानिदेशक संजय द्विवेदी, ‘जनमोर्चा’ के प्रधान संपादक श्री शीतला सिंह एवं संपादक डॉ. सुमन गुप्ता विशेष रुप से उपस्थित रहे।
‘पत्रकारिता की स्थिति एवं संभावनाएं’ विषय पर आयोजित सेमिनार को भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने संबोधित करते हुए कहा कि बदलते समय में जहां सोशल मीडिया का प्रभाव बढ़ा है, वहीं प्रिंट मीडिया आज भी सबसे महत्वपूर्ण और विश्वसनीय है। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति के दौर में सबसे पहले खबर पहुंचाने की प्रतिस्पर्धा में कई बार सही खबर लोगों तक नहीं पहुंच पाती है। ऐसे में जनता को अगले दिन प्रिंट मीडिया में छपी खबर का इंतजार होता है, ताकि वे सच्चाई जान सकें।
आईआईएमसी के महानिदेशक के अनुसार एक दिन में सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा 320 करोड़ से ज्यादा तस्वीरों को शेयर किया जाता है। एक दिन में फेसबुक पर 800 करोड़ से ज्यादा वीडियो देखे जाते हैं। एक व्यक्ति एक दिन में लगभग 145 मिनट सोशल मीडिया पर बिताता है। अगर सोशल मीडिया पर सभी यूजर्स के द्वारा बिताए गए वक्त को जोड़ दिया जाए, तो हर दिन 10 लाख साल के बराबर का समय सिर्फ सोशल मीडिया पर ही खर्च हो जाता है। इन लगातार बढ़ते आंकड़ों के बावजूद पाठक हर सुबह अखबार की प्रतीक्षा में होता है, जो बताता है कि प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता आज भी कायम है।
प्रो. द्विवेदी के अनुसार संकट का समाधान ढूंढना और अपने लोगों को न्याय दिलाना भी अखबार की जिम्मेदारी है। एक संस्था के रूप में अखबार बहुत ताकतवर हैं। इसलिए उन्हें सामान्य लोगों की आवाज बनकर उनके संकटों के समाधान के प्रकल्प के रूप में सामने आना चाहिए। हाल ही में जारी कई सर्वे भी ये बताते हैं कि आज भी प्रिंट मीडिया का समाज पर पहले की तरह प्रभाव है। उन्होंने 65 वर्षों से लगातार प्रकाशित हो रहे ‘जनमोर्चा’ समाचार पत्र को उसके सफल प्रकाशन के लिए शुभकामनाएं भी दी।
शिक्षाविद् डॉ. बल्देव राज गुप्ता ने कहा कि पत्रकारिता में आज जिस तरह से बदलाव हो रहा है, उसमें ‘जनमोर्चा’ को अपना वजूद बचाये रखने हेतु संघर्ष करने होंगे, इसके लिए सबके सहयोग की जरुरत है। ‘जनमोर्चा’ ने जो मुहिम शुरू की है, उसके लिए वह बधाई का पात्र है। पूर्व सांसद निर्मल खत्री ने कहा कि ‘जनमोर्चा’ पत्रकारिता के क्षेत्र में एक मिसाल है। तमाम झंझावातों के बावजूद महात्मा हरगोविन्द, बलभद्र प्रसाद गुप्त और संपादक शीतला सिंह के त्याग और तपस्या से यह समचार पत्र यहां तक पहुंचा है।
स्थापना दिवस समारोह के विशिष्ट अतिथि नवभारत टाइम्स, लखनऊ के संपादक मो. नदीम ने कहा कि सत्ता जनित दबाव नया नहीं है। सरकारों का यह दबाव मीडिया तक ही सीमित नहीं है, यह संकट दूसरी सभी संस्थाओं में है। वर्तमान के पीछे हम अतीत के पन्नों में नहीं जाते और कहते हैं कि मीडिया पर दबाव अब कुछ ज्यादा बढ़ गया है। मीडिया पर सरकारों का दबाव हमेशा रहा है। अयोध्या के कमिश्नर गौरव दयाल ने कहा कि पत्रकारिता हमेशा चुनौतीपूर्ण रही है। वह आइने का कार्य करती है। कलम में बड़ी ताकत होती है, इसलिए पत्रकार शासन-प्रशासन की कमियों को सच्चाई के साथ उजागर करें।