राजस्थान में ठंड कब तक रहेगी - raajasthaan mein thand kab tak rahegee

  • Hindi News
  • Local
  • Rajasthan
  • Jaipur
  • Jaipur (Rajasthan) Weather Update; District Wise Temperature In Ajmer, Udaipur, Alwar

इस बार एक महीने पहले होगी सर्दी की एंट्री:कड़ाके की ठंड पड़ेगी, अभी सितंबर अंत तक एक्टिव रहेगा मानसून

जयपुर2 महीने पहले

  • कॉपी लिंक
  • वीडियो

यह फोटो माउंट आबू के पोलो ग्राउंड का है। जब पिछले साल 2021 में यहां बर्फ जम गई थी। (फाइल फोटो)

राजस्थान में इस बार कड़ाके की ठंड पड़ेगी। इसके साथ ही सर्दी की एंट्री 1 महीने पहले अक्टूबर में ही हो जाएगी। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि नवंबर के पहले-दूसरे सप्ताह तक सर्द होने वाली रातें इस बार 10 से 15 अक्टूबर के बीच शुरू होने की संभावना है। सर्दी भी सामान्य 120 दिन की जगह 150 दिन तक रहेगी।

दरअसल, इसके पीछे सबसे बड़ा कारण मानसून बताया जा रहा है। इस बार मानसून 20 सितंबर या उसके बाद तक एक्टिव रहेगा। ऐस में विंड पैटर्न जैसे-जैसे बदलेगा मानसून की विदाई देरी से होगी। लंबे समय तक मानसून के एक्टिव रहने चलते वातावरण में नमी रहेगी और उससे ठंडक भी बनी रहेगी। यह अक्टूबर के मध्य से रहेगी।

मौसम वैज्ञानिक डॉ. डीपी दुबे के अनुसार बंगाल की खाड़ी में 8 सितम्बर से एक नया सिस्टम एक्टिव हो रहा है, जिसके असर से मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान के एरिया में 12 सितंबर के आसपास रेन फॉल एक्टिविटी होगी। इस सिस्टम के बाद एक नया सिस्टम 14 सितंबर को फिर बनेगा।

इस तरह मानसून इस बार भी देर तक एक्टिव रहने की संभावना है। उन्होंने बताया कि मानसून जितना देरी तक एक्टिव रहता है, उतनी ही संभावना रहती है सर्दी जल्दी आएगी। क्योंकि वातावरण में नमी देर तक रहती है। इससे सुबह-शाम ठंडक रहती है। इसके अलावा विंड पैर्टन भी अक्टूबर में बदलने लगता है और यह नॉर्थ वेस्ट या नॉर्थ साउथ होने लगता है। इससे अफगानिस्तान, जम्मू-कश्मीर से ठंडी हवाएं चलनी शुरू हो जाती है।

जनवरी में पड़ती है कड़ाके की सर्दी
राजस्थान में कड़ाके की सर्दी का दौर सामान्यतः दिसंबर के आखिरी सप्ताह से जनवरी के तीसरे सप्ताह तक रहता है। इस दौरान प्रदेश के कई शहरों में पारा जमाव पॉइंट से भी नीचे चला जाता है। माउंट आबू, चूरू, पिलानी, सीकर समेत कई हिस्सों में तापमान माइनस में चला जाता है। इसके अलावा गंगानगर, हनुमानगढ़, भरतपुर एरिया में इन महीने में अधिकांश जगह घना कोहरा भी देखने को मिलता है।

ठंड के यह कारण रहेंगे

  • पहला: विंड पैटर्न में बदलाव- अमूमन सितम्बर के आखिरी या अक्टूबर के पहले सप्ताह में होता है। मानसून में हवाओं का डायरेक्शन ईस्ट से नॉर्थ-वेस्ट और साउथ से नॉर्थ वेस्ट की तरफ रहता है, लेकिन ये धीरे-धीरे बदलकर अक्टूबर में नॉर्थ से साउथ-वेस्ट की ओर बहने लगती है। इससे जम्मू-लद्दाख, अफगान एरिया से ठंडी हवाएं मध्य व पश्चिमी भारत की तरफ आने लगती है।
  • दूसरा: अक्टूबर से वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव- बैक-टू-बैक ये वेर्स्टन डिस्टरबेंस अक्टूबर से फरवरी तक आते रहते है, जिनसे उत्तरी भारत के जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल, पंजाब, उत्तराखंड एरिया में बारिश और बर्फबारी होती है। इससे भी ठंडक मैदानी इलाकों में आती है।
  • तीसरा: सूर्य की दिशा में बदलाव- सूर्य की सीधी किरणें जो जुलाई-अगस्त-सितम्बर में मध्य भारत पर पड़ती है वह अक्टूबर से धीरे-धीरे साउथ दिशा में शिफ्ट होने लगती है, जिसके कारण हिटिंग कम होने लगती है और वातावरण धीरे-धीरे ठंडा होने लगता है।

यह तापमान मंगलवार का है।

ये भी पढ़ें...

बंगाल की खाड़ी में नया सिस्टम हो रहा डेवलप:राजस्थान में 5 दिन बाद बारिश की संभावना; आज दो जिलों हो सकती है बरसात

​मानसून कम करेगा महंगाई, बढ़ेगी इनकम:सड़कें तोड़ने वाली बारिश बचाएगी हजारों करोड़ रुपए, एक्सपर्ट से जानिए कैसे​​​​​​

  • Hindi News
  • Local
  • Rajasthan
  • Jaipur
  • Himachal's Snowfall Will Make October Nights Cold; Many Records Can Be Broken

राजस्थान में पड़ेगी कड़ाके की सर्दी:पहाड़ों पर बर्फबारी से इस बार एक महीना पहले शुरू होगी ठंड; टूटेंगे रिकॉर्ड

जयपुरएक महीने पहले

  • कॉपी लिंक
  • वीडियो

राजस्थान समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में इस साल सर्दी समय से पहले दस्तक दे सकती है। देरी से होती मानसून की विदाई और उत्तरी भारत में समय से पहले बर्फबारी इस बात के संकेत दे रही है।

पिछले 2 दिन से हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश के साथ अच्छी बर्फबारी भी हुई है। आमतौर पर अक्टूबर के आखिरी सप्ताह या नवंबर में ही ये बर्फबारी देखने को मिलती है।

हिमाचल प्रदेश के टॉप हाइट वाले एरिया लाहौल स्पीति, किन्नौर में पिछले दिनों 3 इंच तक बर्फबारी हुई है, जिससे वहां का तापमान सामान्य से 4 से 6 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया है। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो इस बर्फबारी का असर राजस्थान में भी दिखेगा।

इससे न केवल सर्दी जल्दी आ सकती है, बल्कि रिकॉर्ड भी तोड़ सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस बार सर्दी 120 दिनों से भी ज्यादा दिन तक रहने की संभावना है।

मिड अक्टूबर से ही ठंडी रातें शुरू हो सकती हैं और रात का न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा सकता है।

आखिर क्यों इतना जल्दी आ सकता है सर्दी का मौसम

मौसम विशेषज्ञों की मानें तो देश के अधिकांश हिस्सों में अभी मानसून की विदाई नहीं हुई है। अभी भी राजस्थान के कई जिलों में बारिश का दौर जारी है। मानसून जितनी देरी से जाएगा उतना ही वातावरण में नमी देरी तक रहेगी। इस बार लंबे मानसून के कारण नमी लगातार बनी हुई है।

वहीं, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (उत्तरी हवाएं) एक्टिव होने के कारण पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी शुरू होने के कारण सर्दी का असर जल्द शुरू होगा और ज्यादा दिन तक रहेगा।

आपको बता दें देश में सर्दी आने के पीछे सबसे बड़ा कारण वेर्स्टन डिर्स्टबेंस ही होता है। इसी सिस्टम से उत्तर भारत के जम्मू, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश का मौसम बदलता है और वहां बारिश और बर्फबारी होती है।

यही उत्तरी हवाएं जब दक्षिण-पश्चिम की तरफ आती हैं तो मैदानी इलाकों (दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और झारखंड) में सर्दी पड़नी शुरू होती है।

दिसंबर से माइनस में चला जाता है राजस्थान में पारा
राजस्थान के कई हिस्सों में दिसंबर मध्य के बाद सर्दी जोर पकड़ने लगती है। शीत लहर का दौर शुरू हो जाता है। कई जगहों पर पारा जमाव बिंदु ( जीरो डिग्री सेल्सियस) से भी नीचे चला जाता है।

चूरू, सीकर, झुंझुनूं, के अलावा माउंट आबू में तो बर्फ जमने लग जाती है। तेज सर्दी का ये दौर जनवरी के तीसरे सप्ताह तक जारी रहता है।

इन कारणों से भी बढ़ती है सर्दी

  • मानसून सीजन में हवाओं का डायरेक्शन ईस्ट से नॉर्थ-वेस्ट और साउथ से नॉर्थ-वेस्ट की तरफ रहता है, लेकिन ये धीरे-धीरे बदलकर अक्टूबर में नॉर्थ से साउथ-वेस्ट की ओर बहने लगती हैं। इससे जम्मू-लद्दाख, अफगान एरिया से ठंडी हवाएं मध्य व पश्चिमी भारत की तरफ आने लगती हैं। जो सर्दी का असर बढ़ाती हैं।
  • सूर्य की सीधी किरणें जो जुलाई-अगस्त-सितंबर में मध्य भारत पर पड़ती हैं, वह अक्टूबर से धीरे-धीरे साउथ दिशा में शिफ्ट होने लगती हैं, जिसके कारण हिटिंग कम होने लगती है और धीरे-धीरे ठंडक बढ़ती है।

राजस्थान की मिट्टी की नेचर सबसे अलग
पारा माइनस में जाने के पीछे बड़ा कारण राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियां, यहां का सोइल नेचर (मिट्‌टी की प्रकृति) और कम मॉइश्चर (नमी) है। राजस्थान में मॉइश्चर बहुत कम है और ज्यादातर इलाके मैदानी और खुले हैं। इसके अलावा सोइल नेचर बहुत अलग है।

यहां की जमीन जितनी जल्दी गर्म होती है, उतनी ही जल्दी ठण्डी होती है। इस कारण यहां जमीन स्तर पर तापमान माइनस में चला जाता है और बर्फ जम जाती है। अगर जमीन के आसपास मॉइश्चर अच्छा हो तो बर्फ जमने जैसी स्थिति बहुत कम रहे।

मौसम विभाग के विशेषज्ञों के मुताबिक अब आगे क्या?
देरी से मानसून जाने के कारण इस बार राजस्थान में सर्दी का सीजन 4 महीने का हो सकता है। मौसम विभाग के अनुसार सर्दी का मौसम 15 अक्टूबर से 15 मार्च तक चार महीने का होता है। लेकिन, पिछले कुछ सालों में सर्दी का पैटर्न काफी बदला है और सर्दी के दिन कम हुए हैं। आमतौर पर सर्दी नवंबर के बाद ही जोर पकड़ती है। इस बार ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि सर्दी का असर पूरे चार महीने रह सकता है।

मानसून विदाई कब होगी?
मौसम वैज्ञानिक डॉ. डीपी दुबे के अनुसार अक्टूबर के पहले से दूसरे सप्ताह के बीच (5 से 12 अक्टूबर) मानसून कभी भी विदाई ले सकता है। मौसम विभाग की मानें तो अभी अगले तीन दिन तक बारिश का दौर जारी रहेगा।

शनिवार को अजमेर, अलवर, भरतपुर, दौसा, धौलपुर, जयपुर, झुंझुनूं, करौली, सीकर, टोंक में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं जयपुर, सीकर और झुंझुनू में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इसके बाद कुछ दिन तक मौसम शुस्क रहने की संभावना है।

ये भी पढ़ें-
राजस्थान में बारिश से फिर तबाही, 5 इंच बरसा पानी:10 से ज्यादा जिलों में फसलें चौपट; जयपुर में टूटा रिकॉर्ड, आज भी अलर्ट

राजस्थान में सर्दी कब कम होगी?

दिसंबर से माइनस में चला जाता है राजस्थान में पारा कई जगहों पर पारा जमाव बिंदु ( जीरो डिग्री सेल्सियस) से भी नीचे चला जाता है। चूरू, सीकर, झुंझुनूं, के अलावा माउंट आबू में तो बर्फ जमने लग जाती है। तेज सर्दी का ये दौर जनवरी के तीसरे सप्ताह तक जारी रहता है।

राजस्थान में बरसात कब होगी 2022?

30 सितंबर को पूरी तरह विदा हो जाएगा मानसून मौसम विभाग के मुताबिक 20 सितंबर से पश्चिमी राजस्थान और कच्छ के कुछ क्षेत्रों से मानसून की विदाई शुरु हो गई है। अगले कुछ दिनों में दक्षिण हरियाणा और पंजाब से मानसून की विदाई शुरू हो जाएगी। इसकी सामान्य तारीख 17-18 सितंबर थी।

राजस्थान में सबसे ज्यादा ठंड कौन से जिले में पढ़ती है?

ठंडी और गर्मी का रिकॉर्ड राजस्थान का चुरू जिला ऐसा है जहां सबसे ज्यादा ठंड और सबसे ज्यादा गर्मी भी पड़ती है.

राजस्थान में कितनी ठंड पड़ती है?

राजस्थान के जलवायु प्रदेश वर्षा की मात्रा १० से २० सेंटीमीटर होती है शीतकाल में यहां तापमान ११ डिग्री सेल्सियस तथा दैनिक तापमान ३४ डिग्री सेल्सियस तक रहता है।

Toplist

नवीनतम लेख

टैग