1. राष्ट्रवाद क्या है ?
उत्तर ⇒ सामान्य अर्थों में राष्ट्रवाद का अर्थ अपने राष्ट्र के प्रति सोच और लगाव की भावना का विकास करना है। दूसरे अर्थों में राष्ट्रवाद एक ऐसी भावना है जो किसी विशेष भौगोलिक, सांस्कृतिक या सामाजिक परिवेश में रहने वाले लोगों में एकता की वाहक बनती है।
2. यूरोप में राष्ट्रवाद को फैलाने में नेपोलियन बोनापार्ट किस तरह सहायक हुआ ?
उत्तर ⇒ यूरोप में राष्ट्रीयता की भावना के विकास में फ्रांस की राज्यक्रांति के पश्चात् नेपोलियन के आक्रमणों ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। फ्रांसीसी क्रांति ने राजनीति को अभिजात्यवर्गीय परिवेश से बाहर कर उसे अखबारों, सड़कों और सर्वसाधारण की वस्तु बना दिया। यूरोप के कई राज्यों में नेपोलियन के अभियानों द्वारा नवयुग. का संदेश पहुँचा। नेपोलियन ने जर्मनी और इटली के राज्यों को भौगोलिक नाम की परिधि से बाहर कर उसे वास्तविक एवं राजनैतिक रूपरेखा प्रदान की। जिससे इटली और जर्मनी के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ। दूसरी तरफ नेपोलियन की सुधारवादी नीतियों के कारण फ्रांसीसी प्रभुता और आधिपत्य के विरुद्ध यूरोप में देशभक्तिपूर्ण विक्षोभ भी जगा।
3. 1830 की जुलाई क्रांति का फ्रांस पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर ⇒ 1830 की जुलाई क्रांति के परिणामस्वरूप फ्रांस में निरंकुश राजशाही का स्थान संवैधानिक गणतंत्र ने ले लिया। इस क्रांति ने फ्रांसीसी क्रांति के सिद्धांतों को पुनर्जीवित किया तथा फ्रांस में उदारवादी मध्यमवर्ग का राजनीतिक महत्त्व बढ़ गया।
4. 1848 ई० की फ्रांसीसी क्रांति के क्या कारण थे ?
उत्तर ⇒ 1830 की क्रांति के बाद लुई फिलिप फ्रांस का राजा बना। उसने अपने विरोधियों को खुश करने के लिए ‘स्वर्णिम मध्यमवर्गीय नीति’ अवलंबन करते हुए सन् 1840 में गीजो को प्रधानमंत्री नियुक्त किया, जो कट्टर प्रतिक्रियावादी था। वह किसी भी तरह के वैधानिक, सामाजिक और आर्थिक सुधारों के विरुद्ध था। फिलिप के पास कोई सुधारात्मक कार्यक्रम नहीं था और न ही उसे विदेश नीति में कोई सफलता हासिल हो रही थी। उसके शासनकाल में देश में भुखमरी एवं बेरोजगारी व्याप्त हो गई। सुधारवादियों ने 22 फरवरी, 1848 ई० को पेरिस में थियर्स के नेतृत्व में एक विशाल भोज का आयोजन किया। राजा ने इस पर रोक लगा दी। अतः पेरिस में विरोध प्रदर्शन हुए और जुलूस निकाले गए। इस पर पुलिस ने गोली चला दी। जिसमें अनेक लोग मारे गए। अतः दमनकारी नीति अपनाए जाने के कारण 1848 ई० की क्रान्ति आरंभ हो गई।
5. 1830 और 1848 की क्रांतियों की सामान्य विशेषताएँ क्या थीं ?
उत्तर ⇒ (i) सभी क्रांतिकारी प्रतिक्रियावादी और निरंकुश शासन की समाप्ति चाहते थे।
(ii) वे उदारवाद और राष्ट्रवाद के समर्थक थे।
(iii) वे वैधानिक शासन की मांग कर रहे थे।
(iv) दोनों क्रांतियों की एक मुख्य विशेषता यह भी थी कि स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों की सुरक्षा मुख्य मुद्दा था।
6. बिस्मार्क के कार्यों की चर्चा करें।
उत्तर ⇒ जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क की, महत्त्वपूर्ण भूमिका थी। वह विख्यात राष्ट्रवादी और कूटनीतिज्ञ थे। फ्रैंकफर्ट संसद में उसने भाग लिया। वे रूस और फ्रांस में राजदूत भी रहे। 1862 में वह प्रशा का चांसलर बना। सर्वप्रथम बिस्मार्क ने प्रशा की आर्थिक और सैनिक शक्ति सुदृढ़ की। तत्पश्चात उसने डेनमार्क (1864), आस्ट्रिया (1866-सेडोवा का युद्ध) तथा फ्रांस (1870-सीडान का युद्ध) को पराजित कर जर्मनी का एकीकरण किया।
7. लौह एवं रक्त की नीति क्या थी ?
उत्तर ⇒ लौह एवं रक्त की नीति का प्रतिपादन बिस्मार्क ने किया था। इस नीति के अनुसार सैन्य शक्ति की सहायता से पूरे जर्मन प्रदेश का एकीकरण करना था।
8. मेटरनिख कौन था ? यूरोपीय इतिहास में वह क्यों विख्यात है ?
उत्तर ⇒ मेटरनिख ऑस्ट्रिया का चांसलर था। वह घोर प्रतिक्रियावादी, क्राति क संदेशों का कट्टर विरोधी एवं पुरातन व्यवस्था बनाए रखने का समर्थक था। उसन जिस प्रकार की व्यवस्था यूरोप में स्थापित की उसे मेटरनिख व्यवस्था कहा जाता है। अपनी इसी व्यवस्था के कारण वह यूरोपीय इतिहास में विख्यात है।
9. मेटरनिख युग क्या है?
उत्तर ⇒ मेटरनिख ऑस्ट्रिया का चांसलर था। वियना कांग्रेस (सम्मेलन) के द्वारा यूरोप में नेपोलियन युग का अंत हुआ और मेटरनिख युग की शुरुआत हुई। मेटरनिख घोर प्रतिक्रियावादी था तथा राष्ट्रवाद एवं गणतंत्र का विरोधी था। 1848 की क्रांति के द्वारा मेटरनिख युग की समाप्ति हो गयी।
10. जर्मन राइन महासंघ की स्थापना किसने की ?
उत्तर ⇒ जर्मन राइन महासंघ की स्थापना नेपोलियन ने की।
11. जर्मनी का राजनीतिक एकीकरण के पहले आर्थिक एकीकरण कैसे हुआ ?
उत्तर ⇒ 1815-48 के मध्य जर्मनी में औद्योगिकीकरण की पृष्ठभूमि तैयार हो गई। कोयला और खनिज उद्योग का विकास हुआ। रेल लाइनों का प्रसार हुआ। 1834 । में प्रशा की पहल पर जॉल्वेराइन शुल्क संघ की स्थापना हुई। इस प्रकार जर्मनी का राजनीतिक एकीकरण के पहले आर्थिक एकीकरण हुआ।
12. जर्मनी के एकीकरण की बाधाएँ क्या थीं ?
उत्तर ⇒ जर्मनी के एकीकरण में निम्नलिखित प्रमुख बाधाएँ थीं –
(i) लगभग 300 छोटे-बड़े राज्य
(ii) इन राज्यों में व्याप्त राजनीतिक, सामाजिक तथा धार्मिक विषमताएँ
(iii) राष्ट्रवाद की भावना का अभाव
(iv) ऑस्ट्रिया का हस्तक्षेप तथा
(v) मेटरनिख की प्रतिक्रियावादी नीति।
13. इटली के एकीकरण में काबूर की भूमिका का उल्लेख करें। अथवा, काबूर का संक्षिप्त परिचय दें।
उत्तर ⇒ काबूर को इटली के एकीकरण का राजनीतिज्ञ कहा जाता है। 1850 में वह सार्डिनिया के राजा विक्टर इमैनुएल का मंत्री एवं 1852 में प्रधानमंत्री बना। उसने सैनिक और आर्थिक सुधारों द्वारा सार्डिनिया की स्थिति सुदृढ़ की। पेरिस शांति सम्मेलन में उसने इटली के एकीकरण का प्रश्न उठाया। 1859 में ऑस्ट्रिया को पराजित कर काबूर ने लोम्बार्डी पर अधिकार कर लिया।
14. गैरीबाल्डी कौन था ? इटली के एकीकरण में उसकी क्या भूमिका थी ? अथवा गैरीबाल्डी के कार्यों की चर्चा करें।
उत्तर ⇒ इटली के एकीकरण का द्वितीय चरण गैरीबाल्डी की तलवार ने पूरा किया। वह युद्ध की नीति में विश्वास करता था। उसने सशस्त्र युवकों की एक टुकड़ी बनाई जो ‘लाल कुर्ती’ कहलाए। इनकी सहायता से उसने सिसली पर अधिकार कर वहाँ गणतंत्र की स्थापना की। वह पोप के राज्य पर भी आक्रमण करना चाहता था, परंतु काबूर ने इसकी अनुमति नहीं दी।
15. चार्टिस्ट आंदोलन किस देश में हुआ ?
उत्तर ⇒ चार्टिस्ट आंदोलन इंगलैंड में हुआ था।
16. अन्सर्ट रेनन ने राष्ट्रवाद को किस रूप में परिभाषित किया ?
उत्तर ⇒ फ्रांसीसी दार्शनिक अन्सर्ट रेनन ने 19वीं शताब्दी में राष्ट्रवाद की व्याख्या की। रेनन ने राष्ट्रवाद की एक नई और व्यापक परिभाषा दी जिसके अनुसार राष्ट्र एक बड़ी और व्यापक एकता है।
17. वियना कांग्रेस (सम्मेलन) में फ्रांस में किस राजवंश की पुनर्स्थापना की गई ?
उत्तर ⇒ वियना कांग्रेस 1815 द्वारा फ्रांस में बूढे राजवंश की पुनर्स्थापना की गई।
18. हंगरी के राष्ट्रीय आंदोलन में कोसूथ के योगदान का वर्णन करें।
उत्तर ⇒ हंगरी में राष्ट्रीय आंदोलन का नेतृत्व ‘कोसुथ’ तथा ‘फ्रांसिस डिक’ ने किया। कोस्थ लोकतांत्रिक विचारों का समर्थक था, उसने वर्गहीन समाज (Classless Society) के विचारों से जनता को परिचित कराया जिस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। कोसूथ आस्ट्रियाई अधीनता का विरोध कर यहाँ की व्यवस्था में बदलाव की मांग करने लगा।
19. फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने सामूहिक पहचान का भाव बढ़ाने के लिए क्या किया ?
उत्तर ⇒ फ्रांसीसी क्रांति आरंभ होने के साथ ही क्रांतिकारियों ने राष्ट्रीय और सामूहिक पहचान की भावना जगाने वाले कार्य किए। पितृभूमि और नागरिक जैसे शब्दों द्वारा फ्रांसीसियों में एक सामूहिक भावना और पहचान बढ़ाने का प्रयास किया गया। नये संविधान में सभी नागरिकों को समान अधिकार देकर समानता की स्थापना पर बल दिया गया। राजवंशीय झंडा के स्थान पर राष्ट्रध्वज के रूप में एक नया फ्रांसीसी झंडा अपनाया गया जो तिरंगा था। क्षेत्रीय भाषा के स्थान पर फ्रेंच भाषा को प्रोत्साहित किया गया।
20. वियना कांग्रेस की क्या उपलब्धियाँ हैं ?
उत्तर ⇒ वियना सम्मेलन की मुख्य उपलब्धियाँ थी – नेपोलियन द्वारा पराजित राजवंशों की पुनर्स्थापना का प्रयास किया गया। फ्रांस और स्पेन में बूढे राजवंश को फिर स्थापित किया गया। फ्रांस में लुई 18वाँ को राजगद्दी सौंपी गयी। इटली में ऑस्ट्रियाई राज परिवार को सत्ता सौंपी गयी। नेपोलियन द्वारा स्थापित 39 राज्यों के जर्मन महासंघ को भंग नहीं किया गया। इस प्रकार वियना व्यवस्था द्वारा यूरोप में राजनीतिक परिवर्तन कर पुरानी सत्ता को बहाल किया गया।
21. इटली, जर्मनी के एकीकरण में ऑस्ट्रिया की क्या भूमिका थी?
उत्तर ⇒ इटली के एकीकरण के दौरान ही जर्मन क्षेत्र में भी समान प्रक्रियाएँ चल रही थी। इटली के एकीकरण के मार्ग में ऑस्ट्रिया बाधक बना हुआ था। 1830 की क्रांति के बाद इटली में भी नागरिक आंदोलन शुरू हो गए। मेजिनी ने इन नागरिक आंदोलनों का उपयोग करते हुए उत्तरी और मध्य इटली में एकीकृत गणराज्य स्थापित करने का प्रयास किया। लेकिन ऑस्ट्रिया के चांसलर मेटरनिख द्वारा इन राष्ट्रवादी नागरिक आंदोलनों को दबा दिया गया जिससे इटली का एकीकरण रुक गया। जर्मनी में भी राष्ट्रवादी भावना को कुचलने में ऑस्ट्रिया ने मेटरनिख द्वारा दमनकारी कानून कासवाद के आदेश को जारी किया। अतः दोनों देशों के एकीकरण में ऑस्ट्रिया बाधक था।
22. जर्मनी के एकीकरण के लिए बिस्मार्क ने कौन – सी नीति अपनायी ?
उत्तर ⇒ प्रशा का राजा विलियम प्रथम ने प्रख्यात राष्ट्रवादी और कूटनीतिज्ञ बिस्मार्क को अपना प्रधानमंत्री (चांसलर) नियुक्त किया। जर्मनी के एकीकरण के लिए बिस्मार्क ने ‘रक्त और तलवार’ की नीति अपनायी। सबसे पहले बिस्मार्क ने आर्थिक सुधारों के द्वारा प्रशा की स्थिति मजबूत की। इससे सैनिक शक्ति सुदृढ़ हुई। प्रशा के एकीकरण के लिए उसने डेनमार्क, आस्ट्रिया तथा फ्रांस के साथ युद्ध किया। इसके परिणामस्वरूप ही यूरोप के नक्शे पर एकीकृत जर्मन राष्ट्र का उदय हुआ।
23. विलियम – I के बगैर जर्मनी का एकीकरण बिस्मार्क के लिए असंभव था – कैसे ?
उत्तर ⇒ विलियम-I प्रशा काम, राजा जानता था कि ऑस्ट्रिया और फ्रांस को पराजित किए बिना जर्मनी का एकीकरण संभव नहीं है। 1862 में विलियम – ने जर्मनी के एकीकरण के उद्देश्यों को ध्यान में रखकर महान कूटनीतिज्ञ बिस्मार्क को अपना चांसलर नियुक्त किया। बिस्मार्क का मानना था कि जर्मनी की समस्या का समाधान प्रशा के नेतृत्व में “रक्त और तलवार” की नीति से होगा। अतः अगर विलियम-I बिस्मार्क को चांसलर न बनाया होता तो बिस्मार्क के लिए जमना का एकीकरण असंभव प्रतीत होता।
24. यूनानी स्वतंत्रता संग्राम के परिणामों का उल्लेख करें।
उत्तर ⇒ 1932 में यूनान को एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र घोषित कर दिया गया। यद्यपि इस प्रक्रिया में गणतंत्र की स्थापना नहीं हो सकी। परंतु एक स्वतंत्र राष्ट्र के उदय ने मेटरनिख की प्रतिक्रियावादी नीति को गहरी ठेस लगाई। प्रतिक्रियावाद के विरुद्ध राष्ट्रवाद की विजय हुई। यूनानियों के विजय से 1830 के क्रांतिकारियों की प्रेरणा मिली। यूनानी स्वतंत्रता आंदोलन के परिणामस्वरूप बाल्कन क्षेत्र के अन्य ईसाई राज्यों में भी राष्ट्रवादी आंदोलन आरंभ करने की चाह बढ़ी।
25. फ्रैंकफर्ट संसद की बैठक क्यों बुलाई गई ? इसका क्या परिणाम हुआ ?
उत्तर ⇒ फैकफर्ट संसद को बैठक बुलाने का मुख्य उद्देश्य जर्मन राष्ट्र के निर्माण को योजना बनाना था। इसके अनसार जर्मन राष्ट्र का प्रधान एक राजा को बनाना था जिसे संसद के नियंत्रण में काम करना था तथा जर्मनी का एकीकरण उसी के नेतृत्व में होना था। लेकिन जब पशा के राजा फ्रेडरिक विलियम चतुर्थ ने यह प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया तो परिणामस्वरूप एसेंबली भंग हो गयी तथा जर्मनी का एकीकरण पुरा नहीं हो सका।
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