ऑक्सीजन का वाहक होता है हीमोग्लोबिन, न होने दे शरीर में कमी
खून की कमी का मुख्य कारण शरीर में लौह तत्वों की कमी का होना बताया जाता है। हेल्दी और फिट रहने के लिए शरीर के खून में हीमोग्लोबन का होना अति अवश््यक है।
पटना [जेएनएन]। खून की कमी का मुख्य कारण शरीर में लौह तत्वों की कमी का होना बताया जाता है। शरीर को हेल्दी और फिट रहने के लिए अन्य पोषण तत्वों के साथ आयरन की भी जरूरत होती है। आयरन खून में हीमोग्लोबिन नामक पदार्थ के निर्माण के लिए जरूरी है। यही हीमोग्लोबिन रक्त में ऑक्सीजन का वाहक होता है एवं इसी की वजह से खून का रंग लाल होता है। हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती व शरीर शर्करा और वसा का दोहन कर ऊर्जा नहीं बना पाता। ऐसी स्थिति होने पर महिलाएं एनीमिया की गिरफ्त में आ जाती हैं। मासिक धर्म के कारण होने वाली आयरन की कमी के चलते महिलाएं वर्ष भर में अपने कुल रक्त का 22 फीसद खो देती हैं। साथ ही दूषित रक्त के साथ बहुत सारे जरूरी खनिज एवं धातु भी निकल जाते हैं। यदि ऐसे में उनकी आपूर्ति न हो तो गंभीर समस्या से ग्रस्त हो जाती हैं। हीमोग्लोबिन की कमी से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है, जिसकी वजह से थोड़ा सा काम करने से थकान महसूस होने लगती है। साथ ही चक्कर आना, त्वचा का रंग पीला पड़ना, सीने में हल्का दर्द बने रहना, शरीर के तापमान में कमी तथा आखों के नीचे काले घेरे जैसे लक्षण भी दिखने लगते हैं। ऐसे में चिंता तब ज्यादा बढ़ जाती है जब महिला गर्भवती हो। गर्भस्थ शिशु भी महिला के शरीर से खून लेता है। छोटे बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं में भी एनीमिया की बीमारी का खतरा बना रहता है।
इन दिनों प्रदेश बिहार में आधे से आधे से अधिक महिलाओं में खून की कमी पाई जा रही है। राज्य में पूर्णिया में सर्वाधिक 68.8 फीसद महिलाएं कुपोषण की शिकार हैं। राज्य के अधिकाश जिलों में प्रजनन आयु की 60 फीसद महिलाओं में खून की कमी है। महिलाओं में खून की कमी का असर राज्य के स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ रहा है। खून की कमी से जूझ रही महिलाओं के बच्चे कुपोषण के शिकार हो रहे हैं। कुपोषित बच्चे नाटापन, कम वजन एव दुबलेपन के शिकार होते हैं। उक्त बातें राज्य स्वास्थ्य समिति के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सुरेंद्र कुमार ने कहीं। कुपोषण के शिकार 48.3 फीसद बच्चे नाटे हो रहे हैं। हालाकि पिछले दस वर्षो में नाटे बच्चों की सख्या में कमी आई है। वर्ष 2006 में सूबे में लगभग 55.6 फीसद बच्चे नाटे होते थे, लेकिन वर्ष 2016 में इसमें गिरावट दर्ज किया गया। 2016 में 48.3 फीसद बच्चे नाटापन के शिकार पाए गए हैं।
Edited By: Jagran
ईंधनों के अपूर्ण दहन से उत्पन्न होने वाली वह कौनसी गैस है, जो विषैली होती है और रुधिर की ऑक्सीजन वाहक क्षमता को घटा देती है?
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CTET Paper 2 Maths & Science 17th Jan 2022 (English-Hindi-Sanskrit)
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- कार्बन डाइऑक्साइड
- कार्बन मोनोऑक्साइड
- नाइट्रोजन ऑक्साइड
- सल्फ़र डाइऑक्साइड
Answer (Detailed Solution Below)
Option 2 : कार्बन मोनोऑक्साइड
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अवधारणा:
जीवाश्म ईंधन
- लाखों साल पहले, पृथ्वी की सतह के अंदर दबे वृक्षों, पादपों और जंतुओं, जो उच्च तापमान और दाब के कारण सतह के अंदर जीवाश्म में परिवर्तित हो गए थे, जीवाश्म ईंधन कहलाते हैं।
कुछ जीवाश्म ईंधन निम्न हैं: कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस
पेट्रोलियम
- यह गहरे रंग का कच्चा तेल होता है।
- इसे ब्लैक गोल्ड/काला सोना के नाम से भी जाना जाता है।
- पेट्रोलियम हाइड्रोकार्बन का मिश्रण होता है।
- यह मुख्य रूप से वाहनों में प्रयोग किया जाता है।
- कार्बन मोनोऑक्साइड गैस तब उत्पन्न होती है जब ईंधन पूरी तरह से नहीं जलता है।
- कार्बन मोनोऑक्साइड एक खतरनाक गैस होती है क्योंकि जब साँस ली जाती है, यह हमारे रक्त की ऑक्सीजन वहन करने की क्षमता को कम कर देती है।
इसप्रकार, कार्बन मोनोऑक्साइड रक्त की ऑक्सीजन-वहन क्षमता को कम कर देती है।
ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत:
- जीवाश्म ईंधन: कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस
ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोत:
- सौर ऊर्जा
- समुद्र से ऊर्जा
- भू - तापीय ऊर्जा
- परमाणु ऊर्जा
- जल गैस/भाप अंगार गैस: CO + H2
- प्रोड्यूसर गैस/वायु अंगार गैस: CO + N2
Last updated on Oct 25, 2022
Detailed Notification for CTET (Central Teacher Eligibility Test) December 2022 cycle released on 31st October 2022. The last date to apply is 24th November 2022. The CTET exam will be held between December 2022 and January 2023. The written exam will consist of Paper 1 (for Teachers of class 1-5) and Paper 2 (for Teachers of classes 6-8). Check out the CTET Selection Process here. Candidates willing to apply for Government Teaching Jobs must appear for this examination.