सुमित्रा का जीवन परिचय
रावण कितने फुट का था how tall was Ravana
रावण अनीति अत्याचार तथा अधर्म का पुजारी था जिसे अपनी मायावी शक्तियों का बड़ा ही घमंड था। वह इतना विशाल था की अपने पैरो से ही कई शत्रुओं को कुचल देता था।
रावण की चन्द्रहास खडग रावण के सामान विशाल थी जिससे एक बार में सैकड़ों शत्रु परलोक सिधार जाते थे।तो दोस्तों रावण भी विशालकाय शरीर वाला होगा
क़्योकी रावण के अस्त्र शस्त्र जब इतने विशालकाय है तो रावण भी विशाल होगा और यह दावा किया श्रीलंका के रिसर्च सेंटर ने श्रीलंका के रिसर्च सेंटर (Research center of shrilanka) ने बताया की उसने श्रीलंका में 50 से अधिक ऎसे स्थलों की खोज की है।
जो रामायण से संबधित है। जबकि श्रीलंका के रैगला जंगल में रावण की एक गुफा है जो लगभग 8 हजार फुट की ऊँचाई पर स्थित है। और कहा जाता है कि इसी गुफा में रावण का शरीर अभी भी मौजूद है
जो एक ताबूत में सुरक्षित रखा है जिसकी लम्बाई 17 फुट है। इस प्रकार रावण रावण लगभग 15 - 17 फुट लम्बा होना चाहिये ऐसा रिसर्च सेंटर का अनुमान है।
किन्तु रैगला घना और जंगल खूंखार जानवरों से भरा है इसलिए अनुसन्धान कार्य ठीक से नहीं हो पा रहा है। फिर भी श्रीलंका का रिसर्च सेंटर रावण तथा उससे जुड़े स्थलों खोज में जुटा है।
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रावण का जन्म कहाँ हुआ था where was ravan born
रावण एक वह शख्स था जो अन्याय, अधर्म, काम, क्रोध, लोभ का पुजारी तो था ही अपितु वह वेदों का प्रकांड विद्वान और भगवान शिव जी का अनन्य भक्त भी था।
रावण को तंत्र मन्त्र साधना ज्योतिष तथा कई गूंढ विधाओं में महारथ हांसिल थी। जिसका पराकर्मी पुत्र मेघनाद था.
ऐसे महान पराक्रमी रावण का जन्म उत्तरप्रदेश के नोएडा से लगभग 10 km दूर बिसरख नामक गाँव में हुआ था। रावण के पिता का नाम विश्रवा था जो पुलत्स्य मुनि के पुत्र थे।
रोचक बात है कि बिसरख गाँव में आज भी कोई रावण दहन नहीं करता और यहाँ तक कि यहाँ रामलीला का आयोजन भी नहीं किया जाता है।
विसरख गाँव के लोगों ने बताया कि बहुत समय पहले विसरख गाँव में एक बार रामलीला का आयोजन किया गया था। किन्तु दुर्भाग्यवश एक व्यक्ति की मौत हो गयी और रामलीला अधूरी रह गयी
कुछ समय बाद रामलीला का फिरसे आयोजन हुआ। लेकिन इस बार भी रामलीला के एक पात्र की मौत हो गयी उस समय से विसरख गाँव में रामलीला का आयोजन नहीं किया जाता है. केवल दशहरा मनाया जाता है, किन्तु रावण दहन नहीं किया जाता।
बाल्मीकि की रामायण में बताया गया की विश्रवा जी की दो पत्नी थी पहली वरवर्णिनी और दूसरी कैकसी वरवर्णिनी ने कुबेर को जन्म दिया किन्तु कैकसी की कोई संतान नहीं थी।
इसलिए कैकसी ने अशुभ समय में गर्भधारण कर लिया और क्रूर प्रवत्ति वाले रावण को जन्म दिया जो बाद में लंकेश लंकापति रावण तथा दशानन के नाम से विख्यात हुआ।
श्रीलंका रामायण के स्थान Ramayan's places in shrilanka
रावणैला गुफा - रावणैला गुफा श्रीलंका में स्थित एक गुफा है, जहाँ पर लंकेश रावण माता सीता से मिलने के लिए गया था किन्तु वह गुफा में प्रवेश नहीं कर पाया था
यह गुफा अभी भी श्रीलंका में वेळाव्या नामक स्थान के पास है।
रावण का महल - रावण का महल जैसे सोने की लंका भी कहा जाता था आज भी श्रीलंका में इसके अवशेष उपस्थित हैं यहां पर लंकेश रावण अपनी पटरानी मंदोदरी के साथ रहता था जिसे हनुमान जी द्वारा लंका सहित जला दिया गया।
अशोक वाटिका - श्रीलंका में आज भी अशोक वाटिका स्थित है जब रावण ने माता सीता का अपहरण किया था तो उन्हें अशोक वाटिका की एक गुफा में रखा था।
जो एलिया पर्वत पर स्थित है और इस गुफा को एलिया गुफा या सीता माता गुफा भी कहा जाता है जहाँ पर सीता माँ का मंदिर भी है।
रामसेतु - भगवान श्रीराम और वानर राजा सुग्रीव की सेना के द्वारा बनाया होगा पत्थरों का पुल जिसे रामसेतु के नाम से जाना जाता है।
आज भी श्रीलंका के दीप मन्नार दीप तथा तमिलनाडु के रामेश्वरम दीप के बीच देखने को मिल जाएगा जो लगभग 18 मील 30 किलोमीटर लंबा है।
रावण का शव - रावण का शव आज भी श्रीलंका के एक गुफा में जिसे रावण गुफा के नाम से जाना जाता है मैं सुरक्षित रखा हुआ है।
जब भगवान श्री राम ने रावण का संघार किया था तो उस समय रावण का अंतिम संस्कार नहीं हुआ था अपितु उसका शव विशेष प्रकार के लेप में लगाकर एक संदूक में रखकर रावण की गुफा में जहाँ पर वह तपस्या करता था
रख दिया गया जो आज भी वहाँ पर सुरक्षित है। यह गुफा रैगला के जंगलों में है जहाँ पर खूंखार और भयानक जानवरों का बसेरा है।
इसलिए यहाँ पर जन सामान्य का पहुँचना बहुत ही कठिन है, किंतु श्रीलंका के अनुसंधानकर्ताओं (Researchers) का यह दावा है कि आज भी रावण का शव उस गुफा में सुरक्षित है।