सबसे बड़ा अक्षांश का नाम है - sabase bada akshaansh ka naam hai

सबसे बड़ी अक्षांश रेखा कौन सी है?...


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तो यहां पर पूछा गया है कि सबसे बड़ी अक्षांश रेखा कौन सी है देखिए विश्व में के ग्रुप में तीन मुख्य रेखाएं हैं वैसे तो बहुत सारी है लेकिन तीन मुख्य रेखा हैं भूमध्य रेखा कर्क रेखा और मकर रेखा भूमध्य रेखा सेंटर में होती है मकर रेखा उत्तरी गोलार्ध मोर कर्क रेखा दक्षिणी गोलार्ध में इस सवाल का जवाब मैं आपको वैज्ञानिक तरीके से देता हूं लेकिन उससे पहले आप लोगों से एक अपील कि अगर आप ऐसे ही रोचक वीडियोस भी देखना चाहते हैं करंट अफेयर में रुचि रखते हैं और विभिन्न विषयों के बारे में पढ़ना चाहते हैं तो मेरे चैनल थॉट ऑफ़ सक्सेस को आप यूट्यूब पर जरूर सब्सक्राइब कर सकते हैं तो अब हम बात करते हैं सबसे बड़ी रेखा कौन सी होती है एक बोलेंगे तीन रेखाएं लगा लीजिए कुछ गेट के सबसे बीचो-बीच लगा लीजिए पेन से सीधी रेखा और दूसरा थोड़ा उसके ऊपर की तरफ तीसरा थोड़ा उस बीच वाली रेखा के नीचे की तरह फ्री का धागा पकड़ी है जिससे आपने रेखा खींची है उसके दूसरे छोर तक उस धागे की माफ कीजिए और तीन बिंदुओं को मां पर तो आप पाएंगे कि बीच वाले देखा है वह सबसे लंबी है क्योंकि बॉल आप देखेंगे कि ऊपर की तरफ सीमेंट के चली जाएगी और बीच में सबसे ज्यादा चौड़ी होगी और नीचे की तरफ फिर से बढ़ती चली जाएगी तो सबसे बढ़िया अक्षांश रेखा इस आधार पर भूमध्य रेखा होती है

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Hinglish Excerpt Sabase badi akshansh rekha kaun si hai?

AskedAugust 27, 2021 1761 views

Tags: सबसे बड़ी अक्षांश रेखा

Subjects: General KnowledgeGeography

Exams: AFCATCourt/LegalCTETDefence/PoliceIBPSOthersRBIRRBSBISSCUGC NETUPPCLUPPCSUPSC

सबसे बड़ी अक्षांश रेखा कौन सी है?

(A) कर्क रेखा
(B) मकर रेखा
(C) विषुवत रेखा
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer : विषुवत अथवा भूमध्य रेखा (Equator)

Explanation : सबसे बड़ी अक्षांश रेखा विषुवत अथवा भूमध्य रेखा भूमध्य रेखा (Equator) है। जो 40,069 किमी है। यह पृथ्वी को उत्तरी गोलार्द्ध (Northern Hemisphere) और दक्षिणी गोलार्द्ध (Southern Hemisphere) दो बराबर भागों में बांटती है। इसे शून्य अंश अक्षांश रेखा भी कहते हैं। विषुवत रेखा से उत्तरी ध्रुव (90° उत्तरी अक्षांश) तक उत्तरी गोलार्द्ध तथा विषुवत रेखा से दक्षिणी ध्रुव (90° ​दक्षिणी अक्षांश) तक दक्षिणी गोलार्द्ध कहलाता है। विषुवत रेखा से ध्रुवों की ओर जाने पर वस्तु के भार में बढ़ोतरी होती है, जो घूर्णन बल में कमी के कारण होती है। उत्तरी गोलार्द्ध में विषुवत् रेखा से 23 1/2° अंश पर खींचा गया काल्पनिक वृत्त कर्क रेखा (Tropic of Cancer) हैं दक्षिणी गोलार्द्ध में विषुवत् रेखा से 23 1/2° अंश पर खींचा गया काल्पनिक वृत्त मकर रेखा (Tropic of Capricorn) है। 66 1/2° N अंक्षाश रेखा को आर्कटिक वृत्त (Arcitc Cirlce) एवं 66 1/2°S को अण्टार्कटिक वृत्त (Antarctic Circle) कहते हैं। इन्हें उप-ध्रुवीय वृत्त (Sub-Polar Cirlce) भी कहा जाता है, इसी काल्पनिक रेखा पर पृथ्वी का अक्ष बिंदु स्थित है।....अगला सवाल पढ़े

Tags : अक्षांश रेखा भूगोल

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भूगोल में किसी स्थान की स्थिति को बताने के लिए उस स्थान का अक्षांश (latitude) तथा देशांतर (longitude) बताया जाता है। किसी स्थान का अक्षांश, धरातल पर उस स्थान की 'उत्तर-दक्षिण स्थिति' को बताता है। उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों का अक्षांश क्रमशः ९० डिग्री उत्तर तथा ९० डिग्री दक्षिण होता है।

किसी स्थान के अक्षांश का मान = ९० - (उस स्थान को धरती के केन्द्र से मिलाने वाली रेखा तथा उसके रेखांश की रेखा विषुवत वृत्त को जहा मिलती है उस बिंदू से धरती के केन्द्र से मिलाने वाली रेखा के बीच बना कोण)

इस प्रकार, विषुवत वृत्त के सभी बिन्दुओं का अक्षांश शून्य होता है। अर्थात भूमध्य रेखा, शून्य डिग्री अक्षांश से होकर जाने वाली रेखा है। विषुवत वृत्त की उत्तरी एवं दक्षिणी दिशा में 1 डिग्री के अंतराल से खींचे जाने पर नंबर 90 अक्षांश वृत्त होते हैं यानी कि किसी भी स्थान का अक्षांश 90 डिग्री से अधिक नहीं हो सकता। विषुवत वृत्त के उत्तरी भाग को उत्तरी गोलार्ध और दक्षिणी भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहा जाता है।

अक्षांश रेखाएँ काल्पनिक रेखाएँ है, इनकी संख्या अनन्त है। एक अंश (डिग्री) के अंतराल पर कल्पित किये जाने पर अक्षांश रेखाओं की कुल संख्या = ९० + ९० + १ = १८१ और यदि दोनों ध्रुवों को रेखा न माना जाय क्योंकि ये बिंदु हैं, तो 179 बतायी जाती है। 1° के अन्तराल पर खींचे जाने पर किन्हीं दो क्रमागत अक्षांश रेखाओं के बीच की लम्बाई 111 किलोमीटर होती है ।

विशिष्ट अक्षांश रेखायें[संपादित करें]

दिसम्बर अयनान्त के समय पृथ्वी का झुकाव

धरती की कुछ अक्षांश रेखाएँ, जिनके विशेष नाम हैं, भूमध्य रेखा के अतिरिक्त ऐसी चार और अक्षांश रेखाएँ हैं जो विशेष हैं:

अक्षांश[संपादित करें]

इस चित्र में धरती को एक गोला मानते हुए दिखाया गया है कि किस प्रकार किसी स्थान के अक्षांश () और रेखांश (

) परिभाषित किए जाते हैं।

अक्षांश, भूमध्यरेखा से किसी भी स्थान की उत्तरी अथवा दक्षिणी ध्रुव की ओर की कोणीय दूरी का नाम है। भूमध्यरेखा को 0°' की अक्षांश रेखा माना गया है। भूमध्यरेखा से उत्तरी ध्रुव की ओर की सभी दूरियाँ उत्तरी अक्षांश और दक्षिणी ध्रुव की ओर की सभी दूरियाँ दक्षिणी अक्षांश में मापी जाती है। ध्रुवों की ओर बढ़ने पर भूमध्यरेखा से अक्षांश का मान बढ़ता जाता है और ध्रुवों का अक्षांश मान 90° है। सभी अक्षांश रेखाएँ परस्पर समानान्तर और पूर्ण वृत्त होती हैं। ध्रुवों की ओर जाने से वृत्त छोटे होने लगते हैं।

दो अक्षांश रेखाएँ के बीच में जो स्थान पाया जाता है उस स्थान को जोन कहते हैं।

पृथ्वी के किसी स्थान से सूर्य की ऊँचाई उस स्थान के अक्षांश पर निर्भर करती है। न्यून अक्षांशों पर दोपहर के समय सूर्य ठीक सिर के ऊपर रहता है। पृथ्वी के तल पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों की गरमी विभिन्न अक्षांशों पर अलग अलग होती हैं। पृथ्वी के तल पर के किसी भी देश अथवा नगर की स्थिति का निर्धारण उस स्थान के अक्षांश और देशांतर के द्वारा ही किया जाता है।

किसी स्थान के अक्षांश को मापने के लिए अब तक खगोलकीय अथवा त्रिभुजीकरण नाम की दो विधियाँ प्रयोग में लाई जाती रही हैं।

अक्षांश के वृत्त[संपादित करें]

रेखांश (λ) अक्षांश (φ)
पृथ्वी का नक्शा
रेखांश की रेखाएं इस प्रक्षेप में वक्रीय प्रतीत होती हैं, परंतु ध्रुववृत्तों की आधी होती हैं।
अक्षांश की रेखाएं इस प्रक्षेप में क्षैतिज एवं सीधी प्रतीत होती हैं, परंतु वे भिन्न अर्धव्यासों सहित वृत्तीय होती हैं। एक अक्षांश पर दी गईं सभी स्थान एकसाथ जुड़कर अक्षांश का वृत्त बनाते हैं।
भूमध्य रेखा पृथ्वी को उत्तरी गोलार्ध और दक्षिणी गोलार्ध में बांटती है, और इसका अक्षांश शून्य अंश यानि 0° होता है।

इस संदूक को: देखें  संवाद  संपादन

  • विषुवत् वृत्त (0°) (E)
  • उत्तर ध्रुव वृत्त (90°)
  • दक्षिण ध्रुव वृत्त (90°)

अक्षांश रेखाओं की विशेषताएँ[संपादित करें]

1.सभी अक्षांश रेखाऐं एक दूसरे के समाना्तर खाने हुए पूर्ण वृत के रूप में होती हैं। अत: इन्हें Parallels भी कहा जाता है।

2.सभी अक्षांश रेखाऐं ग्लोब पर शुद्ध पूर्व-पश्चिम दिशा में खींची हुई होती हैं।

3.सभी अक्षांश रेखाओं में केवल भूमध्य रेखा ही वृहत वृत (Great Circle) होती है।

4.भूमध्य रेखा एवं ध्रुवों को छोड़कर शेष सभी अक्षांश रेखाएं लघु वृत होती हैं।


[1]

5.भूमध्य रेखा के दोनों ओर अक्षांशीय वृत्त छोटे होते जाते हैं।

6.उत्तरी व दक्षिणी ध्रुव बिन्दु मात्र होते हैं।

7.अक्षांश रेखाओं का अधिकतम मान 90° उत्तर अथवा 90° दक्षिण तक होता है।

8.सभी अक्षांश रेखाऐं समान दूरी (1° के अन्तराल पर लगभग 111 कि.मी.) पर खींची जाती हैं ।

9.1° के अन्तराल पर कुल 181 अक्षांश (90+90= 180 + भूमध्य रेखा =181) होते हैं।

[2]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • भूमध्य रेखा
  • कर्क रेखा
  • मकर रेखा
  • आर्कटिक रेखा
  • अंटार्कटिक रेखा
  • अक्षांश पर शहर
  • यामोत्तर रेखाएँ

संदर्भ[संपादित करें]

  1. अक्षांस, आओ हम जाने. "भौगोलिक". मूल से 27 जून 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2020.
  2. अक्षांस, गूगल बुक्स. "भौगोलिक".

सबसे बड़ी अक्षांश रेखा का नाम क्या है?

होगा 360 अंश का 1/4, यानी 90 अंश । इस प्रकार 90 अंश उत्तरी अक्षांश उत्तर ध्रुव को दर्शाता है तथा 90 अंश दक्षिणी अक्षांश दक्षिण ध्रुव को। इस प्रकार विषुवत् वृत्त के उत्तर की सभी समानांतर रेखाओं को उत्तरी अक्षांश कहा जाता है तथा विषुवत् वृत्त के दक्षिण स्थित सभी समानांतर रेखाओं को दक्षिणी अक्षांश कहा जाता है।

अक्षांशों की संख्या कितनी है?

अक्षांश रेखाएँ काल्पनिक रेखाएँ है, इनकी संख्या अनन्त है। एक अंश (डिग्री) के अंतराल पर कल्पित किये जाने पर अक्षांश रेखाओं की कुल संख्या = 90+ 90 + 1 = 181 और यदि दोनों ध्रुवों को रेखा न माना जाय क्योंकि ये बिंदु हैं, तो 179 बतायी जाती है।

ग्लोब में कुल कितने अक्षांश है?

(2) अक्षांश रेखाओं की संख्या 181 है. (3) अक्षांश वह कोण है, जो विषुवत रेखा और किसी अन्य स्थान के बीच पृथ्वी के केन्द्र पर बनती हैं. (4) विषुवत रेखा को शून्य अंश की स्थिति में माना जाता है. यहां से उत्तर की ओर बढ़ने वाली कोणिक दूरी को उत्तरी अक्षांश और दक्षिण की दूरी को दक्षिणी अक्षांश कहते हैं.

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