विषय-सूचि
- समानांतर चतुर्भुज की परिभाषा (definition of parallelogram in hindi)
- सामानांतर चतुर्भुज का क्षेत्रफल (area of parallelogram in hindi)
- समानांतर चतुर्भुज का परिमाप (perimeter of parallelogram in hindi)
- समानांतर चतुर्भुज की नियम विशेषताएं (properties of parallelogram in hindi)
समानांतर चतुर्भुज की परिभाषा (definition of parallelogram in hindi)
सामानांतर चतुर्भुज एक ऐसा चतुर्भुज होता है जिसकी आमने सामने की भुजाएं सामानांतर होती हैं। एक समानांतर चतुर्भुज की विपरीत भुजाएं एवं विपरीत कोण का माप सामान होता है।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए समानांतर चतुर्भुज ABCD में देख सकते है
- भुजा AD || BC ,
- भुजा DC || AB
सामानांतर चतुर्भुज का क्षेत्रफल (area of parallelogram in hindi)
एक समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल हम आधार एवं शीर्ष लम्ब को गुना करके निकाल सकते हैं।
समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल = bh ,
जहाँ b किसी भी भुजा कि लम्बाई है जिसे हमने आधार माना है एवं h उस भुजा पर शीर्ष लम्ब है।
हम आधार के रूप में समानांतर चतुर्भुज कि कोई भी भुजा ले सकते हैं लेकिन शीर्ष लम्ब उसी भुजा का लेना पड़ेगा जिसे हमने आधार माना है। शीर्ष लम्ब आधार एवं उसकी विपरीत भुजा के बीच में दूरी है।
समानांतर चतुर्भुज का परिमाप (perimeter of parallelogram in hindi)
एक समान्तर चतुर्भुज का परिमाप उसकी चारों भुजाओं की लम्बाई का योग होता है। जैसा कि हम जानते हैं कि सामानांतर चतुर्भुज में आमने सामने वाली भुजाएं सामान होती हैं।
हम ऊपर या नीचे में से किसी एक भुजा को आधार मान सकते है एवं बची हुई डो भुजाओं में से एक को लम्बाई मान सकते है। अतः
सामानांतर चतुर्भुज का परिमाप = 2 (b+h)
जहाँ b आधार है एवं h लम्बाई है।
समानांतर चतुर्भुज की नियम विशेषताएं (properties of parallelogram in hindi)
- एक समानांतर चतुर्भुज में विपरीत भुजाएं समानांतर होती हैं।
जैसा कि हम ऊपर दिए गए समानांतर चतुर्भुज ABCD में देख सकते हैं AB || CD व AD || BC हैं।
2. हर विकर्ण समानांतर चतुर्भुज को दो सर्वांगसम त्रिभुजों में बांटता है।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए समानांतर चतुर्भुज ABCD में देख सकते हैं कि विकर्ण BD चतुर्भुज ABCD को दो बराबर भागों में बाँट रहा है। इससे दो सर्वांगसम त्रिभुज भी बन रहे हैं ओ निम्न हैं। त्रिभुज ABD एवं त्रिभुज CBD सर्वांगसम हैं।
3. एक समानांतर चतुर्भुज में विपरीत कोण हमेशा सामान होते हैं एवं दो निरंतर कोणों का योग हमेशा 180 अंश होता है।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए समानांतर चतुर्भुज में देख सकते हैं विपरीत कोण बराबर हैं एवं निरंतर कोणों का योग 180 अंश का हो रहा है।
समान्तर चतुर्भुज के बारे में यदि आपका कोई भी साल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।