सैन्यवाद का लोगों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है? - sainyavaad ka logon ke jeevan par kya prabhaav padata hai?

2018 में विश्व भर में होने वाला सैन्य ख़र्च

जब ब्रिटिश साम्राज्य अपने चरमोत्कर्ष पर था तब सेना के अधिकारियों के फोटो सिगरेट के खोखों पर छपते थे।

नाज़ी जर्मनी में सैनिक परेड

सैन्यवाद (Militarism) किसी देश की सरकार या जनता की वह दर्शन है जो विश्वास करता है कि उनके देश को एक शक्तिशाली सेना बनानी एवं रखनी चाहिये तथा अपने देश के हितों की सुरक्षा करने एवं उनके संवर्धन के लिये इसका जमकर उपयोग करना चाहिये।

सैन्यवादी विचारधारा अपने सैन्य तैयारियों के पीछे तर्क देती रहती है कि 'शक्ति से ही शान्ति आती है'। दूसरे शब्दों में, उनका मानना है कि 'यदि आप शांति चाहते हैं तो युद्ध के लिये तैयार रहो।' सैन्यवाद, आधुनिक शान्तिवाद का ठीक उल्टा दर्शन है। ऐतिहासिक रूप से 'सैन्यवाद' का प्रयोग उन राज्यों के लिये हुआ था जो साम्राज्यवाद की नीति पर चलने वाले थे, जैसे- स्पार्टा, ब्रितानी साम्राज्य, जापानी साम्राज्य, संयुक्त राज्य, जर्मन साम्राज्य, नाजी जर्मनी, प्रथम फ्रांसीसी साम्राज्य, फासीवादी इटली, सोवियत संघ, सद्दाम हुसैन के अधीन इराक आदि। वर्तमान समय में 'सैन्यवाद' शब्द का प्रयोग प्रायः पश्चिमी देशों के लिये किया जाता है जिनका नेतृत्व यूएस कर रहा है।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • Military Expenditure by Total, Per Capita, and Percentage of GDP - Nationmaster.com
  • The IWW’s Position on War and Militarism

2 सैन्यवाद का लोगों के जीवन और विचारों पर क्या प्रभाव पड़ता है?

Answer: सैन्यवादी विचारधारा अपने सैन्य तैयारियों के पीछे तर्क देती रहती है कि 'शक्ति से ही शान्ति आती है'। दूसरे शब्दों में, उनका मानना है कि 'यदि आप शांति चाहते हैं तो युद्ध के लिये तैयार रहो। ' सैन्यवाद, आधुनिक शान्तिवाद का ठीक उल्टा दर्शन है।

सैन्यवाद का मतलब क्या होता है?

सैन्यवाद (Militarism) किसी देश की सरकार या जनता की वह दर्शन है जो विश्वास करता है कि उनके देश को एक शक्तिशाली सेना बनानी एवं रखनी चाहिये तथा अपने देश के हितों की सुरक्षा करने एवं उनके संवर्धन के लिये इसका जमकर उपयोग करना चाहिये।

जापान में सैन्यवाद के उदय के मुख्य कारण क्या थे?

सैन्यवाद का उदय प्रारंभिक मीजी सरकार ने जापान को पश्चिमी साम्राज्यवाद से खतरे के रूप में देखा , और फुकोकू क्योहेई नीति के लिए प्रमुख प्रेरणाओं में से एक जापान की आर्थिक और औद्योगिक नींव को मजबूत करना था, ताकि बाहरी शक्तियों के खिलाफ जापान की रक्षा के लिए एक मजबूत सेना का निर्माण किया जा सके।

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