सरस्वती मंत्र का जाप कैसे करें? - sarasvatee mantr ka jaap kaise karen?

Vidya Mantra for Students

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विद्यार्थियों को माता सरस्वती की आराधना अवश्य करनी चाहिए। जो लोग सरस्वती के कठिन मंत्र का जप नहीं कर सक‍ते उनके लिए प्रस्तुत है मां सरस्वती के सरल मंत्र।
इस मंत्र जप का आरंभ करने और आजीवन इस मंत्र का पाठ करने से विद्या और बुद्धि में वृद्धि होती है। इतना ही नहीं परीक्षा में सफलता पाने के लिए भी यह मंत्र अधिक लाभदायी है।


आइए जानें विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती को प्रसन्न करने के मंत्र :-

* 'ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।'

- शरद काल में उत्पन्न कमल के समान मुखवाली और सब मनोरथों को देने वाली मां शारदा समस्त समृद्धियों के साथ मेरे मुख में सदा निवास करें।

* सरस्वती का बीज मंत्र 'क्लीं' है। शास्त्रों में क्लींकारी कामरूपिण्यै यानी 'क्लीं' काम रूप में पूजनीय है।

नीचे दिए गए मंत्र से मनुष्य की वाणी सिद्ध हो जाती है। समस्त कामनाओं को पूर्ण करने वाला यह मंत्र सरस्वती का सबसे दिव्य मं‍त्र है।

* सरस्वती गायत्री मंत्र : 'ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्‌।'

इस मंत्र की 5 माला का जाप करने से साक्षात मां सरस्वती प्रसन्न हो जाती हैं तथा साधक को ज्ञान-विद्या का लाभ प्राप्त होना शुरू हो जाता है। विद्यार्थियों को ध्यान करने के लिए त्राटक अवश्य करना चाहिए। 10 मिनट रोज त्राटक करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। एक बार अध्ययन करने से कंठस्थ हो जाता है।

नमस्ते शारदे देवी, काश्मीरपुर वासिनी,

त्वामहं प्रार्थये नित्यं, विद्या दानं च देहि में,

कंबू कंठी सुताम्रोष्ठी सर्वाभरणंभूषिता,

महासरस्वती देवी, जिव्हाग्रे सन्नी विश्यताम् ।।

शारदायै नमस्तुभ्यं , मम ह्रदय प्रवेशिनी,

परीक्षायां समुत्तीर्णं, सर्व विषय नाम यथा।।

- मां सरस्वती का सुप्रसिद्ध मंदिर मैहर में स्थित है। मैहर की शारदा माता को प्रसन्न करने का मंत्र इस प्रकार है।

* 'शारदा शारदांभौजवदना, वदनाम्बुजे।

सर्वदा सर्वदास्माकमं सन्निधिमं सन्निधिमं क्रियात्।

सरस्वती मंत्र : सरल मंत्र से करें मां की आराधना

देवी सरस्वती का मूल मंत्र



वीणावादिनी, शुभ्रवसना, मंद-मंद मुस्कुराती हंस पर विराजमान मां सरस्वती के पूजन से मानव जीवन का अज्ञान रूप दूर होकर ज्ञान का प्रकाश प्राप्त होता है। भारतीय धर्म शास्त्रों में देवी-देवता के पूजन एवं स्तुति के लिए कई प्रकार के मंत्र रचा गए है। यह मंत्र विशेष रूप मां सरस्वती को प्रसन्न करने का अद्‍भुत उपाय है।


जब भी कोई परीक्षा देने जाए तब इस मंत्र को सच्चे मन से मां सरस्वती का स्मरण कर 7 बार पढ़ें। सरस्वती पूजन के समय यह श्लोक पढ़ने से मां की असीम कृपा प्राप्त होती है। अगर समयाभाव हो तो मा‍त्र एक बार भी घी का दीपक जलाकर पढ़ा जा सकता है।


मां सरस्वती का श्र्लोक :-

ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।।
कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।
वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।।
रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:।।
वन्दे भक्तया वन्दिता च मुनीन्द्रमनुमानवै:।

जो लोग सरस्वती के कठिन मंत्र का जप नहीं कर सक‍ते उनके लिए प्रस्तुत है मां सरस्वती का सरल अष्टाक्षर मंत्र। इस मंत्र का पाठ नित्य करने से विद्या और बुद्धि में वृद्धि होती है। यह मंत्र देवी सरस्वती का मूल मंत्र है : -
* 'शारदा शारदाभौम्वदना। वदनाम्बुजे।
सर्वदा सर्वदास्माकमं सन्निधिमं सन्निधिमं क्रिया तू।'

* श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा।

* ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः।

- जब भी देवी सरस्वती की पूजा करें तथा भोग अर्पित करें तो इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। यह मंत्र हर विद्यार्थी को परीक्षा दिलाने में और उनकी बुद्धि को पढ़ाई में एकाग्रता लाने का कार्य कर‍ता है।




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ज्ञान और विद्या प्राप्ति के लिए चमत्कारी सरस्वती मंत्र | Saraswati mantras

सरस्वती देवी ने ही मनुष्य को भाषा प्रदान की है। ज्ञान और विद्या पाने के लिये स्टूडेंट्स से लेकर बड़े लोग तक सरस्वती माता की उपासना वंदना और मंत्र से करते है। सरस्वती वंदना या प्रार्थना नियमित पूजा श्लोक का हिस्सा है और सरस्वती मंत्र या सरस्वती सूक्तम 'ऋग्वेद' में है जो की पूरी तरह से अलग है। ये प्रचलित मंत्र अर्थ सहित यहाँ दी गई है.

सरस्वती मंत्र के लाभ - Benefits of Saraswati Mantra

सरस्वती मंत्र के नियमित जाप से पढ़ाई में एकाग्रता, वाणी और याददाश्त में सुधार होता है। फलस्वरूप यह जानकारी को आसान और लंबे समय तक चलने वाला बनाता है। सरस्वती मंत्र के समर्पित पाठ से छात्र को अपनी परीक्षा पास करने में मदद मिल सकती है। यहां तक कि उच्च अध्ययन और शोध कार्य के लिए इच्छुक लोगों को सरस्वती मंत्र से काफी लाभ हो सकता है। कलाकार, कवि, लेखक और सार्वजनिक वक्ता सरस्वती मंत्र की मदद से नई ऊँचाइयों तक पहुँच सकते हैं।

चमत्कारी सरस्वती मंत्र | Miracle Saraswati Mantra  :

1. सरस्वती बीज मंत्र

देवी सरस्वती का आह्वान करने वाला बीज मंत्र "Hreem" और "Shreem" दो शब्दों पर आधारित है।

ॐ ह्रीं श्रीं सरस्वत्यै नमः।

ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः।।

अर्थ: देवी सरस्वती को प्रणाम।

लाभ: सरस्वती के इस मंत्र का जाप करने से बुद्धि और वाणी की शक्ति बढ़ती है।

2. सरस्वती ध्यान मंत्र

ॐ सरस्वती मया दृष्ट्वा, वीणा पुस्तक धारणीम्।

हंस वाहिनी समायुक्ता मां विद्या दान करोतु में ॐ।।

3. सरस्वती विद्या मंत्र

सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि।

विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा।।

लाभ: इससे स्मृति, अध्ययन में शक्ति और एकाग्रता में सुधार होता है।

4. श्री सरस्वती पुराणोक्त मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

5. सरस्वती मंत्र शक्तिशाली वाणी के लिए

इस सरस्वती मंत्र का एक लाख बार पाठ करें। इस सरस्वती मंत्र का पाठ करने से व्यक्ति बहुत सारा ज्ञान प्राप्त कर प्रसिद्ध हो जाता है।

वद वद वाग्वादिनी स्वाहा।।

अर्थ : वाग देवी, मुझ पर वाणी की शक्ति को श्रेष्ठ करो।

लाभ: ठीक से ना बोल पाने वाले बच्चों के लिए, इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से उचित वाणी प्राप्त करने में मदद मिलती है और भविष्य में उनके संचार कौशल में भी सुधार होता है।

6. बुद्धि बढ़ाने के लिए सरस्वती मंत्र

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वाग्देव्यै सरस्वत्यै नमः।

इस सरस्वती मंत्र का एक लाख बार पाठ करें। इस सरस्वती मंत्र का पाठ करने से बुद्धि, रचनात्मकता और ज्ञान में वृद्धि होती है।

7. ज्ञान के लिए सरस्वती मंत्र

सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने।

विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोस्तुते।।

अर्थ : मुझ पर श्रेष्ठ ज्ञान और विद्या की प्राप्ति के लिए देवी को प्रणाम।

लाभ: इस मंत्र को नियमित रूप से भक्ति के साथ जप करने से पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। जिन्हें सीखने में कठिनाई होती है वे इस मंत्र का सहारा ले सकते हैं।

8. सरस्वती गायत्री मंत्र

ॐ ऐं वाग्देव्यै विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्।।

अर्थ : मुझे वाणी की देवी का ध्यान करने दो। हे भगवान ब्रह्मा की पत्नी, मुझे उच्च बुद्धि प्रदान करें, और देवी वाणी मेरे मन को प्रकाशित करें।

लाभ: इस मंत्र का जाप करने से छात्रों की क्षमताओं को तेज किया जा सकता है और परीक्षा और अन्य कार्यक्रमों से पहले घबराहट महसूस करने वालों के होश को शांत किया जा सकता है।

9. निर्भयता के लिए सरस्वती मंत्र

महो, अर्णः सरस्वती प्रचेयति केतुना, धियो विश्व विराजति।।

अर्थ: दिल से सभी अनावश्यक भय को दूर करने और अधिक ज्ञान और बुद्धि के साथ मन को प्रसन्न करने में मदद करें।

लाभ: यह मंत्र ज्ञान साधकों के मन को रोशन करने और नए सांसारिक अनुभवों के भय को दूर करने के लिए देवी सरस्वती को समर्पित है।

सरस्वती देवी को शारदे, वीणापानी, भारती, पुस्तक धारणी, विद्यादायनी, वर्धनायाकी, सावत्री एवं गायत्री नाम से भी जाना जाता है। सरस्वती माता बहुत ही कोमल तथा सरल स्वाभाव की मानी जाती है तथा इनको पवित्रता का प्रतिनिधित्व करने वाले शुद्ध सफेद कपड़े पहने एक सुंदर महिला के रूप में दर्शाया गया है। 

ज्ञान और सत्य के प्रतीक श्वेत हंस पर विराजमान है, एक हाथ वीणा को पकड़े हुए हैं, जिसमें से सारी रचनात्मकता बहती है. सरस्वती माँ के चार हाथों में से एक में पुस्तक तो एक में माला, एक में पानी का कमंडल है। इनके हाथों में पुस्तक वेदों को दर्शाती है। स्वान पक्षी इनके पैरों के पास होता है। यह एक पवित्र पक्षी है, जो दूध और पानी के मिश्रण से सिर्फ दूध पीता है।

सरस्वती माता की पूजा कैसे करनी चाहिए -

ज्ञान और वाणी के बिना संसार की कल्पना करना संभव नहीं है। माता सरस्वती ज्ञान और वाणी की देवी हैं। इसलिए मनुष्य ही नहीं, देवता और असुर भी माता की भक्ति भाव से पूजा करते हैं। पूजा के दिन लोग अपने अपने घरों या पूजा पंडालों में माता की प्रतिमा की पूजा करते हैं। पूजा समितियों के द्वारा भी इनकी पूजा का भव्य आयोजन किया जाता है। 

सरस्वती पूजा करते समय सबसे पहले सरस्वती माता की तस्वीर अथवा प्रतिमा को सामने रखना चाहिए। इसके बाद कलश स्थापित करके गणेश जी तथा नवग्रह की विधिवत् पूजा करने के बाद माता सरस्वती की पूजा करें। 

सरस्वती माता की पूजा करते समय उन्हें सबसे पहले आचमन और स्ना कराएं।

इसके बाद माता को फूल, माला और फल चढ़ाएं। सिन्दूर, अन्य श्रृंगार की वस्तुएं भी अर्पित किया जाना चाहिए।

संबंधित जानकारियाँ-

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सरस्वती मंत्र कितनी बार बोलना चाहिए?

- जब भी देवी सरस्वती की पूजा करें तथा भोग अर्पित करें तो इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें।

सरस्वती मंत्र का जाप कब करना चाहिए?

मां सरस्वती, जो प्रधानत: जगत की उत्पत्ति और ज्ञान का संचार करती हैं। * विद्या प्राप्ति का प्रभावी मंत्र : प्रतिदिन हरे हकीक या स्फटिक माला से सुबह के समय में 108 बार जपें।

सरस्वती मां का मूल मंत्र क्या है?

1. सरस्वती ॐ सरस्वत्यै नमः।

सरस्वती मंत्र कैसे मदद करता है?

* सरस्वती गायत्री मंत्र : 'ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्‌। ' इस मंत्र की 5 माला का जाप करने से साक्षात मां सरस्वती प्रसन्न हो जाती हैं तथा साधक को ज्ञान-विद्या का लाभ प्राप्त होना शुरू हो जाता है।

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