सूर्य देव को जल देते समय क्या बोलना चाहिए? - soory dev ko jal dete samay kya bolana chaahie?

हिंदू धर्म में सुबह उठ़कर सूर्यदेव को जल चढ़ाना बेहद आम बात है। लेकिन क्‍या आप सूर्य देव की पूजा और जल चढ़ाने के नियम जानते हैं? क्‍या आप सूर्य को जल चढ़ाने का मंत्र जानते हैं? और क्‍या आप सूर्य को जल चढ़ाने का समय जानते हैं? आइए जानते हैं सूर्य देव की पूजा और जल चढ़ाने से संबधित कुछ महत्‍वपूर्ण नियम, मंत्र और जानकारियां…

  • सूर्य को जल चढ़ाने का मंत्र
  • सूर्य के 12 नाम इस प्रकार हैं
  • सूर्य को जल चढ़ाने का समय

सूर्य को जल चढ़ाने का मंत्र

हिंदू धर्म में सुबह उठ़कर स्‍नानादि करने के बाद मनुष्‍य सबसे पहला काम सूर्य देव को अर्घ्‍य देने का करता है। बहुत सारे लोग इसे पूरे विधि-विधान और मंत्रोच्‍चार के साथ करते हैं। लेकिन कई लोग Surya Ko Jal Chadhane Ka Mantra और नियम नहीं जानते हैं। दरअसल शास्‍त्रों में सूर्य को जल चढ़ाने के कई नियम (surya jal arpan mantra) बताए गए हैं।

शास्‍त्रों के मुताबिक, सूर्य देव को जल चढ़ाने का पात्र तांबे का होना बेहद आवश्‍यक माना जाता है। सूर्य देव को जल चढ़ाते समय तांबे के पात्र को दोनों हाथों से पकड़ना चाहिए। सूर्य को जल चढ़ाते समय ऊं सूर्याय नम: मंत्र का जाप करते रहना चाहिए। इसके अलावा आप सूर्य मंत्र जल चढ़ाते समय सूर्य देव के 12 नामों का भी ध्‍यान कर सकते हैं।

सूर्य के 12 नाम इस प्रकार हैं

  1. ॐ सूर्याय नम:
  2. ॐ मित्राय नम:
  3. ॐ रवये नम:
  4. ॐ भानवे नम:
  5. ॐ खगाय नम:
  6. ॐ पूष्णे नम:
  7. ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
  8. ॐ मारीचाय नम:
  9. ॐ आदित्याय नम:
  10. ॐ सावित्रे नम:
  11. ॐ अर्काय नम:
  12. ॐ भास्कराय नम:

सूर्य को जल चढ़ाने का समय

शास्‍त्रों के मुताबिक, सूर्य को जल चढ़ाने का समय बेहद ध्‍यान रखने योग्‍य है। दरअसल उगते हुए सूर्य को जल चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है। वहीं कई लोग कभी भी सूर्य को जल चढ़ाते हैं, तो उन्‍हें इसका किसी भी तरह का कोई फल नहीं प्राप्‍त होता है।

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  • भूलकर भी सूर्य को अर्घ्य देते समय ना करें ये गलतियां

    सूर्य ना सिर्फ हमको बल्कि संपूर्ण ब्रह्मांड को ऊर्जा प्रदान करता है। सनातन धर्म में सूर्य को अर्घ्य देना बहुत शुभ मानते हैं। ज्यादातर लोग सुबह पूजा-पाठ करने के बाद सूर्य को जल भी देते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से जीवन में सभी समस्याओं का अंत होता है। लेकिन बुजुर्गों ने सूर्य को जल देते समय कुछ सावधानियों के बारे में बताते हैं। उनका मानना है कि सूर्य को जल देते समय अगर इन बातों का ध्यान रखा जाए तो ईश्वर की हमेशा आप पर कृपा बनी रहती है। आइए जानते हैं बुजुर्गों ने सूर्य देव को जल देते समय किन बातों का ध्यान रखने के बारे में बताया है…

  • नौ ग्रहों की रहती है कृपा

    सूर्यदेव को जल अर्पित करते से पहले ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना बहुत जरूरी है। शास्त्रों के अनुसार, ऐसे समय में सूर्य देव को जल अर्पित किया जाए तो उनके साथ नौ ग्रहों की कृपा बनी रहती है। ब्रह्म मुहूर्त में सूर्य का रंग लाल होता है और आप जब जल चढ़ाते हैं तो बहुत शुभ फल मिलता है।

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  • इस तरह दें सूर्य को अर्घ्य

  • बनी रहती है सकारात्मक ऊर्जा

  • इस दिशा में सूर्य को दें जल

  • पड़ता है अशुभ प्रभाव

    सूर्य को जल देते समय ध्यान रहे कि जल की छीटें आपके पैरों पर न पड़े। माना जाता है कि ऐसा होने पर सूर्य को जल देने से मिलने वाला फल नहीं मिलता है। साथ ही अशुभ प्रभाव भी पड़ता है।

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  • हर कार्य में मिलती है सफलता

    सूर्यदेव को हर रोज जल देने से कुंडली में व्याप्त सभी दोष खत्म हो जाते हैं। साथ ही समाज में सम्मान मिलता है और हर कार्य में सफलता मिलती है। सूर्य के प्रभाव से आपके साथ-साथ आपके परिवार के सदस्यों की सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और उनके दिन की शुरुआत अच्छी होती है।

सूर्य देव को जल चढ़ाते समय क्या बोलना चाहिए?

सुबह के समय जल अर्पित करने फायदेमंद माना जाता है। सूर्य को जल देते समय ''ऊं आदित्य नम: मंत्र या ऊं घृणि सूर्याय नमः'' मंत्र का जाप करना चाहिए

सूर्य को जल चढ़ाते हुए कौन सा मंत्र बोले?

सूर्य को जल देने के बाद ऊं आदित्य नम: मंत्र या ऊं घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ होता है.

सूर्य को जल कितने बजे तक देना चाहिए?

6- इसके साथ सूर्य को जल हमेशा सुबह के समय देना फलदायी माना जाता है. अगर आपको सूर्य के दर्शन नहीं हो रहे हों तो जहां आप वो वहीं उनका नाम लेकर जल को अर्पित कर दें. इस दौरान आप ऊं आदित्य नम: मंत्र या ऊं घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जाप भी करें.

सूर्य देव को पानी कैसे दिया जाता है?

सूर्य देव के अर्घ्य हमेशा पूर्व दिशा की ओर ही मुख करके देना चाहिए और अर्घ्य देते समय ओम सूर्याय नम: मंत्र का जप करते रहना चाहिए। साथ ही ध्यान रखें कि नंगे पैर ही सूर्य को जल चढ़ाएं।

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