सातवें घर में राहु हो तो क्या करें? - saataven ghar mein raahu ho to kya karen?

अगर आपकी जन्मकुंडली में राहु मौजूद हैं, किसी घर में बैठा है और आपको विपरीत असर देखने को मिल रहे हैं तो बेहतर होगा कि आप थोड़ा सावधान हो जाएं। राहु क्रूर ग्रहों में से एक है, यह ग्रह व्यक्ति के जीवन में परेशानी, बाधा और असंतोष पैदा करने के लिए जाना जाता है। ऐसे मं जरूरी है कि अपनी जन्म कुंडली में इसके स्थान की जांच कराई जाए। एक ओर जहां इस ग्रह की छाया आपको एक बड़ा लाभ कमाने में मदद करती है तो वहीं दूसरी ओर फिजूल खर्च भी इसके कारण बढ़ता है। ऐसे में आप पैसे के खर्च पर नियंत्रण खो सकते हैं।

राहु का सप्तम भाव में होना आपके वैवाहिक संबंधों को सीधे प्रभावित कर सकता है । इसका असर जीवन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर भी हो सकता है। यह सप्तम भाव राहु आपके प्रेम जीवन में समस्याएं पैदा कर सकता है, संभवतया इसलिए, आपको अपने जीवन साथी को खोजने में देरी हो सकती है। राहु का अन्य ग्रहों की तरह भौतिक महत्व नहीं है, लेकिन इसके कारण चंद्रमा आपके वैवाहिक जीवन को उल्टा कर सकता है। राहु मानव मन में भ्रम, भय और गलतफहमी पैदा कर सकता है। इसके परिणामस्वरूप आपके जीवन साथी के साथ आपके संबंध मधुर नहीं होंगे।

कुंडली में सातवें घर का राहु आपको अपने जीवनसाथी से अलग कर सकता है। इसके अलावा आपको अपने व्यवसाय घाटा खा सकते हैं, धन का हानी हो सकती है और तो और कॅरियर में भी पिछड़ सकते हैं, परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। सातवेंं घर में मजबूत राहु वाले जातक अक्सर आयात-निर्यात से जुड़े व्यवसाय में अच्छे होते हैं। इसे आप विदेशी स्रोतों से धन लाभ अर्जित कर सकते हैं। अब देखते हैं कि राहु की इस स्थिति के बारे में ज्योतिष विशेषज्ञ क्या कहते हैं।

सप्तम भाव में राहु का क्या अर्थ है?

सप्तम भाव को सामान्यत: विवाह का भाव कहा जाता है। यह भाव विवाह संबंध, जीवन साथी, व्यापार साझेदारी और विदेश यात्रा को दर्शाता है। यदि राहु सप्तम भाव में स्थित हो तो वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। यह स्थान दर्शाता है कि राहु लग्न भाव से सातवेंं भाव में बैठा है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि केतु लग्न भाव में विराजमान है।

विवाह के घर में राहु विवाह में बाधा उत्पन्न कर सकता है। इसके साथ ही सातवें भाव में होने के कारण आपको मनचाहा जीवनसाथी मिलना मुश्किल हो सकता है। यदि जन्म कुंडली में राहु विपरीत तरीके से मौजूद है, तो आपके विवाह में देरी होने की संभावना है। यदि यह ग्रह अन्य अशुभ ग्रहों के साथ जगह साझा कर रहा है, तो यह आपके निजी जीवन व प्रेम संबंधों पर बहुत ही बुरा असर डाल सकता है।

सप्तम भाव का राहु आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। यदि बुध, शुक्र या केतु एकादश भाव में हो तो शरीर में दर्द या सिर दर्द की शिकायत हो सकती है। यह आपके परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य को भी बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा जो जातक व्यावसायिक साझेदारी से जुड़े हैं, उन्हें चाहिए कि वे पूरी तरह अपने काम पर ध्यान दें। नहीं तो उन्हें व्यापार में धन हानि हो सकती है।

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सातवें भाव में राहु का प्रभाव

  • विवाह संबंध
  • जीवनसाथी
  • व्यापार साझेदारी
  • धन और समृद्धि

राहु का सप्तम भाव में आपके व्यक्तित्व पर प्रभाव

सातवें घर में राहु की उपस्थिति का मतलब है कि आपको असामान्य परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। यह दर्शाता है कि आप अपने साथी के प्रति बेईमान और बेवफा होंगे। राहु आपके जीवन में दुख और अशांति का कारण बन सकता है। एक या एक से अधिक प्रेम प्रसंगों हो सकते हैं, ऐसे में आप असहाय और हारा हुआ महसूस कर सकते हैं। जीवनसाथी और आप में दूरियां रहेंगी। यह दूरियां शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की हो सकती हैं।

यह युति बताती है कि आप पैसा कमाने का झूठा वादा करके विदेश जाने का प्रयास कर सकते हैं। व्यावसायिक भागीदारों के साथ आपके मैत्रीपूर्ण संबंध खराब हो सकते हैं, इसका असर आपकी छवि पर भी हो सकता है। संभव है कि आपका साझेदार आपकी बात से सहमत नहीं हो। व्यापार में विवाद हो सकता है। यह आपकी प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंचा सकता है। निजी जीवन या प्रोफेशनल लाइफ, आपमें दोनों जगहों पर ही विश्वास, ईमानदारी की कमी देखने को मिलेगी।

राहु का सप्तम भाव में आपके विवाह पर प्रभाव

राहु और सप्तम भाव की युति वाले व्यक्तियों का वैवाहिक जीवन अस्थित रहता है। उन्हें वैवाहिक जीवन में मदद नहीं मिल सकती है। सप्तम भाव का राहु आपके जीवनसाथी के साथ गलतफहमी और भ्रम पैदा करने के लिए जिम्मेदार होता है। आपको अपने वैवाहिक संबंधों में सामंजस्य और शांति नहीं मिल सकती है।

यह स्थिति आपको दुख, चिंता, दर्द और कठिनाई दे सकती है। इनकी युति के सकारात्मक लक्षण संकेत करते हैं कि आपको अपने साथी से शारीरिक संतुष्टि मिल सकती है। इसके इतर आपका वैवाहिक जीवन शुष्क या रसहीन रहेगा। खुशियां मिलना आपके लिए बेहद मुश्किल होगा। राहु का सातवें घर में होना यानी प्रेम विवाह लंबे समय तक नहीं चलेगा।

सातवें भाव का राहु आपके जीवन साथी से आपको दूर रखेगा। आपमें प्यार, विश्वास और समर्थन की कमी देखने को मिलेगी। इससे आप दोनों के बीच अलगाव हो सकता है। आपकी पहली शादी सफल नहीं हो सकती है। ऐसे में पहले विवाह के विच्छेद के बाद आप पुनर्विवाह कर सकते हैं। दूसरी बार हुई शादी में आपको जीवन साथी प्यार करने वाला और देखभाल करने वाला मिल सकता है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यह संबंध हमेशा सवालों के घेरे में रहेगा।

राहु का सप्तम भाव में आपके कॅरियर पर प्रभाव

जिन जातकों की जन्म कुंडली में सप्तम भाव में राहु होता है, उनकी संपत्ति बेहतर स्थिति में हो सकती है। ये प्रोफेशनल लाइफ में अच्छा खासा वित्तीय लाभ कमा सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ आपको लंबे समय तक लाभ तो मिलेगा, लेकिन यह दीर्घकालिक या स्थिर लाभ नहीं होगा। आपके व्यावसायिक भागीदार के साथ संघर्ष या विवाद हो सकते हैं। यहां राहु आपको कॅरियर में ऊंचाइयां हासिल करने में बाधाएं पैदा कर सकता है।

राहु और सप्तम भाव की यह युति आपको राजनीतिक जगत में सफलता दिलाने का काम कर सकती है। यदि आप राजनीति में प्रवेश करते हैं, तो आप थोड़े समय में धन और समृद्धि अर्जित कर सकते हैं। मुख्य रूप से ऐसी स्थिति वाले जातकों को 35 वर्ष की आयु के बाद कॅरियर में सफलता मिल सकती है। आप इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार क्षेत्र में या एक शोधकर्ता के रूप में अपने कॅरियर के सही मुकाम पर ले जा सकते हैं। यदि आप कोई छोटा व्यवसाय शुरू करते हैं तो भी आपको सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।

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राहु के सातवें घर के लिए उपाय

सातवें भाव में राहु के प्रभाव को कम करने के उपाय नीचे दिए गए हैं।

  • भगवान शिव के मंदिर में जाएं और शिवलिंग को बेलपत्र चढ़ाएं।
  • अपने घर के आंतरिक वातावरण को साफ करने के लिए कपूर जलाएं।
  • काले या गहरे रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए. खासकर शनिवार के दिन ये कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
  • शनिवार के दिन काले कुत्तों को कुछ खिलाएं।

समापन

यदि राहु सातवें घर में है, तो आपके लिए कोई भी संबंध बहुत आसान नहीं हो सकते हैं। शुरुआत में आपको अपने जीवन साथी को खोजने में सामान्य से अधिक समय लग सकता है। इसके बाद अगर आप शादी कर लेते हैं, तो आप अपने रिश्ते को अगले स्तर पर नहीं ले जा पाएंगे।

आप दूसरी शादी की जगह अपने कॅरियर पर ध्यान दे सकते हैं। इसमें मेहनत कर सकते हैं। ऐसा मानें की शादी नौकरी से ही हुई है। प्रोफेशनल मोर्चे पर राहु आपके कॅरियर को आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है। साझेदारी आपके लिए सही नहीं रहेगी प्रतिकूल परिणाम मिलेंगे।

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सातवें भाव में राहु हो तो क्या होता है?

सप्तम भाव को सामान्यत: विवाह का भाव कहा जाता है। यह भाव विवाह संबंध, जीवन साथी, व्यापार साझेदारी और विदेश यात्रा को दर्शाता है। यदि राहु सप्तम भाव में स्थित हो तो वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। यह स्थान दर्शाता है कि राहु लग्न भाव से सातवेंं भाव में बैठा है।

राहु को शांत करने के लिए क्या करना चाहिए?

राहु की शांति के लिए श्वेत मलयागिरी चंदन का टुकड़ा नीले रेशमी वस्त्र में लपेटकर बुधवार को धारण करना चाहिए। वहीं केतु की शांति के लिए बुधवार या गुरुवार को अश्वगंध की जड़ का टुकड़ा आसमानी रंग के कपड़े में धारण करना चाहिए, ऐसा करने से दोनों ग्रह शांत होते हैं और अशुभ प्रभाव से भी मुक्ति मिलती है।

राहु का प्रभाव कैसे कम करें?

राहु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए कुष्ठ आश्रम में दान करना चाहिए। दान देने से राहु का अशुभ प्रभाव कम होता है और इससे वह प्रसन्न भी होते हैं।

राहु दोष कितने दिन रहता है?

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