सदाबहार के पत्ते खाने से क्या नुकसान होता है? - sadaabahaar ke patte khaane se kya nukasaan hota hai?

भी होते हैं। इसके लिए सबसे पहले पत्तों को सुखाकर पाउडर बना लें। अब इस चूर्ण को रोजाना पानी के साथ सेवन करें।

 

सदाबहार के फूलों को चेहरे पर कैसे लगाएं?

 

सदाबहार के फूल और पत्तियों (sadabahar leaves benefits) को पीसकर पेस्ट बना लें। अगर आपको लगता है कि इसे पीसने के लिए पानी की जरूरत है, तो इसका इस्तेमाल करें। अब इस पेस्ट को आधे घंटे के लिए फ्रिज में रख दें, जब आप इसे त्वचा पर लगाएंगे तो आपको ठंडक का अहसास होगा। अब इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाकर 15 मिनट के लिए छोड़ दें।

 

सदाबहार फूल के पत्ते खाने से क्या होता है?

मधुमेह जैसी गंभीर समस्या में सदाबहार पत्ते रामबाण माने जाते हैं। इसके अलावा मलेरिया, गले में खराश और ल्यूकेमिया की समस्या में इसका सेवन बहुत फायदेमंद होता है। शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को दूर करने के लिए भी सदाबहार पत्तों का इस्तेमाल (sadabahar leaves benefits) काफी फायदेमंद होता है।

 

सदाबहार के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

सदाबहार के कितने पत्ते खाने चाहिए?

अब आप जानना चाहेंगे कि आपको सदाबहार (sadabahar leaves uses)के कितने पत्ते खाने चाहिए तो आपको बता दें कि आप रोजाना 5 से 6 सदाबहार पत्तों को चबाकर खा सकते हैं।

शुगर में कौन सी पत्ती खानी चाहिए?

हमारे पुराने शास्त्रों में और आयुर्वेद के अनुसार सदाबहार (sadabahar leaves benefits) एक जड़ी बूटी है, जिसे पेरिविंकल और विनका रसिया के नाम से भी जाना जाता है। शुगर या डायबिटीज के इलाज में ये सदाबहार पत्ते (sadabahar leaves benefits) काफी फायदेमंद साबित होते हैं।

सदाबहार को चेहरे पर लगाने से क्या होता है?

सदाबहार फूल (sadabahar phul) त्वचा को सुंदर और चमकदार बनाने के लिए जाने जाते हैं। सदाबहार फूलों से बने फेस पैक के नियमित इस्तेमाल से त्वचा में एक अलग ही निखार आता है और आप खूबसूरत दिखती हैं।

सदाबहार क्या काम आता है?

आयुर्वेद के अनुसार सदाबहार में तिक्त रस यानि कड़वाहट जैसे गुण होते हैं, इसके अलावा यह वात और कफ दोष को दूर करने के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सदाबहार (sadabahar leaves benefits) के फूल में मौजूद गुण गले के संक्रमण से लेकर मधुमेह की समस्या में बहुत ही उपयोगी और कारगर होते हैं।

सदाबहार फूल का वैज्ञानिक नाम क्या है?

सदाबहार फूल का वैज्ञानिक नाम पेरिविंकल और विनका रसिया है। 

सदाबहार जहरीला है?

जी नहीं, सदाबहार के पत्ते या फूल जहरीला नही होता है लेकिन सदाबहार के पत्ते या फूल कड़वे जरूर होते है जिस वजह से कई लोग इसका इस्तेमाल करने से बचते है लेकिन सदाबहार के अंदर किसी भी प्रकार के जहरीले प्रदार्थ मौजूद नहीं होते है।

निष्कर्ष:

इस आर्टिकल में हमने आपको सदाबहार (sadabahar leaves benefits) के पत्ते और फूल के बारे में विस्तार से बताने का प्रयास किया है अगर आपके मन में किसी भी प्रकार का कोई भी सवाल है तो आप हमसे नीचे दिए गए कॉमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं और अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आए तो आप इसे अपने दोस्तो के साथ ज़रूर शेयर करें।

सदाबहार के अलावा नयनतारा नाम से लोकप्रिय फूल 'विंका' न केवल सुन्दर और आकर्षक होता है, बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर भी माना जाता है। इसे कई देशों में अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। यह एक छोटा झाड़ीनुमा पौधा है, जिसके गोल पत्ते अंडाकार, अत्यंत चमकदार व चिकने होते हैं। पांच पंखुड़ियों वाला यह पुष्प श्वेत, गुलाबी, फालसाई, जामुनी आदि रंगों का होता है। अंग्रेजी में विंका के नाम से जाना जाने वाले सदाबहार के फूल के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं, लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट भी हैं। चलिये जानें क्या हैं सदाबहार के स्वास्थ्य लाभ व साइड इफेक्ट -Images source : © Getty Images

रक्त शर्करा को कम करने की विशेषता

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सदाबहार की जड़ों में रक्त शर्करा को कम करने का गुण होता है। दक्षिण अफ्रीका में सदाबहार के पौधे का उपयोग घरेलू नुस्खे के रूप में मधुमेह के उपचार में किया जाता रहा है। इसकी पत्तियों के रस का उपयोग हड्डा डंक (wasp sting) के उपचार में भी होता है। Images source : © Getty Images

मेनोरेजिया के इलाज में उपयोग

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सदाबहार की जड़ का उपयोग पेट के टॉनिक के रूप में भी होता है। इसकी पत्तियों का सत्व मेनोरेजिया (Menorrhagia) नामक बिमारी के उपचार में प्रयोग किया जाता है। इस बिमारी में दरअसल असाधारण रूप से अधिक मासिक धर्म होता है।Images source : © Getty Images

मुंह व नाक से रक्‍तस्राव होने पर

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विकां का उल्लेख ब्रिटेन औषधीय शास्त्र में सातवीं शताब्दी में मिलता है। कल्पचर नामक ब्रिटिश औषधी विशेषज्ञ ने मुंह व नाक से रक्तश्राव होने पर इसके प्रयोग की सलाह दी थी। लॉर्ड बेकन ने भी अंगों की जकड़न में इसका प्रयोग को लाभदायक बताया। वैसे स्कर्वी, अतिसार, गले में दर्द, टांसिल्स में सूजन, रक्तस्नव आदि में भी यह लाभदायक होता है। Images source : © Getty Images

डिप्‍थीरिया रोग के उपचार में

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सदाबहार की पत्तियों में मौजूद विण्डोलीन नामक क्षार डिप्‍थीरिया के जीवाणु कारिनेबैक्टिीरियम डिप्थेरी (Corynebacterium diptherae) के खिलाफ सक्रिय होता है। इसलिये इसकी पत्तियों के सत्व का उपयोग डिप्थिीरिया रोग के उपचार में किया जा सकता है। इसके अलावा इस पौधे के जड़ का उपयोग सर्प, बिच्छू तथा कीट विषनाशक (antidote) के रूप में किया जा सकता है।Images source : © Getty Images

साइड इफेक्‍ट भी होते हैं

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सदाबहार में कई सारे गुण होते हैं, लेकिन इसके साथ कुछ साइड इफेक्‍ट भी होते हैं। इसके उपयोग के बाद कई बार उल्टी, सिर दर्द, मतली, खून बहना और थकान आदि साइड इफैक्ट भी हो सकते हैं।Images source : © Getty Images

सदाबहार के कितने पत्ते खाने चाहिए?

अगर आप चाहे तो रेगुलर इस पौधे की 5 से 6 पत्तियों को तोड़कर इस को चबाकर खा सकती हैं। ब्लड प्रेशर में फायदेमंद - सदाबहार की जड़ में अज्मलसिने नामक एल्कलॉइड पाया जाता है, जो कि ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है।

सदाबहार फूल की पत्ती खाने से क्या होता है?

सदाबहार की पत्तियों में औषधीय गुण मौजूद होते हैं. इसकी पत्तियों के सेवन से शरीर को कई लाभ हो सकते हैं, लेकिन अगर आप इसका सेवन अधिक मात्रा में करते हैं तो इससे मतली-उल्टी की शिकायत हो सकती है. दरअसल, इसका स्वाद काफी कसैला होता है, ऐसे में अगर आप अधिक मात्रा में इसका सेवन करते हैं तो आपका स्वाद बिगड़ सकता है.

सदाबहार के पत्ते कब खाने चाहिए?

सदाबहार की पत्तियां डायबिटीज की समस्या में बहुत कारगर होती हैं. इसकी पत्तियों में एल्कलॉइड नामक तत्व होता है जो शरीर में इंसुलिन बनाने में मददगार होता है. डायबिटीज मरीजों को सदाबहार की पत्तियों का रस पीना चाहिए. आप हर रोज सुबह सदाबहार की पत्तियों का रस पी सकते हैं.

सदाबहार का पत्ता कैसे खाएं?

सदाबहार के फूल की 10 पत्तियों को चबाकर खाना डायबिटीज में काफी फायदेमंद होता है। दिन में तीन बार पत्तियां खाने से ब्लड शुगर लेवल जल्दी कंट्रोल हो जाता है। इसके अलावा करेले के साथ इसकी पत्तियों का भी जूस बनाकर पी सकते हैं। इसके अलावा सदाबहार की पत्तियों को गर्म पानी में उबालकर इसका काढ़ा भी बना सकते हैं।

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