शिवलिंग पर कौन से फल चढ़ाना चाहिए? - shivaling par kaun se phal chadhaana chaahie?

शिव पूजा का सबसे पावन दिन है सोमवार और इस शिव मंदिरों में भक्तों का भारी जमावड़ा देखा जा सकता है. सारे देवों में शिव ही ऐसे देव हैं जो अपने भक्‍तों की भक्ति-पूजा से बहुत जल्‍दी ही प्रसन्‍न हो जाते हैं. शिव भोले को आदि और अनंत माना गया है जो पृथ्वी से लेकर आकाश और जल से लेकर अग्नि हर तत्व में विराजमान हैं.

शिव पूजा में बहुत सी ऐसी चीजें अर्पित की जाती हैं जो अन्‍य किसी देवता को नहीं चढ़ाई जाती, जैसे- आक, बिल्वपत्र, भांग आदि. इसी तरह शिव पूजा में कई ऐसी चीजें होती हैं जो आपकी पूजा का फल देने की बजाय आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं...

1. हल्‍दी: हल्‍दी खानपान का स्‍वाद तो बढ़ाती है साथ ही धार्मिक कार्यों में भी हल्दी का महत्वपूर्ण स्थान माना गया है. लेकिन शिवजी की पूजा में हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है. हल्दी उपयोग मुख्य रूप से सौंदर्य प्रसाधन में किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है, इसी वजह से महादेव को हल्दी नहीं चढ़ाई जाती.
2. फूल: शिव को कनेर और कमल के अलावा लाल रंग के फूल प्रिय नहीं हैं. शिव को केतकी और केवड़े के फूल चढ़ाने का निषेध किया गया है.
3. कुमकुम या रोली: शास्त्रों के अनुसार शिव जी को कुमकुम और रोली नहीं लगाई जाती है.
4. शि‍व पूजा में वर्जित है शंख: शंख भगवान विष्णु को बहुत ही प्रिय हैं लेकिन शिव जी ने शंखचूर नामक असुर का वध किया था इसलिए शंख भगवान शिव की पूजा में वर्जित माना गया है.
5. नारियल पानी: नारियल पानी से भगवान श‌िव का अभ‌िषेक नहीं करना चाह‌िए क्योंक‌ि नारियल को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है इसल‌िए सभी शुभ कार्य में नारियल का प्रसाद के तौर पर ग्रहण किया जाता है. लेक‌िन श‌िव पर अर्प‌ित होने के बाद नारियल पानी ग्रहण योग्य नहीं रह जाता है.
6. तुलसी दल: तुलसी का पत्ता भी भगवान श‌िव को नहीं चढ़ाना चाह‌‌िए. इस संदर्भ में असुर राज जलंधर की कथा है ज‌िसकी पत्नी वृंदा तुलसी का पौधा बन गई थी. श‌िव जी ने जलंधर का वध क‌िया था इसल‌िए वृंदा ने भगवान श‌िव की पूजा में तुलसी के पत्तों का प्रयोग न करने की बात कही थी.

शिव पूजन में चढ़ने वाली चीजें
जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, ईत्र, चंदन, केसर, भांग. इन सभी चीजों को एक साथ मिलाकर या एक-एक चीज शिवलिंग पर चढ़ा सकते हैं. शिवपुराण में बताया गया है कि इन चीजों से शिवलिंग को स्नान कराने पर सभी इच्छाएं पूरी होती हैं.

10 चीजें और उनसे मिलने वाले फल
1. मंत्रों का उच्चारण करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाने से हमारा स्वभाव शांत होता है. आचरण स्नेहमय होता है.
2. शहद चढ़ाने से हमारी वाणी में मिठास आती है.
3. दूध अर्पित करने से उत्तम स्वास्थ्य मिलता है.
4. दही चढ़ाने से हमारा स्वभाव गंभीर होता है.
5. शिवलिंग पर घी अर्पित करने से हमारी शक्ति बढ़ती है.
6. ईत्र से स्नान करवाने से विचार पवित्र होते हैं.
7. शिवजी को चंदन चढ़ाने से हमारा व्यक्तित्व आकर्षक होता है. समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है.
8. केशर अर्पित करने से हमें सौम्यता प्राप्त होती है.
9. भांग चढ़ाने से हमारे विकार और बुराइयां दूर होती हैं.
10. शकर चढ़ाने से सुख और समृद्धि बढ़ती है.

शिव पूजन की सामान्य विधि
जिस दिन शिव पूजन करना चाहते हैं, उस दिन सुबह स्नान आदि नित्य कर्मों से निवृत्त होकर पवित्र हो जाएं. इसके बाद घर के मंदिर में ही या किसी शिव मंदिर जाएं. मंदिर पहुंचकर भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल या पवित्र जल अर्पित करें. जल अर्पित करने के बाद शिवलिंग पर चंदन, चावल, बिल्वपत्र, आंकड़े के फूल और धतूरा चढ़ाएं.

पूजन में इस मंत्र का जप करें
मन्दारमालांकलितालकायै कपालमालांकितशेखराय।
दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय नम: शिवायै च नम: शिवाय।।

पूजा संपन्न करने के लिए भगवान शिव को घी, शक्कर का भोग लगाएं और इसके बाद धूप, दीप से आरती करें.

Sawan 2021: सावन का महीना शिवभक्तों के लिए खास होता है, इस माह में लोग महादेव को प्रसन्न करने के लिए तमाम उपाय अपनाते हैं। व्रत रखते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं, कथा-आरती सुनते और सुनाते हैं। भगवान शिव को समर्पित इस माह में लोग शिवलिंग की पूजा करते हैं और उन्हें चढ़ावा अर्पित करते हैं। माना जाता है कि शिवलिंग पर बेलपत्र, चंदन, अक्षत और धतूरा चढ़ाना लाभकारी होता है। हालांकि, शिवलिंग पर कुछ चीजों का चढ़ावा वर्जित भी है। जानिये –

तुलसी पत्ता: विद्वानों के मुताबिक तुलसी पत्तों को शिवलिंग पर अर्पित करने से बचना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि तुलसी की उत्पत्ति असुर जलंधर की पत्नी बृंदा के आंसुओं से हुई थी। उन्हें भगवान विष्णु की पत्नी के रूप में स्वीकार किया जाता है। इसी वजह से शिवलिंग पर तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए।

हल्दी: आपने देखा होगा कि शुभ आयोजनों और पूजा-पाठ के मौके पर हल्दी का इस्तेमाल होता होगा। लेकिन शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाने की मनाही होती है। शास्त्रों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि शिवलिंग पौरुष का सूचक होता है। वहीं, हल्दी को सौंदर्य की निशनी के रूप में देखा जाता है। साथ ही, पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान विष्णु और सौभाग्य से हल्दी का संबंध होता है। साथ ही, मान्यता ये भी है कि शिवजी को हल्दी चढ़ाने से चंद्रमा कमजोर हो जाता है।

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सिंदूर: पति की लंबी आयु के लिए सुहागिन महिलाएं मांग में सिंदूर लगाती हैं। हालांकि, शिव पुराण में इस बात का जिक्र है कि भगवान भोलेनाथ को सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि शिव को विनाशक कहा जाता है। इसी वजह से शिवलिंग पर भी कुमकुम अर्पित नहीं करना चाहिए।

लाल फूल: ऐसी मान्यता है कि महादेव को लाल और केतकी के फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान शिव ने किसी बात को लेकर झूठ बोलने पर केतकी फूल को श्राप दिया था कि कभी भी उनकी पूजा या शिवलिंग पर इन फूलों को अर्पित नहीं किया जाएगा।

नारियल: नारियल को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, ऐसे में इनका संबंध भगवान विष्णु से होता है। यही कारण है कि शिवलिंग के ऊपर नारियल अर्पित करने से बचना चाहिए।

तिल: कहते हैं कि भगवान विष्णु जी के मैल से तिल की उत्पत्ति हुई थी, इसी वजह से शिवलिंग पर इसे नहीं चढ़ाना चाहिए।

शिव जी को कौन सा फल पसंद है?

मदार और धतूरा मदार और धतूरे के फल और फूल प्रकृति में विषैले होते हैं लेकिन भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं।

शिवलिंग पर कौन कौन से फल चढ़ाए जाते हैं?

भगवान शिव को धतूरा अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा धतूरे के फल और फूलों के बिना अधूरी है। शिवलिंग पर धतूरे का फल और फूल चढ़ाने से मनुष्य को दुखों से छुटकारा मिलता है।

शिवलिंग पर कौन सा फल नहीं चढ़ाना चाहिए?

श‍िवल‍िंग पर कभी न चढ़ाएं नार‍ियल पानी हालांक‍ि यहां यह स्‍पष्‍ट कर दें क‍ि शिवजी की पूजा तो नारियल से होती है लेकिन नारियल वर्जित है।

शिव जी को क्या चढ़ाने से क्या फल मिलता है?

इसके अलावा.
शिवलिंग पर कच्चे चावल चढ़ाने से धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है।.
तिल चढ़ाने से समस्त पापों का नाश होता है।.
शिवलिंग पर जौ चढ़ाने से लंबे समय से चली रही परेशानी दूर होती है।.
शिवलिंग पर गेहूं चढ़ाने से सुयोग्य पुत्र की प्राप्ति होती है।.

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