तंबाकू की खेती कौन से जिले में होती है? - tambaakoo kee khetee kaun se jile mein hotee hai?

तम्बाकू (Tobacco) की खेती किसानों के लिए कम समय व कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाली नगदी फसल होती है। यह सोलेनेसी (Solanaceae) परिवार से सम्बन्ध रखता है। इसका वैज्ञानिक नाम निकोटियाना टैबैकम (Nicotiana tabacum) और साधारण नाम खैनी, सुरती, मीठा जहर है। इसकी खेती चीन, भारत, ब्राजील, संयुक्त राज्य अमेरिका, जिम्बाब्वे, तुर्की और मलावी आदि देशों में व्यावसायिक रूप से की जाती है। भारत में तम्बाकू की खेती मुख्य रूप से आंध्रा प्रदेश, गुजरात, मद्रास, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, मैसूर, हैदराबाद, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, राजस्थान तथा पंजाब आदि राज्यों में की जाती है। 

Table of Contents

  • उपयोगिता
  • जलवायु
  • तापमान
  • भूमि
  • भूमि की तैयारी
  • खाद एवं उर्वरक
  • उन्नत किस्में
  • बीज की मात्रा
  • बीज उपचार
  • तम्बाकू की नर्सरी
  • रोपाई का समय
  • रोपाई की विधि
  • पौधे की संख्या
  • सिंचाई
  • खरपतवार नियंत्रण
  • पौधे की देखभाल
  • फसल कटाई
  • तम्बाकू तैयार करना
  • तम्बाकू से उपज
  • तम्बाकू का उपज कहाँ बेचें
  • तम्बाकू का बीज कहां मिलेगा
  • तम्बाकू की खेती के लिए दिशा-निर्देश

उपयोगिता

तम्बाकू (Tobacco) की उपयोगिता इस प्रकार है-

  • खाद्य पदार्थ में: इसका इस्तेमाल धुआँ और धुआँ रहित नशे की चीजों में किया जाता है। जैसे- सिगरेट, बीड़ी, हुक्का, गुल, पान मसाला, जर्दा, खैनी, गुटखा आदि। 
  • कृषि में: तम्बाकू का इस्तेमाल जैविक कीटनाशक बनाने में किया जाता है। इसके साथ ही इसकी खली का पशुओं को खिलाने या खेतों के लिए खाद के रूप में भी उपयोग हो सकता है।
  • औषधियों में: तंबाकू का इस्तेमाल कई तरह की दवाइयां बनाने में भी किया जाता है। इसमें निकोटिन की मात्रा होने से इसका इस्तेमाल एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल दवाएं बनाने में किया जा सकता है।
  • उद्योग में: तम्बाकू के बीज से निकलने वाले तेल का उपयोग वार्निश और रंग के उद्योग में भी किया जाता है। कृषि आनंद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ने ‘ऑटोमेटिक तेल मिल’ को भारत की पहली मशीन बताया है जो तम्बाकू से तेल निकाल सकती है।

NOTE: तम्बाकू (Tobacco) का सेवन और धूम्रपान करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसके किसी भी रूप में इस्तेमाल करने से पहले आप डॉक्टर या फार्मासिस्ट या फिर हर्बल विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

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जलवायु

तम्बाकू (Tobacco) की खेती के लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु उपयुक्त होता हैं। लेकिन भारत में इसकी खेती लगभग सभी क्षेत्रों की जलवायु में सफलतापूर्वक किया जा सकता है।

तापमान

तम्बाकू (Tobacco) के पौधे की बेहतर विकास के लिए 18 से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान और 50 से 100 सेंटीमीटर तक वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्र इसकी खेती के लिए उपयुक्त होता है। इसकी खेती समुद्र तल से लगभग 1800 मीटर ऊंचाई तक की जा सकती है।

भूमि

तम्बाकू (Tobacco) की खेती से अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए अच्छी जल निकास वाली लाल दोमट व कछारी  मिट्टी जिसका PH मान 6 से 8 हो उपयुक्त होती है।

भूमि की तैयारी

तम्बाकू (Tobacco) से अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए भूमि तैयारी के समय खेत की 3 से 4 बार अच्छी तरह जुताई कर खेत को समतल करें।

खाद एवं उर्वरक

आप अपने खेत की मिट्टी की जाँच कराके खेत में खाद एवं उर्वरक का प्रयोग करें। यदि मिट्टी की जाँच ना हो सके तो उस स्थिति में प्रति एकड़ खाद एवं उर्वरक का प्रयोग करें-

तम्बाकू (Tobacco) की खेती से अच्छी उपज के लिए कम्पोस्ट या गोबर की सड़ी खाद 8 से 10 टन प्रति एकड़ की दर से, खेत की तैयारी के समय डालें। इसके अलावा रासायनिक खाद के रूप में 40 किलो नाइट्रोजन, 40 किलो फॉस्फोरस, 25 किलो पोटाश और 50 किलो कैल्सियम प्रति एकड़ की दर से देना चाहिए।

उन्नत किस्में

तम्बाकू (Tobacco) की उपयोगिता के आधार पर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है-

  1. निकोटिना टुवैकम: पुरे भारत में सबसे ज्यादा इस प्रजाति के किस्मों की खेती की जाती है। इसके  पौधे लम्बे, पत्तियां बड़ी व फूल का रंग गुलाबी होती हैं। इस किस्म के प्रजाति का उपयोग सिगरेट, सिगार, हुक्का और बीडी बनाने में ज्यादा उपयोग किया जाता है। इस प्रजाति के उन्नत किस्म इस प्रकार है – टाइप-23, टाइप-49, टाइप-238, एमपी-220, फर्रुखाबाद लोकल, पटुवा, मोतिहारी, कलकतिया, पीएन-28, एनपीएस-219, पटियाली, सी-302 आदि। 
  2. निकोटिना रस्टिका: इस किस्म की खेती के लिए ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है। इसके पौधे छोटा और पत्तियां रूखी एवं भरी, रंग काला व महक तेज होती है। इस किस्म के प्रजाति का उपयोग खाने, सूंघनी व हुक्का में किया जाता है। इस प्रजाति के उन्नत किस्म इस प्रकार है- पीटी-76, पीएन-70, एनपी-35, हरी बंडी, कोइनी, सुमित्रा, गंडक बहार, प्रभात, रंगपुर आदि।

बीज की मात्रा

तम्बाकू (Tobacco) का बीज का आकार और वजन काफी भिन्न होता है। निकोटिना टैबैकम में बीज का औसत वजन 0.08 से 0.09 mg होता है। लेकिन निकोटिना रस्टिका के, बीज बड़ा और इसके बीज से लगभग तीन गुना भारी होता है। इस प्रकार इसके बीज की मात्रा प्रति एकड़ इस प्रकार है-

  • निकोटिना टैबैकम: लगभग 1.2 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ 
  • निकोटिना रस्टिका: लगभग 2 किलोग्राम बीज प्रति एकड़

बीज उपचार

तम्बाकू (Tobacco) के बीज को 2.5 ग्राम थीरम की दर से प्रति किलो बीज उपचारित करें।

तम्बाकू की नर्सरी

तम्बाकू (Tobacco) की नर्सरी 15 अगस्त से 15 सितम्बर में लगाने का उपयुक्त समय होता है। नर्सरी के लिए भूमि तैयार करने के वक्त उचित मात्रा में जैविक खाद एवं उर्वरक मिलकर जमीन सतह से उभरी हुई क्यारियां तैयार कर उपचारित बीज की बुआई करें। बीज बुआई के लगभग 30 से 40 दिन बाद पौध (लगभग 4 से 6 इंच के पौधे) रोपाई हेतु तैयार हो जाती है।

रोपाई का समय

तम्बाकू (Tobacco) के पौधे की रोपाई अक्टूबर का समय उपयुक्त हैं। लेकिन कुछ किस्मों की रोपाई दिसम्बर तक की जा सकती है।

रोपाई की विधि

तम्बाकू (Tobacco) के पौधे का रोपण 90 × 75 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाना सबसे उत्तम होता है।

पौधे की संख्या

तम्बाकू (Tobacco) की उन्नत खेती के लिए पंक्ति से पंक्ति की बीच की दूरी और पंक्ति में पौधे से पौधे के बीच का दूरी इस प्रकार रखते है तो प्रति एकड़ पौध की आवश्यकता होती है-

  • 90 × 75  सेंटीमीटर = लगभग 6,000 पौधे 

सिंचाई

तम्बाकू (Tobacco) के पौधे की रोपाई के तुरंत बाद इसमें सिंचाई कर देनी चाहिए। उसके बाद मौसम एवं मिट्टी में नमी के आवश्यकता अनुसार 12 से 15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करते रहना चाहिए।

खरपतवार नियंत्रण

तम्बाकू (Tobacco) के स्वस्थ पौधे और अच्छी विकास एवं पैदावार के लिए रोपाई के 20 से 25 दिन बाद पहली निराई-गुड़ाई करें। उसके बाद समय-समय पर आवश्यकता अनुसार निराई-गुराई करें।

पौधे की देखभाल

तम्बाकू (Tobacco) के पौधे की देखभाल करना बहुत ही जरूरी है। इसके पौधे से निकलने वाले फूल की कालिया या साइड शाखाओं को तोड़ देना चाहिए। लेकिन बीज उत्पादन के लिए इसके फूल नहीं तोड़ना चाहिए।

फसल कटाई

तम्बाकू (Tobacco) के पौधे लगभग 120 से 135 दिन में पककर तैयार हो जाती है। जब पौधे के निचे की पत्ती कठोर होकर सूखने लगे उसके बाद पौधे को जड़ के पास से इसकी कटाई कर लेनी चाहिए।

तम्बाकू तैयार करना

तम्बाकू (Tobacco) के पौधे कटाने के बाद उसे दो से तीन दिन तक खेत में सुखाया जाता है। उसके बाद उन्हें एक जगह एकत्रित कर कुछ दिन के लिए ढक दिया जाता है या मिट्टी में दबा देते है। सुखाने के दौरान इसके पौधों की पलटते रहना चाहिए। सुखाने के वक्त इसके पौधों में नमी और सफेदी जितनी ज्यादा आती है तम्बाकू उतनी ही अच्छा गुण, रंग, स्वाद व गंध मिलती है।

तम्बाकू से उपज

तम्बाकू (Tobacco) के फसल से लगभग प्रति एकड़ 2 से 2.5 क्विंटल उपज प्राप्त होता है। लेकिन दक्षिणी काली मिट्टी में इसकी औसत उपज लगभग 6 से 7 क्विंटल प्रति एकड़ है।

तम्बाकू का उपज कहाँ बेचें

तम्बाकू (Tobacco) की पैदावार आप व्यापारी या मार्किट में अपना माल बेच सकते हैं।

तम्बाकू का बीज कहां मिलेगा

तम्बाकू (Tobacco) का बीज आप ऑनलाइन खरीद सकते है। इसके अलावा सरकारी उद्यानिकी विभाग या अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र या कृषि कॉलेज में संपर्क कर इसकी खेती के बारे में जानकारी ले सकते है।

तम्बाकू की खेती के लिए दिशा-निर्देश

  • तम्बाकू (Tobacco) की खेती से कम समय में अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए नर्सरी में तैयार स्वास्थ्य पौधे का चयन करें। 
  • तम्बाकू की नर्सरी पर विशेष रूप से ध्यान दें। 
  • तम्बाकू की फसल से अच्छे पैदावार और निकोटिन की अधिक मात्रा के लिए समय पर पौध की रोपाई करें। 
  • तम्बाकू में नइट्रोजन की अधिक आवश्यकता होती है। 
  • तम्बाकू की खेती के लिए कोई लाइसेंस की जरुरत नहीं होती है।

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तंबाकू की खेती सबसे अधिक कहाँ होती है?

भारत में प्रतिवर्ष लगभग 3 लाख से 3.5 लाख हेक्टेअर क्षेत्र पर तम्बाकू की कृषि होती है। देश का लगभग 85 प्रतिशत तम्बाकू का उत्पादन क्षेत्र मात्र चार राज्यों आन्ध्र प्रदेश (36 प्रतिशत), कर्नाटक (24 प्रतिशत), गुजरात (21 प्रतिशत) तथा बिहार (4 प्रतिशत) में है।

राजस्थान में तम्बाकू की खेती कहाँ होती है?

राजस्थान में पूर्व भाग में तम्बाकू का सर्वाधिक उत्पादन होता है। अलवर जिला तम्बाकू उत्पादन में प्रथम स्थान पर है।

भारत में तंबाकू उत्पादन में प्रथम राज्य कौन सा है?

आंध्र प्रदेशभारत में सबसे बड़ा तंबाकू उत्पादक राज्य है। भारत तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, जिसका अनुमानित वार्षिक उत्पादन लगभग 800 मिलियन किलोग्राम है।

तंबाकू के पौधे का क्या नाम है?

तम्बाकू एक प्रकार के निकोटियाना प्रजाति के पेड़ के पत्तों को सुखा कर नशा करने की वस्तु बनाई जाती है। दरअसल तम्बाकू एक मीठा जहर है, तंबाकू निकोटिया टैबेकम पौधे से प्राप्त किया जाता है।

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