तमिलनाडु में मकर संक्रांति कैसे मनाई जाती है? - tamilanaadu mein makar sankraanti kaise manaee jaatee hai?

मकर संक्रांति

भारत के पंजाब, दिल्ली और हरियाणा राज्यों में इसे मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है. इस दिन सभी भाई अपनी विवाहित बहनों से मिलने जाते हैं और उन्हें गर्म कपड़े और मिठाई भेंट करते हैं. विवाहित महिलाएं देखभाल और सम्मान के प्रतीक के रूप में अपने ससुराल वालों को शॉल, मिठाई, कपड़े और बहुत कुछ उपहार में देती हैं.

पोंगल

तमिलनाडु में मकर संक्रांति को पोंगल (Pongal) के रूप में मनाया जाता है. यह त्योहार लगातार चार दिनों तक मनाया जाता है. हर दिन का एक विशेष अर्थ होता है. पहले दिन घर को साफ करके नए रंगीन कपड़े पहनते हैं. दूसरे दिन मुख्य पोंगल त्योहार पर लोग स्वादिष्ट मिठाई और चावल के व्यंजन बनाते हैं. चावल को दूध और गुड़ के साथ उबाला जाता है और एक बर्तन में उबालने के लिए छोड़ दिया जाता है. जैसे ही यह बर्तन पर उबलता है, लोग प्रार्थना करते हैं और पोंगल उत्सव शुरू होता है. यह चावल का व्यंजन भगवान को और फिर लोगों को चढ़ाया जाता है.

उत्तरायण

गुजरात में लोग संक्रांति के त्योहार को उत्तरायण के रूप में मनात हैं. इस त्योहार के मौके पर गुजरात अपने 'काइट फेस्टिवल' के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. सुबह की प्रार्थना के बाद से लोग अपने-अपने छतों पर जाकर पतंग उड़ाते हैं. इस दौरान आपको हर जगह "काई पो छे" की आवाज सुनाई देगी. इसके अलावा, लोग सर्दियों की सब्जियों से बनी उंधियू के साथ तिल और मूंगफली से बनी चिक्की जैसे व्यंजन भी खाते हैं.

बिहू

मकर संक्रांति को असम में बिहू के रूप में मनाया जाता है और यह असमिया नव वर्ष की शुरुआत का भी प्रतीक है. इस दिन लोग धोती, गमोसा और सदर मेखला जैसे पारंपरिक कपड़े पहनते हैं. इसके साथ ही वे पारंपरिक लोक गीत गाकर और नृत्य करके भी जश्न मनाते हैं.

गुघुती

उत्तराखंड में मकर संक्रांति को गुघुती के रूप में मनाया जाता है. इसे प्रवासी पक्षियों के स्वागत का त्योहार माना जाता है. इस दिन लोग खिचड़ी और अन्य खाने की चीजों का दान करते हैं. लोग आटे और गुड़ से बनी मिठाईयां भी बनाते हैं, जिसे बच्चों द्वारा कौवों को दिया जाता है. इसके अलावा कौवे को पुरी, वड़े और पुवे भी खिलाया जाता है. स्थानीय लोगों का मानना ​​है कि जो बच्चा सबसे पहले कौवे को खाना खिलाता है वह सबसे भाग्यशाली होता है.

माघ साजी

हिमाचल प्रदेश में, स्थानीय लोग माघ साजी को मकर संक्रांति के रूप में मनाते हैं. साजी संक्रांति का स्थानीय नाम है और माघ महीने का नाम है. इस दिन, लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए मंदिरों में जाते हैं. इसके अलावा, वे अपने दोस्तों और परिवार के पास जाते हैं और उन्हें चिक्की या खिचड़ी और घी जैसी मिठाई उपहार में देते हैं. शाम को लोग लोक गीत गाकर और नृत्य करके जश्न मनाते हैं.

तमिलनाडु में मकर संक्रांति का त्योहार कैसे मनाया जाता है?

मकर संक्रांति पर मनाया जाने वाला पोंगल तमिलनाडु में बहुत ही जोश और उमंग के साथ मनाया जाता है। पोंगल का त्योहार चार दिनों तक चलता है। पहले दिन को भोगी पोंगल कहा जाता है, दूसरे दिन को सूर्य पोंगल, तीसरे दिन को मट्टू पोंगल के तौर पर और चौथे दिन कन्नम पोंगल मनाया जाता है।

मकर संक्रांति कौन से राज्य में बनाई जाती है?

ब‍िहार में मकर संक्रांत‍ि को जानते हैं इस नाम से इसके अलावा असम में इसे 'माघ- बिहू' और ' भोगाली-बिहू' के नाम से जानते हैं। वहीं तमिलनाडु में तो इस पर्व को चार दिनों तक मनाते हैं। यहा पहला दिन ' भोगी – पोंगल, दूसरा दिन सूर्य- पोंगल, तीसरा दिन 'मट्टू- पोंगल' और चौथा दिन ' कन्‍या- पोंगल' के रूप में मनाते हैं।

आंध्र प्रदेश में मकर संक्रांति कैसे मनाई जाती है?

इसी तरह आंध्र प्रदेश में संक्रांति का पर्व तीन दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें लोग पुरानी चीजों को फेंक कर नई चीजें लाते हैं। किसान अपने खेत, गाय और बैलों की पूजा करते हैं और तरह-तरह के व्यंजन खाए-खिलाए जाते हैं।

9 तमिलनाडु में पोंगल कैसे मनाया जाता है?

पोंगल तमिलनाडु में चार दिनों तक चलने वाला त्योहार है. आज पहला दिन भोंगी पोंगल के रुप में मनाया जा रहा है. इस दौरान भगवान इंद्रदेव की पूजा की जाती है. लोहड़ी (Lohri) पर्व की तरह ही इसे भी किसानों द्वारा फसल के पक जाने की खुशी में धूमधाम से मनाया जाता है.

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