दो दर्पणों द्वारा एक दूसरे से 60 डिग्री पर कितने प्रतिबिंब बनते हैं? - do darpanon dvaara ek doosare se 60 digree par kitane pratibimb banate hain?

दर्पण (Mirrors) ऐसे प्रकाशीय तल (optical surfaces) हैं जो प्रकाश की किरणों के परावर्त क (reflection) के द्वारा या तो प्रकाशपुंज को प्रत्यावर्तित कर देते हैं अथवा उसे एक बिंदु पर अभिसृत (converge) करके बिंब (image) का निर्माण करते हैं। प्रकाशीय यंत्रों के, विशेष कर ज्योतिष से संबधित यंत्रों के, निर्माण में दर्पणों ने अत्यंत महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की है।

दर्पण के तल से परावर्तित होते समय प्रकाश की किरणें दो विशेष नियमों का पालन करती हैं। इन नियमों को परावर्तन के नियम (Laws of Reflection) कहते हैं। ये निम्नलिखित हैं:

  • 1. आपाती किरण, आपतन बिंदु पर अभिलंब तथा परावर्तित किरण एक ही समतल में स्थित होते हैं।
  • 2. अभिलंब के साथ आपाती किरण तथा परावर्तित किरण द्वारा बननेवाले कोण परस्पर बनाबर होते हैं। पहले कोण अ (i) को आपतन कोण तथा दूसरे कोण प (r) को परावर्तन कोण कहते हैं।

यदि कोई तल प्रकाश की किरणों का परावर्तन किसी ऐसे प्रकार से करता है जिसमें किरणें उपर्युक्त नियमों का पालन नहीं करतीं तो ऐसा तल दर्पण का तल न होकर विसारी परावर्तक तल (diffusive reflecting surface) कहा जाएगा।

प्राय: सभी दर्पणों की रचना समुचित आकृति के काचतल पर किसी अत्यधिक परावर्तनशील पदार्थ की पतली परत चढ़ाकर की जाती है। यह प्रक्रिया प्राय: निर्वात आलेपन द्वारा संपन्न की जाती है और पदार्थ का चयन उस वर्णक्रम प्रदेश के अनुसार किया जाता है जिसके लिय दर्पण का प्रयोग अभीष्ट है।

दृश्य प्रखंड (visible region) के लिए चाँदी सर्वाधिक परावर्तनीयता (reflectivity) प्रदान करती है, किंतु साधारणतया ऐल्यूमिनियम का ही उपयोग किया जाता है। इसका कारण यह है कि एल्यूमिनियम चाँदी की अपेक्षा अधिक टिकाऊ होता है। इसका कारण ऐल्यूमिनियम ऑक्साइड है, जो ऐल्यूमिनियम के वायुमंडल के संपर्क में आने पर बन जाता है।

निकटस्थ तथा दूरस्थ अवरक्त प्रखंड (Near and far infra-red region)[संपादित करें]

लगभग २ माइक्रॉन तरंगदैर्घ्य तक के प्रकाश के लिए ऐल्यूमिनियम के स्थान पर सोने का उपयोग दर्पण की कलई करने के लिए किया जाता है। ०.३५ म्यू (m) के नीचे वर्णक्रम प्रखंड के लिए पुन: ऐल्यूमिनियम ही उपयुक्त सिद्ध होता है, क्योंकि ०.३१ म्यू (m) के समीप की किरणों के लिए ऐल्यूमिनियम पारदर्शी होता है। ०.१० म्यू (m) के नीचे प्लैटिनम का उपयोग किया जाता है, क्योंकि इन किरणों के लिए ऐल्यूमिनियम पारदर्शी होता है।

समतल दर्पण[संपादित करें]

एक ओर पाॅलिश की गई काँच की समतल प्लेट समतल दर्पण कहलाती है।

समतल दर्पण द्वारा किसी वस्तु का बिंब बनने की प्रक्रिया में निम्नलिखित तीन बातें मुख्य होती हैं :

  • 1. वस्तु का बिंब ऐसी स्थिति में तथा ऐसे आकार का बनता है कि दर्पण का तल वस्तु और बिंब के संगत बिंदुओं को मिलानेवालत रेखाओं के लंबवत्‌ पड़ता है और उन्हें समद्विभाजित करता है।
  • 2. वस्तु का कोई भाग दर्पण से जितनी दूर आगे स्थित होता है, उसका बिंब दर्पण में उतनी ही दूर पीछे बनता है। इसके साथ वस्तु का आगे का भाग बिम्ब में पीछे हो जाता है तथा वस्तु का पीछे का भाग बिम्ब में आगे आ जाता है। इस क्रिया को (pervrsion) कहते हैं।
  • 3. बिंब की स्थिति केवल वस्तु और दर्पण की स्थिति पर निर्भर करती हे, देखनेवाले की स्थिति पर नहीं।

समतल दर्पण से बननेवाले बिंब आभासी (virtual) होते हैं, क्योंकि परावर्तित किरणें किसी एक बिंदु पर मिलती नहीं, वरन्‌ बिंब से अपसृत (diverge) होती हुई प्रतीत होती हैं। इसलिए ये किरणें किसी पर्दे पर वस्तु के वास्तविक (real) बिंब का निर्माण नहीं कर सकतीं।

परस्पर झुके हुए दर्पणों से बिंबों का निर्माण[संपादित करें]

जब दो समतल दर्पण एक दूसरे पर झुके हुए होते हैं तब उनके बीच स्थित किसी वस्तु का बिंब दोनों दर्पणों द्वारा बनता है। इन बिंबों से और भी अनेक बिंब पुनरावृत परावर्तनों (repeated reflections) द्वारा बन सकते हैं,

प्रतिबिंबों की संख्या = 360◦/θ - 1 होता हैं।

जहाँ θ = दो समतल दर्पण झुकाव से बना कोण हैं।

दर्पणों का घूर्णन (Rotation of mirrors)[संपादित करें]

परावर्तित किरण में दर्पण के घुमाव का दुना घुमाव उत्पन्न हो जाता है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • गोलीय दर्पण
दर्पण
समतल दर्पण | उत्तल दर्पण | अवतल दर्पण

दो समतल दर्पणों द्वारा बनने वाले प्रतिबिम्बों की संख्या ज्ञात कीजिए जब उनके बीच का कोण 70° हो।

  1. 5
  2. 6
  3. 7
  4. 4

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : 5

Free

CT 1: Growth and Development - 1

10 Questions 10 Marks 10 Mins

अवधारणा:

  • दो समतल दर्पणों द्वारा बनने वाले प्रतिबिम्बों की संख्या
  • समतल दर्पण से बनने वाला प्रतिबिम्ब आभासी तथा सीधा होता है।
  • ऐसे दो समतल दर्पणों द्वारा ऐसे अनेक प्रतिबिम्ब बनाए जा सकते हैं।
  • बनने वाले प्रतिबिम्बों की संख्या दर्पणों के बीच के कोण पर निर्भर करती है।
  • प्रतिबिम्ब की संख्या N के रूप में दी गई है, x तब दर्पणों के बीच का कोण होता है।


\(N = \frac{360^{{\circ}}}{x} - 1\)

यदि \( \frac{360^{{\circ}}}{x} \) एक पूर्णांक नहीं है, तो अगला पूर्णांक उत्तर होगा।

गणना:

दिया गया कोण x = 70° 

प्रतिबिम्बों की संख्या

\(N = \frac{360^{{\circ}}}{70^{\circ}} - 1 = 5.14 - 1 = 4.14\)

अगला पूर्णांक 5 है।

इसलिए, बनने वाले प्रतिबिम्बों की संख्या 5 होगी,

सही विकल्प 1 है।

Additional Information

समतल दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब निर्माण

  • समतल दर्पण सदैव वास्तविक वस्तु का आभासी प्रतिबिम्ब बनाता है। आभासी प्रतिबिम्ब पर्दे पर नहीं बन सकते।
  • समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब का आकार वस्तु के आकार के बराबर होता है।
  • बनने वाला प्रतिबिम्ब पार्श्विक रूप से उल्टा होता है।
  • वस्तु और दर्पण के बीच की दूरी दर्पण और प्रतिबिम्ब के बीच की दूरी के समान होती है।

Last updated on Sep 29, 2022

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60 डिग्री के कोण पर कितने प्रतिबिंब बनेंगे?

बनने वाले प्रतिबिम्बों की संख्या 5 होगी।

जब दो समतल दर्पणों के बीच का कोण 60 है तो कितने प्रतिबिंब दिखाई देंगे?

360/theta -1 , से गणना करने पर पांच प्रतिबिंब बनेंगे। अगर हम सममिति के आधार पर देखते है तो हमे (360÷60=6) वस्तएं दिखेगीं पर उन वस्तुओं ने 5 प्रतिविम्ब और 1 वास्तविक वस्तु होगी।

अगर दो समतल दर्पण 50 डिग्री के कोण पर रखे हो तो उनके बीच रखी वस्तु के प्रतिबिंब की संख्या कितनी होगी?

विकल्प 4 सही उत्तर है: किसी वस्तु को 50º के कोण पर रखे दो दर्पणों के बीच रखने पर 7 प्रतिबिंब बनेंगे।

दो समतल दर्पण के बीच रखी वस्तु के कितने प्रतिबिंब बनते हैं?

यदि दो यदि दो समतल दर्पण को 80 डिग्री के कोण पर रखा गया है और उनके बीच कोई वस्तु रखी गई है तो उस वस्तु के 4 प्रतिबिंब बनेंगे। 3. यदि मान सम संख्या में आए तो उस मान में 1 घटा देते हैं

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