उत्तल दर्पण में प्रतिबिम्ब का चिन्ह क्या होता है? - uttal darpan mein pratibimb ka chinh kya hota hai?

जब किसी वस्तु को किसी दर्पण के सामने बिभिन्न स्थितियों में रखते हैं तो उस दर्पण में वस्तु का प्रतिबिंब भी भिन्न-भिन्न प्रकार से बनता है। यह प्रतिबिंब कभी काल्पनिक, कभी वास्तबिक, कभी उल्टा तो कभी सीधा बनता है। वस्तु तथा प्रतिबिंब की इसी विभिन्न स्थितियों को दर्शाने के लिए एक नियम बनाया गया है जिसे चिन्ह परिपाटी (sign convention) कहते हैं। जिसके अनुसार-

  1. दर्पण के मुख्य अक्ष (Principal Axis) को निर्देशांक XX' माना जाता है। 
  2. दर्पण के आगे तथा पीछे की सभी दूरियाँ दर्पण के ध्रुव (Pole) से मापी जाती है। अर्थात दर्पण के ध्रुव P को मूलबिंदु (Origin) माना जाता है। 
  3. दर्पण के आगे की दिशा में मापी गई सभी दूरियाँ ऋणात्मक (Negative) होती है तथा दर्पण के पीछे मापी गई सभी दूरियाँ धनात्मक (Positive) होती है। 
  4. दर्पण के अक्ष अर्थात XX' से ऊपर की ओर मापी गई सभी दूरियाँ धनात्मक (Positive) होती है तथा XX' से निचे की ओर मापी गई सभी दूरियाँ ऋणात्मक (Negative) होती है।                                                                                                                  


अतः इस नियम के अनुसार-

  1. दर्पण से वस्तु की दुरी, जिसे u से सूचित करते हैं, का मान हमेशा ऋणात्मक होगा क्योंकि वस्तु को हमेशा दर्पण के आगे ही रखा जाता है। 
  2. प्रतिबिंब यदि वास्तबिक होगा तो दर्पण से प्रतिबिम्ब की दुरी, जिसे v से सूचित करते हैं, का मान ऋणात्मक तथा प्रतिबिंब यदि काल्पनिक होगा तो दर्पण से प्रतिबिम्ब की दुरी का मान धनात्मक होगा क्योंकि वास्तबिक प्रतिबिंब हमेशा दर्पण के आगे तथा काल्पनिक प्रतिबिंब हमेशा दर्पण के पीछे बनता है। 
  3. अवतल दर्पण की वक्रता-त्रिज्या R तथा फोकस दुरी f  का मान हमेशा ही ऋणात्मक होगा क्योंकि अवतल दर्पण की वक्रता-त्रिज्या R तथा फोकस दुरी f  दर्पण के आगे होता हैं। इसी प्रकार,
  4. उत्तल दर्पण की वक्रता-त्रिज्या R तथा फोकस दुरी f का मान हमेशा ही धनात्मक होगा क्योंकि उत्तल दर्पण की वक्रता-त्रिज्या R तथा फोकस दुरी f  दर्पण के पीछे होता हैं।

इस चिन्ह परिपाटी का उपयोग आगे आंकिक प्रश्नों को हल करने में में करेंगें।

चिन्ह परिपाटी के अनुसार उत्तल दर्पण की फोकस दूरी _____ होती है।

A. धनात्मक

B. ऋणात्मक

This question was previously asked in

DSSSB TGT Natural Science Male Subject Concerned - 7 Sept 2021 Shift 2

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  1. A और B दोनों
  2. केवल A
  3. केवल B
  4. या तो A या B

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : केवल A

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10 Questions 10 Marks 6 Mins

व्याख्या:

गोलीय दर्पण: जिस दर्पण का आकार गोलाकार सतह से काटा जाता है, उसे गोलीय दर्पण कहा जाता है।

    दर्पणों में चिन्ह परिपाटी:

    • सभी दूरियाँ दर्पण के ध्रुव से मापी जाती हैं।
    • ध्रुव (p) से दर्पण के बाईं ओर की दूरी को ऋणात्मक के रूप में लिया जाता है।
    • ध्रुव (p) से दर्पण के दाईं ओर की दूरी को धनात्मक के रूप में लिया जाता है।
    • ऊपर की ओर मापी गई ऊंचाई और दर्पण के मुख्य अक्ष के लंबवत को धनात्मक के रूप में लिया जाता है।
    • नीचे की ओर मापी गई ऊंचाई और दर्पण के मुख्य अक्ष के लंबवत को ऋणात्मक के रूप में लिया जाता है।
    • दोनों दर्पणों के लिए समान चिन्ह परिपाटी का उपयोग किया जाता है।

    उत्तल दर्पण: जब दर्पण का परावर्तक पृष्ठ प्रकाश स्रोत की ओर होता है तो उत्तल दर्पण कहलाता है।

    उत्तल दर्पण के प्रतिबिम्ब निर्माण गुण नीचे दिए गए हैं:

    • उत्तल दर्पण हमेशा एक आभासी प्रतिबिम्ब बनाता है जो दर्पण के ध्रुव और केंद्र-बिंदु के बीच स्थित होता है। आभासी प्रतिबिम्ब सदैव सीधा होता है।
    • उत्तल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब का आकार हमेशा बिम्ब के आकार से छोटा होता है।
    • जब वस्तु दर्पण की ओर गति करती है तो प्रतिबिम्ब भी गति करता है।
    • लेंस से फोकस बिंदु तक की दूरी को फोकस दूरी कहा जाता है।
    • अपसारी या उत्तल दर्पणों के लिए, फोकस दूरी हमेशा धनात्मक होती है।
    • अभिसारी या अवतल दर्पण के लिए, फोकस दूरी हमेशा ऋणात्मक होती है।
    • उत्तल दर्पण की फोकस दूरी उसकी वक्रता त्रिज्या की आधी होती है।​

    Additional Information

    अवतल दर्पण द्वारा वस्तु की विभिन्न स्थितियों के प्रतिबिम्बों का निर्माण:

    Last updated on Oct 19, 2022

    The Application Links for the DSSSB TGT will remain open from 19th October 2022 to 18th November 2022. Candidates should apply between these dates. The Delhi Subordinate Services Selection Board (DSSSB) released DSSSB TGT notification for Computer Science subject for which a total number of 106 vacancies have been released. The candidates can apply from 19th October 2022 to 18th November 2022. Before applying for the recruitment, go through the details of DSSSB TGT Eligibility Criteria and make sure that you are meeting the eligibility. Earlier, the board has released 354 vacancies for the Special Education Teacher post. The selection of the DSSSB TGT is based on the Written Test which will be held for 200 marks.

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    उत्तल दर्पण में प्रतिबिंब कैसे दिखाई देते हैं?

    उत्तल दर्पण से प्रतिबिंब हमेशा आभासी, सीधा और छोटे ही बनते हैं । वस्तु जब अनंत पर हो तो इसका प्रतिबिंब फोकस F पर बनता है और बहुत छोटा होता है । या अगर वस्तु बहुत ही छोटी है तो एक बिंदु के समान भी हो सकता है । वस्तु जब अनंत और पोल P के बीच में हो तो प्रतिबिंब फोकस F और पोल P के बीच में बनता है जो कि आभासी ही होता है ।

    उत्तल दर्पण में कौन सा प्रतिबिम्ब बनता है?

    उत्तल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंब आभासी तथा सीधे हैं।

    उत्तल दर्पण में u का चिन्ह क्या होगा?

    UPLOAD PHOTO AND GET THE ANSWER NOW! Solution : उत्तल दर्पण के लिए f gt 0 तथा u lt 0 <br> `because 1/v=1/f-1/u` <br> `therefore f` धनात्मक है तथा u ऋणात्मक है अतः `1/v gt 0` या `v gt 0` मतलब u के किसी भी मान के लिए प्रतिबिम्ब हमेशा आभासी होगा

    क्या उत्तल दर्पण अनंत पर प्रतिबिम्ब बना सकता है?

    जब वस्तु को उत्तल दर्पण के अनंत पर रखा जाता है , तो प्रतिबिंब फोकस पर, दर्पण के पीछे बनता है और प्रतिबिंब की प्रकृति सीधी, आभासी और अत्यधिक छोटी होती है। उत्तल दर्पण से बनने वाला प्रतिबिम्ब हमेशा सीधा, आभासी और आकार में छोटा (छोटा) होता है।

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