वेग-समय ग्राफ के नीचे के क्षेत्र से मापी गई राशि क्या होती है?
वेग-समय ग्राफ के नीचे के क्षेत्र से एक दिए गए समयांतराल में वस्तु द्वारा तय की गई दूरी ज्ञात होती है।
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किसी गाड़ी का चालक 52 kmh-1 की गति से चल रही कार में ब्रेक लगता है तथा कर विपरीत दिशा में एक समान दर से त्वरित होती है। कार 5 s से रुक जाती है। दूसरा चालक 30 kmh-1 की गति से चलती हुई दूसरी कार पर धीमे ब्रेक लगता है तथा 10 s में रुक जाता है। एक ही ग्राफ पेपर पर दोनों करों के लिए चाल-समय ग्राफ आलेखित करें। ब्रेक लगाने के पश्चात दोनों में से कौन-सी कार अधिक दूर तक जाएगी?
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कोई मोटरबोट झील में विरामावस्था से सरल रेखीय पथ पर 3.0 ms-2 की नियत त्वरण से 8.0 s तक चलती है। इस समय अंतराल में मोटरबोट कितनी दूरी तय करती है?
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3000 m सीधे रस्ते पर जोसेफ जॉगिंग करता हुआ 2 min 50 s में सिरे A से B पर पहुँचता है और घूमकर 1 min में 100 m पीछे बिंदु C पर पहुँचता है। A से B तक जोसेफ की चाल तथा वेग क्या है?
(a) सिरे A से सिरे B तक तथा (b) सिरे A से सिरे C तक।
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अब्दुल गाड़ी से स्कूल जाने के क्रम में औसत चाल को 20 kmh-1 पाता है। उसी रास्ते से लौटने के समय वहाँ भीड़ कम है और औसत चाल 40 kmh-1 है। अब्दुल के इस पूरे ट्रिप की औसत चाल क्या है?
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एक एथलीट वृत्तीय रस्ते जिसका व्यास 200 m है का एक चक्कर 40 s में लगता है। 2 min 20 s के बाद वह कितनी दूरी तय करेगा और उसका विस्थापन क्या होगा?
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गति का ग्राफीय प्रदर्शन :
ग्राफ का प्रयोग किसी वस्तु की गति को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है | अनेक प्रकार के घटनाओं के विषय में अधारभूतिक सूचनाओं को प्रदर्शित करने के लिए ग्राफ एक सुविधाजनक विधि प्रदान करता है |
उदाहरण:
(i) एक दिवसीय क्रिकेट मैच के प्रसारण में |
(ii) प्रत्येक ओवर में टीम के रन रेट को दर्शाते उर्ध्वाधर दंड आलेख |
(iii) आपने गणित के विषय में पढ़ा है कि एक सरल रेखीय ग्राफ दो चर में रैखिक समीकरणों को हल करने में मदद करता है |
भौतिकी विज्ञान में ग्राफ का प्रयोग :
(i) दो वस्तुओं की गति की तुलना करने लिए ग्राफ बहुत ही उपयोगी होता है |
(ii) दुरी-समय ग्राफ से समय के किसी भी बिंदु पर वस्तु की स्थित का पता लगाया जा सकता है |
(iii) वेग-समय ग्राफ की ढाल किसी वस्तु की त्वरण को बताता है |
(iv) सरल रेखीय ग्राफ दो चर में रैखिक समीकरण को हल करने में मदद करता है |
(v) दुरी-समय ग्राफ बताता है कि कब और कहाँ कोई वस्तु किसी अन्य वस्तु को पार करती है |
किसी वस्तु के गति का वर्णन करने के लिए एक भौतिक राशि है जैसा कि दुरी या वेग एक अन्य दूसरी राशि समय है |
गति को प्रदर्शित करने के लिए दो शर्त है :
(i) किसी वस्तु का समय के साथ स्थिति में परिवर्तन को दुरी-समय ग्राफ के द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है |
(ii) सरल रेखा में गतिमान किसी वस्तु के लिए समय के साथ वेग में बदलाव को वेग-समय ग्राफ से प्रदर्शित किया जा सकता है |
1. दुरी-समय ग्राफ :
इस ग्राफ में :
- समय को x-अक्ष के साथ लिया जाता है और दुरी को y-अक्ष के साथ लिया जाता है |
- दुरी-समय ग्राफ को बहुत से शर्तों के अंतर्गत नियोजित किया जा सकता है जहाँ वस्तुएँ एकसमान चाल से, असमान चाल से गति करती है या विराम अवस्था में रहती है |
मुख्य अवधारणायें :
वस्तु द्वारा तय दुरी उसके द्वारा लिए गए समय के अनुक्रमानुपाती होता है |
दुरी-समय ग्राफ में दो प्रकार के ग्राफ होते हैं :
(i) एकसमान चाल के लिए दुरी-समय ग्राफ:
एकसमान चाल के लिए दुरी-समय ग्राफ की प्रकृति :
(a) इसका ग्राफ एक सरल रेखा होता है |
चाल के लिए सूत्र :
(ii) असमान चाल के लिए दुरी-समय ग्राफ:
असमान चाल के लिए दुरी-समय ग्राफ की प्रकृति :
(a) इसका ग्राफ एक वक्र रेखा होता है |
वेग-समय ग्राफ :
इस ग्राफ में,
- समय को x अक्ष पर और वेग को y-अक्ष पर दर्शाया जाता है |
- यदि वस्तु एकसमान वेग से गतिमान है, तो समय के साथ वेग समय ग्राफ की ऊँचाई में कोई परिवर्तन नहीं होगा |
- वेग-समय ग्राफ तथा समय अक्ष के द्वारा घेरा गया क्षेत्र विस्थापन के परिणाम को बताता है |
वेग-समय ग्राफ तीन प्रकार के होते हैं |
(i) एकसमान चाल के लिए वेग-समय ग्राफ
(ii) एक समान त्वरित गति के लिए वेग-समय ग्राफ
(iii) असमान त्वरित गति के लिए वेग-समय ग्राफ