वीर कुंवर सिंह कौन थे class 7? - veer kunvar sinh kaun the chlass 7?

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न: वीर कुंवर सिंह का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

उत्तर: वीर कुंवर सिंह का जन्म 1782 ई० में बिहार में शाहाबाद जिले के जगदीशपुर में हुआ था।

प्रश्न: बाबू कुंवर सिंह ने रियासत की जिम्मेदारी कब सँभाली?

उत्तर: वीर कुंवर सिंह ने अपने पिता की मृत्यु के बाद 1827 में रियासत की जिम्मेदारी सँभाली।

प्रश्न: कुंवर सिंह किस उद्देश्य से आज़मगढ़ पर अधिकार किया था?

उत्तर: वीर कुंवर सिंह आजमगढ़ पर अधिकार कर इलाहाबाद और बनारस पर आधिपत्य स्थापित करना चाहते थे, वहाँ अंग्रेजों को पराजित कर अंततः उनका लक्ष्य जगदीशपुर पर अधिकार करना था।

प्रश्न: सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता ‘झाँसी की रानी’ में किन-किन स्वतंत्रता सेनानियों के नाम आए हैं?

उत्तर: ‘झाँसी की रानी’ कविता में रानी लक्ष्मीबाई के अलावे नाना धुंधूपंत, तात्या टोपे, अज़ीमुल्ला खान, अहमद शाह मौलवी तथा वीर कुंवर सिंह के नाम आए हैं।

प्रश्न: सन् 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम की शुरुआत कब और किसने की?

उत्तर: सन् 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम की शुरुआत मंगल पांडे ने मार्च 1857 में बैरकपुर सैनिक छावनी से की थी।

लघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न: 1857 की क्रांति की क्या उपलब्धियाँ थीं?

उत्तर: 1857 की क्रांति की सबसे बड़ी उपलब्धि यह थी कि यह आंदोलन देश को आजादी पाने की दिशा में एक प्रथम चरण था। इस क्रांति के परिणामस्वरूप लोगों की आँखें खुल गईं और उनमें राष्ट्रीय एकता और स्वाधीनता की पृष्ठभूमि का विकास हुआ। इस आंदोलन की उपलब्धि सांप्रदायिक सौहार्द की भावना के विकास के रूप में हुआ। हिंदू-मुस्लिम एकता बढ़ी। राष्ट्रीय भावना लोगों में जाग्रत हुई।

प्रश्न: मंगल पांडे के बलिदान के बाद स्वतंत्रता सेनानियों ने क्रांति को कैसे आगे बढ़ाया?

उत्तर: मंगल पांडे के बलिदान के बाद मेरठ के आस-पास के स्वतंत्रता सेनानियों ने क्रांति को आगे बढ़ाया और दिल्ली पर विजय प्राप्त की। 14 मई को दिल्ली पर अधिकार करने के बाद उन्होंने बहादुरशाह ज़फ़र को अपना सम्राट घोषित किया।

प्रश्न: आज़मगढ़ की ओर जाने का वीर कुंवर सिंह का क्या उद्देश्य था?

उत्तर: वीर कुंवर सिंह का आजमगढ़ जाने का उद्देश्य था, इलाहाबाद तथा बनारस पर आक्रमण कर शत्रुओं को पराजित करना। उस पर अपना अधिकार जमाना। अंततः उन्होंने इन पर अधिकार करने के बाद जगदीश पर भी कब्जा जमा लिया। उन्होंने अंग्रेजों को दो बार हराया। उन्होंने 22 मार्च 1858 को आजमगढ़ पर भी अधिकार कर लिया। उन्होंने अंग्रेजों को दो बार हराया। वे 23 अप्रैल 1858 को स्वाधीनता की विजय-पताका फहराते हुए जगदीशपुर तक पहुंच गए।

प्रश्न: वीर कुंवर सिंह ने अपना बायाँ हाथ गंगा मैया को समर्पित क्यों किया?

उत्तर: जब कुँवर सिंह शिवराजपुर नामक स्थान से सेनाओं को गंगा पार करवा रहे थे तो अंतिम नाव पर वे स्वयं बैठे थे। उसी समय उनकी खोज में अंग्रेज सेनापति डगलस आया। उसने गोलियाँ बरसानी शुरू कर दी। उसी समय दूसरे तट से अंग्रेजों की एक गोली उनके बाएँ हाथ में लगी। शरीर में जहर फैलने के डर से कुँवर सिंह ने तत्काल अपनी तलवार निकाली और हाथ काटकर गंगा में भेंट कर दिया।

प्रश्न: 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।

उत्तर: सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में भारतीयों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ हथियारबंद होकर विद्रोह किया था। सर्वप्रथम मंगल पांडे ने बैरकपुर में अंग्रेजों के विरुद्ध बगावत किया। इसे बगावत को दबाने के लिए मंगल पांडे को 8 अप्रैल 1857 को फाँसी दे दी गई। 10 मई, 1857 को मेरठ छावनी ने भारतीय सैनिकों ने विद्रोह कर दिया। 11 मई को दिल्ली पर अपना कब्जा जमा लिया। उसके बाद अंतिम मुगलबादशाह बहादुरशाह जफ़र को भारत का शासक घोषित कर दिया गया। झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों को नाकों चने चबवा दिए। वीर कुंवर सिंह ने कई जगह अंग्रेजों को पराजित किया।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न: 1857 के आंदोलन में वीर कुंवर सिंह के योगदानों का वर्णन करें।

उत्तर: वीर कुंवर सिंह का 1857 के आंदोलन में निम्नलिखित योगदान है कुँवर सिंह वीर सेनानी थे। 1857 के विद्रोह में उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया व अंग्रेजों को कदम-कदम पर परास्त किया। कुंवर सिंह की वीरता पूरे भारत द्वारा भुलाई नहीं जा सकती। आरा पर विजय प्राप्त करने पर इन्हें फौजी सलामी भी दी गई। इसके अलावे इन्होंने बनारस, मथुरा, कानपुर, लखनऊ आदि स्थानों पर जाकर विद्रोह की सक्रिय योजनाएँ बनाईं। उन्होंने विद्रोह का सफल नेतृत्व करते हुए दानापुर और आरा पर विजय प्राप्त की। जगदीशपुर में पराजित होने के बावजूद सासाराम से मिर्जापुर, रीवा, कालपी होते हुए कानपुर पहुँचे। उनकी वीरता की ख्याति दूर-दूर स्थान में पहुँच गई। उन्होंने आज़मगढ़ पर अधिकार करने के बाद अपनी मातृभूमि जगदीशपुर पर पुनः आधिपत्य जमा लिया। इस प्रकार उन्होंने मरते दम तक अपनी अमिट छाप पूरे देश पर छोड़ा।

मूल्यपरक प्रश्न: वीर कुंवर सिंह

प्रश्न: वीर कुंवर सिंह के जीवन से आपको क्या प्रेरणा मिलती है? लिखिए।

उत्तर: वीर कुंवर सिंह के जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि यदि मनुष्य के मन में किसी भी कार्य को करने की दृढ इच्छा हो तो कोई भी बाधा उसे आगे बढ़ने से रोक नहीं सकती है। उनका जीवन हमें देश के लिए त्याग, बलिदान एवं संघर्ष करने की प्रेरणा देता है। उससे हमें परोपकारी बनने की प्रेरणा भी मिलती है। हमें भी वीर कुंवर सिंह के समान देश की सेवा करनी चाहिए।

बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर:

(क) इस पाठ में किस स्थान पर 1857 में भीषण विद्रोह नहीं हुआ था।

  1. कानपुर
  2. बुंदेलखंड
  3. आजमगढ़
  4. रूहेलखंड

(ख) इनमें कौन-सा वीर प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल नहीं था?

  1. नाना साहेब ।
  2. ताँत्या टोपे ।
  3. सरदार भगत सिंह
  4. रानी लक्ष्मीबाई ।

(ग) वीर कुंवर सिंह का जन्म किस राज्य में हुआ था?

  1. बंगाल
  2. उत्तर प्रदेश
  3. बिहार
  4. उड़ीसा

(घ) इस पाठ के लेखक कौन हैं?

  1. यतीश अग्रवाल
  2. विजय तेंदुलकर
  3. विभागीय
  4. जैनेंद्र कुमार।

(ङ) मंगल पांडे ने अंग्रेजों के विरुद्ध कहाँ बगावत किया था?

  1. दानापुर
  2. कानपुर
  3. आजमगढ़
  4. बैरकपुर

(च) 11 मई 1857 को भारतीय सैनिकों ने किस पर कब्जा कर लिया?

  1. लखनऊ
  2. आरा
  3. मेरठ
  4. दिल्ली

(छ) अंग्रेज़ी सेना और स्वतंत्रता सेनानियों के मध्य कहाँ भीषण युद्ध हुआ?

  1. बरेली
  2. कानपुर
  3. आरा
  4. उपर्युक्त सभी

(ज) कुँवर सिंह का जन्म-बिहार राज्य के किस जनपद में हुआ।

  1. शाहाबाद
  2. आरा
  3. जहानाबाद
  4. छपरा

उत्तर: (क) (4), (ख) (3), (ग) 3), (घ) (3), (ङ) (4), (च) (4), (छ) (4), (ज) (1)

External Resources:

Veer Kunwar Singh (वीर कुवँर सिंह) | Class VII Hindi Vasant CBSE NCERT Lesson

Pages: 1 2

वीर कुँवर सिंह के माता का क्या नाम था class 7?

वीर कुँवर सिंह के बचपन के बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं मिलती। कहा जाता है कि कुँवर सिंह का जन्म बिहार में शाहाबाद जिले के जगदीशपुर में सन् 1782 ई० में हुआ था। उनके पिता का नाम साहबजादा सिंह और माता का नाम पंचरतन कुँवर था

1 वीर कुंवर सिंह ने क्या क्या काम किए?

इन इलाकों के विभिन्न दलित जातियों और अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के लोगों के भी वीर कुंवर सिंह ही महानायक थे. ब्रिटिश इतिहासकार होम्स ने उनके बारे में लिखा है कि "यह गनीमत थी कि युद्ध के समय कुंवर सिंह की उम्र लगभग 80 साल की थी. अगर वह जवान होते तो शायद अंग्रेज़ों को 1857 में ही भारत छोड़ना पड़ता."

वीर कुंवर सिंह पाठ का संदेश क्या है?

वीर कुंवर सिंह. पाठ का उद्देश्य भारत के लोगों में राष्ट्रीय भावना जगाना है। कुंवर सिंह की देशभक्ति और वीरता का उल्लेख कर यह सन्देश दिया गया है कि यदि मनुष्य के मन में किसी कार्य को करने की दृढ़ इच्छा हो, तो उसके मार्ग में आने वाली कोई बाधा उसे विचलित नहीं कर सकती।

1 वीर कुँवर सिंह के व्यक्तित्व की कौन कौन सी विशेषताओं ने आपकोप्रभावित किया?

(1) वीर कुंवर सिंह में देशभक्ति और प्रेम की भावना कूट-कूटकर भरी थी। (2) मातृभूमि को अंग्रेजों से आजाद कराने की प्रबल इच्छा थी। (4) वह साहसी होने अलावा छापामार युद्धकला में भी निपुण थे। (5) वह निर्धनों की सहायता के लिए हमेशा आगे रहते थे।

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग