हर साल की तरह इस साल (2021) भी विदेश से पैसे भेजने के मामले में भारत नंबर एक पर रहा. इस साल विदेश से भारत में 87 अरब डॉलर भेजे गए, जिसमें से 20 परसेंट से ज्यादा रकम अमेरिका से भेजी गई. वाशिंगटन स्थित विश्व बैंक ने बुधवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत के बाद चीन, मैक्सिको, फिलीपींस और मिस्र का स्थान हैं.
विश्वबैंक की ' माइग्रेशन एंड डेवलपमेंट ब्रीफ' रिपोर्ट के नवीन संस्करण के मुताबिक, अपने देश पैसा भेजने में चीन के लोग दूसरे पायदान पर हैं. विदेश में बसे चीन के लोगों ने अपने देश में पिछले साल 67 अरब डॉलर भेजे. इसके बाद मैक्सिको (36 अरब डॉलर), फिलीपींस (34 अरब डॉलर) और मिस्त्र (29 अरब डॉलर) का स्थान है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत एक बार फिर पहले पायदान पर रहने में कामयाब रहा है. पिछले तीन वर्ष में विदेश से भारतीयों के अपने देश पैसा भेजने में अच्छी वृद्धि हुई है. यह 2016 में 62.7 अरब डॉलर से बढ़कर 2017 में 65.3 अरब डॉलर हो गया था.
विश्वबैंक ने कहा, " भारत को भेजे गए धन में 14 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है. केरल में आई बाढ़ के चलते प्रवासी भारतीयों के अपने परिवारों को ज्यादा पैसे भेजने की उम्मीद है."
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सऊदी अरब से पूंजी प्रवाह में कमी के कारण पाकिस्तान में उसके प्रवासियों द्वारा भेजे जाने वाले धन में गिरावट आई है. वहीं , बांग्लादेश में उनके प्रवासियों द्वारा भेजे गए धन में 2018 में 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, विकासशील देशों (कम एवं मध्यम आय वाले देश) को भेजा गया धन 2018 में 9.6 फीसदी बढ़कर 529 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. यह 2017 में 483 अरब डॉलर पर था.
दुनिया भर के देशों में भेजा जाने वाला धन 2018 में 689 अरब डॉलर पर पहुंच गया. 2017 में यह 633 अरब डॉलर पर था. इसमें विकसित देशों में उनके नागरिकों द्वारा भेजा जाने वाला पैसा भी शामिल है.
विश्व बैंक ने कहा कि दक्षिण एशिया में भेजी गई रकम 12 फीसदी बढ़कर 131 अरब डॉलर हो गई. विश्वबैंक ने कहा कि अमेरिका में आर्थिक परिस्थितियों में मजबूती और तेल की कीमतों में तेजी के चलते धन प्रेषण में वृद्धि हुई है.
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