24 अप्रैल को कौन सा दिन मनाया जाता है? - 24 aprail ko kaun sa din manaaya jaata hai?

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवसअनुयायीप्रकारतिथिआवृत्ति
भारत
राष्ट्रीय
24 अप्रैल
वार्षिक

मुहम्म पंचायत कार्यालय

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस भारत में पंचायती राज प्रणाली का राष्ट्रीय दिवस है जिसे पंचायती राज मंत्रालय द्वारा 24 अप्रैल को प्रतिवर्ष मनाया जाता है। [1] [2]

भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने 24 अप्रैल 2010 को पहला राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस घोषित किया था। [3] उन्होंने उल्लेख किया कि अगर पंचायती राज संस्थाओं ने ठीक से काम किया और स्थानीय लोगों ने विकास प्रक्रिया में भाग लिया, तो माओवादी खतरे का मुकाबला किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल 2015 को निर्वाचित प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए, "सरपंच पति" की प्रथा को समाप्त करने का आह्वान किया, ताकि वे सत्ता में चुने जाने वाले उनके कामों पर अनुचित प्रभाव डाल सकें। [4] [5] [6]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. PM Modi to address conference on National Panchayati Raj Day, Zee News, 24 April 2015, अभिगमन तिथि 25 April 2015
  2. "PM Modi to address conference on National Panchayati Raj Day". Yahoo News. 24 April 2015. अभिगमन तिथि 25 April 2015.
  3. "24 April: National Panchayati Raj Day". Jagran Josh. 22 October 2010. अभिगमन तिथि 26 April 2015.
  4. "End 'sarpanch pati' practice, says Modi". The Hindu. 25 April 2015. अभिगमन तिथि 26 April 2015.
  5. "PM Modi to address conference on National Panchayati Raj Day". Business Standard. 24 April 2015. अभिगमन तिथि 26 April 2015.
  6. "PM's remarks on National Panchayati Raj .Day". narendramodi.in. Narendra Modi's Blog. अभिगमन तिथि 27 April 2015.

देश भर में हर साल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। पंचायती राज मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस अथवा राष्ट्रीय स्थानीय स्वशासन दिवस का आयोजन किया जाता है। देश में पहली बार अप्रैल 2010 में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस या राष्ट्रीय स्थानीय सरकार दिवस मनाया गया था।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 2020 के अवसर पर एकीकृत ई-ग्रामस्वराज पोर्टल और एक मोबाइल ऐप लॉन्च करेंगे। यह पंचायती राज मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक नई पहल है जो ग्राम पंचायतों को अपनी ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) को तैयार करने और कार्यान्वित करने के लिए एकल इंटरफ़ेस प्रदान करेगी।

पंचायत राज का इतिहास:

24 अप्रैल 1993 को देश में ज़मीनी स्‍तर पर सत्‍ता के विकेन्‍द्रीकरण के इतिहास का सबसे महत्‍वपूर्ण दिन माना जाता है क्योंकि इसी दिन संविधान (73 वां संशोधन) अधिनियम 1992 के जरिए पंचायती राज व्‍यवस्‍था लागू हुई थी। पंचायती राज मंत्रालय द्वारा हर साल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (NPRD) के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इस तारीख को 73 वां संवैधानिक संशोधन लागू हुआ था। राजस्थान पहला राज्य था जिसने 1959 में दिवंगत प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय में पंचायती राज व्यवस्था लागू किया था।

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
महत्वपूर्ण तथ्य-

  • केंद्रीय पंचायती राज मंत्री: नरेंद्र सिंह तोमर.

Panchayati Raj Day 2022: आज नेशनल पंचायती राज दिवस है. कहा जाता है कि भारत का दिल उसके गांवों में बसता है और देश की समृद्धि उसके गांवों से ही है. देश में तकरीबन में छह लाख से अधिक गांव हैं. जो छह हजार से अधिक ब्लॉक और 750 से अधिक जिलों में बंटे हुए हैं. पंचायती राज का तात्पर्य स्वशासन से है और यह व्यवस्था शासन के विकेंद्रीकरण के तहत की गई है. पंचायती राज संस्था को भारत के सबसे पुराने शासी निकायों में माना जाता है. हर साल सत्ता के विकेंद्रीकरण के ऐतिहासिक क्षण को यादगार बनाने के लिए के लिए भारत 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाता है. पंचायती राज व्यवस्था कोई नई व्यवस्था नहीं है ये प्राचीन काल से चली आ रही एक बेहतरीन व्यवस्था है.

पंचायती राज के मायने और इतिहास

पंचायत शब्द दो शब्दों 'पंच' और 'आयत' के मेल से बना है. पंच का अर्थ है पांच और आयत का अर्थ है सभा. पंचायत को पांच सदस्यों की सभा कहा जाता है जो स्थानीय समुदायों के विकास और उत्थान के लिए काम करते हैं और स्थानीय स्तर पर कई विवादों का हल निकालते हैं. पंचायती राज व्यवस्था का जनक लॉर्ड रिपन को माना जाता है. रिपन ने 1882 में स्थानीय संस्थाओं को उनका लोकतांत्रिक ढांचा प्रदान किया था. अगर देश में किसी गांव की हालत खराब है तो उस गांव को सशक्त और विकसीत बनाने के लिए ग्राम पंचायत उचित कदम उठाती है. बलवंत राय मेहता समिति के सुझावों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सबसे पहले 2 अक्टूबर 1959 को राजस्थान के नागौर ज़िले में पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया था. इसके कुछ दिनों के बाद आंध्र प्रदेश में भी इसकी शुरुआत हुई थी.

त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था

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साल 1957 में बलवंत राय मेहता कमेटी का गठन हुआ था जिसने त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की बात कही थी. इसके बाद 1977 में अशोक मेहता समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश की थी जिसमें उन्होंने द्विस्तरीय शासन व्यवस्था का जिक्र किया था लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सका था. बलवंत राय मेहता कमेटी के सुझावों को सबसे पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1959 में लागू करवाया था. 1. ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत की व्यवस्था 2. ब्लॉक स्तर पर पंचायत समिति की व्यवस्था. और 3. जिला स्तर पर जिला परिषद की व्यवस्था की गई.

पंचायती राज दिवस की शुरुआत

पंचायती राज दिवस पहली बार 24 अप्रैल, 2010 को मनाया गया था. यह दिन 1992 में संविधान के 73 वें संशोधन के अधिनियमन का प्रतीक है. इस ऐतिहासिक संशोधन के जरिए जमीनी स्तर की शक्तियों का विकेंद्रीकरण किया गया और पंचायती राज नाम की एक संस्था की बुनियाद रखी गई. पंचायती राज मंत्रालय हर साल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाता है. 73वें संशोधन के तहत संविधान में भाग-9 जोड़ा गया था. जिसके अंतर्गत पंचायती राज से संबंधित उपबंधों की बात की गई है. साल 2010 से 24 अप्रैल को हर साल ये दिवस मनाया जा रहा है. इस दिन बेहतर प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को पुरस्कृत करने का भी प्रावधान किया गया है.

पंचायती राज दिवस थीम और पुरस्कार

भारत इस बार 12वां पंचायती राज दिवस मना रहा है. इस साल समारोह बिना किसी विशेष थीम या विषय के आयोजित किया जा रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों में ग्राम स्तर के समारोह, सेमिनार और कई और दूसरे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. पीएम मोदी इस बार जम्मू के सांबा जिले में पंचायती राज दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं. इस साल मुख्य आकर्षण पुरस्कार समारोह होगा जो देश में पंचायतों के बेहतर कामों को एक तरह से मान्यता देता है. ये पुरस्कार पांच श्रेणियों में दिए जाएंगे.

1. दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार

2.नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम पुरस्कार 

3. ई-पंचायत पुरस्कार

4. ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार

5. बाल हितैषी पंचायत अवॉर्ड

भारत में पंचायती राज के गठन और उसे सशक्त करने की अवधारणा महात्मा गांधी के दर्शन पर आधारित है. आज डिजिटल इंडिया के जमाने में कई योजनाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए अंजाम दिया जा रहा है. पंचायतों के सशक्तिकरण और विकास के लिए देश में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.

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24 अप्रैल को क्या मनाया?

पंचायती राज मंत्रालय हर साल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाता है. 73वें संशोधन के तहत संविधान में भाग-9 जोड़ा गया था.

भारत में राष्ट्रीय पंचायत दिवस कब मनाया जाता है?

पंचायती राज मंत्रालय हर साल 24 अप्रैल को भारत में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाता है। 73वें संशोधन के तहत संविधान में भाग 9 जोड़ा गया था जिसके अंतर्गत पंचायती राज से संबंधित बात की गई थी।

पहला पंचायती राज दिवस कब मनाया गया?

भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने 24 अप्रैल 2010 को पहला राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस घोषित किया था।

भारत में पंचायती राज की स्थापना कब हुई थी?

Detailed Solution. 1959 में भारत में पंचायती राज की शुरुआत हुई। पंचायतें या ग्राम सभाएं प्राचीन भारत में स्वशासित संस्थाओं के रूप में विद्यमान थीं, जिनके अलग और सुव्यवस्थित कार्य थे। पहली पंचायत का उद्घाटन तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 2 अक्टूबर 1959 को राजस्थान के नागौर में किया था।

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