इसे सुनेंरोकेंहमने जो पुस्तकें पढ़ी थी, उनमें से रामायण मनपसंद पुस्तक है। जब भरत को पता चला कि उनकी मां कैकयी ने उन्हें राजगद्दी दिलाने के लिए राम को वन भेज दिया तब भरत ने भी राजगद्दी पर राम की पादुकाएं रखी व राम की अमानत समझकर चौदह वर्षों तक अयोध्या का राजकार्य संभाला। आप की सबसे प्रिय किताब का नाम क्या
है? मेरी सबसे प्रिय पुस्तक ‘रामचरितमानस’ है।आपने जिन कहानी के पुस्तकों को पढ़ी थी उनमें से आपका मनपसंद पुस्तक कौन सा है और क्यो?
आपकी प्रिय पुस्तक कौन सी है और क्यों?
इसे सुनेंरोकेंवैसे तो मैंने अब तक अनेक पुस्तकें पढ़ी हैं परंतु इन सब मैं गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित ‘रामचरित-मानस’ ने मुझे अत्यधिक प्रभावित किया है ।” ‘रामचरितमानस’ मेरी सबसे प्रिय पुस्तक है, क्योंकि यह एक कहानी संग्रह मात्र ही नहीं है अपितु उससे अधिक है जिसमें दर्शन के साथ ही उत्तम चरित्र निर्माण हेतु सभी तत्व विद्यमान हैं ।
लेखक ने संसार को पुस्तक क्यों कहा है?
इसे सुनेंरोकेंजैसे पुस्तक पढ़कर बहुत-सी जानकारी प्राप्त की जा सकती है, वैसे ही संसार में रहकर भी हमें बहुत-सी जानकारियाँ प्राप्त हो सकती हैं। इसलिए लेखक ने संसार को पुस्तक कहा है।
संसार पुस्तक है पाठ से आपको क्या शिक्षा मिलती है?
इसे सुनेंरोकेंसंसार पुस्तक है वसंत भाग – 1 (Summary of Sansar Pustak hai Vasant) जैसे हम कोई भाषा सीखने के लिए अक्षर ज्ञान प्राप्त करते हैं उसी प्रकार प्रकृति को समझने का ज्ञान हम पत्थरों और चट्टानों से प्राप्त कर सकते हैं| कोई चिकना-सा पत्थर भी अपने बारे में बहुत कुछ बताता है कि यह गोल, चिकना, चमकीला और खुरदुरे किनारे कैसे हो गया।
संसार पुस्तक है पाठ से क्या सीख मिलती है?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: लेखक का विचार है कि दूसरों की लिखी किताबों से संसार का हाल नहीं जाना जा सकता। हाल जानने का असली तरीका है, स्वयं संसार रूपी पुस्तक को पढ़कर ही हाल जाना जा सकता है।