अप्रैल में द्वादशी कब की है? - aprail mein dvaadashee kab kee hai?

Kamada Ekadashi 2022 Date: चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी या फलदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. चैत्र नवरात्रि और राम नवमी के बाद यह पहली एकादशी कामदा एकादशी होती है. इस बार कामदा एकादशी व्रत (Kamada Ekadashi 2022 Vrat) 12 अप्रैल को रखा जाएगा या 13 अप्रैल को इस बात को लेकर लोग संशय में हैं. ऐसे में जान लें कामदा एकादशी व्रत 2022 कब रखा जा रहा है? पारण की तिथि, समय और नियम क्या हैं आगे पढ़ें.

Kamada Ekadashi Significance: कामदा एकादशी का महत्व

ऐसी धार्मिक मान्यता है कि कामदा एकादशी का उपवास करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है. हिन्दु धर्म में किसी ब्राह्मण की हत्या करना सबसे भयंकर पाप माना जाता है. कहा जाता है कि कामदा एकादशी व्रत रखने से ब्राह्मण की हत्या का पाप भी मिट जाता है. कभी कभी एकादशी व्रत लगातार दो दिनों के लिए हो जाता है. जब एकादशी व्रत दो दिन होता है तब पहले दिन एकादशी व्रत करना चाहिए. दुसरे दिन वाली एकादशी को दूजी एकादशी कहते हैं. सन्यासियों, विधवाओं और मोक्ष प्राप्ति के इच्छुक श्रद्धालुओं को दूजी एकादशी के दिन व्रत करना चाहिए. जब-जब एकादशी व्रत दो दिन होता है तब-तब दूजी एकादशी और वैष्णव एकादशी एक ही दिन होती है.

Kamada Ekadashi 2022 Date, Shubh Muhurat Paran Time: कामदा एकादशी तिथि, शुभ मुहूर्त, पारण का समय

  • एकादशी तिथि प्रारम्भ - अप्रैल 12, 2022 को 04:30 ए एम बजे

  • एकादशी तिथि समाप्त - अप्रैल 13, 2022 को 05:02 ए एम बजे

  • कामदा एकादशी मंगलवार, अप्रैल 12, 2022 को

  • 13 अप्रैल को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 01:39 पी एम से 04:12 पी एम

  • पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय - 10:58 ए एम

  • एकादशी तिथि प्रारम्भ - अप्रैल 12, 2022 को 04:30 ए एम बजे

  • एकादशी तिथि समाप्त - अप्रैल 13, 2022 को 05:02 ए एम बजे

  • कामदा एकादशी पारण

  • वैष्णव कामदा एकादशी बुधवार, अप्रैल 13, 2022 को

  • 14 अप्रैल को, वैष्णव एकादशी के लिए पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 05:57 ए एम से 08:31 ए एम

  • पारण के दिन द्वादशी सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगी.

Kamada Ekadashi Puja Vidhi: कामदा एकादशी पूजा विधि

  • कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है.

  • कामदा एकादशी के दिन सबसे पहले स्नान करके साफ स्वच्छ कपड़ें पहनें.

  • अब भगवान विष्णु को फल, फूल, दूध, पंचामृत, तिल आदि समर्पित करें.

  • रात में जागरण करना अच्छा माना गया है इसलिए संभव हो तो सोने के बजाय भजन- कीर्तन करें.

  • अगले दिन पूजा के बाद इच्छा व सामर्थ्य के अनुसा ब्राह्मण को भोजन कराएं और दान दें.

  • दान करने के बाद व्रत का पारण करें.

कामदा एकादशी व्रत पारण के नियम

कामदा एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है. एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना अति आवश्यक है. यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो गयी हो तो एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही होता है. द्वादशी तिथि के भीतर पारण न करना पाप करने के समान माना गया है.

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हरि वासर के दौरान नहीं करना चाहिए एकादशी व्रत का पारण

एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान कभी नहीं करना चाहिए. व्रत रखने वाले भक्तों को पारण करने से पहले हरि वासर समाप्त होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए. हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई अवधि है. व्रत तोड़ने के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रातःकाल माना गया है. व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को मध्याह्न के दौरान व्रत तोड़ने से भी बचना चाहिए. कुछ कारणों की वजह से अगर कोई प्रातःकाल पारण करने में सक्षम नहीं है तो उसे मध्याह्न के बाद पारण करना चाहिए.

राहुकाल मध्याह्न 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक। द्वादशी तिथि अर्धरात्रोत्तर 12 बजकर 24 मिनट तक उपरांत त्रयोदशी तिथि का आरंभ, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र सायं 05 बजकर 05 मिनट तक उपरांत उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का आरंभ।

ऐन्द्र योग सायं 05 बजकर 36 मिनट तक, उपरांत वैधृति योग का आरंभ, कौलव करण मध्याह्न 12 बजकर 37 मिनट तक उपरांत गर करण का आरंभ। चंद्रमा पूर्वाह्न 11 बजकर 01 मिनट तक कुंभ उपरांत मीन राशि पर संचार करेगा।

सूर्योदय का समय 27 अप्रैल 2022 : सुबह 05 बजकर 43 मिनट पर।
सूर्यास्त का समय 27 अप्रैल 2022 : शाम 06 बजकर 53 मिनट पर।

आज का शुभ मुहूर्त 27 अप्रैल 2022 :
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 17 मिनट से 05 बजकर 01 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। निशीथ काल मध्‍यरात्रि 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 06 बजकर 41 मिनट से 07 बजकर 05 मिनट तक। अमृत काल सुबह 09 बजकर 02 मिनट से 10 बजकर 39 मिनट तक।

आज का अशुभ मुहूर्त 27 अप्रैल 2022 :
राहुकाल दोपहर 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक। सुबह 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजे तक यमगंड रहेगा। सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक गुलिक काल रहेगा। दुर्मुहूर्त काल दोपहर 11 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। पंचक काल पूरे दिन रहेगा।

आज के उपाय : गणेशजी को शमी के पत्ते अर्पित करें, किन्नरों को दान दें।

(आचार्य कृष्णदत्त शर्मा)

अप्रैल 2022 में द्वादशी कब है?

आज की तिथि (Aaj Ki Tithi) : 13 अप्रैल 2022 को चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी की तिथि है.

द्वादशी कब है 2022?

साल 2022 में गोवत्स द्वादशी 21 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि 21 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 22 मिनट से शुरू हो रही है. वहीं द्वादशी तिथि का समापन 22 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 02 मिनट पर होगी.

द्वादशी कब है June 2022?

10 जून 2022 शुक्रवार को ज्येष्ठ शुक्ल दशमी प्रात: 7.27 बजे तक उपरांत एकादशी तिथि प्रारंभ होगी। 11 जून शनिवार को ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी प्रात:5.46 बजे तक पश्चात द्वादशी रात्रि 3.24 बजे तक उपरांत त्रयोदशी रहेगी।

द्वादशी कौन सी तारीख की है?

रविवार, 04 दिसंबर 2022 हिंदू कैलेंडर के अनुसार बारहवां दिन को द्वादशी कहा जाता है।

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