अधिकतम और न्यूनतम तापमान में क्या अंतर है? - adhikatam aur nyoonatam taapamaan mein kya antar hai?

बिजनौर में सुबह कोहरे मेंे हेडलाइट जलाकर गुजरते वाहन। - फोटो : अमर उजाला

नजीबाबाद में न्यूनतम और अधिकतम तापमान के बीच का अंतर घटने और शीतलहर चलने से दिन भर लोग कड़ाके की ठंड में ठिठुरते रहे। सार्वजनिक स्थान पर लगे अलाव पर जुटे लोग ठंड से कुछ राहत पाने के साथ चुनावी समर में राजनीतिक सरगर्मियों की चर्चाओं में लगे रहे।

रविवार को नजीबाबाद क्षेत्र का न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस नोट किया गया। साथ दिन भर शीतलहर जारी रही। दोपहर कुछ देर के लिए हल्की धूप खिली। जिससे मौसम में गर्माहट का एहसास भी नहीं हो सका। जीआईसी प्रांगण में संचालित मौसम वेदशाला के प्रभारी सुनील कुमार ने बताया कि न्यूनतम तापमान और अधिकतम तापमान के बीच अंतर घटने पर गलन के साथ ज्यादा ठंड का एहसास होता है।उधर, नगरपालिका परिषद नजीबाबाद, नगर पंचायत जलालाबाद और साहनपुर की ओर से राहगीरों को ठंड से राहत  दिलाने के लिए क्षेत्र के सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है। आबादी और बाजार के   बीच जलने वाले अलाव पर आसपास के लोग कुर्सियां लेकर बैठे नजर आए।

धामपुर में कोहरे और शीतलहर की वजह से ठिठुरन बढ़ गई है। शनिवार की सुबह पूरा इलाका घने कोहरे की चपेट में रहा। न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस रहा। धामपुर क्षेत्र में दोपहर तक घना कोहरा रहने से लोगों को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ा। ठंड के चलते स्कूल कालेजों में बच्चों की संख्या कम रही।  
वहीं बिजनौर में हल्की बूंदाबांदी से मौसम का मिजाज फिर से ठंडा हो गया है। शनिवार को सुबह के समय घना कोहरा छाया रहा। हल्की हवा चली तो ठंड भी कड़ाके की हो गई। कोहरा बारिश की तरह बरसता  रहा। स्कूलों में बच्चे भी ठंड से परेशान रहे। पारे का फिर से  गिरना गेहूं की फसल के लिए अच्छा संकेत माना जा रहा है। इससे किसान खुश हैं।

दो दिन पूर्व हुई हल्की बूंदाबांदी से मौसम का मिजाज बदल गया है। एक बार फिर से कड़ाके की ठंड हो गई है। रविवार को तड़के से ही आसमान में घने कोहरे की चादर दिखाई दी। हल्की हवा के साथ कोहरा बरसता रहा। इस दौरान वाहनों की रफ्तार भी धीमी रही। बडे़ व छोटे वाहनों को हेडलाइट जलाने के बावजूद धीरे-धीरे चलना            पड़ा। कड़ाके की ठंड में स्कूल  खुले जरूर, पर बच्चों की संख्या कम रही। सुबह के समय चौराहों  पर अलाव भी जलाए गए,            ताकि राहगीरों को ठंड से राहत  मिल  सके।
दुपहर करीब एक बजे सूर्यदेव के दर्शन हुए। इससे लोगों को कुछ देर के लिए राहत मिली। दूसरी ओर, किसानों का कहना है कि मौसम का अभी ठंडा होना ठीक है। इससे गेहूं की फसल को लाभ होगा। बारिश भी होती तो ज्यादा अच्छा रहता। किसान नेता नरेंद्र सिंह, रवींद्र प्रताप सिंह, बलजीत सिंह का कहना है कि अभी करीब 15 दिन तक अच्छी ठंड रहे तो फसल अच्छी होगी।

रात और दिन के तापमान में 20 डिग्री का अंतर

मुजफ्फरनगर। जिले के मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है। यहां तक कि दिन और रात के तापमान में भी बड़ा अंतर है। दिन में तेज धूप निकलने से तापमान 24 डिग्री तक पहुंच गया है और रात में सर्दी बढ़ने से 4.8 डिग्री सेल्सियस है। दिन और रात के तापमान में 20 डिग्री का अंतर होने से लोग बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।
दिन में तेज धूप निकलने से धीरे-धीरे तापमान बढ़ रहा है। जिले में अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। दिन में गर्म कपड़ों में अब गर्मी का अहसास होने लगा है। स्थिति यह है कि शाम ढलते ही सर्दी का अहसास होने लगता है। रात में जहां अत्यधिक सर्दी हो रही है, वहीं सुबह दस बजे तक सर्दी बनी रहती है। स्थिति यह है कि रात में सर्दी अभी भी अत्यधिक है, जिसके चलते न्यूनतम तापमान यहां 4.8 डिग्री सेल्सियस रहा है। रात और दिन में तापमान में लगभग 20 डिग्री का अंतर चल रहा है। अत्यधिक अंतर होने से आम लोगों की सेहत पर भी प्रभाव पड़ रहा है, लोग बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।

जागरण संवाददाता, जालंधर

बुधवार को लगातार दूसरे दिन हुई बारिश और शीतलहर के कारण अधिकतम और न्यूनतम तापमान का अंतर कम होकर 1.20 डिग्री सेल्सियस रह गया। इससे ठिठुरन बढ़ गई है। बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। बाजारों में दिन भर वीरानगी छाई रही। ठंड से बचने के लिए लोग घरों में दुबके रहे। उधर, मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 घंटे के दौरान मौसम यथावत रहेगा।

दरअसल, नववर्ष के आगाज के साथ ही ठंड बढ़ गई है। शीतलहर चलने और बारिश से ठंड में इजाफा होता जा रहा है। दिसंबर के अंतिम दिनों के दौरान बढ़ रही ठंड के बीच अधिकतम व न्यूनतम तापमान में दोगुना से भी अधिक का अंतर आ चुका था। इसका प्रमुख कारण दोपहर के समय तेज धूप खिली रहना था। दोपहर को तेज धूप खिली रहने के बाद तड़के व रात को ठंड का कहर बढ़ जाता था। दिसंबर के अंतिम सप्ताह में न्यूनतम पांच और अधिकतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से अधिक था। अब बारिश व शीतलहर के बाद यह अंतर काफी कम हो गया है। बुधवार को दिन भर अधिकतम तापमान 13.40 डिग्री और न्यूनतम तापमान 12.20 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विशेषज्ञ डा. विनीत शर्मा बताते हैं कि इस सप्ताह के अधिकतर दिन बादल छाए रहेंगे, जिससे ठिठुरन भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि जब अधिकतम और न्यूनतम तापमान में अंतर कम रह जाता है तो कंपकंपी बढ़ जाती है। सूने हुए बाजार, गली-मोहल्लों में कीचड़ से लोग परेशान

बुधवार को दिन भर बारिश के चलते शहर के बाजार दिन भर सूने रहे। बाजारों के दुकानदार दिन भर ग्राहकों की बाट जोहते रहे। रैनक बाजार के दुकानदार अमित सोबती बताते हैं कि 14 जनवरी के बाद वेडिग सीजन शुरू होने जा रहा है। इसे लेकर दुकानदार खासे उत्साहित थे। खराब मौसम के चलते उन्हें निराशा हाथ लगी है। बारिश के चलते दिन भर ग्राहकों के इंतजार में बीता। बूंदाबांदी फसलों के लिए लाभदायक

कृषि विशेषज्ञ डा. नरेश गुलाटी बताते हैं कि हल्की बूंदाबांदी धान से लेकर सब्जियों की फसल के लिए लाभदायक है। उन्होंने कहा कि अगर तेज बारिश व तेज हवाएं चलेंगी तो फसल को नुकसान होगा।

Edited By: Jagran

न्यूनतम और अधिकतम में क्या अंतर है?

अधिकतम तापमान 23.5 और न्यूनतम तापमान 21.5 रिकॉर्ड किया गया है। वर्षों बाद अधिकतमन्यूनतम तापमान में मात्र दो डिग्री सेल्सियस का अंतर हुआ है। इसके पहले वर्ष 2007 में भी तापमान में दो डिग्री का अंतर आया था।

दिन में अधिकतम और न्यूनतम तापमान कब होने की संभावना है?

Solution : दिन का अधिकतम तापमान सामान्यतः अपराह्न में (दोपहर बाद) तथा न्यूनतम तापमान सामान्यतः प्रातः (भोर) में होता है।

मनुष्य अधिकतम कितना तापमान सह सकता है?

आमतौर पर यह माना जाता है कि मनुष्य जिस अधिकतम तापमान पर जीवित रह सकता है वह 108.14 डिग्री Fahrenheit या 42.3 डिग्री सेल्सियस है. हाई टेंपरेचर की वजह से मस्तिष्क को नुकसान पहुंच सकता है.

न्यूनतम तापमान का मतलब क्या है?

जिससे यह पता चलता है कि कोई वास्तु या मौसम कितना ठंडा या गर्म है। उदाहरण के तौर पर, 6 जनवरी को पटना का न्यूनतम तापमान 4। 7 डिग्री रात्रि के समय था जबकि जम्मू का न्यूनतम तापमान 6। 7 डिग्री था।

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