बच्चों को हिंदी बोलना कैसे सिखाएं - bachchon ko hindee bolana kaise sikhaen

ये अपने आप में कमाल की बात होती है जब आपके बच्चे का बडबडाना , टूटी फूटी आवाजें निकालना आदि एक सम्पूर्ण शब्द की जगह लेने लगता है । लेकिन इसके बावजूद भी वो अभी बोलता नहीं है। अगर आप अपने बच्चे को जल्दी बोलना सिखाना चाहते हैं तो आगे पढ़ते जाइए ।

1) बात करते रहें  

बच्चे को रोज नए शब्द सिखाने की कोशिश करें । बच्चे के आसपास की चीजों को देखकर उसे उसके नाम के बारे में बताते रहें । अपने बच्चे से बिलकुल वैसे बात करें जैसे आप किसी दूसरे वयस्क व्यक्ति से बात करेंगे । ऐसा करने से बच्चे में शब्दों को सही तरह से बोलने की प्रवृत्ति आएगी । जितना हो सकें उससे बात करते रहे । अपने दिन भर के काम को अपने बच्चे से शेयर करें । हो सकता है बच्चा ओकी बात को बिलकुल ध्यान ना दे लेकिन यकीन मानिए वो आपको सुन रहा है ।

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2 ) संकेतों की सहायता लें 

जब आप अपने बच्चे से बात कर रहे हो तो आस पास की चीजों को संकेत के तौर पर इस्तेमाल करें । जैसे अगर लंच करने का समय हुआ है तो प्लेट आदि को टेबल पर रखते हुए कहें ” इट्स लंच टाइम ” । आपका बच्चा लंच शब्द का अर्थ भले ना समझ पाए  लेकिन वो इस बात का अंदाज़ा जरुर लगा लेगा की लंच का मतलब दोपहर है ।इसका मतलब ये है की अब खाने का समय हो गया है ।

3) संभावनाओं का निर्माण करें

अपने बच्चे के लिए संभावनाओं का निर्माण करें । उससे दिन भर आसान सवाल करते रहे । शुरू में आप उससे हाँ या ना में जवाब देने वाले सवाल पुछ सकते हैं । जब वो अच्छे से जवाब देने लगे तो उससे अधिक जटिल सवाल पूछना शुरू कर दें । सवाल पूछने के बाद बच्चे को जवाब में शब्द सोचने का समय दें ।

4) आसान बनाएं 

अगर आप आसान शब्दों का प्रयोग करें और अपने वाक्य को छोटा रखें तो आपके बच्चे को इसे समझने में आसानी होगी ।

अगर आप अपने बच्चे को जल्दी बोलना सिखाना चाहते हैं तो आगे पढ़ते जाइए ।

5) शब्दों को सही करने के लिए उसे दोहरायें 

हो सकता है आपका बच्चा बनाना की जगह नाना बोले या क्रैकर की जगह काका बोले । सुनिश्चित करें की आप सही शब्द को दोहरायें जैसे अगर आपका बच्चा नाना कहे तो आप कह सकते हैं की ” हाँ बेटा दिस इस बनाना “।

6) सीखना मजेदार बनाएं 

बच्चे को मजेदार तरीके से और खेल-खेल में बोलना सिखाएं । जैसे आप किसी नए शब्द को किसी गाने के रूप में गा कर उसे सुना सकते हैं

7) लगातार सिखाना जारी रखें 

अगर आपका बच्चा बोलने लगे तो उसे सिर्फ आसान शब्द ना सिखाएं बल्कि जटिल शब्द भी सिखाना शुरू कर दें ।फ्लैशकार्ड, विडियो और किताबों के साथ उसे सिखाने की कोशिश करें ।

8)उसे नाम से बुलाएं 

अपने बच्चे को बात करना सिखाने के लिए सबसे पहले उसे नाम से बुलाना शुरू करें । अपने बच्चे की आँखों में देखकर उससे बात करें । इससे बच्चे को आपको समझने में आसानी होगी ।

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आपने अपने बच्चे को कैसे बात करना सिखाया ? अपने विचार हमसे साझा करेइओन । बच्चे को बात करना सीखाने के लिए इस विडियो को भी जरुर देखें ।

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जब बच्चा पैदा होता है तो उसके द्वारा की जाने वाली छोटी-छोटी हरकतों से मन खुश हो जाता है और जब वह 9 महीने का होता है तो वह अपनी तोतली आवाज में थोड़ा-थोड़ा बोलना शुरू कर देता है जैसे मां, मामा, बाबा, पापा आदि।

उसकी आवाज सुनकर पूरा घर इतना खुश होता है कि जैसे कोई खजाना मिल गया हो और आप सभी लोग बार-बार उसे बोलने के लिए बोलते हैं क्योंकि उसकी आवाज बार-बार सुनने को मन करता है। लेकिन कई बार बच्चे बोल नहीं पाते हैं या बोलने में ज्यादा समय लेते हैं जिससे वह इशारा करके अपनी बातों को कहते हैं और यह मां-बाप के लिए चिंता का विषय बन जाता है।

इसलिए जब आपके बच्चे एक निश्चित उम्र में आने के बाद भी नहीं बोल पा रहे हैं तो आप बच्चों को बोलना सिखाने के उपायों  (baby ko bolne ke upay in hindi) को अपना सकते हैं जो निम्न है।

बच्चों को बोलना सिखाने के आसान तरीके (Bachho ko Bolna Sikhane ke Tarike)

#1. मां बाप खुद थोड़ा समय बच्चों को दे

कई बार ऐसा होता है कि बच्चा आपके साथ होते हुए भी अकेला होता है। यदि आप उसके साथ बात करने की बजाये सिर्फ गोद में लिए बैठे रहेंगे तो कुछ नहीं होने वाला है। आप उसके साथ बोले, बातें करें और उससे कहें कि वह भी बोले। शुरुआत में बच्चे बोलते नहीं बल्कि होंठ हिलाना सीखते हैं। उसके बाद यदि आप रोजाना उसके साथ समय बिताने लगेंगे और उसके साथ बोलने लगेंगे तो उसे बोलना सीखने में जरूर मदद मिलेगी।

#2. शब्दों को दोहराएं

यदि आप ऐसा सोचती हैं कि बच्चों को आपने एक बार कुछ बोला और वह आपको बोल कर दिखा देंगे तो आप बिल्कुल गलत सोचते हैं। इसके लिए आपको काफी मेहनत करनी पड़ सकती है क्योंकि कई बच्चे जल्दी बोलना सीख जाते हैं और कई बच्चे धीरे-धीरे सीखते हैं। इसलिए बच्चों के सामने उन शब्दों को दोहराएं जो आप उन्हें सिखाना चाहती है क्योंकि बच्चे जब एक ही शब्द को बार-बार सुनते हैं तो उस शब्द को आसानी से याद कर लेते हैं।

#3. सोते समय लोरी या कहानी सुनाएं

रात को सोते समय सारा वातावरण शांत होता है और बच्चों का दिमाग भी इस समय शांत होता है। इसलिए बच्चे किसी भी बात को सोने के दौरान सबसे अधिक पकड़ते हैं। इसलिए सोते समय रात को आप अपने बच्चों को लोरी सुनाए या फिर कोई मजेदार कहानियां सुनाएं।

#4. दूसरे बच्चों के साथ खेलने दे

बच्चे हो या बड़े सब हमउम्र के लोगो के साथ बातें करके बहुत खुश होते हैं। यह बात बिल्कुल सही है कि बच्चे अपने हमउम्र के बच्चों के साथ जल्दी बोलना सीखते हैं क्योंकि वह एक दूसरे की भाषा अच्छे से समझते हैं। इसलिए अपने बच्चों को उनकी उम्र के बच्चों के साथ खेलने दे।

जैसे ही वह दूसरे बच्चों के संपर्क में आता है उसके अंदर खेलने की भावना बढ़ती है और वह भी दूसरे बच्चों की हरकतों को देखकर उनके साथ बोलने की कोशिश करता है। कई बार तो ऐसे ही वह छोटे-छोटे शब्दों को बोलना सीख जाते हैं।

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#5. सरल भाषा का प्रयोग करें

बच्चों को बोलना सिखाने के लिए एक बेहतरीन तरीका है कि आप उनसे ढेर सारी बातें करें तो वह बात समझकर बोलने की कोशिश करेगा। आपको बातें करते समय इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप जिन शब्दों का इस्तेमाल कर रही हैं वह ज्यादा भारी भरकम ना हो जिससे बच्चे उन्हें समझ ना पाए। आप बच्चों के साथ आसान व सरल भाषा का ही प्रयोग करें ताकि बच्चे आसानी से समझ सके।

#6. बोलने के साथ-साथ संकेत भी करें

जब आप अपने बच्चों से बात कर रहे हैं तो आप आसपास की चीजों को संकेत के तौर पर इस्तेमाल करें। जैसे जब आप शाम के समय पूजा करती है तो उसे हाथ जोड़ने के लिए कहे तो वह समझ जाएगा कि अब शाम हो गई है और पूजा का समय हैं।

#7. थोड़ी देर टीवी दिखाएं

आज के जमाने के बच्चे टीवी देख कर बहुत खुश होते हैं और आसानी से सब कुछ सीख भी लेते हैं। इसलिए बच्चों को थोड़े समय के लिए साथ बिठाकर टीवी दिखाएं। उसमें आप कोई कविता या कार्टून प्रोग्राम दिखाएं जिससे बच्चे का मनोरंजन भी होगा और उसे देखकर वह बोलने की कोशिश भी करेगा।

#8. बाहर घुमाने ले जाएं

बाहर घुमाने ले जाने के दौरान वे बाहर की बातें सुनते हैं और चहकने लगते हैं। इससे बच्चों का मन भी बहुत खुश हो जाता है। इस कारण वे किसी भी चीज को जल्दी सीख भी लेते हैं। इसलिये उन्हें समय-समय पर बाहर घुमाने की कोशिश करनी चाहिए। साथ ही आसपास के वातावरण में काफी चहल-पहल होती है जिसे देखकर बच्चे भी बोलने की कोशिश करेंगे।

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#9. सीखना मजेदार बनाएं

बच्चों का मजेदार तरीके से और खेल-खेल में बोलना सिखाए जैसे आप किसी भी शब्द को कविता व गाने के रूप में गा कर सुना सकती हैं।

#10. संगीतमय खिलौने

बच्चों को बोलना सिखाने के लिए उनको ऐसे खिलौने दे जो बोलते हो या फिर जिनमें संगीत बजता हो और खुद भी बच्चों से थोड़ी-थोड़ी देर में बातें करते रहे। संगीत वाले खिलौने से वे उत्सुकतापूर्वक उससे बोलने की भी कोशिश करेंगे।

बच्चों को बोलना सिखाना (Bolna Sikhana) कई बार घर में होने वाले वातावरण पर भी निर्भर करता है। यदि आपके घर में कोई ऐसा नहीं है जो बच्चों को बोलना सिखाए तो परेशान होने की बजाय आप उसका थोड़ा माहौल बदल ले। अगर फिर भी वह ना बोले तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।

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छोटे बच्चों को हिंदी कैसे सिखाएं?

बच्चों को हिंदी पढ़ना कैसे सिखाएं?.
बच्चों को हिंदी सिखाने के लिए सबसे पहले उन्हें सारे वर्णमाला में शामिल अक्षरों से परिचित कराएं। ... .
जब बच्चे वर्णमाला बोलना सीख जाएं, तो उन्हें बिना मात्रा वाले शब्दों से परिचित कराएं। ... .
बच्चा जब वर्णों को पहचानना सीख जाए, तो फिर उसे खाली स्थान में वर्णों को भरना सिखाएं।.

छोटे बच्चे को बोलना कैसे सिखाते हैं?

पैदा होने के बाद आप अपने बच्चे खाना खिलाते समय, नहाते समय, सुलाते समय और टहलाते समय बात जरूर करें. बच्चे को उसके आसपास की चीजों के बारे में बताते रहें. अगर वह अपने सिर को हिलाकर, अपनी बाहों को हिलाकर या आपकी ओर इशारा करके आपकी प्रतिक्रिया का जवाब देते हैं, तो उन्हें और बोलने के लिए प्रेरित करते रहना चाहिए.

बच्चे कितने साल में बोलना शुरू करते हैं?

जब शिशु 10 महीने के होते हैं, तब वे अचानक से अपना पहला पहचानने योग्‍य शब्‍द बोलना शुरू करते हैं

2 साल का बच्चा कैसे बोलता है?

आमतौर पर दो साल का बच्‍चा दिन में लगभग 50 शब्‍द बोल सकता है और एक वाक्‍य में दो से तीन शब्‍द बोल सकता है। तीन साल की उम्र तक बच्‍चा लगभग 1,000 शब्‍द बोलने लगता है और एक वाक्‍य में तीन से चार शब्‍द बोलता है। अगर आपके बच्‍चे ने तीन साल की उम्र तक बोलना शुरू नहीं किया है तो उसे स्‍पीच डिले हो सकता है।

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