बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को समझना : बच्चे कैसे सीखते हैं?
कोर्स -3
उद्देश्य :-
बच्चों को और उनके सीखने के तरीकों की व्याख्या करने एवं सीखने के परिवेश का सृजन करने में |
बच्चों के सीखने में विभिन्न क्षमताओं एवं जरूरतों को जानने में मदद करना |
महत्व :-
हर बच्चा अलग होता है उसके पास अपने पिछले अनुभव होते हैं जिन्हें वह कहीं प्रकार से अर्जित करता है|
स्वायतत्ता और सक्रिय रूप से सीखने वाला बनने के लिए आवश्यक है कि बच्चे जिज्ञासु प्रवृत्ति की हो ,काम में पहल करें, आत्मविश्वासी हो, खोजी प्रवृत्ति के हो, नवाचार करें एवं प्रतिक्रिया दें।
बच्चों को और उनके सीखने के तरीकों को समझना :-
प्रत्येक बच्चा अपने आसपास के परिवेश ,दोस्त ,भाई – बहन व परिवार से कुछ ना कुछ सीखता है स्वायत्तता व सक्रिय रूप से सीखने वाला जिज्ञासु, आत्मविश्वासी,खोजी प्रवृत्ति, नवाचारी होता है। अतः उसके प्रश्न पूछने पर नाराज ना हो , वह आपसे कुछ जानना / सीखना चाहता है । वह स्वचिंतन से किसी निष्कर्ष में पहुंचना चाहता है । ऐसे बच्चों का ज्ञान बढ़ता जाता है। अतः शिक्षक के लिए बच्चों को उनके सीखने के तरीकों को समझना बहुत जरूरी है।
शिक्षक की भूमिका:-
शिक्षक यह समझे की प्रत्येक बच्चा अपना कार्य अपने तरीके से करता है। अतः शिक्षक सीखने सिखाने की योजना व निर्देशो को सूचीबद्ध बनाएं तथा बच्चों की रुचि अनुसार पाठ योजना तैयार करें।
शिक्षण अधिगम एक सक्रिय, सहयोगपूर्ण ,सामाजिक प्रक्रिया होती है। जहां बच्चे व शिक्षक, बच्चे व सामग्री आपस में बच्चों का संवाद होना बहुत जरूरी है। जिसमें शिक्षक सुविधाकर्ता के रूप में कार्य करता है न कि शिक्षक के रूप में। अतः बच्चों को आपस में संवाद करने, खोजबीन करने, प्रश्न पूछने का अवसर देते रहना चाहिए व प्रोत्साहित करते रहना चाहिए ।
हां या नहीं में जवाब दें ।
सीखना केवल पाठ पुस्तकों तक ही सीमित हो- नहीं
परस्पर संवाद के अवसर दें -हां भय उत्पन्न करना – नहीं
पहल करने के लिए उत्प्रेरित करना -हां
खोजबीन के अवसर देना -हां स्वास्थ्य प्रेरक परिवेश देना -हां लगातार नकारात्मक कहना -नहीं
सीखने के तरीकों को जानना-
बच्चे निम्न तरीकों से सीखते हैं- अपने अनुभवों से खेल गतिविधि से परस्पर संवाद से परिवेश से उपयुक्त संसाधन से अपनी इंद्रियों से कला के द्वारा समूह वर्क से प्रोत्साहन व उत्प्रेरण से
अपनी समझ परखें:-
जब कार्य बच्चों की पसंद व रूचि का होता है तो बच्चे बेहतर सीखते हैं – हां
समूहीकरण प्राथमिकता मतलब शिक्षक के निर्देशानुसार बच्चों को समूह में शामिल होना पड़ेगा – नहीं
किसी समस्या या विचार को नए तरीके से संबंधित करने का तरीका ही सृजनात्मक बुद्धिमत्ता है – हां
पहले से मौजूद रुचि दृढ़ता या चाव को दर्शाती है जबकि संभावित रुचि वह है जिसे पाने की बच्चे कोशिश कर सकते हैं -हां
व्यवहारिक बुद्धिमत्ता का मतलब समस्या का हल बच्चे के लिए उस समय के महत्व के आधार पर करना है -हां
सीखने के लिए परिवेश का सर्जन –
जब बाल केंद्रित शिक्षा का सृजन किया जाता है तभी बच्चा सीखता है जहां वह अपने विचारों का आदान प्रदान करने की आजादी महसूस करता है । बच्चे अपनी पसंद की गतिविधि में रुचि लेकर सीखते हैं ।
गतिविधि या रूचि के क्षेत्र कई प्रकार के होते हैं – पुस्तकालय व साक्षरता क्षेत्र , खोजबीन / विज्ञान क्षेत्र, नाटकीय क्षेत्र , गणित या हस्त कौशल क्षेत्र , कला क्षेत्र संगीत क्षेत्र इत्यादि।
परस्पर संवाद के अवसर :-
तीन प्रकार के संवाद कक्षा में जरूर कराएं क्योंकि परस्पर संवाद व उनके परिवेश तथा अर्थपूर्ण बातचीत बच्चों में ठोस ज्ञान का आधार बनाते हैं –
1. दोस्तों से संवाद :- दूसरे बच्चों के साथ खेलने से वे अवलोकन, अनुकरण करके सीखते हैं साथ ही समस्या का हल खोज पाते हैं।
2. कई वस्तुओं के साथ संवाद :- खेल या गतिविधि में ठोस वस्तुओं जैसे – रियान, गुड़िया, फल – सब्जी ,खिलौने, ब्लॉक्स पजल्स, कंचे, फीता, तराजू , डॉक्टर सेट भोजन के बर्तन सेट से अभिनय के साथ सीखते हैं।
3 . बड़ों के साथ संवाद :- बच्चों के पालक व शिक्षक परस्पर संवाद से बच्चों के पहले से सीखे गए कौशलों को पहचानने व उनसे कड़ी जोड़ने में सहायता कर सकते हैं ।
बच्चे कैसे सीखते हैं ?
बच्चे अपने प्रारंभिक वर्षों में खिलौने ,गीत ,कहानी, चित्रो वाली पुस्तकों ब्लॉक गेम से सीखते हैं। बच्चों को सामूहिक रूप से खेलने दें , संवाद करने दे , वे आपस में ही समस्या का हल खोज लेंगे, चित्रों वाली पुस्तकों को भी दिखाकर कई प्रश्नों को पूछे ताकि उनके अनुभवों को जाना जा सके।
सीखने को बढ़ावा देने के तरीके:-
. बच्चों को लगातार सुनने वाला श्रोता ना बनाएं ।
. गतिविधि में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कराएं।
. रटने के बजाय समझ को विकसित कराएं ।
. एक अवधारणा के लिए अलग-अलग गतिविधियां कराई जाए ।
.बच्चों की मातृभाषा का उपयोग ज्यादातर होने दिया जाए।
. बाल केंद्रित शिक्षा प्रदान करें।
. विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए समावेशी शिक्षा दें ।
. परिवार व समुदाय को सीखने की प्रक्रिया में शामिल करें।
. बहु आयु वर्ग वाले समूह का निर्माण व प्रबंधन करें ।
असाइनमेंट:-
जो बच्चा सीखने में कठिनाई प्रदर्शित करता है उसके लिए योजना तैयार करं –
. विषय
. कक्षा
. पाठ
. शीर्षक
. सीखने का प्रतिफल
.पूर्व ज्ञान .मुख्य विचार
.विषय वस्तु का प्रदर्शन
.मूल्यांकन की योजना
प्रश्नोत्तरी :-
.बच्चे बेहतर कब सीखते हैं ?
जब स्वयं करके सीखने में युक्त रहते हैं
.बच्चों के सीखने में शिक्षक की क्या भूमिका है
सहायक बनाना
.सीखना क्या है?
एक सक्रिय सहयोग पूर्ण व सामाजिक प्रक्रिया
.सक्रिय और स्वायत्तशासी ऑटोनॉमस छात्र बनने के लिए बच्चों को क्या करना चाहिए
जिज्ञासु, पहल करने वाले, आत्म विश्वासी खोजी, व चिंतनशील बनकर चिं
.तनशील बनने से बच्चों को कैसे मदद मिलती है
नई परिस्थितियों, अनुभवों के प्रबंधन हेतु पूर्व अनुभवों के प्रबंधन हेतु पूर्व अनुभवों का प्रयोग करके
.उच्च श्रेणी की बुद्धि वाले बच्चे का अर्थ है
अक्सर विविध प्रकार से सोचने वाला
.कक्षा में कितने प्रकार के परस्पर संवाद होते हैं
तीन 3
.जानकारी प्राप्त करने के चार साधने
दृश्य, श्रव्य, गतिसंवेदी, स्पर्श
.पांचों इंद्रियों के नाम क्या हैं?
देखना, स्वाद, स्पर्श, सूंघना ,सुनना
.बच्चों की सीखने की पसंद को क्या प्रभावित करता है
मस्तिष्क का रुझान, जेंडर व निजी अनुभव
. NCF 2005 का पूर्ण नाम क्या है ?
नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005
. बच्चों के अलग-अलग सीखने के तरीके व सीखने की गति किस के फल स्वरुप होती है? जानकारी ग्रहण करने ,परिस्थिति की समीक्षा करने व निर्णय लेने के तरीके
. कक्षा के बहार प्रकृति तक पहुंच व स्वयं करने का अनुभव किस प्रकार की बुद्धिमत्ता को प्रोत्साहित करने का उदाहरण है?
समीक्षात्मक बुद्धिमत्ता
.सीखने सिखाने की प्रक्रिया का केंद्र कौन है ?
बच्चे
. बच्चों को सीखने के पूर्व ज्ञान अनुभव कैसे प्राप्त होते हैं? प्रतिदिन के अनुभव जिनका बच्चे सामना करते हैं ।
सीखने के अनुभव शुरू करने से पहले शिक्षक को क्या करना चाहिए?
बच्चों के सीखने की जरूरतों का पता लगाएं।
. सीखने के तरीके जानना से हम क्या समझते हैं।
निजी पसंद
. कक्षा में तीन प्रकार के परस्पर संवाद कौन-कौन हैं ?
साथियों के साथ ,बड़ों के साथ और वस्तु /सामग्रियों के साथ संवाद
.करके सीखने का अनुभव का क्या अर्थ है?
करके सीखना
. गतिविधि /रुचि क्षेत्र की सही प्रक्रिया है।
कला, खोज ,ब्लॉक ,संगीत।
. सृजनात्मक बुद्धि का अर्थ है?
नवीन व अनापेक्षित तरीके से विचारों व समस्याओं को संबोधित करना।
. बच्चे समग्र रूप से सीखते हैं। इसका क्या अर्थ है ?
बच्चे सभी प्रकार के स्रोतों से जानकारी ग्रहण करते हैं।
. बच्चों की रुचि जानना । इसके अंतर्गत कौन सी रुचियां आती हैं?
पहले से मौजूद रुचि एवं संभावित रुचि
.कला के द्वारा सीखने के सही उदाहरण हैं ?
आकार बनाना व गत्यात्मक पैटर्न पहचान
.गतिविधि / रुचि क्षेत्रों का मुख्य उद्देश्य है?
अपनी पसंद की गतिविधि में खेलना और भाग लेना ।
.बच्चों की जरूरतों का अनुमान लगाने के 3 तरीकों के नाम क्या है ?
बच्चों की रुचि जानना, पसंद जानना और सीखने की शैली को जानना ।
.सबसे अधिक सीखना कब होता है ?
जब सीखने में सभी इंद्रियों का उपयोग या भागीदारी हो।