भारत-बांग्लादेश संबंध
२७ सितम्बर २०२० को न्यूयॉर्क में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुलाकात
भारत और
बांग्लादेश दक्षिण एशियाई पड़ोसी देश हैं और आमतौर पर उन दोनों के बीच संबंध मैत्रीपूर्ण रहे हैं, हालांकि कभी-कभी सीमा विवाद होते हैं। बांग्लादेश की सीमा तीन ओर से भारत द्वारा ही आच्छादित है। ये दोनो देश
सार्क,
बिम्सटेक,
हिंद महासागर तटीय क्षेत्रीय सहयोग संघ और
राष्ट्रकुल के सदस्य हैं। विशेष रूप से, बांग्लादेश और पूर्व भारतीय राज्य जैसे पश्चिम बंगाल और
त्रिपुरा बंगाली भाषा बोलने वाले प्रांत हैं। १९७१ में
पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच
बांग्लादेश मुक्ति युद्ध शुरु हुआ और भारत ने पूर्वी पाकिस्तान की ओर से दिसंबर १९७१ में हस्तक्षेप किया। फलस्वरूप बांग्लादेश राज्य के रूप में पाकिस्तान से पूर्वी पाकिस्तान की स्वतंत्रता को सुरक्षित करने में भारत ने मदद
की।
मार्च २०२१ में बंगबन्धु शेख मुजीबुर्रहमान को मरणोपरान्त
गांधी शांति पुरस्कार देने की घोषणा हुई।
अनुक्रम
- 1 इतिहास
- 2 तीस्ता जल समझौता
- 3 सीमा संघर्ष
- 4
भारत में अवैध रूप से आए बांग्लादेशी विस्थापितों की समस्या
- 5 सन्दर्भ
इतिहास[संपादित करें]
बांग्लादेश का उद्भव 1971 के भारत
पाक युद्ध के साथ हुआ। इससे पूर्व इस हिस्से को पूर्वी पाकिस्तान कहा जाता था तथा 1947 में भारत विभाजन के दौरान यह अस्तित्व में आया था। बांग्लादेश को स्वतंत्र कराने में भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
तीस्ता जल
समझौता[संपादित करें]
तीस्ता नदी सिक्किम के जेमु ग्लेशियर से निकलती है , और बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र नदी से मिलती है ।
सीमा संघर्ष[संपादित
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भारत में अवैध रूप से आए बांग्लादेशी विस्थापितों की
समस्या[संपादित करें]
- मई २०१४ में एक ऐतिहासिक फैसले में
मेघालय हाई कोर्ट ने कहा कि 24 मार्च 1971 से पहले इस पूर्वी राज्य में बसे बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय समझा जाए और उनके नाम वोटर लिस्ट में शामिल किए
जाएं।[1]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑
"1971 से पहले बसे बांग्लादेशी भारतीय हैं : हाई कोर्ट". नवभारत टाईम्स. 22मई 2014. मूल से 22 मई 2014 को
पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22मई
2014.
|accessdate=, |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
भारत के विदेशी सम्बन्ध
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बहुपक्षीय सम्बन्ध
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- अफ़्रीका
- संयुक्त राष्ट्र संघ
- आसियान
- जी-4
- जी-20
- ब्रिक्स
- इब्सा
- पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन
- गुट निरपेक्ष आन्दोलन (गुनिआ)
- बिम्सटेक
- यूरोपीय संघ
- हिंद महासागर तटीय क्षेत्रीय सहयोग संघ
- मेकांग-गंगा सहयोग
- राष्ट्रकुल
- दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क)
- भारत–प्रशान्त द्वीप सहयोग के लिए
फ़ोरम
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कूटनीति |
- विदेश मंत्रालय
- भारत के /
में कूटनीतिक मिशन
- विदेश सचिव
- संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि
- पूर्व की ओर देखो
- विदेशी सहायता
- आईटीईसी प्रोग्राम
- सर्व-अफ़्रीकी ई-संजाल परियोजना
- वृहद भारत
- प्रवासी भारतीय
- भारतीय विदेशी नागरिकता (ओसीआई) योजना
- राज्य यात्राएँ
- नरेन्द्र मोदी की अंतरराष्ट्रीय यात्राए
- नरेन्द्र
मोदी सरकार की विदेश नीति
- विदेश मंत्री के रूप में सुषमा स्वराज का कार्यकाल
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विवाद |
- कश्मीर विवाद
- सिर क्रिक खाडी विवाद
- भारत पाकिस्तान युद्ध
- चीन के साथ विवाद
- नेपाल के साथ संघर्ष
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बांग्लादेश के निर्माण में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका क्या रही?
भारत विश्व का पहला देश था जिसने बांग्लादेश को एक पृथक एवं स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता प्रदान की थी और दिसंबर 1971 में इसकी स्वतंत्रता के तुरंत एक मित्र दक्षिण एशियाई पड़ोसी के रूप में बांग्लादेश के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किये थे। भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति में बांग्लादेश एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है।
भारत और बांग्लादेश के बीच में मुख्य मुद्दा क्या है?
हाल ही में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने भारत का दौरा किया है और भारतीय प्रधानमंत्री के साथ वार्ता की है। भारत और बांग्लादेश ने नदी जल के बँटवारे से लेकर अंतरिक्ष तक के क्षेत्रों में सहयोग के लिये सात समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं और नई कनेक्टिविटी तथा ऊर्जा पहल का अनावरण किया है।
भारत बांग्लादेश के बीच विवाद के क्या कारण थे?
पिछले 35 वर्षों से जारी है संघर्ष
दोनों देशों के बीच ये दो बड़े जल विवाद है, तीस्ता नदी विवाद और गंगा नदी विवाद, दोनों देशों के मछुआरों, किसानों और नाविकों के लिए प्रमुख स्रोत हैं। गंगा नदी का विवाद पिछले 35 वर्षों से दोनों देशों के बीच संघर्ष का मुद्दा रहा है क्योंकि पवित्र नदी भारत से बांग्लादेश में प्रवेश करती है।
बांग्लादेश भारत से अलग है क्या?
पहले पाकिस्तान और 1971 में बांग्लादेश के रूप में भारत से अलग हो गए. भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद पाकिस्तान पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में बंट गया था लेकिन बांग्लादेश लिबरेशन वॉर के रूप में भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 का युद्ध हुआ था.