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भारत के प्रथम नोबेल पुरस्कार विजेता कौन थे- है
1) | मदर टेरेसा | |
2) | रवीन्द्रनाथ टैगोर | |
3) | अमर्त्य सेन | |
4) | कैलाश सत्यार्थी | |
5) | NULL |
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10 Questions 10 Marks 10 Mins
Last updated on Dec 19, 2022
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Contents
- 1 नोबेल पुरस्कार क्या है- Complete List of Indian Nobel Prize winners
- 1.1 नोबेल पुरस्कारों की विद्या
- 2 Complete List of Indian Nobel Prize Winners:
- 2.1 भारत के नोबेल पुरस्कार विजेता कौन कौन है – Who Are The Novel Prize Winner from India
- 2.1.1 अब तक के भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नाम इस प्रकार है : नोबेल पुरस्कार विजेता भारतीय सूची 2021
- 2.1 भारत के नोबेल पुरस्कार विजेता कौन कौन है – Who Are The Novel Prize Winner from India
- 3 रविंद्र नाथ टैगोर – Rabindranath Tagore
- 4 सी वी रमन – C V Raman
- 5 हर गोबिंद खुराना – Har Gobind Khurana
- 6 मदर टेरेसा – Mother Teresa
- 7 सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर – Shubrahmanyan Chandrashekhar
- 8 अमर्त्य सेन – Amartya Sen
- 9 वेंकटरमन रामाकृष्णन – Venkat Raman Ramakrishnan
- 10 कैलाश सत्यार्थी – Kailash Satyarthi
- 11 अभिजीत विनायक बैनर्जी – Abhijeet Vinayak Banarji
- 12 भारत के अन्य नोबेल पुरस्कार विजेता कौन कौन है?
- 12.1 14 दलाई लामा – 14 Dalai Lama
- 13 रुड्यार्ड किपलिंग – Rudyard Kipling
- 14 रोनाल्ड रोस – Ronald रॉस
- 15 भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेताओं के बारे में तथ्य
- 15.1 प्रथम भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता कौन है?
- 15.2 भारत में अब तक कितने नोबेल पुरस्कार जीता है?
- 15.3 भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेताओं की सूची में कितने लोग हैं?
- 15.4 नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला कौन है?
- 15.5 नोबेल पुरस्कार किस दिन दिया जाता है?
- 15.6 दूसरा भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता कौन है?
- 15.7 क्या महात्मा गांधी भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेताओं में से एक थे?
- 15.7.1 निष्कर्ष:
- 15.8 Related
नोबेल पुरस्कार दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक हैं। इसका नाम स्वीडिश व्यवसाई और परोपकारी, अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर रखा गया है। नोबेल पुरस्कार “मानव जाति के लिए सबसे कल्याणकारी काम करने वालों को” दिया जाता है। पुरस्कार की नगद राशि हर साल बढ़ाई जाती है और 2001 में, सभी विजेताओं को लगभग 10 मिलीयन स्वीडिश क्रोनर से सम्मानित किया गया था, जो लगभग 1.1 अमेरिकी डॉलर की बराबर है।
नोबेल पुरस्कारों की विद्या
- भौतिक विज्ञान – Physics
- रसायन विज्ञान – Chemistry
- फिजियोलॉजी और चिकित्सा – Physiology or Medicine
- अर्थशास्त्र – Economics
- साहित्य – Literature
- शांति – Peace
नोबेल पुरस्कार समारोह की शुरुआत वर्ष 1901 में हुई थी और आज भी इसे दुनियां का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान माना जाता है। पिछले 120 वर्षों में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की कुल संख्या में, 9 भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता है जिन्हें विभिन्न श्रेणियों में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
Complete List of Indian Nobel Prize Winners:
भारत के नोबेल पुरस्कार विजेता कौन कौन है – Who Are The Novel Prize Winner from India
सभी भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेताओं की पूरी सूची जानने के लिए निचे देंखे।
अब तक के भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नाम इस प्रकार है : नोबेल पुरस्कार विजेता भारतीय सूची 2021
नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नाम | विद्या | वर्ष |
रविंद्र नाथ टैगोर [Rabindranath Tagore] | साहित्य [Literature] | 1913 |
सी वी रमन [C V Raman] | भौतिकी [Physics] | 1930 |
हरगोविंद खुराना [Har Gobind Khurana] | चिकित्सा [Physiology or Medicine] | 1968 |
मदर टेरेसा [Mother Teresa] | शांति [Peace] | 1979 |
सुब्रहाम्ण्यम चंद्रशेखर [Shubrahmanyan Chandrashekhar] | भौतिकी [Physics] | 1983 |
अमर्त्य सेन [Amartya Sen] | अर्थशास्त्र [Economics] | 1998 |
वेंकट रामन रामकृष्णन [Venkat Raman Ramakrishnan] | रसायन विज्ञान [Chemistry] | 2009 |
कैलाश सत्यार्थी [Kailash Satyarthi] | शांति [Peace] | 2014 |
अभिजीत बनर्जी [Abhijeet Vinayak Banarji] | अर्थशास्त्र [Economics] | 2019 |
रविंद्र नाथ टैगोर – Rabindranath Tagore
जन्म [Birth] | 7 मई 1861 |
पिता [Father] | |
शिक्षा [Education] | कानून 1878 इंग्लैंड |
पेशा [Profession] | साहित्य 1880 |
पुरस्कार [Prizes] | नोबेल पुरस्कार ( साहित्य ) 1913 |
अन्य उपलब्धियां [Achievements] | भारत के राष्ट्रगान ( जन गण मन ) बांग्लादेश के राष्ट्रगान ( अमर शोनार बांग्ला ) |
रविंद्र नाथ टैगोर 1913 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार जीतने वाला पहले एशियाई और भारतीय नागरिक थे। वास्तव में, वे नोबेल पुरस्कार जितने पहले गैर यूरोपीय थे। उन्होंने यह पुरस्कार तब प्राप्त किया था, जब भारत अभी भी ब्रिटेन का उपनिवेश था।
रविंद्र नाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता में हुआ था। टैगोर कभी भी किसी भौतिक विश्वविद्यालय में भाग नहीं लिया क्योंकि उनके पिता ” शिक्षा के मुक्त प्रवाह ” के सिद्धांत में विश्वास करते थे। 1878 में उन्हें कानून का अध्ययन करने के लिए इंग्लैंड भेजा गया था। लेकिन उन्होंने शेक्सपियर के नाटकों को पढ़ना पसंद किया।
1880 से टैगोर ने नाटक लघुकथाएं उपन्यास कविता और गीत लिखना शुरू किया। वे बचपन से ही एक प्रसिद्ध कि संगीतकार भी थे। उन्होंने इतने सुंदर गीतों की रचना की कि उनकी अपनी अलग शैली ” रवींद्र-संगीत ” हैं। उनकी रचनाओं को दो राष्ट्रों ने राष्ट्रगान के रुप में चुना। भारत की राष्ट्रीय गान ” जन गण मन ” टैगोर द्वारा ही सृजित किए गए हैं और बांग्लादेश की राष्ट्रीय गान ” अमर शोनार बांग्ला ” भी टैगोर का सृजना है।
उनका क्षेत्रों साहित्य था। गीतांजलि या गीत प्रसाद कविताओं का एक संग्रह के कारण उन्होंने नोबेल पुरस्कार जीता। रवींद्रनाथ टैगोर एक कवि, कलाकार, लेखक और विचारक थे। उनके काम का सम्मान करने के लिए उन्हें ब्रिटेन से नाईटहुड दिया गया था। हालांकि, उन्होंने हाल ही में हुई जालिया बाग की घटना के कारण इसे अस्वीकार कर दिया।
टैगोर कोलकाता पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे। उन्हें स्वतंत्रता संग्राम के क्षेत्र में अग्रणी के रूप में जाना जाता था क्योंकि उनका मानना था कि “कलम तलवार से अधिक शक्तिशाली है।”
सी वी रमन – C V Raman
जन्म [Birth] | 7 नवंबर 1888 तिरुचिरापल्ली |
शिक्षा [Education] | आंध्र प्रदेश और मद्रास |
पुरुस्कार [Prizes] | नोबेल पुरस्कार 1930 भारत रत्न |
पेशा [Profession] | वैज्ञानिक ( भौतिकी ) |
अन्य उपलब्धियां [Achievements] | इंडियन जर्नल आफ फिजिक्स की स्थापना, रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना |
चंद्रशेखर वेंकट रामन ( C V Raman ) प्रकाश के प्रकीर्णन में अपने विशिष्ट कार्य के लिए भारत के लिए दूसरे नोबेल पुरस्कार विजेता थे। उनका जन्म 7 नवंबर 1888 को तिरुचिरापल्ली, मद्रास प्रेसीडेंसी में एक साधारण हिंदू परिवार में हुआ था।
सी वी रमन अपनी स्कूली शिक्षा और कॉलेज की शिक्षा क्रमशः आंध्र प्रदेश और मद्रास से प्राप्त की। रमन के भौतिकी शिक्षक रिशर्ड लेवेंलीन जोन्स उनके अद्वितीय क्षमताओं से अवगत थे और उन्होंने इंग्लैंड में अपने शोध को आगे बढ़ाने के लिए रमन को प्रोत्साहित किया।
सी वी रमन कोलकाता में भारतीय वित्त सेवाओं के लिए सहायक महालेखाकार के रूप में भी काम किया। उन्हें 1917 में कोलकाता विश्वविद्यालय में पहले पालित प्रोफेसर नामित किया गया था। यूरोप की अपनी पहली यात्रा पर भूमध्य सागर को देखकर उन्हें समुंद्र के नीले रंग के कारणों का पता लगाने के लिए प्रेरित थे।
सी वी रमन ने इंडियन जर्नल आफ फिजिक्स की स्थापना की और आई आई इस सी IISC Bangalore के पहले भारतीय निर्देशक बने और बेंगलुरु में रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट की भी स्थापना की। उनके शोध को रमन इफेक्ट या रमन स्कैटरिंग के नाम से भी जाना जाता है। उनकी खोज का दिन 28 फरवरी, भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप मनाया जाता है।
सी वी रमन भारत पुरस्कार विजेता भी थे। वे सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर ( भारत के नोबेल पुरस्कार विजेता ) के चाचा थे। उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप में विज्ञान के विकास में मदद की। उनके शोध और समाज के प्रति योगदान ने युवा दिमाग को लीक से हटकर सोचने में सक्षम बनाया।
हर गोबिंद खुराना – Har Gobind Khurana
जन्म [Birth] | 9 जनवरी 1922 पंजाब भारत |
शिक्षा [Education] | पंजाब लिवरपूल विश्वविद्यालय इंग्लैंड |
पुरस्कार [Nobel Prizes] | नोबेल पुरस्कार 1968 |
पेशा [Profession] | वैज्ञानिक ( फिजियोलॉजी और चिकित्सा) प्रोफ़ेसर ( wisconsin madison University, Massachussets Institute of Technology, The Scripps researchresearchresearch institutes Boardresearch institutes Board of scientific governors |
अन्य उपलब्धियां [Achievements] | रॉयल सोसाइटी के सदस्य, खुराना कार्यक्रम 2007 |
हरगोविंद खुराना का जन्म 9 जनवरी 1922 को पंजाब भारत में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा और कालेज की शिक्षा पंजाब से प्राप्त की। बाद में वे भारत सरकार की फैलोशिप पर लिवरपूल विश्वविद्यालय से कार्बनिक रसायन विज्ञान का अध्ययन करने के लिए इंग्लैंड चले गए।
उन्होंने अनुवांशिकी पर अपने विशिष्ट शोध के लिए चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार जीता। उन्होंने अपने साथी शोधकर्ता मार्शल डब्लू निरेनवर्ग वर्ग के साथ पुरस्कार साझा किया।
हरगोविंद खुराना ने उत्तरी अमेरिका के तीन कालेजों में पढ़ाया, जिसमें Wisconsin at Madison, Massachussets Institute of Technology और scripps research institutes Board of scientific governors थे।
1978 में, हरगोविंद खुराना को एक विदेशी सदस्य के रूप में रॉयल सोसाइटी के लिए चुना गया था। खुराना कार्यक्रम की स्थापना 2007 में Wisconsin Madison University भारत सरकार और Indo-US Science and Technology forum द्वारा की गई थी। खुराना कार्यक्रम का लक्ष्य भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच बैज्ञानिकों, उद्योगपतियों और सामाजिक उद्यमियों का एक सहज नेटवर्क बनाना है।
मदर टेरेसा – Mother Teresa
जन्म [Birth] | 26 अगस्त 1910 सर्बिया |
मृत्यु [Death] | 1997 कोलकाता पश्चिम बंगाल भारत |
शिक्षा [Education] | लोरेटों अब्बे, |
पुरुस्कार [Prizes] | > नोबेल शांति पुरस्कार – 1979 > भारत रत्न – 1980 > पोप जॉन XXIII शांति पुरस्कार – 1971 > अल्बर्ट स्क्विजर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार – 1975 > रमन मैग्सेसे अंतरराष्ट्रीय शांति पुरस्कार – 1962 > टेंपलटन पुरस्कार – 1973 > गोल्डन ओनर ऑफ द नेशन – 1994 > पद्मश्री पुरस्कार – 1962 > जवाहरलाल नेहरू अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार – 1969 > ऑर्डर ऑफ मेरिट – 1983 > प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम – 1985 |
पेशा [Profession] | मानव सेवा |
मदर टेरेसा एक अल्बानियाई भारतीय रोमन कैथोलिक नन और मिशनरी थी। उनका जन्म 26 अगस्त 1910 को सर्बिया में हुआ था। मदर टेरेसा का आधिकारिक नाम एग्नेश गोंझा बोजाक्षिउ था। मदर टेरेसा 19 साल की उम्र में भारत आ गई और उन्होंने खुद को गरीब और पीड़ितों को सेवा और उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने दार्जिलिंग में प्रशिक्षण लिया और पढ़ाया
मदर टेरेसा पहली महिला भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता थी। उन्हें 1979 में, ” जरूरतमंदों और गरीबों की सेवा और उत्थान के लिए समर्पित एवं पीड़ित मानवता की मदद करने के लिए ” नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
मदर टेरेसा ने 1950 में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की, जो एक रोमन कैथोलिक धर्मार्थ धार्मिक संगठन है, जिसमें 2012 तक 133 देशों में सेवा करने वाली लगभग 4,500 सिस्टर हैं। यह संगठन गंभीर रूप से बीमार लोगों के साथ-साथ कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों का सेवा करते हैं। मदर टेरेसा ने अपना पूरा जीवन जरूरतमंदों और गरीबों की सहायता और पालन-पोषण के लिए समर्पित कर दिया।
मदर टेरेसा को भारत रत्न पुरस्कार और कई अन्य नागरिक पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। 2016 में, उसके चमत्कार साबित होने के बाद, वेटिकन ने उसे संत की उपाधि से सम्मानित किया और उसका नाम कोलकाता की धन्य टेरेसा रखा।
सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर – Shubrahmanyan Chandrashekhar
जन्म [Birth] | अक्टूबर 1910 लाहौर |
मृत्यु [Death] | 1995 संयुक्त राज्य अमेरिका |
शिक्षा [Education] | प्रारंभिक शिक्षा – मद्रास कॉलेज – कैंब्रिज विश्वविद्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका |
पेशा [Profession] | भौतिकी वैज्ञानिक प्रोफेशन |
पुरस्कार [Prize] | नोबेल पुरस्कार – 1983 |
सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर का जन्म अक्टूबर 1910 में लाहौर में हुआ था, जब भारत में ब्रिटिश के शासन थे। चंद्रशेखर को 12 साल की उम्र तक घर पर ही पढ़ाया गया था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा और कॉलेज की शिक्षा मद्रास से प्राप्त की। भाग में चंद्रशेखर को कैंब्रिज विश्वविद्यालय में स्नातक अध्ययन करने के लिए भारत सरकार की छात्रवृत्ति से सम्मानित किया गया।
चंद्रशेखर एक अमेरिकी भारतीय खगोल भौतिक विज्ञ थे जो अपने पूरे पेशेवर जीवन के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में रहे। वे शिकागो विश्वविद्यालय में लंबे समय से प्रोफ़ेसर के रूप में कार्यरत थे। जहाँ उन्होंने अपने शोध का हिस्सा पूरा किया और द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल के संपादक के रूप में भी कार्य किया।
विलियम ए फॉलर के साथ चंद्रशेखर को ” स्टार संरचना और विकास की महत्वपूर्ण भौतिक प्रक्रियाओं के सैद्धांतिक अध्ययन” के लिए भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से 1983 में सम्मानित किया गया था। वह 1983 में भारत के नोबेल पुरस्कार विजेताओं की सूची में शामिल हुए।
अमर्त्य सेन – Amartya Sen
अमर्त्य सेन का जन्म 1931 में बंगाल में हुआ था। उन्हें उनका नाम रविंद्र नाथ टैगोर ने दिया था, क्योंकि उनकी मां एक विद्वान शिक्षाविद थी, जो टैगोर के संगठन से निकटता से जुड़ी थी।
अमर्त्य सेन ने अपनी स्कूली शिक्षा ढाका से प्राप्त की, कॉलेज की शिक्षा कोलकाता से प्राप्त की और फिर स्नातक डिग्री के लिए ट्रिनिटी कॉलेज, कैंब्रिज चले गए। अमर्त्य सेन ने Howard University और Thomas W. Lamont University में अर्थशास्त्र और दर्शन शास्त्र के प्रोफेसर के रूप में कार्य किया। वे पहले कैंब्रिज विश्वविद्यालय में त्रिनिटी कॉलेज के मास्टर थे।
अमर्त्य सेन भारत के एक अर्थशास्त्री और दार्शनिक है जिन्होंने कल्याणकारी अर्थशास्त्र, सामाजिक पसंद सिद्धांत, सामाजिक और आर्थिक न्याय, अकाल अर्थशास्त्र, निर्णय सिद्धांत, अर्थशास्त्र विकास आदि में योगदान दिया हैं। उनके काम ( अर्थशास्त्र में कल्याणकारी योगदान के लिए ) उन्हें 1998 में आर्थिक विज्ञान में नोबेल मेमोरियल पुरस्कार और 1999 में भारत रत्न पुरस्कार द्वारा नवाजा गया।
अमर्त्य सेन को अब तक के सबसे प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों में से एक माना जाता है। वह 2012 में राष्ट्रीय मानवविकी पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले गैर-अमेरिकी थे, और उन्होंने संयुक्त राष्ट्र विकास सूचकांक के निर्माण में भी सहायता की। अमर्त्य सेन को 2010 में Time Magazine की “दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्ति” की सूची में नामित किया गया था।
हाल ही में 2021 में, अमर्त्य सेन को Princess of Astorius Award नामक सामाजिक विज्ञान श्रेणी में शीर्ष स्पेनिश पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
वेंकटरमन रामाकृष्णन – Venkat Raman Ramakrishnan
वेंकटरमन एक भारतीय मूल के ब्रिटिश-अमेरिकी संरचनात्मक जीवविज्ञानी है। उनका जन्म 1952 को तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था, जहां उनके माता-पिता दोनों वैज्ञानिक थे।
वेंकटरमन ने अपनी स्कूली शिक्षा और कॉलेज की शिक्षा गुजरात से प्राप्त की। बाद में 1976 में ओहायो विश्वविद्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका से डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी पूरा करने के लिए अमेरिका चले गए और तब से राइबोशोम पर शोध पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया।
वेंकटरामन ट्रिनिटी कॉलेज, कैंब्रिज के फेलो है और 1999 से कैंब्रिज बायोमेडिकल कॉलेज में मेडिकल रिसर्च काउंसिल, लैबोरेट्री ऑफ मॉलिक्यूलर, बायलॉजी में एक ग्रुप लीडर के रूप में काम कर चुके हैं। 2015 से 2020 तक वे रॉयल सोसाइटी के अध्यक्ष रहे।
वेंकटरमन राधाकृष्णन ने Thomas A. Steitz और Ada Yonath के साथ, “राइबोशोम की संरचना और कार्य के अध्ययन” के लिए 2009 में रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार साझा किया।
इस भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता को 2020 में अमेरिकन फिलॉसफीकल सोसाइटी और ब्रिटिश लाइब्रेरी के निर्देशक मंडल के लिए चुना गया था।
कैलाश सत्यार्थी – Kailash Satyarthi
कैलाश सत्यार्थी एक भारतीय समाज सुधारक है जिन्होंने भारत में बाल श्रम के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उनका जन्म 11 जनवरी 1954 को भारतीय राज्य मध्यप्रदेश में हुआ था।
कैलाश सत्यार्थी ने अपनी स्कूली शिक्षा और कॉलेज की शिक्षा विदिशा से प्राप्त की। बाद में उन्होंने बाल दास्ता के खिलाफ अभियान शुरू करने के लिए आपने इंजीनियरिंग करियर छोड़ दिया।
बचपन बचाओ आंदोलन, ग्लोबल मार्च अगेंस्ट चाइल्ड लेबर, ग्लोबल कैंपेन फॉर एजुकेशन और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन उनके कई सामाजिक कार्यकर्ता संगठनों में से एक है।
वर्ष 2014 में, कैलाश सत्यार्थी और मलाला यूसुफजई को “बच्चों और युवाओं के दमन के खिलाफ और सभी बच्चों की शिक्षा के अधिकार के लिए उनके संघर्ष के लिए” नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया।
2021 में, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी को एक सतत विकास लक्ष्यों अधिवक्ता के रूप में नामित किया है।
अभिजीत विनायक बैनर्जी – Abhijeet Vinayak Banarji
अभिजीत बनर्जी एक भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री है जिनका जन्म 28 फरवरी 1961 को मुंबई में हुआ था। उनके माता-पिता दोनों कोलकाता में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर थे।
अभिजीत बनर्जी ने अपने स्कूली शिक्षा और कॉलेज की शिक्षा कलकत्ता से प्राप्त की। बाद में उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में हावर्ड विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।
बनर्जी वर्तमान में Massachussets of Technology ( MIT ) मैं अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रोफ़ेसर है। MIT में प्रोफेसर बनने से पहले, हावर्ड विश्वविद्यालय और प्रिंस्टन विश्वविद्यालय में पढ़ाया।
अभिजीत बनर्जी को 2019 में एस्थर दुफ्लो और माइकल क्रेमर के साथ ” वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए उनके प्रयोगात्मक दृष्टिकोण के लिए” आर्थिक विज्ञान में नोबेल मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वह भारत में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की सूची में सबसे हालिया जुड़े हैं।
अभिजीत बनर्जी अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी एक्शन लैब के सह-संस्थापक है और आर्थिक विकास विश्लेषण में अनुसंधान ब्यूरो के अध्यक्ष थे। वे Guggenheim Fellow और Alfred P. Sloan Fellow भी रह चुके हैं।
भारत के अन्य नोबेल पुरस्कार विजेता कौन कौन है?
निचे उल्लेखित भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता भारत में पैदा हुए थे या भारत में निवासी थे लेकिन भारतीय नागरिक नहीं थे।
14 दलाई लामा – 14 Dalai Lama
भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेताओं ( नोबेल शांति पुरस्कार ) में से एक ( अपनी स्वतंत्रता को पुनः प्राप्त करने के लिए अपने लोगों के संघर्ष में हिस्सा के उपयोग के लगातार प्रतिरोध के लिए” दलाई लामा को 2021 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
रुड्यार्ड किपलिंग – Rudyard Kipling
साहित्य में भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेताओं में से एक ” अवलोकन की शक्ति कल्पना की मौलिकता, विचारों की पौरुष और वर्णन के लिए उल्लेखनीय प्रतिभा को ध्यान में रखते हुए रुड्यार्ड किपलिंग को नोबेल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
रोनाल्ड रोस – Ronald रॉस
फिजियोलॉजी मेडिसिन में भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेताओं में से एक, “मलेरिया पर अपने काम के लिए” जिसके द्वारा उन्होंने दिखाया है कि यह जीव में कैसे प्रवेश करता है और इस तरह इस बीमारी और इससे निपटने के तरीकों पर सफल शोध की नींव रखी है”
भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेताओं के बारे में तथ्य
- 2019 में, अभिजीत बनर्जी ने संयुक्त रूप से अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार जीता और उन्हें “भारत के नोबेल पुरस्कार विजेताओं” की सूची में जोड़ा गया।
- सबसे पहले भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर है। वह नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय नागरिक थे और 1913 में सम्मानित होने वाले पहले एशियाई नागरिक भी थे।
- श्री अरबिंदो घोष, महात्मा गांधी जैसे महान व्यक्तियों को भी क्रमशः साहित्य और शांति के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।
- आर के सबसे प्रसिद्ध भारतीय अंग्रेजी लेखक नारायण को साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए कई बार नामांकित किया गया था, लेकिन कभी नहीं जीता।
- Wi-Fi तकनीक के पीछे गुमनाम नायक जगदीश चंद्र बोस को कई बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था, लेकिन पदक नहीं जीता।
- खगोल भौतिकी के अग्रदूत माने जाने वाले मेघनाद साहा को भारत की ओर से सात बार नोबेल पुरस्कार विजेता के लिए नामांकित किया गया है, लेकिन वह नहीं कर पाए।
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FAQ:
प्रथम भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता कौन है?
प्रथम भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर है।
भारत में अब तक कितने नोबेल पुरस्कार जीता है?
भारत ने अब तक 12 नोबेल पुरस्कार जीता है।
भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेताओं की सूची में कितने लोग हैं?
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नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला कौन है?
पहली भारतीय महिला नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा थी।
नोबेल पुरस्कार किस दिन दिया जाता है?
नोबेल पुरस्कार नोबेल की पुण्यतिथि 10 दिसंबर को दिया जाता है।
दूसरा भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता कौन है?
श्री चंद्रशेखर वेंकटरमन दूसरे भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता है।
क्या महात्मा गांधी भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेताओं में से एक थे?
नहीं, भारत में गांधी को नोबेल पुरस्कार नहीं मिला।
निष्कर्ष:
दोस्तों, उम्मीद करता हूं कि आपको यह पोस्ट ( 9 भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेताओं की पूर्ण सूची | Complete List of Indian Nobel Prize winners in Hindi ) पसंद आया होगा। अगर आपको यह पोस्ट पसंद है तो अपने दोस्तों के साथ भी जरूर सेयर करें।
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