भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड क्या है - bhaarateey pratibhooti aur vinimay bord kya hai

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड की स्थापना 12 अप्रैल, 1988 को वित्त मन्त्रालय द्वारा की गई थी । स्कन्ध विनिमय पर सुधार के लिए गठित पटेल समिति की रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया था कि स्कन्ध विनिमय केन्द्रों की गतिविधियों को नियन्त्रित करने के लिए एक शीर्ष संस्था स्थापित की जाए । परिणामस्वरूप 'सेबी' के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ और संसद के दोनों सदनों द्वारा सेबी बिल 1992 को पास किया गया । 4 अप्रैल, 1992 से "सेबी" को व्यापक "वैधानिक अधिकार" प्राप्त हो गए एवं इसका कार्यक्षेत्र बढ़ गया ।


परिचय ( Introduction ) :- प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड की स्थापना निम्न उद्देश्यों के लिए की गई थी -


( 1 ) प्रतिभूतियों में विनियोक्ता के हितों का संरक्षण करना ।

( 2 ) प्रतिभूति बाजार का विकास करना ।

( 3 ) प्रतिभूति बाजार का नियमन करना ।


प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड 'सेबी' प्रतिभूति बाजार के माध्यम से साधनों को गतिशीलता प्रदान करता है और बाजार विकास के लिए वातावरण तैयार करता है । इसके लिए नियम एवं शर्तें, संस्थाओं में आपसी सम्बन्ध, संस्थाओं के उपकरण, आधारभूत नीतियाँ, संस्थाओं की कार्यप्रणाली, क्रियाएँ आदि को सम्मिलित किया जाता है । सेबी के उद्देश्य प्रतिभूति बाजार से सम्बन्धित निर्गमनकर्त्ता, विनियोक्ता एवं मध्यस्थों के लिए प्रस्तावित किये गये थे । इन लोगों को इन बाजारों की आवश्यकता थी । निर्गमनकर्त्ता को एक ऐसे बाजार की आवश्यकता अनुभव हुई जहाँ कि सरलता से वित्त प्राप्त हो जाए । विनियोक्ताओं को उनके अधिकार एवं हितों की रक्षा के लिए पर्याप्त, वास्तविक, सही सूचनाएँ उपलब्ध हों । इसी प्रकार मध्यस्थों के लिए भी एक ऐसे प्रतियोगी, व्यावसायिक एवं विस्तृत बाजार की आवश्यकता अनुभव की गई जहाँ पर कि पर्याप्त व कुशल आधारभूत संरचना हो तथा निर्गमनकर्त्ता एवं विनियोक्ता को सेवाएँ प्रदान कर सकें । सेबी का यह प्रमुख उद्देश्य रहा है कि ऐसे बाजार विकसित हों । सेबी के द्वारा स्कन्ध विनिमय केन्द्र , पारस्परिक कोष एवं मर्चेन्ट बैंकर्स की गतिविधियों को नियन्त्रित किया जाता है ।


सेबी की स्थापना ( Establishment of SEBI ) :- सेबी की स्थापना 12 अप्रैल, 1988 को की गई तथा 4 अप्रैल, 1992 को एक अलग कानून बनाकर इसे संचालित किया जाने लगा है । सेबी का मुख्यालय मुम्बई में है । सेबी बोर्ड की यह अधिकार है कि अन्य स्थानों पर कार्यालय स्थापित कर सकता है । सेबी के दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई आदि में क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित हैं ।


सेबी बोर्ड का प्रबन्ध ( Management of SEBI Board ) :- सेबी बोर्ड की प्रबन्ध व्यवस्था चलाने के लिए निम्नलिखित सदस्य हैं -


( 1 ) अध्यक्ष

( 2 ) 2 सदस्य वित्त मन्त्रालय से 

( 3 ) 1 सदस्य रिजर्व बैंक से 

( 4 ) 5 अन्य सदस्य में 3 पूर्णकालिक सदस्य केन्द्रीय सरकार द्वारा नामांकित होंगे । सेबी ने दो सदस्यीय गैर-वैधानिक सलाहकार समिति का गठन किया है । केन्द्रीय सरकार सेबी के मामलों को नियन्त्रित कर सकती है ।


सेबी का संगठन ( Organization of SEBI ) :- सेबी के कार्यों को सुचारू ढंग से संचालित करने के लिए इसे 7 विभागों में बाँटा गया है । प्रत्येक विभाग में एक कार्यकारी संचालक नियुक्त किया जाता है । यह अध्यक्ष के प्रति उत्तरदायी होता है । सेबी के विभाग निम्नलिखित हैं -


[ 1 ] प्राथमिक बाजार नीति एवं विनियोक्ता परिवेदना व मार्गदर्शी विभाग ( Primary Market Policy and Investor Grievance and Guidance Department ) :- यह विभाग प्राथमिक बाजार नीति से सम्बन्धित सभी मामलों को देखता है जैसे कि-प्राथमिक बाजार नीतियों का निर्माण करना, मध्यस्थों में मर्चेन्ट बैंकर, पोर्टफोलियो प्रबन्ध सेवाएँ, विनियोग सलाहकार, ऋण-पत्र ट्रस्टी, अभिगोपक, स्वयं नियामक संस्थाओं का पंजीयन एवं नियमन करना, विनियोक्ताओं की परिवेदनाएँ दूर करना, उन्हें मार्गदर्शन प्रदान करना, उन्हें शिक्षित करना एवं उनके संघों का पंजीयन करना आदि ।


[ 2 ] निर्गमन प्रबन्ध एवं मध्यस्थ विभाग ( Issue Management and Intermediaries Department ) :- नये पूँजी प्रस्तावों के प्रविवरण के लिए यह विभाग उत्तरदायी है । प्राथमिक बाजार से सम्बन्धित सभी नीतियों, मध्यस्थों, निर्गमनों की जानकारी एकत्र करना, उनका उपयोग करना एवं उचित मार्गदर्शन, परामर्श प्रदान करना इस विभाग का कार्य माना जाता है । यह विभाग प्राथमिक बाजार एवं सम्बन्धित मध्यस्थों के बीच समन्वयक का कार्य भी करता है ।


[ 3 ] सहायक बाजर नीति ( Secondary Market Policy ) :- इस विभाग के अन्तगर्त स्कन्ध विनिमय केन्द्र के प्रशासन एवं कार्य से सम्बन्धित सभी कार्यों को शामिल किया जाता है । स्कन्ध विनिमय केन्द्र के सदस्यों का पंजीयन एवं नियमन, सहायक बाजार की नीतियों का क्रियान्वयन, नये विनियोगों का प्रबन्ध, आन्तरिक व्यापार, मूल्य उच्चावचन आदि कई कार्य इस विभाग के नियन्त्रण में होते हैं । स्कन्ध विनिमय केन्द्रों से आँकड़ों का एकत्रीकरण, उनका सारणीयन एवं उन्हें प्रकाशित करवाने का कार्य भी इस विभाग द्वारा किया जाता है । इसी तरह स्कन्ध विनिमय केन्द्र विनिमय केन्द्र के सूचकांकों, सेनसेक्स, नेटेक्स आदि पर ध्यान देना ।


[ 4 ] सहायक बाजार स्कन्ध विनिमय प्रशासन निरीक्षण विभाग ( Secondary Market Stock Exchange Administration Inspection Department ) :- यह विभाग देश के कुछ स्कन्ध विनिमय केन्द्रों के प्रशासन को देखता है । इन प्रमुख विनिमय केन्द्रों में इन्दौर, मगध, हैदराबाद, मैंगलोर, कानपुर, लुधियाना, भुवनेश्वर, गुहावटी एवं कोचीन आदि हैं । यह विभाग इन स्कन्ध विनिमय विनिमय केन्द्रों के निरीक्षण का कार्य भी करता है तथा गैर-सदस्य मध्यस्थों के उपदलाल के रूप में पंजीयन एवं नियमन भी करता है ।


[ 5 ] संस्थागत विनियोग, एकीकरण, अधिग्रहण, शोध एवं प्रकाशन विभाग ( Institutional Investment, Merger, Acquisitions, Research and Publication Department )

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड सेबी कहाँ स्थित है?

सेबी का मुख्यालय मुंबई में बांद्रा कुर्ला परिसर के व्यावसायिक जिले में हैं और क्रमश: नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद में उत्तरी, पूर्वी, दक्षिणी व पश्चिमी क्षेत्रीय कार्यालय हैं।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड की स्थापना कब की गई थी?

12 अप्रैल 1988भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड / स्थापना की तारीख और जगहnull

भारतीय प्रतिभूति बाजार क्या है?

प्रतिभूति बाजार (सिक्यूरिटीज़ मार्केट) प्रतिभूति बाजार (सिक्यूरिटीज़ मार्केट) ऐसी जगह है जहाँ कंपनियाँ प्रतिभूतियों ( सिक्यूरिटीज़ ) जैसे इक्विटी शेयरों, ऋण प्रतिभूतियों, व्युत्पन्नियों, पारस्परिक निधियों, आदि का निर्गम (इश्यू) लाकर निवेशकों (लोगों) से पैसा जुटा सकती हैं और जहाँ निवेशक भिन्न-भिन्न प्रतिभूतियों (शेयरों, ...

सेबी क्या है UPSC?

भारत में सिक्योरिटी मार्केट के लिए क़ायदे-क़ानून बनाने का काम भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) करता है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की स्थापना भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुसार 12 अप्रैल, 1992 को हुई थी ।

Toplist

नवीनतम लेख

टैग