भद्रा कब से कब तक है 2022 August 11 - bhadra kab se kab tak hai 2022 august 11

भद्रा तिथियाँ अगस्त 2022

तिथि /Dates  दिन /Days समय/Time 
1 अगस्त  सोमवार  भद्रा 16:47 से अगले दिन सुबह 05:14 तक 
5 अगस्त  शुक्रवार  भद्रा सुबह 05:07 से 16:32 तक 
8 अगस्त  सोमवार  भद्रा 10:26 से 21:01 तक 
11 अगस्त  बृहस्पतिवार  भद्रा 10:39 से 20:53 तक 
14 अगस्त  रविवार  भद्रा 11:45 से 22:36 तक 
17 अगस्त  बुधवार  भद्रा 20:25 से अगले दिन सुबह 08:54 तक 
21 अगस्त  रविवार  भद्रा 14:23 से 27:36 तक 
25 अगस्त  बृहस्पतिवार  भद्रा 10:38 से 23:32 तक 
30 अगस्त  मंगलवार  भद्रा अर्धरात्रि 27:29 से अगले दिन 15:23 तक 

सितंबर  की भद्रा तिथियों के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें :-

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पंचांग के अनुसार भद्रा काल या फिर कहें भद्रा के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य करने की मनाही है. आज अगस्त माह के पहले दिन किस समय लगेगी भद्रा, इसमें क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए, इसे विस्तार से जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.

भद्रा का समय और उससे जुड़े नियम और उपाय

हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले शुभ.अशुभ समय, शुभ.अशुभ दिशा और शुभ.अशुभ दिन का विचार करने की परंपरा है. इन सभी चीजों को जानने के लिए पांच अंगों तिथि, नक्षत्र, वार, योग एवं करण से बने पंचांग की मदद ली जाती है. पंचांग के अनुसार जिस काल या फिर कहें समय में किसी भी शुभ कार्य को मनाही उसमें भद्रा भी शामिल है. ज्योतिष के अनुसार भद्रा काल में कभी भी कोई शुभ या मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, राखी बांधना जैसे कार्य नहीं किए जाते हैं. आइए जानते हैं कि आज अगस्त महीने की पहली तारीख को कब से कब लगेगी भद्रा और क्या है इसका उपाय.

कब लगेगी भद्रा

पंचांग के अनुसार जिस भद्रा काल में किसी भी शुभ कार्य के लिए मनाही है, वह आज दिनांक 01 अगस्त 2022, सोमवार को सायंकाल 04:48 बजे से लेकर 02 अगस्त 2022, मंगलवार को प्रात:काल 05:13 बजे तक रहेगी. ऐसे में इस भद्राकाल के दौरान किसी भी मांगलिक या शुभ कार्य को नहीं करना चाहिए अन्यथा उसमें बाधाएं आने की आशंका बनी रहती है.

भद्रा में क्या करें और क्या न करें

पंचांग के अनुसार भद्राकाल में कुछ कार्यों के अशुभ तो वहीं कुछ कार्यों के लिए शुभ माना गया है. जेसे भद्राकाल में 16 संस्कार, राखी बांधना, गृह प्रवेश, होलिकादहन आदि कार्य को लेकर सख्त मनाही है. वहीं भद्रा काल में यज्ञ, स्नान, अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग, आपरेशन, मुकदमा, स्त्री प्रसंग आदि कार्य किये जा सकते हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार हिंदू धर्म में जिस भद्रा से बचने के लिए बताया गया है, उनका जन्म देवताओं और दैत्यों के संग्राम के दौरान हुआ था. भगवान शिव की रौद्र दृष्टि पड़ने पर देवताओं के शरीर से प्रकट हुई भद्रा देवी दैत्यों के संहार के बाद वह भगवान शिव के कानों में निवास करती हैं.

कब नहीं होता भद्रा का असर

कई बार कुछेक ऐसे कार्य होते हैं, जिन्हें उसी समय करना बहुत आवश्यक होता है. ऐसे में यदि आपको भद्रा काल में कोई ऐसा काम आ जाए तो आप भद्रा पुच्छ में अपना कार्य कर सकते हैं. जबकि भूलोक की भद्रा तथा भद्रा मुख में भूलकर भी कार्य नहीं करना चाहिए. इसी प्रकार यदि रात की भद्रा दिन में पड़े और दिन की भद्रा रात में पड़े तो उसका दोष नहीं लगता है.

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(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त को मनाया जाएगा. इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया भी है. भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है. आइए जानते इस साल रक्षाबंधन पर्व पर भद्राकाल कब से शुरू हो जाएगा.

भद्राकाल- 11 अगस्त 2022 को शाम 5 बजकर 17 मिनट पर भद्रा पुंछ शुरू होकर शाम 6 बजकर 18 मिनट पर खत्म होगा. फिर 6 बजकर 18 मिनट से भद्रा मुख शुरू होकर रात्रि 8 बजे तक रहेगा. इस दौरान बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने से बचें.

अगर किसी कारणवश भद्राकाल में राखी बांधना पड़े तो प्रदोषकाल में अमृत, शुभ, लाभ का चौघड़िया देखकर राखी बांध सकते हैं. 11 अगस्त को अमृत काल शाम 6 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक रहेगा.

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त- रक्षाबंधन भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है. भाई की लंबी आयु और उसकी तरक्की के लिए इस दिन बहन उन्हें रक्षासूत्र बांधती हैं. 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 14 मिनट तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है.

भद्रा में क्यों नहीं बांधते राखी- भद्रा काल में राखी बांधना वर्जित है. पौराणिक कथा के अनुसार लंका नरेश रावन की बहन ने भद्राकाल में राखी बांधी थी जिसके कारण रावण का सर्वनाश हो गया.

भद्राकाल को माना गया अशुभ- भद्राकाल में राखी बाधंना अशुभ माना गया है, इसके पीछे एक पौराणिक कथा ये है कि शनिदेव की बहन का नाम भद्रा था. भद्रा का स्वभाव बहुत क्रूर था वो हर मांगलिक कार्य, पूजा-पाठ, यज्ञ में विघ्न डालती थी. लिहाजा भद्राकाल में कोई शुभ काम करना अच्छा नहीं माना जाता. इसके परिणाम अशुभ होते हैं.

Tags: Raksha Bandha 2022 Rakhi Bhadra 2022 हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Lifestyle News in Hindi

भद्रा कब से कब तक है 2022 11 August?

11 अगस्त को भद्रा रहेगी पाताल लोक में 11 अगस्त को भद्रा काल रात 8.51 बजे तक है। इस भद्रा का वास पाताल लोक में है और इस भद्रा का कोई प्रभाव नहीं है। इसके बावजूद जो लोग 12 अगस्त को रक्षा बंधन मनाना चाहते हैं, उन्हें सुबह 7.05 बजे से पहले राखी बंधवा लेनी चाहिए।

11 अगस्त 2022 को भद्रा कितने बजे से कितने बजे तक है?

आज का अशुभ मुहूर्त 11 अगस्त 2022 : दुर्मुहूर्त काल सुबह 10 बजकर 13 मिनट से 11 बजकर 6 मिनट तक रहेगा। उसके बाद दोपहर में 3 बजकर 32 मिनट से 4 बजकर 25 मिनट तकभद्रा सुबह 10 बजकर 38 मिनट से रात को 8 बजकर 50 मिनट तक। आज का उपाय 11 अगस्त 2022 : भगवान कृष्ण को राखी बांधें और बर्फी का भोग लगाएं।

अगस्त में भद्रा कब कब है?

हिंदू धर्म में भद्रा और राहुकाल को किसी भी शुभ या विशेष कार्य के लिए अशुभ माना गया है। पंचांग के अनुसार आज रविवार को भद्रा दोपहर 02:20 से लगकर 22 अगस्त 2022 को पूर्वाह्न 03:35 बजे तक रहेगी, जबकि राहुकाल का समय सायंकाल 05:17 से 06:55 बजे तक रहेगा। ऐसे में इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने से बचना चाहिए।

11 अगस्त को भद्रा कितने बजे लगेगा?

लेकिन भद्रा 11 अगस्त को सुबह 9.30 बजे लग जाएगी और 11 अगस्त की रात 8.30 बजे तक रहेगी। शास्त्रों के अऩुसार भद्रा के समय में राखी नहीं बांधी जाती, इसलिए 11 अगस्त को साढ़े आठ बजे के बाद राखी बांधी जा सकती है।

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