भाववाचक संज्ञाएँ कितने प्रकार से बनती हैं? - bhaavavaachak sangyaen kitane prakaar se banatee hain?

भाववाचक संज्ञा की परिभाषा, उदाहरण, वाक्य, शब्द Bhav vachak Sangya भाववाचक संज्ञा | भाववाचक संज्ञा की परिभाषा और अभ्यास 100 उदाहरण शब्दों का निर्माण

भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं उदाहरण सहित


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कुछ संज्ञा शब्द मूलतः भाववाचक होते हैं , तथा कुछ अन्य शब्दों से बनाये जाए हैं . जैसे - वीर से वीरता ,मम से ममत्व ,अपना से अपनापन आदि .


भाववाचक संज्ञा कैसे बनाई जाती है ? 


१. जातिवाचक संज्ञाओं से - बूढा से बुढ़ापा ,दोस्ती से दोस्ती ,पंडित से पंडिताई ,लड़का से लड़कपन ,मनुष्य से मनुष्यता ,मित्र से मित्रता ,बच्चा से बचपन ,आदमी से आदमियत ,शत्रु से शत्रुता आदि .


२. सर्वनामों से - अपना से अपनापन ,स्व से स्वत्व ,निज से निजता, अहं से अहंकार , मम से ममता आदि .


३. विशेषणों से - चतुर से चतुरता ,मीठा से मिठास ,गुरु से गुरुता या गौरव ,सुन्दर से सुन्दरता ,कटु से कटुता , अच्छा से अच्छाई ,बुरा से बुराई ,गरीब से गरीबी .


४. अव्ययों से - धिक् से धिक्कार, दूर से दूरी ,मना से मनाही ,निकट से निकटता आदि .


५. क्रियाओं से - चढ़ना से चढ़ाई ,खेलना से खेल ,उड़ना से उड़ान , बनाना से बनावट ,लिखना से लेख आदि .

खेलना , दौड़ना आदि संज्ञा की तरह भी प्रयुक्त होते हैं . ऐसे प्रयोगों को क्रियार्थक संज्ञा कहते हैं .


नीचे कुछ महत्वपूर्ण भाववाचक संज्ञाओं के उदाहरण दिए जा रहे हैं .इन्ही के आधार पर अन्य शब्दों की भाववाचक संज्ञाओं का निर्माण किया जा सकता है .

इस लेख में हम भाव वाचक संज्ञा (Bhav Vachak Sangya) के बारे में विस्तार पूर्वक बता रहे हैं। इस लेख में हम भाववाचक संज्ञा की परिभाषा (Bhav Vachak Sangya Definition in Hindi), भाववाचक संज्ञा के उदाहरण (Bhav Vachak Sangya Examples in Hindi) और भाव वाचक संज्ञा बनाने (Bhav Vachak Sangya Banana in Hindi) के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। अतः भाव वाचक संज्ञा के बारे में सम्पूर्ण जानकारी हासिल करने के लिए लेख को पूरा पढ़ें।

संज्ञा की परिभाषा, संज्ञा के भेद और संज्ञा के उदाहरणों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें-

संज्ञा के बारे में सम्पूर्ण जानकारी

Bhav Vachak Sangya

Bhav Vachak Sangya Kise Kahate Hain

भाव वाचक संज्ञा की परिभाषा:- किसी भाव, गुण, दशा या अवस्था का बोध करवाने वाले संज्ञा शब्दों को भाववाचक संज्ञा कहते हैं। भाववाचक संज्ञा शब्द सदैव एक वचन में ही प्रयुक्त होते हैं। भाववाचक संज्ञा शब्दों का बहुवचन बनाने पर वह जातिवाचक संज्ञा शब्द बन जाता है। जैसे: दूरी से दूरियाँ, चोरी से चोरियाँ, प्रार्थना से प्रार्थनाएँ इत्यादि। व्याकरण शब्द में भाववाचक संज्ञा है।

भाववाचक संज्ञा को यथार्थ में नहीं देखा जा सकता, बल्कि मन में महसूस किया जा सकता है। जैसे: मिठास, कड़वाहट, क्रोध, जवानी, स्त्रीत्व, बालकपन, मित्रता, अपनत्व, अहंकार, अच्छाई, बुराई इत्यादि।

भाववाचक संज्ञा शब्दों का निर्माण जातिवाचक संज्ञा / सर्वनाम / विशेषण / क्रिया / अव्यय शब्दों में प्रत्यय जोड़कर किया जाता है।

भाव वाचक संज्ञा के उदाहरण (Bhav Vachak Sangya Ke Udahran)

  • रवि की आवाज़ में मिठास है।
  • सरिता को क्रोध बहुत आता है।
  • मोहन एक चापलूस लड़का है।
  • सरिता की लम्बाई विजय से अधिक है।
  • वह बचपन से ही पढ़ाई में अच्छा है।
  • कमल कमला से प्रेम करता है।
  • बीमारी के बाद मुझे बहुत थकावट होने लग गई है।
  • रमेश और सुरेश की दोस्ती पूरे गाँव में मशहूर है।

उपरोक्त सभी उदाहरणों में मिठास, क्रोध, चापलूस, लम्बाई, बचपन, प्रेम, थकावट, दोस्ती इत्यादि शब्दों से किसी न किसी भाव का बोध हो रहा है। अतः ये सभी भाववाचक संज्ञा (Bhav Vachak Sangya) शब्द हैं।

भाव वाचक शब्द (Bhav Vachak Shabd)

किसी भाव की सुचना या बोध करवाने वाले शब्दों को भाववाचक शब्द (Bhav Vachak Shabd) कहते हैं। जैसे: क्रोध, शांत, चालक, मिठास, कड़वाहट, इत्यादि।

भाववाचक संज्ञा बनाना (Bhav Vachak Sangya Banana in Hindi)

  1. जातिवाचक संज्ञा शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाना (Jati Vachak Sangya Se Bhavvachak Sangya Banana)

जातिवाचक संज्ञा शब्दों से भाववाचक संज्ञा शब्दों की रचना की जा सकती है। जातिवाचक संज्ञा शब्दों के साथ प्रत्यय जोड़कर भाव वाचक संज्ञा शब्दों का निर्माण किया जा सकता है।

क्र.जातिवाचक संज्ञा + प्रत्ययभाववाचक संज्ञा01.मित्र + तामित्रता02.प्रभु + ताप्रभुता03.बच्चा + पनबचपन04.मुर्ख + तामूर्खता05.युवा + अनयौवन06.बालक + पनबालकपन07.पुरुष + अपौरुष08.पुरुष + त्वपुरुषत्व09.स्त्रीत्व + त्वस्त्रीत्व10.पात्र + तापात्रता

  1. सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाना (Sarvanam Se Bhavvachak Sangya Banana)

सर्वनाम शब्दों से भी भाववाचक संज्ञा शब्दों की रचना की जा सकती है। सर्वनाम शब्दों के साथ प्रत्यय जोड़कर भाववाचक संज्ञा (Bhav Vachak Sangya) शब्द बनाए जा सकते हैं।

  • सर्वनाम + प्रत्यय = भाववाचक संज्ञा
  • पराया + पन = परायापन
  • निज + त्व = निजत्व
  • अपना + पन = अपनापन
  • अपना + त्व = अपनत्व
  • मम + ता = ममता
  • मम + त्व = ममत्व
  • अहम् + कार = अहंकार
  • सर्व + स्व = सर्वस्व

  1. विशेषण से भाववाचक संज्ञा शब्द बनाना (Visheshan Se Bhavvachak Sangya Banana)

विशेषण शब्दों से भी भाववाचक संज्ञा शब्दों की रचना की जा सकती है। विशेषण शब्दों के साथ प्रत्यय जोड़कर भाववाचक संज्ञा शब्द बना सकते हैं।

  • अच्छा + आई = अच्छाई
  • छोटा + पन = छुटपन
  • तीक्ष्ण + ता = तीक्ष्णता
  • नीच + ता = नीचता
  • बड़ा + पन = बड़प्पन
  • बड़ा + आई = बड़ाई
  • सुंदर + ता = सुंदरता
  • सुंदर + य = सौंदर्य
  • मीठा + आस = मिठास
  • एक + ता = एकता
  • एक + त्व = एकत्व
  • दुष्ट + ता = दुष्टता
  • संपन्न + ता = सम्पन्नता
  • शीघ्र + ता = शीघ्रता
  • काला + पन = कालापन
  • निपुण + ता = निपुणता
  1. क्रिया से भाववाचक संज्ञा बनाना (Kriya Se Bhav Vachak Sangya Banana)

क्रिया से भाववाचक संज्ञा शब्दों की रचना की जा सकती है। क्रिया से भाववाचक संज्ञा बनाने के लिए क्रिया शब्दों के साथ प्रत्यय जोड़ दिया जाता है।

  • घबरा (ना) + आहट = घबराहट
  • मिल (ना) + आवट = मिलावट
  • मिल (ना) + आप = मिलाप
  • चढ़ (ना) + आव = चढ़ाव
  • चढ़ (ना) + आई = चढ़ाई
  • काट (ना) + आई = कटाई
  • लिख (ना) + आवट = लिखावट
  • लड़ (ना) + आई = लड़ाई
  • पढ़ (ना) + आई = पढ़ाई
  • थक (ना) + आवट = थकावट

  1. अव्यय शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाना (Avyay Shabdon Se Bhavvachak Sangya banana)

अव्यय शब्दों से भाववाचक संज्ञा शब्दों की रचना की जा सकती है। अव्यय शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाने के लिए अव्यय शब्दों के साथ प्रत्यय जोड़ दिया जाता है।

  • दूर + ई = दूरी
  • समीप + ता = समीपता
  • निकट + ता = निकटता
  • नजदीक + ई = नजदीकी

भाववाचक संज्ञा के विशेष तथ्य

ममता / एकता / करूणा / दया / कोमल जैसे शब्दों को भाववाचक संज्ञा (bhav vachak sangya) शब्द ही माना जाता है, लेकिन, यदि ये शब्द किसी व्यक्ति विशेष के नाम का बोध कराते हों तो इनको भाव वाचक संज्ञा न मानकर व्यक्ति वाचक संज्ञा माना जाता है।

उदाहरण के लिए

  • महेश के परिवार में एकता नहीं हैं। (भाववाचक संज्ञा)
  • आज एकता की शादी है। (व्यक्ति वाचक संज्ञा)
  • कमला में सभी बच्चों के लिए ममता का भाव है। (भाव वाचक संज्ञा)
  • ममता कक्षा में सबसे होशियार छात्रा है। (व्यक्ति वाचक संज्ञा)

यदि किसी धातु शब्द या क्रिया शब्द में अन / अ / ति / य प्रत्यय जोड़ दिया जाए तो बनने वाला शब्द भाववाचक संज्ञा शब्द होता है।

उदाहरण के लिए

  • सृ + अ = सार
  • वि + आ + कृ + अन = व्याकरण
  • परि + आ + वृ + अन = पर्यावरण
  • कृ + अ = कार
  • कृ + य = कार्य
  • वृ + अन = वरण
  • आ + कृ + ति = आकृति
  • भज् + ति = भक्ति
  • पा + य = पेय
  • पठ् + य = पाठ्य

भाववाचक संज्ञा कैसे बनाते हैं?

भाववाचक संज्ञा (bhav vachak sangya) बनाने के लिए जातिवाचक संज्ञा / सर्वनाम / क्रिया / विशेषण / अव्यय शब्दों में प्रत्यय जोड़ दिया जाता है। जैसे: दूर + ई = दूरी, लड़ (ना) + आई = लड़ाई, काला + पन = कालापन।

FAQs

भाववाचक संज्ञा की रचना कैसे की जाती है?

भाववाचक संज्ञा की रचना जातिवाचक संज्ञा / सर्वनाम / विशेषण / क्रिया / अव्यय शब्दों में प्रत्यय जोड़कर की जाती है।

भाववाचक संज्ञा कितने प्रकार की बनती है?

Solution : भाववाचक संज्ञाएँ चार प्रकार के विकारी शब्दों से बनती हैं—(1) जातिवाचक संज्ञा से, (2) सर्वनाम से, (3) विशेषण से और (4) क्रिया से।

भाववाचक संज्ञा में कौन कौन से आते हैं?

जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, भाव या दशा, धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। यथा- बुढ़ापा, मिठास, बचपन, मोटापा, चढ़ाई, थकावट आदि।

भाववाचक संज्ञा कैसे बनती है?

भाववाचक संज्ञा कैसे बनाते हैं? भाववाचक संज्ञा (bhav vachak sangya) बनाने के लिए जातिवाचक संज्ञा / सर्वनाम / क्रिया / विशेषण / अव्यय शब्दों में प्रत्यय जोड़ दिया जाता है। जैसे: दूर + ई = दूरी, लड़ (ना) + आई = लड़ाई, काला + पन = कालापन।

भाववाचक संज्ञा कब जातिवाचक संज्ञा बन जाती है?

भाववाचक संज्ञा का प्रयोग बहुवचन में करने पर वह जातिवाचक संज्ञा बन जाती है।

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