चीन में साम्यवाद के उदय के क्या कारण? - cheen mein saamyavaad ke uday ke kya kaaran?

चीन में साम्यवाद का विकास विश्व की एक महत्त्वपूर्ण घटना थी। चीन में इसके उदय के निम्नलिखित कारण थे-

रूसी क्रांति का प्रभाव– पेरिस शांति सम्मलेन के पश्चात चीन के लोगों की यह धारणा बन गई कि बोल्शेविक विचारधारा के माध्यम से ही चीन का उद्धार संभव है। परिणामस्वरूप चीन में कई साम्यवादी संस्थाओं की स्थापना की गई और वहाँ संगठित साम्यवादी आंदोलन का आरंभ हुआ।

पश्चिमी शक्तियों के प्रति चीन में असंतोष- चीन की जनता चीन में विदेशियों के प्रभाव से बहुत असंतुष्ट थी। अपने विरोध को ऊर्जा देने के लिये उसे एक सशक्त और क्रांतिकारी दल की आवश्यकता थी। यह शक्ति और भावना उन्होंने साम्यवादियों में देखी।

चीन में आर्थिक विकास– साम्यवाद मुख्यतः एक आर्थिक विचार था। साम्यवाद का घोषित उद्देश्य वर्ग-संघर्ष को समाप्त करके इसके स्थान पर आर्थिक समानता स्थापित करना था। उस समय चीन में आर्थिक असमानता की अतिव्याप्ति ने साम्यवाद के उदय के लिये माहौल तैयार कर दिया।

शिक्षा का प्रसार– 19वीं सदी के अंत तक चीन में शिक्षा के कई केंद्र स्थापित हो चुके थे। शिक्षित जनता को भ्रमित नहीं किया जा सकता था। वह रूस में हो रही घटनाओं के प्रभावों को ग्रहण कर रही थी। इस प्रकार जनता साम्यवाद की ओर आकर्षित हुई।

माओ का नेतृत्व- इस समय चीन में माओत्से तुंग जैसे क्रांतिकारी नेता का मज़दूर और निम्न वर्ग पर व्यापक प्रभाव था। माओ में असाधारण सांगठनिक क्षमता थी। माओ के प्रयासों से ही चीन में संगठित साम्यवादी आंदोलन आरंभ हुआ।

चीन की साम्यवादी क्रांति का विश्व राजनीति पर प्रभाव –

जब माओ ने संपूर्ण चीन में एक सत्ता की घोषणा की तो साम्यवाद की इस विजय ने एशिया और अफ्रीका के कई देशों को साम्यवाद की ओर आकर्षित किया।

साम्यवाद की बढ़ती शक्ति के कारण पश्चिमों ताकतों और साम्यवादियों के मध्य एक प्रकार से शक्ति-संतुलन स्थापित हुआ।

चीन में साम्यवाद की स्थापना के बाद यह अनुमान लगाया गया कि चीन , सोवियत रूस का नेतृत्व स्वीकार करेगा, परंतु कुछ ही वर्षों में वह रूस का प्रतिद्वंद्वी बन गया।

अमेरिका ने जापान के लोकतंत्र को दृढ़ता प्रदान करने वाली नीति अपनाई, ताकि जापान अपने पड़ोसी साम्यवादी देशों के प्रभाव से बचा रहे।

इस तरह साम्यवाद की राह पर चलकर चीन ने एक उभरते शक्तिशाली राष्ट्र की छवि पेश करते हुए दुनिया को यह संदेश दिया कि अब विश्व राजनीति के मुद्दों पर निर्णय केवल वाशिंगटन और मॉस्को में नहीं होंगे, उनमें अब बीजिंग भी भागीदार होगा।

चीन का साम्यवादी दल

जनवादी चीनी गणराज्य का उदय 1949 में चीन मे साम्यवादी क्रांन्ति द्वारा चीन की भूमि के मुख्य महाद्वीपीय भाग पर हुआ है। यह क्रांति वोलशेविक क्रान्ति से प्रेरित हो साम्यवादी दल के नेता माओत्से तुगं के नेतृत्व में कार्यन्वित हुई थी। जनवादी चीन के साम्यवादी दल का प्रमुख लक्ष्य बुर्जुआ तथा अन्य शासक वर्गों को खत्म कर चीन मे एक सर्वहारा वर्ग का साम्यवादी राज्य और समाज स्थापित करना है।
दोस्तो इस लेख में हम अब चीन के साम्यवादी दल का अर्थ, साम्यवादी दल का संगठन, साम्यवादी दल भूमिका और साम्यवादी दल की कार्य प्रणाली के बारें मे विस्तार से जानेंगे।

साम्यवाद का अर्थ (साम्यवाद क्या है?)  

साम्यवाद एक अन्तर्राष्ट्रीय विचारधारा है। विश्व के सभी साम्यवादी राज्यों में शासन पध्दति का स्वरूप लगभग एक जैसा है। राज्य की समूची शक्ति शासन के विभिन्न अंगो मे नहीं बल्कि साम्यवादी दल के आगोश मे समा- सी गयी है। जनवादी चीन की समग्र राजनीतिक व्यवस्था मे साम्यवादी दल का स्थान सर्वोच्च है। सारे महत्वपूर्ण निर्णय दल की केन्द्रीय सर्वोच्च समित मे हि लेते है।
शेन यू डाई के शब्दों मे, " चीन शासन पर चीन के साम्यवादी दल का पूर्ण नियन्त्रण आधुनिक सर्वसत्तावादी राज्य नीति का सर्वाधिक विस्मयकारी तथ्य है।" चीन के साम्यवादी दल को चीन की समस्त जनता की नेतृत्वकारी स्थिति प्राप्त है। श्रमजीवी वर्ग राज्य पर अपना नियन्त्रण अपने अग्रणी साम्यवादी दल के माध्यम से ही रखता है।

साम्यवादी दल का संगठन

जनवादी चीन का साम्यवादी दल, वहाँ के तीनो प्रमुख केन्द्रों, राज्य सरकार दल तथा सेना में एक लेकिन इन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। व्यवहार में साम्यवादी दल की केन्द्रीय समिति (पालिट ब्यूरो) ही चीन हेतु महत्वपूर्ण नीतियों का निर्माण करती है। ऐसा हर साम्यवादी देश मे होता है कि वहाँ शासन के समस्त सूत्र साम्यवादी दल के पास ही रहते है।
चीन का साम्यवादी दल अन्य राज्यों के साम्यवादी दल की भांति प्रजातांत्रिक केन्द्रवाद पर आधारित है, इसमें दल की प्रत्येक इकाई प्रजातांत्रिक आधार पर गठित होती है। नीचे की इकाई के प्रतिनिधि ऊपर की इकाई के सदस्यों का निर्वाचन करते है। इसी प्रकार दल के सभी अंग निर्वाचित होते है। इसके साथ ही जो निर्णय लिए जाते हैं वे नीचे की इकाइयों पर बाध्य होते है।

जनवादी चीन के साम्यवादी दल की विशेषताएं 

जनवादी चीन के साम्यवादी दल की विशेषताएं निम्नलिखित हैं-- 

1. दलीय सर्वोच्चता 

जनवादी चीन की समग्र राजनीतिक व्यवस्था मे साम्यवादी दल का स्थान सर्वोच्च है। सारे महत्वपूर्ण निर्णय दल की केन्द्रीय सर्वोच्च समिति में ही लेते हैं। 

2. सबसे विशाल साम्यवादी दल 

जनवादी चीन का साम्यवादी दल दुनिया का सबसे विशाल साम्यवादी दल हैं। इस समय इसकी संख्या लगभग 9 करोड़ हैं। ये सदस्य न केवल चीन मे बल्की प्रवासी चीनियों के रूप मे विदेशों में भी फैले हुए हैं। 

3. एक दलीय व्यवस्था 

जनवादी चीन में पूर्व सोवियत साम्यवादी गणतंत्र के समान एक दलीय प्रधानता होती हैं हालांकि नाम के लिए चीन के कई दल हैं। लेकिन शासन में प्रमुख भूमिका साम्यवादी दल को ही सौंपी गई हैं। 

4. कठोर दलीय अनुशासन 

जनवादी चीन के साम्यवादी दल में कठोर दलीय अनुशासन होता हैं। इसकी सदस्यता काफी छानबीन के बाद ही मिलती हैं तथा सदस्यों को कठोर दलीय अनुशासन में ही रहना पड़ता हैं। 

5. लोकतांत्रिक केन्द्रवाद

जनवादी चीन की सारी शासन प्रणाली तथा दलीय व्यवस्था लोकतांत्रिक केन्द्रवाद के सिद्धांत पर आधारित होती हैं। लोकतांत्रिक केन्द्रवाद उस व्यवस्था को कहते हैं जिसमें दल में विचार-विमर्श से पहले लोकतांत्रिक प्रक्रिया अपनाई जाती है लेकिन एक बार सर्वोच्च स्तर पर निर्णय हो जाने के बाद उस निर्णय को मानने हेतु ये व्यक्ति भी बाध्य होते हैं जिन्होंने कभी निर्णय के विरोध में मत व्यक्त किया था।

साम्यवादी दल की भूमिका अथवा कार्यप्रणाली

जनवादी चीन का साम्यवादी दल दुनिया का सबसे विशाल साम्यवादी दल है इसकी सदस्य संख्या 9 करोड़ है। जनवादी चीन का साम्यवादी दल पूरी चीनी जनता के नेतृत्व का केन्द्रीय अंग है। इसका लक्ष्य साम्यवाद है इसलिए चीनी शासन के हर अंग पर यह कठोर नियंत्रण बनाए रखता है। चीन में साम्यवादी दल ही सत्ता का वास्तविक सर्वोच्च निर्देशक है। इसका लक्ष्य सिर्फ चीनी समाज से शोषण को समाप्त करना ही नहीं है ब्लकि उन विचारों, प्रथाओं तथा रीति-रिवाजों को समाप्त करना भी है जिन्हें शोषक वर्ग बनाए रखना चाहता है। चीन के साम्यवादी दल की भूमिका को निम्न शीर्षकों द्वारा समझा जा सकता है।
1. मजदूरों का नेतृत्व
साम्यवादी दल मजदूरों का नेतृत्व  करता है। वह मजदूरों का मार्गदर्शन करता है तथा वह मजदूरों को संगठित करने तथा उनकी समस्याओं को दूर करने का काम करता है।
2. जन भावनाओं को शासन तक पहुंचाना
साम्यवादी दल लगातार जनता से संपर्क बनाए रखते हुए जनता की समस्याओं का सुनने तथा उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए शासन को प्रेरित करता है।
3. साम्यवादी क्रान्ति का संचालन व उसकी रक्षा करना
साम्यवादी दल का सबसे प्रमुख कार्य साम्यवादी क्रान्ति का संचालन करना तथा उसकी रक्षा करना है।
4. नीति निर्धारण और शासन पर नियन्त्रण
चीन का साम्यवादी दल अन्य साम्यवादी देशों की तरह एक श्रेष्ठ शासन है। अतः चीन के शासन पर साम्यवादी दल पूर्ण नियन्त्रण रखता है समस्त महत्वपूर्ण शासकीय नीतियों व कार्यक्रमों का निर्धारण साम्यवादी दल ही करता है शासन उसी के प्रति उत्तरदायी है।
5. मार्क्सवादी , लेनिनवाद एवं माओवादी विचारों का प्रचार करना
चीन का साम्यवादी दल मार्क्सवादी, लेनिनवादी, व माओवादी विचारधारा पर आधारित है। इसलिए साम्यवादी दल इनके विचारों का प्रचार-प्रसार करता है।
6. विश्व साम्यवाद की स्थापना में सहयोग
चीन का साम्यवादी संपूर्ण विश्व मे साम्यवाद का प्रचार-प्रसार करता है। यह एक अन्तर्राष्ट्रीय आन्दोलन है। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु साम्यवादी हर सम्भव सहयोग देने के लिय प्रतिबद्ध है।

यह जानकारी आपके के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी

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