आयुर्वेदाचार्य डा. मनीष डूडिया कहते हैं कि आयुर्वेद के अनुसार छींक आना कई बीमारियों का संकेत भी होता है। छींक द्वारा नाक व गले के अंदर दूषित पदार्थ बाहर निकलता है। यह शरीर को एलर्जी से बचाने की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। छींक आना एक आम समस्या है, जो कभी भी किसी को किसी वक्त भी आ सकती है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। यदि छींक बार-बार आने लगे या लगातार आने लगे तो इससे लोग परेशान हो जाते हैं। बार-बार छींक आने से लोग परेशान तो होते ही हैं, सामने वाले लोग भी परेशान हो जाते हैं। मन चिड़चिड़ा हो जाता है। छींक आने से कभी-कभी सिर में दर्द भी होने लगता है। जमशेदपुर के प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डा. मनीष डूडिया बता रहे हैं छींक रोकने के घरेलू उपचार।
छींक कई बीमारियों का लक्षण भी होता है
आयुर्वेदाचार्य डा. मनीष डूडिया कहते हैं कि आयुर्वेद के अनुसार छींक आना कई बीमारियों का संकेत भी होता है। छींक द्वारा नाक व गले के अंदर दूषित पदार्थ बाहर निकलता है। यह शरीर को एलर्जी से बचाने की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। यदि किसी व्यक्ति को बार-बार छींक आता है तो यह व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी को दर्शाता है।
छींक आने के कारण
- धूल, धुंआ, तेज गंध के संपर्क में आने से नाक के भीतर की म्यूकस झिल्ली उत्तेजित हो जाती है, जिससे छींक आती है
- प्रदूषण युक्त वातावरण में रहने से, सर्दी जुकाम होने पर छींक आती है, क्योंकि सर्दी जुकाम होने पर नाक के अंदर की म्यूकस झिल्ली में सूजन आ जाती है
- एलर्जी से ग्रस्त रोगियों में पराग कणों के संपर्क में आने की वजह से
- किसी दवा के रिएक्शन के कारण
कैसे आती है छींक
नाक में म्यूकस झिल्ली होती है, जिसके उत्तक और कोशिकाएं बहुत ही संवेदनशील होती हैं, इसलिए किसी भी प्रकार की बाहरी उत्तेजक वस्तु या तेज गंध के संपर्क में आने से छींक आती है। जब कोई बाहरी कण, धूल नाक में घुस जाता है तो नाक में गुदगुदी होने लगती है। इसी समय मस्तिष्क के एक विशेष भाग में संदेश जाता है। इसके बाद मस्तिष्क मांसपेशियों को बाहरी कण को बाहर निकालने का संदेश देती है। जिसके कारण छींक आती है और यह कण नाक-मुंह के दरवाजे से बड़ी ही तेजी से बाहर निकल जाती है।
छींक की समस्या के लक्षण
- आंखों का लाल होना
- नाक से लगातार पानी बहना
- नाक में खुजली होना
- सिर में दर्द, भारीपन, चिड़चिड़ापन होना
- सूंघने की शक्ति का कम हो जाना
छींक की परेशानी को दूर करने के लिए घरेलू उपाय
अदरक - बार-बार छींक आने में अदरक होता है लाभदायक। एक चम्मच अदरक का रस लें। इसमें आधा चम्मच गुड़ मिलाकर दिन में दो बार खाएं। छींक की समस्या से राहत दिलाती है।
दालचीनी - दालचीनी का प्रयोग कर छींक को दूर किया जा सकता है। एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच शहद और आधा चम्मचद दालचीनी पाउडर मिलाकर पीएं। इसका प्रयोग से छींक में आराम मिलता है।
अजवाइन - बार-बार छींक आने से अजवाइन का उपयोग भी फायदेमंद होता है। एक गिलास पानी में एक चम्मच अजवाइन डालकर उबालें। गुनगुना होने पर छान लें। इसमें शहद मिलाकर पीएं। 10 ग्राम अजवाइन और 10 ग्राम पुराने गुड़ को 350 मिली पानी में उबालें। जब पानी आधा हो जाए तो पानी को ठंडा होने पर पी लें। इससे तत्काल आराम मिलेगा।
हल्दी - छींक से परेशान हैं तो हल्दी के सेवन से भी छींक गायब हो जाती है। हल्दी में एलर्जी से राहत दिलाने की क्षमता होती है। भोजन में हल्दी के प्रयोग अवश्य करें। इसके साथ ही दूध में हल्दी डालकर पीएं। छींक के इलाज में हल्दी बहुत ही कारगर है।
हींग - लगातार छींक आने पर हींग का प्रयोग फायदेमंद होता है। हींग के गंध को सूंघने से ही बार-बार छींक आने की समस्या दूर हो जाती है।
पुदीना - बार-बार छींक आने पर पुदीना का उपयोग फायदेमंद होता है। उबलते हुए पानी में पूदीने के तेल की कुछ बूंद डाल कर इसका भाप लें। ऐसा करने से बार-बार छींक की समस्या समाप्त हो जाएगी।
Edited By: Rakesh Ranjan
हाइलाइट्स
बार-बार छींक आना एक समस्या है
घरेलू उपाय से छींक आने से मिल सकती है राहत
छींक आना एक सामान्य प्रक्रिया है. लेकिन जब बार-बार छींक आने लगे तो ये मुसीबत बन जाती है. बार-बार छींक आने से लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है, सिर दर्द होने की शिकायत भी आने लगती है. अगर बार-बार छींक से परेशान हैं तो घरेलू उपचार से इससे राहत मिल सकती है.
क्यों आता है
छींक-
नाक में म्यूकस झिल्ली होती है. इसकी कोशिकाएं बहुत संवेदनशील होते हैं. जब कोई बाहरी कण नाक में घुसता है तो मस्तिष्क में संदेश जाता है. इसके बाद मस्तिष्क मांसपेशियों को बाहरी कण को बाहर निकालने का संदेश देती है. इसके बाद छींक आती है.
छींक आने की वजह-
छींक आने की कई वजहें हो सकती हैं. जान लीजिए इन कारणों से छींक आ सकती है.
- मौसम की एलर्जी से छींक आ सकती है
- एसी के कारण छींक आ सकती है
- सर्दी, जुकाम होने पर भी छींक आती है
- दवा के रिएक्शन से छींक आ सकती है
- एलर्जी से पीड़ित लोगों के संपर्क में आने से
- धूल, धुँआ या तेज गंध से भी छींक आ सकती है
छींक ठीक करने से घरेलू नुस्खे-
छींक आने की समस्या से निजात पाने के लिए घरेलू नुस्खे भी इस्तेमाल में लाए जा सकते हैं. चलिए आपको बताते हैं कि किन घरेलू नुस्खों से छींक की परेशानी को दूर किया जा सकता है.
अदरक फायदेमंद है-
एक चम्मच अदरक का रस और आधा चम्मच गुड़ मिलाकर दिन में दो बार खाएं. इससे छींक की समस्या से
छुटकारा मिलेगा.
दालचीनी-
एक गिलास गर्म पानी लें और उसमें एक चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाएं. उसके बाद उसमें एक चम्मच शहद भी मिलाएं और उसे पिएं. इससे फायदा होगा.
फायदेमंद है हींग-
बार-बार छींक आ रही है तो हींग को सूंघें. इससे छींक से राहत मिलेगी.
पुदीना का इस्तेमाल-
पहले गर्म पानी करें और उसमें पुदाने की कुछ बूंद मिलाएं. इसके बाद इससे भाप लें.
अजवाइन से फायदा-
अजवाइन से भी छींक की समस्या
में फायदा होता है. एक गिलास पानी में एक चम्मच अजवाइन डालकर उबालें. गुनगुना होने पर उसे छान लें. उसमें शहद मिलाएं. जब पानी आधा रह जाए तो उसे ठंडा कर लें और पानी को पी लें. इससे फायदा होगा.
हल्दी से भी लाभ-
खाने में हल्दी का इस्तेमाल जरूर करें. दूध में हल्दी डालकर पिएं. इससे छींक के इलाज में फायदा होगा.
मुलेठी का इस्तेमाल-
मुलेठी के चूर्ण को पानी में उबाल लें और उसका काढ़ा बना लें. इसका भाप लेने से छींक की समस्या से निजात मिलता है.
लहसुन
भी फायदेमंद-
छींक की परेशानी में लहसुन फायदेमंद होता है. लहसुन की 3-4 कली को पीसकर एक गिलास पानी में उबालें. इस पानी को दिन में दो बार पिएं. इससे छींक से राहत मिलेगी.
यूकेलिप्टस लाभदायक होता है-
पहले पानी उबाल लें. उसके बाद उसमें यूकेलिप्टस के तेल की कुछ बूंदे डालकर उसका भाप लें. इससे छींक आने की समस्या से निजात मिलेगी.
नींबू का रस-
एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच नींबू का रस मिलाएं. इसके बाद इसमें एक चम्मच शहद भी मिलाएं.
इससे छींक आने की समस्या में फायदा होता है.
सौंफ भी फायदेमंद-
छींक रोकने के लिए सौंफ चाय फायदेमंद होता है. एक चम्मच पानी में एक चम्मच सौंप डालकर उबालें और गरम-गरम पिएं. इससे फायदा होगा.
संतरे का रस-
रोजाना भोजन के बाद एक गिलास संतरे का जूस पिएं. इससे छींक से राहत मिलेगी.
पान के पत्ते का रस-
लगातार छींक आने पर पान के पत्ते का रस पीना चाहिए. एक चम्मच पान के पत्ते का रस दिन में तीन बार पिएं.
(Disclaimer- खबर में दिए गए सुझाव जानकारी के लिए हैं. इसके इस्तेमाल से पहले मेडिकल प्रोफेशनल्स की सलाह जरूर लें.)
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