एकल इलेक्ट्रोड विभव क्या है यह कैसे निर्धारित किया जाता है? - ekal ilektrod vibhav kya hai yah kaise nirdhaarit kiya jaata hai?

प्रश्न फास्फोरस की दो प्रमुख अब ऑक्सी अम्लों के नाम उनके रासायनिक सूत्र लिखे हैं ठीक है तो मैं ऑक्सी अम्लों के यहां पर क्या लिखने हैं ऑक्सी अम्लों के नाम लिखने और उनके रासायनिक सूत्र लिखने क्यों यह फास्फोरस का ऑक्सीफ्लो यानी कि उसमें ऑप्शन होगा ठीक है तो हमारा जैसे जो सबसे मुख्य हमारा प्रमुख जो आपसे मिले पासवर्ड हमारा फास्फोरिकम ठीक है आज इसका नाम क्या है जिसका नाम है H3 po4 ठीक है हम सभी को मालूम है कि भैया फास्फोरस का परमाणु क्रमांक 15 होता है 2 कोमा 8 कोमा 5 इलेक्ट्रॉनिक ने पारी को से पांचवी पांचवी खर्च कर सकता है बंद बनाने में चलिए देखते हैं तो यहां पर क्या होता है यहां पर फास्फोरस है तो दो बंदों के साथ बना लिया तो दो इलेक्ट्रॉन खर्च करके ऑफिस के पास कितने बजे 33 इस तरह से जुड़ जाता है और सूरज के साथ ही के यहां पर वह जो आप इस तरह से बरसात दिखा सकते हो ठीक है तो आइए आपका hpo4 हो गया एसडीपीओ फॉर 500 रिचार्ज हो गया क्या आपका

ऑर्थोफॉस्फोरिक आपने तो एक हमारा हो गया अब दूसरा वाला हमारा जो है मुख्य और तुम भूखे मर तो हमारा क्या औरतों फास्फोरस सब ठीक है आरती फास्फोरस का सूत्र हमारा है क्या वह मरी po3 ठीक है यहां पर जैसे फौज हो रहे थे ठीक है तो फास्फोरस हो गए यहां पर 2:00 बजे ऑक्सीजन लग जाएगा और यहां पर ही कुछ और यहां पर और यहां पर क्या होगा सिर्फ हाइड्रोजन तो यहां पर एसडीपीओ 3:00 हो गया ठीक है आप का अर्थ फास्फोरस हम लोग ठीक है तो रानी सूत्रों के नाम ओके ओके थैंक यू

Solution : The absolute value of a single electrode potential cannot be determined experimentally because neither the oxidation nor the reduction can occur by itself. Therefore, we can find only the relative electrode potentials. For this purpose, hydrogen electrode has been selected as the reference electrode and is given arbitrary value of zero in its standard state i.e., `2H^(+)(C=1" mol "l^(-1))+2e^(-)toH_(2)(g)(1atm):E^(@)=0.00V` <br> <img src="//d10lpgp6xz60nq.cloudfront.net/physics_images/MBD_EM_CHE_XII_C03_E04_008_S01.png" width="80%"> <br> The standard hydrogen electrode consists of platinum wire sealed in a glass tube and has a platinum foil attached to it. The foil is coated with finely divided platinum and acts as platinum electrode. It is dipped into an acid solution containing `H^(+)` ions in 1 M concentration (1 M HCI). Pure hydrogen gas at 1 atmospheric pressure is constantly bubbled into the solution at constant temperature of 298 K. The surface of the foil acts as a site for the reaction. <br> The following reactions occur in this half cell depending upon whether it acts as an anode or as a cathode. <br> If S.H.E. acts as anode <br> `H_(2)(g)to2H^(+)+2e^(-)` <br> If S.H.E. acts as cathode <br> `2H^(+)+e^(-)toH_(2)(g)` <br> The electrode potential of an electrode can be measured by connecting this half cell with standard hydrogen electrode, whose potential is taken as zero.

Solution : विधुत - रासायनिक श्रेणी में दिए गये मानक इलेक्ट्रोड विभव मानक अवस्था के लिए जब विधुत अपघटय विलयन का सांद्रण 1M तथा ताप 298 K , हो , परन्तु विधुत - रासायनिक सेलों में विधुत - अपघटय विलयन का सांद्रण हमेशा निश्चित नहीं होता तथा इलेक्ट्रोड विभव - अपघटय को सांद्रण तथा ताप पर निर्भर करता है । ऐसी स्थिति में एकल इलेक्ट्रोड विभव नर्नस्ट समीकरण द्वारा दर्शाया गया है । किसी अपचयन अर्द्ध - अभिक्रिया के लिए नर्नस्ट समीकरण को निम्न प्रकार से दर्शाया /प्रदर्शित करते है - <br> `E_("Red") = E_("Red")^(o) - (RT)/(nF) " in " ("Reduced Species")/("Oxidised Species") ` <br> मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड के सापेक्ष किसी सामान्य अभिक्रिया <br> `M^(n+) + "ne"^(-) to M` <br> के लिए नर्नस्ट समीकरण का रूप निम्न होगा - <br> `E = E^(o) + (RT)/(nF) " in " 1/([M^(n+)]) , " "(.:' "ठोस धातु सांद्रण की इकाई माना गया है ")` <br> या `E = E^(o) + (RT)/(nF) " in" [M^(n+)]` <br> या ` E = E^(o) + (2*303 RT)/(nF) log _(10) [M^(n+)]` ....(1) <br> जहाँ, E = अपचयन इलेक्ट्रोड विभव <br> `E^(o) `= मानक इलेक्ट्रोड विभव ,`" "(M^(n+)" सांद्रण " 1 M "तथा " 298 K "पर ")` <br> R = गैस स्थिरांक ` = 8 * 31" JK"^(-1)" mol"^(-1)" "T` = ताप ( केल्विन स्केल में ) = 298 K <br> n = धातु आयन की संयोजकता , F = 1 फैराडे (96,500 कूलॉम ) <br> मान रखने पर , `E = E^(o) + (0*059)/n log _(10) [M^(+)]` ...(2) <br> समीकरण (2) एकल इलेक्ट्रोड विभव के लिए नर्नस्ट समीकरण है ।

chemistry March 9, 2019 January 8, 2019

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(standard electrode potential in hindi) मानक इलेक्ट्रोड विभव क्या है , परिभाषा , मानक इलेक्ट्रोड विभव किसे कहते हैं : इसके बारे में पढने से पहले यह पढ़ लेते है कि इलेक्ट्रोड विभव क्या होता है ताकि आप इस टॉपिक को अच्छी तरह से समझ सके।
इलेक्ट्रोड विभव : जब धातु की छड को धातु आयन के विलयन में रखा जता है तो धातु छड इलेक्ट्रॉन त्यागकर या ग्रहण करके , विलयन की तुलना में छड पर धन आवेश या ऋण आवेश आ जाता है , जिसके कारण धातु की छड और विलयन के मध्य एक विभवान्तर उत्पन्न हो जाता है , धातु और धातु आयन के विलयन के मध्य उत्पन्न इस विभंवातर को इलेक्ट्रोड विभव कहते है।

मानक इलेक्ट्रोड विभव (standard electrode potential)

किसी भी अर्द्ध सेल में अर्थात एक इलेक्ट्रोड में 298 केल्विन ताप और एक मोल प्रति लीटर सांद्रता के धातु आयन विलयन में इलेक्ट्रोड के विभव का मान मानक इलेक्ट्रोड विभव कहलाता है।

किसी अर्द्ध सेल के मानक इलेक्ट्रोड विभव के मान को E0 से व्यक्त किया जाता है।

जब किसी अर्द्ध सेल की अपचयन अभिक्रिया को व्यक्त किया जाता है तो इसे मानक अपचयन विभव कहते है और जब अर्द्ध सेल की ऑक्सीकरण अभिक्रिया को व्यक्त किया जाता है तो इसको मानक ऑक्सीकरण विभव कहते है।

मानक अपचयन विभव को E0red द्वारा व्यक्त किया जाता है जबकि मानक ऑक्सीकरण विभव को E0ox द्वारा व्यक्त किया जाता है।

ऑक्सीकरण और अपचयन विभव

ऑक्सीकरण विभव : जब कोई इलेक्ट्रोड , विलयन में इलेक्ट्रॉन त्यागता है तो इलेक्ट्रोड का ऑक्सीकरण होता है , किसी इलेक्ट्रोड की विलयन में इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृति का माप उस इलेक्ट्रोड का ऑक्सीकरण विभव कहा जाता है।

जो इलेक्ट्रोड , विलयन में जितने ज्यादा इलेक्ट्रॉन त्याग करता है वहां ऑक्सीकरण उतना ही अधिक होता है अर्थात जिस इलेक्ट्रोड की इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति जितनी अधिक होती है उस इलेक्ट्रोड का ऑक्सीकरण विभव का मान भी उतना अधिक होता है।

अपचयन विभव : जब कोई इलेक्ट्रोड , विलयन से इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति रखता है तथा अपनी इस इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति के कारण वह विलयन से इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है।  किसी इलेक्ट्रोड की विलयन से इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति का मापन उस इलेक्ट्रोड का अपचयन विभव कहलाता है।

एकल इलेक्ट्रोड विभव से क्या समझते हैं?

इलेक्ट्रोड विभव को हम उस दशा में ही ज्ञात कर सकते हैं जब दो इलेक्ट्रोडों को जोड़कर सेल बनायें तथा उनके मध्य उत्पन्न विभवान्तर को ज्ञात करें। यदि हमें किसी एक इलेक्ट्रोड का विभव ज्ञात हो तो हम दूसरे को आसानी से ज्ञात कर सकते हैं। जिस इलेक्ट्रोड का विभव ज्ञात होता है उसे मानक इलेक्ट्रोड (Reference Electrode) कहते हैं

एकल इलेक्ट्रोड विभव की गणना कैसे की जाती है?

साम्यावस्था में अर्ध सेलों (हाफ सेल) के एलेक्ट्रोड विभव को मानक इलेक्ट्रोड विभव (standard electrode potentials) कहते हैं। जब तत्वो को उनके मानक अपचयन विभव के आरोही क्रम मे व्यवस्थित करते हैं तो इस प्रकार प्राप्त हुइ श्रेणी विद्युत रासायनिक श्रेणी कहलाती है।

इलेक्ट्रोड विभव क्या है इसे कैसे मापा जाता है एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए?

इसे E° से प्रकट करते हैं और इसे वोल्ट में मापा जाता है। उदाहरणार्थ-जब कॉपर की छड़, कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोई जाती है तो कॉपर की छड़, विलयन के सापेक्ष ऋणावेशित हो जाती है जिससे कॉपर धातु और कॉपर आयनों के मध्य विभवान्तर उत्पन्न हो जाता है। इस विभवान्तर को कॉपर इलेक्ट्रोड का विभव कहते हैं।

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