एक्यूप्रेशर दबाने से क्या होता है? - ekyoopreshar dabaane se kya hota hai?

एक्यूप्रेशर (Acupressure), इलाज का एक प्राचीन तरीका है जिसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दबाव डालकर बीमारी को ठीक करने की कोशिश की जाती है. दरअसल, हमारे शरीर के मुख्य अंगों के दबाव केंद्र यानी प्रेशर पॉइंट्स (Pressure Points) पैरों के तलवे में और हथेलियों में होते हैं. अगर इन दबाव केंद्रों की मालिश (Massage) की जाए तो शरीर का जो प्रेशर पॉइंट जिस अंग को प्रभावित करता है उससे जुड़ी बीमारी में इससे राहत मिल सकती है. उदाहरण के लिए- हृदय (Heart) का प्रेशर पॉइंट बाएं पैर में होता है और इस बिंदु पर नर्म मालिश हृदय से जुड़ी बीमारी के इलाज में मदद कर सकती है.

एक्यूप्रेशर क्या है?
एक्यूप्रेशर, चीन का पारंपरिक उपचार है और पिछले कई सौ वर्षों से एक्यूप्रेशर थेरेपी का दुनियाभर में इस्तेमाल किया जा रहा है. एक्यूप्रेशर, शरीर की स्वयं को ठीक और व्यवस्थित करने की क्षमता को जगाने के लिए संकेत भेजने की एक तकनीक है. जिस तरह योग में प्राण (जीवनशक्ति) को बहुत महत्व दिया जाता है उसी तरह इस पारंपरिक उपचार एक्यूप्रेशर में जीवन ऊर्जा को सबसे अहम माना जाता है. हमारे शरीर के अंदर इस जीवन ऊर्जा का प्रवाह कुछ नलिकाओं का माध्यम से होता है. ऊर्जा के इस प्राकृतिक प्रवाह में किसी तरह की रुकावट या असंतुलन ही बीमारी या दर्द का कारण बनता है. एक्यूप्रेशर के माध्यम से इस रुकावट या असंतुलन को सही करके जीवन ऊर्जा के प्रवाह में सुधार लाया जाता है जिससे शरीर फिर से स्वस्थ हो जाता है.

एक्यूप्रेशर पॉइंट्स कौन से हैं?
वैसे तो शरीर में 1 हजार से ज्यादा एक्यूप्रेशर पॉइंट्स होते हैं लेकिन हम आपको यहां 8 सबसे अहम प्रेशर पॉइंट्स के बारे में बता रहे हैं:
गॉलब्लाडर 20 (GB20) : यह पॉइंट या बिंदु कान के बगल में गले पर होता है. इस बिंदु से सिरदर्द, माइग्रेन, धुंधला दिखना, थकान, सुस्ती आदि समस्याओं का उपचार किया जाता है.

गॉलब्लाडर 21 (GB21) : यह पॉइंट कंधे के ऊपरी भाग में होता है और इसे अंगूठे और बीच की उंगली से दबाया जाता है. यह बिंदु तनाव, चेहरे का दर्द, दांत दर्द, गर्दन दर्द आदि के उपचार में मदद करता है.

लार्ज इंटेस्टाइन 4 (LI4) : यह हाथ के अंगूठे और चारों उंगलियों के बीच के मुलायम हिस्से में होता है. यह बिंदु भी चेहरे का दर्द, सिर दर्द, स्ट्रेस आदि के उपचार के लिए अच्छा माना जाता है.

लिवर 3 (LR3) : यह बिंदु पैर के पंजे के ऊपर अंगूठा और उसके बगल वाली उंगली के बीच होता है और कमर दर्द, बीपी बढ़ने, बदर दर्द, अनिद्रा जैसी समस्याओं के लिए अच्छा माना जाता है.

पेरीकार्डियम 6 (P6) : यह प्रेशर पॉइंट हाथ की हथेली से चार इंच ऊपर कलाई पर होता है जो मितली आना, चिंता, पेट खराब होना, मोशन सिकनेस, सिरदर्द और घबराहट जैसी समस्याओं में उपयोग किया जाता है.

ट्रिपल एनर्जाइजर 3 : यह बिंदु आपके हाथ के पंजे में चौथी और पांचवी उंगली की नस के बीच होता है जो सिरदर्द, कंधे और गर्दन का दर्द, पीठ दर्द को ठीक करने में उपयोग किया जाता है.

स्प्लीन 6 (SP6) : यह बिंदु पैर के अंदरूनी हिस्से में एड़ी से थोड़ा ऊपर होता है जो मूत्र और श्रोणी संबंधी रोग दूर करने में मदद करता है.

स्टमक 36 (ST36) : यह प्रेशर पॉइंट पांव पर घुटने के चार इंच नीचे होता है जो अवसाद, घुटने में दर्द, पेट और आंत से संबंधी परेशानी में लाभ दिलाता है.

एक्यूप्रेशर के फायदे और नुकसान
एक्यूप्रेशर की मदद से सिर्फ दर्द ही दूर नहीं होता बल्कि कई तरह के सेहत से जुड़े लाभ भी होते हैं:


  • तनाव, टेंशन, बेचैनी और घबराहट जैसी समस्याओं को दूर करता है एक्यूप्रेशर

  • नींद की क्वॉलिटी को बेहतर बनाता है, अच्छी नींद दिलाने में मदद करता है

  • मांसपेशियां और हड्डियों के जोड़ रिलैक्स हो जाते हैं जिससे शरीर में आराम महसूस होता है

  • पाचन से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं

  • एक्यूप्रेशर से शरीर में एंडोर्फिन रिलीज होता है यह थेरेपी एंटी-सूजन असर को बढ़ावा देती है जिससे गठिया रोग में मदद मिलती है

  • कीमोथेरेपी से कैंसर के इलाज के तुरंत बाद होने वाली मतली से भी एक्यूप्रेशर थेरेपी बचाती है

  • एक्यूप्रेशर थेरेपी से थकान और और मनोदशा में भी सुधार होता है

  • सही तरीके से इस्तेमाल करने पर ब्लड सर्कुलेशन में भी मदद करता है एक्यूप्रेशर

एक्यूप्रेशर थेरेपी के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं जैसे:


  • गलत बिंदुओं पर दबाव डालने से कोई दूसरी परेशानी हो सकती है

  • बहुत अधिक दबाव डालने से शरीर के उस अंग में फ्रैक्चर होने का खतरा हो सकता है

  • प्रेगनेंसी में एक्यूप्रेशर थेरेपी करवाने से मिसकैरेज का खतरा हो सकता है

  • अगर बीमारी ज्यादा पुरानी हो तो एक्यूप्रेशर थेरेपी से फायदे की जगह नुकसान हो सकता है

कैसे किया जाता है एक्यूप्रेशर?
एक्यूप्रेशर थेरेपी निम्न चरणों में पूरी की जाती है-

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  • एक्यूप्रेशर के प्रेशर पॉइंट पर हल्का दबाते हुए मालिश की जाती है

  • मालिश करने से पहले किसी जगह पर आराम से बैठ जाएं और फिर अपनी आंखें बंद करके गहरी सांस लें

  • एक दिन में कितनी बार मालिश करें इसका कोई नियम नहीं है जितनी बार आपको सुविधाजनक लगे उतनी बार कर सकते हैं

  • आप चाहें तो खुद से भी इन प्रेशर बिंदुओं पर मालिश कर सकते हैं या फिर किसी और की भी मदद ले सकते हैं.

अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल, एक्यूप्रेशर क्या है, कैसे काम करता है, लाभ और नुकसान के बारे में पढ़ें।

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FIRST PUBLISHED : June 29, 2020, 14:35 IST

एक्यूप्रेशर शरीर में कैसे काम करता है?

अत: किसी एक बिंदु पर दबाव डालने से उससे जुड़ा पूरा भाग प्रभावित होता है। यह भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। शरीर में एक हजार ऐसे बिंदु चिन्हित किए गए हैं, जिन्हें एक्यूप्वाइंट कहा जाता है। जिस जगह दबाव डालने से दर्द हो उस जगह दबने से सम्बन्धित बिनदु कि बीमारी दुर होती है।

एक्यूप्रेशर से क्या लाभ है?

एक्यूप्रेशर की मदद से सिरदर्द में भी राहत मिलती है, साइटिका में भी आराम मिलता है। - इसकी सबसे बड़ी खासियत है अगर आपको किसी प्रकार का दर्द हो रहा हो तो उसमें आराम मिल जाएगा। फिर चाहे घुटनों का दर्द हो, कमर दर्द हो। साथ ही गलत प्वाइंट दबाने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा।

एक्यूप्रेशर कब करना चाहिए?

इस प्वॉइंट को प्रेस करने से पीरियड्स के दर्द में भी आराम मिलता है. रेफ्लेक्सोलॉजी के अनुसार, इस प्वॉइंट को प्रेस करने से मेटाबॉलिज्म रेट बेहतर होता है. ये प्वांइट तनाव को कम करने में भी मददगार होता है. ऐसे में अगर आपको भी इस तरह की कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हैं तो आज ये ही LV3 प्वॉइंट को रोजाना एक मिनट प्रेस करें.

नींद के लिए कौन सा पॉइंट दबाए?

स्पिरिट गेट यह पॉइंट हाथ की छोटी उंगली की लाइन में कलाई के उलटी तरफ होता है। छोटे गोले की कल्पना करते हुए उस पर हल्के हाथों से ऊपर से नीचे की तरफ अथवा गोलाई में दबाव डालें। दो से तीन मिनट तक इसे करें। कुछ सेकंड के लिए इस पॉइंट को दबा कर रखें।

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