फूल कौन सी धातु होती है? - phool kaun see dhaatu hotee hai?

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नई पीढ़ी में बहुत थोड़े से लोग होंगे जो फूल के बर्तनों (Phool Utensils) के बारे में जानते होंगे. आज के दौर में हमारे घरों में स्टील, चीनी के बर्तन ही मौजूद होते हैं. पहले के जमाने में पीतल, तांबा और मिश्रधातु फूल के बर्तनों की काफी मांग होती थी, इनका इस्तेमाल शरीर के लिए भी बेहद लाभकारी होता था. वक्त बदलने के साथ घर में उपयोग होने वाले पुराने बर्तनों की जगह भी नई धातु के बर्तनों ने ले ली. अब तो बाजार में सिलिकॉन के बर्तनों (Silicon Utensils) तक की डिमांड बढ़ने लगी है. इस बीच अब पुराना दौर भी एक बार फिर लौटता नजर आ रहा है. दरअसल, पिछले कुछ वक्त में मार्केट में एक बार फिर फूल के बर्तनों की मांग सुनाई देने लगी है.

बता दें कि आज से लगभग तीन-चार दशक पहले तक ही फूल के बर्तनों की काफी मांग थी. हमारे घर के बड़े बुजुर्गों ने तो लंबे वक्त तक इन बर्तनों में भोजन का स्वाद भी उठाया है.

इस तरह बनती है फूल मिश्रधातु

फूल एक मिश्र धातु होती है जो कि टिन और लेड से मिलकर बनती है. कभी-कभी इसमें पीतल या तांबे की मिलावट भी की जाती है. यह धातू दिखने में चांदी की तरह और उजली होती है. आमतौर पर फूल के बर्तन डेयरी की दुकानों पर भी देखने को मिल जाएंगे. इसमें रखने से दही या खट्टी चीजें रखने पर नहीं बिगड़ती हैं.

फूल के बर्तनों के फायदे

आज से पांच दशक पहले तक फूल मिश्रधातु की काफी डिमांड थी. इनका इस्तेमाल बर्तनों के अलावा हथियार बनाने में भी किया जाता था. पीतल और तांबे के बर्तनों की तरह ही फूल धातु के बर्तनों के भी स्वास्थ्य के लिहाज से कई फायदे हैं.

– फूल के बर्तन में खाना खाने से तनाव में राहत मिलती है.

– कहते हैं कि फूल के बर्तनों में भोजन से शरीर में नई ऊर्जा पैदा होती है.

– इन बर्तनों में खाने से मोटापे की समस्या में कमी आती है.

– इन बर्तनों के उपयोग से जोड़ो के दर्द में राहत मिलती है.

– फूल के बर्तनों में खाने से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है.

– फूल के बर्तनों में खाना खाने से शुगर भी बैलेंस रहती है.

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जब भी खाना बनाने की बात आती है तो हम सब्जियों को अच्छे से साफ करते हैं और बर्तनों की सफाई का ध्यान रखते हैं. हमारा पूरा ध्यान इस पर होता है  कि हम क्या खा रहे हैं. पर क्या आप जानते हैं कि आप किस धातु के बर्तन में खाना बना रहे हैं, इसका भी आपकी सेहत पर बहुत असर पड़ता है. ऐसे कई धातु हैं जिनमें खाना बनाने से ना सिर्फ इनके पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं बल्कि ये शरीर के लिए जहरीले भी हो जाते हैं. आइए जानते हैं कि आपको किन तरह के बर्तनों में खाना पकाने से बचना चाहिए.
 

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तांबा- तांबे के बर्तन में पानी पीना और खाना खाना सुरक्षित माना जाता है लेकिन इस धातु को तेज तापमान पर गर्म करने से बचना चाहिए. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ये आग पर तेज प्रतिक्रिया देता है. हाई हीट पर तांबे के बर्तन में नमक और एसिड मिलने से कई तरह के केमिकल बनने लगते हैं. अगर तांबे के बर्तन को ठीक से नहीं रखा गया है तो यह खाने को जहरीला बना सकता है.
 

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एल्युमिनियम- एल्युमीनियम तेज तापमान को जल्दी अवशोषित करता है और काफी मजबूत होता है. यही वजह है कि बहुत से लोग एल्युमिनियम के बर्तन में खाना बनाना पसंद करते हैं. हालांकि गर्म होने पर एल्युमीनियम एसिड वाले फूड आइटम्स जैसे टमाटर और सिरका के साथ प्रतिक्रिया करता है. धातु का ये रिएक्शन खाने को विषाक्त बना सकता है. इसकी वजह से पेट में दर्द हो सकता है और मिचली भी महसूस हो सकती है. एल्युमिनियम एक भारी धातु है जो धीरे-धीरे आपके खाने में प्रवेश कर जाती है.
 

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पीतल- पीतल के बर्तनों का बेस बहुत भारी होता है और आमतौर पर पारंपरिक व्यंजनों को तैयार करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. चिकन, मटन और बिरयानी जैसी कई ऐसी डिश होती हैं जिन्हें बनाने में ज्यादा वक्त लगता है. कई देशों में ये खास तरह के खाने पीतल के बर्तनों में ही बनाए जाते हैं. पीतल के बर्तन में तेज तापमान पर नमक और एसिड वाले फूड्स के साथ रिएक्ट करते हैं, इसलिए पीतल में खाना पकाने से बचना चाहिए. तलने या चावल बनाने के लिए इस बर्तन का इस्तेमाल किया जा सकता है. 
 

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इस धातु में खाना बनाना सबसे अच्छा- खाना बनाने के लिए सबसे अच्छा धातु लोहा होता है. लोहे के बर्तनों में आप किसी भी तरह का खाना बना सकते हैं, क्योंकि इनका कोई हानिकारक प्रभाव नहीं होता है. लोहा एक बराबर से गर्म होता है और खाने को जल्दी पकाने में मदद करता है. गर्म होने पर यह आयरन छोड़ता है जो खाने में मिल जाता है. आयरन हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है. हालाँकि तरी वाली चीजें लोहे के बर्तन में बनाने में इसका स्वाद बदल सकता है.
 

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मिट्टी के बर्तन- खाना बनाने का सबसे सुरक्षित और अच्छा विकल्प मिट्टी के बर्तन होते हैं. मिट्टी के बर्तन अपनी विशेष शैली के कारण आजकल काफी लोकप्रिय हो रहे हैं. हालांकि इसमें खाना बनाने में बहुत समय लगता है और इसे संभाल कर रखना भी मुश्किल होता है. इसलिए बहुत से लोगों को मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने में दिक्कत आती है. 

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स्टेनलेस स्टील- एक और धातु जो खाना बनाने के लिए काफी लोकप्रिय है वो है स्टेनलेस स्टील. इसकी सतह चिकनी और चमकदार होती है जिसकी वजह ये काफी बेहतर माना जाता है. स्टेनलेस स्टील किसी भी तरह से हानिकारक नहीं होता है, लेकिन इस धातु की अच्छाई इसकी क्वालिटी पर निर्भर करती है.

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स्टेनलेस स्टील मूल रूप से कुछ धातुओं का मिश्रण है, जो क्रोमियम, निकल, सिलिकॉन और कार्बन से बना होता है. स्टेनलेस स्टील का बर्तन बहुत ही सावधानी से खरीदना चाहिए. इसे हमेशा किसी विश्वसनीय दुकान या कंपनी से ही खरीदें क्योंकि नकली स्टेनलेस स्टील के बर्तन सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं.
 

फूल कौन सी धातु है?

फूल वंग (टिन्) और सीस (लेड) की मिश्रधातु है, पर इसमें कभी-कभी ताँबा या पीतल भी मिला रहता है। यह धातु उजली औ स्वच्छ चाँदी के रंग की हीती है और इसमें रखने से दही या और खट्टी चाजें नहीं बिगड़ती।

फूल के बर्तन क्या होते हैं?

फूल के बर्तनों के फायदे पीतल और तांबे के बर्तनों की तरह ही फूल धातु के बर्तनों के भी स्वास्थ्य के लिहाज से कई फायदे हैं. – फूल के बर्तन में खाना खाने से तनाव में राहत मिलती है. – कहते हैं कि फूल के बर्तनों में भोजन से शरीर में नई ऊर्जा पैदा होती है. – इन बर्तनों में खाने से मोटापे की समस्या में कमी आती है.

फूल के बर्तन कैसे होते हैं?

इस तरह बनती है फूल मिश्रधातु फूल एक मिश्र धातु होती है जो कि टिन और लेड से मिलकर बनती है. कभी-कभी इसमें पीतल या तांबे की मिलावट भी की जाती है. यह धातू दिखने में चांदी की तरह और उजली होती है. आमतौर पर फूल के बर्तन डेयरी की दुकानों पर भी देखने को मिल जाएंगे.

फूल धातु क्या रेट है?

बाजार में फूल और तांबा के बर्तन 800 रुपये किलो हैं जबकि पीतल के बर्तन 400 रुपये किलो और स्टील के बर्तन 200 रुपये किलो बिक रहे हैं। सिल्वर टच स्क्रीन के बर्तन का रेट स्टील से करीब डेढ़ गुना है। सिर्फ पूजन के लिए ही अब फूल की थाली या तांबा से बने छोटे लोटे खरीदे जाते हैं।

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