IPC धारा 325 स्वेच्छया घोर उपहति कारित करने के लिए दंड-
उस दशा के सिवाय , जिसके लिए धारा 335 में उपबन्ध है , जो कोई स्वेच्छया घोर उपहति (शरीर के किसी अंग की हड्डी तोड़ देगा ) कारित करेगा , वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक कि हो सकेगी ,दंडित किया जाएगा और जुर्माना से भी दण्डनीय होगा ।
IPC 325 दूसरे शब्दों में –
जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को इस प्रकार की क्षति पहुंचाता है ,की वह उस व्यक्ति का शारिरिक नुकसान (शरीर के किसी अंग की हड्डी टूट जाए) कर देगा । तब इस प्रकार की धारा लागू होती है । अमूमन किसी मनुष्य की हड्डी के टूट जाने पर (IPC )भरतीय दण्ड संहिता की धारा 325 लागू की जाती हैं । भारतीय दंड संहिता 325 में प्रावधान किया गया है । कि जो कोई किसी दूसरे व्यक्ति के साथ घोर उपहति करेगा वह दंड का भागी होगा।
IPC 325 में सजा –
भारतीय दंड संहिता में इस प्रकार के अपराध के लिए दंड का प्रावधान है , कि कठोर कारावास जिसकी अवधि 7 वर्ष तक की तथा जुर्माने से दंडित किया जाएगा न्यायालय अगर उचित समझे तो दोनों ही प्रकार के दंड से दंडित किया जाएगा अर्थात जुर्माने व कारावास दोनों ही प्रकार के दण्ड से दंडित किया जा सकता है
कहने का तात्पर्य स्पष्ट है कि जो कोई किसी व्यक्ति की शारीरिक क्षति करेगा तो वह इस धारा के दायरे में आएगा |
IPC धारा 325 में जमानत कैसे मिलेगी –
धारा 325 में आम तौर पर जमानत सेम डे मिल जाती है | अगर वकील ने ठीक से पैरवी की तो धारा 325 में जमानत मिलना मुश्किल काम नहीं है | और जमानत आसानी से मिल जाती है |आईये इन्हें भी जानें –I P C 498 (क) महिला (पत्नी) के साथ क्रूरता या अत्याचार (मार ,पीट)
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कुछ मूल अधिकारों का प्रभाव अनुच्छेद 35
I P C 498 (क) महिला (पत्नी) के साथ क्रूरता या अत्याचार (मार ,पीट)
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अनुच्छेद-32: “संवैधानिक उपचारों का अधिकार”
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- पड़ोसी ने डंडे से पीटा, महिला के गले की हड्डी टूटी, पुलिस ने लगाई मामूली धारा
पड़ोसी ने डंडे से पीटा, महिला के गले की हड्डी टूटी, पुलिस ने लगाई मामूली धारा
मारपीट के मामले में महिला के गले और पसली की हड्डी टूट गई है, डाक्टरों ने भी इसकी पुष्टि की है। बावजूद उसके तमनार पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर सिर्फ मामूली धाराओं का ही इस्तेमाल किया है।
इस संबंध मिली जानकारी के अनुसार तमनार क्षेत्र के रेगांव में अंबिका वैष्णव पिता पूरन दास उम्र 38 वर्ष अपने बुजुर्ग माता पिता के साथ रहती है। महीने भर पहले कचरा फेंकने के विवाद को लेकर पड़ोसी के साथ उसका विवाद हुआ था। इस मामले में हरिहर दास, लक्ष्मी और उसके बेटों ने घर घुसकर लाठी डंडों से महिला से मारपीट की थी। खास बात तो यह थी आरोपियों ने उसके बुजुर्ग माता पिता को भी पीटा था। महिला घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई थी। उसके गले के हड्डी और पसली टूट गई थी। नाजुक हालत में उसे तमनार चिकित्सालय में भर्ती कराया गया,जहां हालत में सुधार नहीं होने पर उसे मेकाहारा रिफर किया गया था। चिकित्सकों के इलाज के बाद भी महिला की हालत में कोई सुधार नहीं दिख रहा है।
आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं
पुलिस ने आरोपियों पर मेहरबानी बरत रही है। महिला के शरीर की हड्डी टूटने के बाद भी केवल 294, 506,
323, 34 के तहत ही अपराध दर्ज किया गया है। जबकि आमतौर पर ऐसी चोंट आने पर धारा 307 के तहत कार्रवाई की जाती है। पुलिस ने इस मामले में धाराओं का खेल खेलकर एक तरह से आरोपियों को बचाने का ही कार्य किया है। बड़ी बात तो यह है कि अब तक उनकी गिरफ्तारी भी नहीं की जा सकी है।
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- एमएलआर में डॉ. गांधी की नाक में फ्रैक्चर, विर्क के खिलाफ बढ़ी धारा
एमएलआर में डॉ. गांधी की नाक में फ्रैक्चर, विर्क के खिलाफ बढ़ी धारा
भास्कर न्यूज - पटियाला
आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार डॉ. धर्मवीर गांधी के साथ रसूलपुर सैदां में मारपीट के बाद मेडिको लीगल रिपोर्ट ((एमएलआर)) में उनकी नाक की हड्डी टूटी बताई गई है। अब आरोपी अकाली कौंसलर राजिंदर सिंह विर्क के खिलाफ धारा 325 को और जोड़ दिया गया है।
इंडियन पैनल कोड के अनुसार धारा 325 जमानती है, आरोप साबित होने पर 7 साल तक सजा हो सकती है। डीएसपी ((सिटी 2)) गुरदेव सिंह धालीवाल ने बताया कि डॉ. गांधी के साथ मारपीट में विर्क के खिलाफ एमएलआर रिपोर्ट आने के बाद धाराओं में बढ़ोतरी
की गई। अब धारा 325 जोड़ी गई है। पार्टी के वर्कर पर थप्पड़ मारने की जांच जारी है।
कानून के दायरे में दिलवाएंगे आरोपी को सजा: डॉ. गांधी
आप के उम्मीदवार डॉ. गांधी ने कहा कि जमानत होने पर कौंसलर विर्क यह न समझे कि वह जेल से बाहर आया है। पार्टी कानून के दायरे में आरोपी को जेल भिजवाकर रहेगी। आरोप लगाया कि पुलिस ने मामले में कार्रवाई सही ढंग से नहीं कर रही है। आरोपी का पुलिस रिमांड लेकर उससे पूछताछ होनी चाहिए, पर ऐसा नहीं हुआ। जब पार्टी उम्मीदवार पर जानलेवा हमला हो रहा है तो आम जनता को कौन
पूछेगा।
हार पहनाने के बाद साथ में अकाली नेता।
जेल से बाहर निकलते राजिंदर सिंह विर्क
जेल से विर्क की रिहाई की सूचना के बाद जेल परिसर में मौजूद अकाली प्रत्याशी दीपइंदर ढिल्लों।
पटियाला - अकाली कौंसलर राजिंदर विर्क को डॉ. गांधी पर हमले के मामले में जमानत मिलने के बाद सेंट्रल जेल से रिहाई के वक्त दीपइंदर सिंह ढिल्लो, पूर्व मंत्री हरमेल टोहड़ा, गुरप्रीत सिंह राजू खन्ना व अन्य अकाली कौंसलर व लीडर जेल परिसर पहुंचे। कौंसलर विर्क को शनिवार करीब डेढ़ बजे जेल प्रबंधकों ने औपचारिकताएं पूरी करने के बाद रिहा कर दिया। मौजूद अकाली लीडरों ने कहा कि उनके कार्यकर्ता पर ज्यादती हुई है और इंसाफ के लिए वह अब संघर्ष करेंगे। फिलहाल विर्क को जमानत पर रिहा करवाने के बाद पुलिस अधिकारियों से जांच के लिए मांगपत्र सौंपे जाएंगे। विर्क की रिहाई के दस्तावेजी काम पूरे होने के बाद दीपइंदर सिंह ढिल्लो अपनी गाड़ी में बैठकर निकल गए जबकि अन्य लीडर मौके पर मौजूद रहे। कौंसलर विर्क के बाहर आते ही सभी लोग आम आदमी पार्टी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस मौके पर नरदेव सिंह आकड़ी , कौंसलर हरविंदर बब्बू, जसपाल सिंह बिट्टू चट्ठा, मालविंदर सिंह माली व अन्य लीडर मौजूद रहे।
विर्क की रिहाई के मौके दीपइंदर ढिल्लों, टोहड़ा व अन्य अकाली लीडर जेल पहुंचे