One Line Answer
गोपियों ने स्वयं को अबला और भोली कहा है। आपकी दृष्टि से उनका ऐसा कहना कितना उपयुक्त है?
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Solution
गोपियों ने स्वयं को अबला और भोली कहा है पर मेरी दृष्टि में ऐसा नहीं है। गोपियाँ कृष्ण से दूर रहकर भी उनके प्यार में अनुरक्त हैं। वे स्वयं को कृष्ण के प्रेमबंधन में बँधी पाती हैं। जिसे कृष्ण से इस तरह का प्रेम मिल रहा हो वह अबला और भोली नहीं हो सकती है।
Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 A)
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Chapter 1: सूरदास - पद - अतिरिक्त प्रश्न
Q 6Q 5Q 7
APPEARS IN
NCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2
Chapter 1 सूरदास - पद
अतिरिक्त प्रश्न | Q 6
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गोपियों ने स्वयं को अबला क्यों कहा है?
गोपियों ने स्वयं को 'भोरी' कहा है। वे छल-कपट और चतुराई से दूर थीं इसीलिए वे अपने प्रियतम की रूप माधुरी पर शीघ्रता से आसक्त हो गईं। वे स्वयं को श्रीकृष्ण से किसी भी प्रकार दूर करने में असमर्थ मानती थीं। वे चाहकर भी उन्हें प्राप्त नहीं कर सकती इसलिए उन्होंने स्वयं को अबला कहा है।
गोपियों ने स्वयं को अबला और भोली बताकर उद्धव पर क्या कटाक्ष किया है?
गोपियाँ व्यंग्य स्वरूप उद्धव को 'अति बड़भागी' कह रही हैं क्योंकि वे कृष्ण के समीप रहकर भी उनके प्रेम बंधन में नहीं बँध सके और न ही उनके प्रेम में व्याकुल हुए।
गोपियों ने स्वयं को अबला और भोली कहा है आपकी दृष्टि से उनका ऐसा कहना कितना उपयुक्त है?
गोपियों ने स्वयं को अबला और भोली कहा है पर मेरी दृष्टि में ऐसा नहीं है। गोपियाँ कृष्ण से दूर रहकर भी उनके प्यार में अनुरक्त हैं। वे स्वयं को कृष्ण के प्रेमबंधन में बँधी पाती हैं। जिसे कृष्ण से इस तरह का प्रेम मिल रहा हो वह अबला और भोली नहीं हो सकती है।
कौन स्वयं को अबला और भरी कह रही है?
Solution : गोपियाँ स्वयं को अबला और भोरी कह रही हैं।