By Anand Gupta, Knowledgebase Author
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पब्लिक डिस्ट्रिब्युशन सिआज के दौर में भारत दुनिया की सबसे बड़ी उभरती हुई अर्थव्यवस्था है परंतु ऊंचाइयां छूने के लिए अभी भी बहुत कुछ करने की दरकार है। देश को सफलता की सीढ़ी पर ले जाने के लिए तकनीक का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसने लागत को घटाकर गुणवत्ता को बढ़ावा दिया है। लेकिन आज के बढ़ते प्रतिस्पर्धा के बीच इस आर्थिक गति को बरकरार रखना एक बड़ी चुनौती है। ग्राहक अपना पैसा उसी कंपनी में लगाने को तैयार है जो उन्हें कम समय में सटीक समाधान दे सकें।
किंतु कई हिंदुस्तानी कंपनियां ग्राहक की समस्या समाधान में अभी भी बहुत पीछे हैं। और तो और वे इस बात से अनभिज्ञ हैं। सफलता में अंधे होकर वे ये बात भूल जाते हैं कि सब अच्छा नहीं है। इसी कारण उनका ग्राहक से संपर्क टूटता जा रहा है।
भारत में छोटी कंपनियां कॉल सेंटर को स्थापित करने का व्यय उठाने में अक्षम हैं। इस वजह से उन्हें ग्राहक की सहायता करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कॉल सेंटर को स्थापित करने में काफी खर्च बैठता है। लेकिन यह भी एक संपूर्ण समाधान नहीं है। उपभोक्ता अधिकारी तक कॉल जाने में कई स्तरों सो गुजरना पड़ता है, जो ग्राहक में ऊब पैदा करता है, जिससे वह कंपनी से ही अपना नाता तोड़ लेता है।
भारत में ग्राहक उत्पाद निर्माता से संपर्क करने को लेकर सदैव संशय में रहता है। अक्सर उत्पादक की संपूर्ण जानकारी इंटरनेट से भी उपलब्ध नहीं मिल पाती है। हालांकि इसका एक बेजोड़ उपाय निकाल लिया गया है, जिसका नाम है चैटबॉट। ये साधन सबसे सस्ता, गुणवत्ता से भरपूर एवं इस्तेमाल करने मेें आसान है। इससे कोई भी बिना किसी रुकावट के 24 घंटे कही से भी इंटरनेट के माध्यम से इस्तेमाल कर सकता है। यह आम लोगों की आम समस्याओं का सही जवाब देने में सक्षम है। यही नहीं, समयानुसार इसमें लोगों के उचित बदलाव भी होते रहते हैं।
भारत एक विशिष्ट देश है जहां कई प्रकार की भाषाएं बोली जाती है। उन सभी के लिए कॉल सेंटर की स्थापना करना मुमकिन नहीं है। लेकिन चैटबॉट लोगों की समस्याओं को लोगों की क्षेत्रीय भाषा में समझकर उन्हें उन्हीं के अंदाज़ में जवाब देता है।
ऐसा करने वाली क्रिएटिव वर्चुअल भारत की पहली कंपनी बनी हैं। इसने राजस्थान (राजस्थानी, हिंदी, अंग्रेजी व हिंग्लिश) व महाराष्ट्र (मराठी) की सरकारी परियोजनाओं (भामाशाह व पीसीएमसी) में इसका सफलतापूर्वक क्रियान्वन किया है। लोग बिना किसी कष्ट के ई-कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा चलाई जा रही लोक कल्याणकारी योजनाओं के विषय में घर बैठे मोबाइल फोन पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।
ग्राहक सेवा सप्ताह के दौरान कुछ ध्यान देने योग्य बातें इस प्रकार हैं जो उपभोक्ता समय-समय पर हमें अवगत कराते हैं–
- कंपनी से बिना कोई समय गंवाएं संपर्क हो
- कही से भी संपर्क हो सके
- कंपनी के उत्पाद के विषय में गहरी जानकारी मिले
- समस्याओं का समाधान आम भाषा में हो
- अगर चैटबॉट से समस्या हल ना हो तो इंसानी मदद हो
- उचित जवाब मिले
- मुफ्त में मदद हो
इसके अतिरिक्त कंपनियों को भारत में रह रहे 1 अरब से ज्यादा लोगों पर गहन अनुसंधान करना चाहिए। उनकी पसंद, नापसंद और ज़रूरतों पर समावेशी चिंतने होना चाहिए।
हाइलाइट्स
सामान खरीदने में धोखाधड़ी की ऑनलाइन कर सकते हैं शिकायत
घर बैठे शिकायत दर्ज कर सकते हैं
अगर आपने कोई सामान खरीदा है और आपके साथ ठगी हुई है. कंपनी ने गलत तरीके से आपको सामान बेचा है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. कहीं जाने की भी जरूरत नहीं है. घर बैठे आपको इंसाफ मिलेगा. ठगी करने वाले को सजा मिलेगी और आपको हर्जाना भी मिलेगा. तो चलिए हम आपको बताते हैं कि कैसे घर बैठे आप ठगी करने वालों को सबक सीखा सकते हैं.
क्या है उपभोक्ता संरक्षण कानून-
देश में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 लागू है. इस कानून के तहत कस्टमर्स को धोखाधड़ी से बचाने के उपाए हैं. ये कानून खरीदारों को इस बात की सुरक्षा दिलाता है कि जो भी सामान वो खरीद रहे हैं वो सही है.
इस कानून में कई कड़े प्रावधान हैं, जिससे ठगी करने वाली कंपनियों से निपटने में मदद मिलेगी. ठगी करने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई होगी और आरोपी को सजा भी मिलेगी. इतना ही नहीं, इसमें जुर्माना का भी प्रावधान है.
शिकायत के
लिए रसीद जरूरी-
इस कानून के तहत किसी सामान में गड़बड़ी मिलने, क्वालिटी खराब होने, ज्यादा दाम वसूलने पर शिकायत की जा सकती है. लेकिन शिकायत तभी की जा सकती है, जब सामान खरीद की रसीद आपके पास हो. सामान खरीदने की रसीद लेते वक्त ये जरूर देख लें कि रसीद में कंपनी का नाम, पता, रजिस्टर्ड ईमेल एड्रेस, कंपनी का आइडेंटिफिकेशन नंबर और जीएसटी नंबर दर्ज हो. किसी भी धोखाधड़ी के 2 साल के भीतर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.
ऑनलाइन कर सकते हैं शिकायत-
इसके तहत शिकायत के लिए
आपको भटकना नहीं पड़ेगा. आप ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं. शिकायत करने से पहले उपभोक्ता को साइट पर एकाउंट रजिस्टर करना होगा. इसके बाद शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं.
- consumerhelp.org.in पर जाना होगा
- मुख्य पेज पर शिकायत रजिस्ट्रेशन टैब पर क्लिक करें
- स्क्रीन पर दो विकल्प दिखाई देंगे
- शिकायत रजिस्टर करें और शिकायत की जानकारी देखें
- नई शिकायत के लिए ऑप्शन 1 पर क्लिक करें
- शिकायत करने के लिए फोरम में फीस जमा करें
- इसके बाद विस्तार से शिकायत दर्ज करें जैसे क्या गलत हुआ, क्या नुकसान हुआ
ये जानकारी देनी होगी-
उपभोक्ता को शिकायत के लिए कुछ जानकारियां देनी होती है.
- शिकायत में अपनी जानकारी देनी होगी
- जिस पक्ष के खिलाफ शिकायत देनी है उसकी जानकारी
- शिकायत से संबंधित समय, जगह और दूसरी जानकारियां
- आरोपों को साबित करने के लिए सबूत जैसे सामान खरीदने की रसीद
शिकायत के लिए फीस-
शिकायत दर्ज कराने के लिए सरकार की तरफ से फीस भी रखी गई है. 5 लाख
तक के क्लेम के लिए कोई फीस नहीं देनी पड़ेगी. 5 से 10 लाख के बीच क्लेम के लिए 200 रुपए फीस देनी होगी. 10 से 20 लाख तक के क्लेम के लिए 400 रुपए देने होंगे. 20 से 50 लाख तक के लिए एक हजार रुपए देने होंगे.
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