गति क्या होती है गति के प्रकार बताइए? - gati kya hotee hai gati ke prakaar bataie?

गति किसे कहते हैं ? परिभाषा, प्रकार, समीकरण, नियम क्या है?

इस लेख में हम गति(motion) के बारे में अध्ययन करेंगे। गति क्या है , गति की परिभाषा क्या है ? गति के प्रकार कितने हैं , गति किसे कहते हैं ? न्यूटन के गति के नियम , गति के समीकरण, सूत्र इत्यादि के बारे में अध्यन करेंगे।

गति किसे कहते हैं ? क्या है। Gati Kise Kehte hai

संसार की प्रत्येक वस्तु प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से गतिमान है। हमारा चलना, दौड़ना, साईकिल चलाना आदि पृथ्वी का अपना धुरी पर घूर्णन करनातथा वर्ष में एक बार सूर्य की परिक्रमा पूरी करना।

सूर्य भी अपने ग्रहो सहित विचरण करता हैं।

गति की परिभाषा | Gati Ki PariBhansa

समय के सापेक्ष वस्तु की स्थिति में परिवर्तन को गति कहते हैं।

गति के सापेक्ष पद हैं।

यदि एक वस्तु किसी प्रेक्षक के लिए विरामावस्था में हैं तब वही वस्तु अन्य प्रेक्षक के लिए गतिशील अवस्था में हो सकती हैं।

गति का सूत्र (Formula of Motion) :-

गति का फार्मूला (सूत्र) :- विस्थापन / समय

गति के प्रकार (Type of Motion In Hindi) :-

यहाँ गति के कितने प्रकार होते हैं ? या गति के कितने भेद भोटे हैं उन सभी गति के प्रकार(Gati ke Prakar) को यहाँपर बताया गया हैं।

(1) सरल रेखीय गति (Linear Motion In Hindi):-

सरल रेखीय गति क्या है :- यदि किसी निर्देश तंत्र के सापेक्ष किसी कण के तीन निर्देशांकों में से कोई भी दो निर्देशांक स्थिर रहे और केवल एक निर्देशांक समय के साथ परिवर्तित होता हैं तो कण की गति सरल रेखीय गति या एक विमीय गति कहलाती हैं।

सरल रेखीय गति किसे कहते हैं ?

सरल रेखीय गति की परिभाषा :- जब कोई कण या वस्तु एक सीधी रेखा में गति करती हैं।इस गति को सरल रेखीय गति कहते हैं।

(2) एक समान गति (Uniform Motion In Hindi) :-

एक समान Gati kya Hai :- जब कोई पिंड या वस्तु समान समय अंतराल में समान दूरिया समान दिशा में तय करता हैं तब पिंड या वस्तु की गति एक समान गति कहलाती हैं।

नोट :- एक समान गति में किसी पिण्ड के ताक्षणिक वेग का मन औसत वेग होता हैं।

Example of Linear Motion :- एक गाड़ी पहले घंटे व दूसरे घंटे में समान दुरी तय करती है।

(3) असमान गति किसे कहते हैं (Non-Uniform motion in Hindi)

असमान गति क्या हैं :- जब कोई वस्तु समान समय अंतराल में असमान दूरिया समान दिशा में तय करती है तब वस्तु की गति असमान गति कहलाती हैं।

(4) प्रक्षेप्य गति (Projectic Motion In Hindi) :-

प्रक्षेप्य गति की परिभाषा :- कोई पिण्ड आकाश में निश्चित वेग से फेंके जाने के पश्चात यह पृथ्वी के गुरुत्वीय स्वतंत्रता पूर्वक गति (gati) करता हैं। तब उसे प्रक्षेप्य। तथा पिंड की गति को प्रक्षेप्य कहलाती हैं।

उदाहरण :- धनुष से छोड़ा गया तीर

(5) वृतीय गति (Circular Motion) :-

वृतीय गति किसे कहते हैं :- यदि किसी कण किसी तल में इस प्रकार गति की है की उसकी किसी बिंदु से दुरी नियत बनी रहे तो इस प्रकार की गति को उस निश्चित बिंदु या गतिशील बिंदु सापेक्ष वृतीय गति कहते है।

(6) एक समान वृतीय गति (Uniform Circular Motion) :-

एक समान वृतीय Gati ki paribhasha :-जब कोई कण एक समान चाल से वृताकार पथ हैं तो कण की गति को वृतीय गति कहते हैं।

(7) शुद्ध स्थानान्तरीय गति (Translatory Motion) :-

शुद्ध स्थानान्तरीय गति की परिभाषा :- जब कोई पिण्ड इस प्रकार की गति करता हैं की उसका प्रत्येक कण निश्चित समय में समान दुरी तथा समान दिशा विस्थापित होता हैं तो पिण्ड की गति शुद्ध स्थानान्तरीय गति कहलाती हैं। शुद्ध स्थानान्तरीय गति में किसी क्षण विशेष पर पिन्ड का प्रत्येक कण समान वेग है।

(8) घूर्णन गति (Rotational Motion) :-

घूर्णन गति किसे कहते हैं :- ऐसी गति जिसमे कोई दृढ पिण्ड या वस्तु किसी स्थिर अक्ष के पारित घूर्णन करता हैं। घूर्णन गति कहलाती हैं।

उदाहरण :- छत पंखे की गति।

नोट :- घूर्णन गति के बारे में विस्तार से पढ़ने या जानने के लिए क्लिक करे!!

(9) लौटनी गति (Rolling Motion) :-

लौटनी गति किसे कहते हैं :- जब कोई पिण्ड स्थानांतरण व घूर्णन दोनों प्रकार की गति करता है तो उसे लौटनी गति (gati) है।

(10) दोलनीय गति (Oscillatory Motion In Hindi) :-

दोलनीय गति क्या है :- जब कोई वस्तु या पिण्ड किसी बिंदु के सापेक्ष ऊपर निचे या दाएं बाएं गति करता है तो उसे दोलनी गति है।

उदाहरण :- सरल लोलक

गति के समीकरण (Equations of Motion) :-

गति के समीकरण तभी उपयोग किये जा सकते हैंजब त्वरण एकसमान हो।

गति का प्रथम समीकरण :-

v = u + at

गति का द्वितीय समीकरण:-

s = ut + 1/2 at2

गति तृतीय समीकरण (तीसरा) :-

v2 = u2 + 2as

यहाँ :-

a = त्वरण

u = प्रारम्भिक वेग

v = अंतिम वेग

s = विस्थापन

t = समय

न्यूटन के गति के नियम | newton’s laws of motion in hindi

न्यूटन ने गति को समझने के लिए तीन नियम दिये जो न्यूटन के गति के नियम के नाम से जाने जाते हैं-

1. न्यूटन के गति का प्रथम नियम (newton’s firstgati law of motion in hindi) :-

न्यूटन के अनुसार प्रत्येक वस्तु अपनी विरामावस्था या समरूप गति की अवस्था में तब तक बनी रहती है जबतक कि कोई बाह्य बल उसकी इस अवस्था मे परिवर्तन न कर दे। इस नियम के अनुसार, पेड़ की टहनी से टूटा हुआ फल टहनी से टूटकर भी वहीं लटका रहेगा यदि गुरूत्वाकर्षण बल उसे अपनी ओर न खींचे, उपर की तरह उछाला गयी गेंद एक ही वेग से उपर जाती रहेगी यदि पृथ्वी का गुरूत्वाकर्षण बल और वायु का घर्षण बल उसकी गति को मंद न करे।

जब कोई व्यक्ति तेज गति से चलती गाड़ी से नीचे उतरता है, तो उसके पैर भूमि पर पड़ते हैं और विरामावस्था में आ जाते हैं लेकिन शरीर के उपरी भाग में न्यूटन के गति के प्रथम नियम के अनुसार जो यह कहता है, कि कोई भी वस्तु अपनी नियत गति में परिवर्तन का विरोध करती है- के अनुसार, अभी भी गति बनी रहती है, फलतः वह गिर जाता है।

2. न्यूटन के गति का द्वितीय नियम | newton’s second law of motion in hindi

संवेग परिवर्तन की दर, प्रभावित बल या कारक बल की अनुपाती होती है और संवेग कारक बल की दिशा में कार्य करता है।

3. न्यूटन के गति का तृतीय नियम | newton’s third law of motion in hindi

प्रत्येक क्रिया की समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है। उदाहरण के तौर पर, जब हम किसी दीवार पर अपना सर पटकते हैं तो टेबल की प्रतिक्रिया के कारण हमारे सर पर आघात लगता है। बंदूक चलाने वाले व्यक्ति को गोली चलाते समय पीछे की तरफ धक्का लगता है- क्योंकि बंदूक की नली से गोली पूरे संवेग के साथ आगे की ओर निकलती है। न्यूटन के गति के तीसरे नियम के अनुसार प्रत्येक क्रिया की समान और विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है। इस नियम के अनुसार गोली जिस संवेग के साथ आगे की ओर निकलती है वही संवेग विपरीत दिशा में भी कार्य करता है। यही कारण है कि गोली चलाई जाने पर बंदूक पीछे की ओर धक्का देती है।

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