गुड़हल के फूल कितने रंग के होते हैं? - gudahal ke phool kitane rang ke hote hain?

Hibiscus Flower in Hindi – इस पोस्ट में हम गुड़हल के फूल के बारे में जानेगे, यह पोस्ट गुड़हल का फूल की विस्तृत जानकारी पर आधारित है। जिसमे हम गुड़हल से सम्बंधित सभी जानकारी के बारे में जानेगे, जिसमे गुड़हल के फूल का पौधा कैसे उगाये और इसकी सर्दियों में देखभाल कैसे देखभाल करें? इससे सम्बंधित सभी जानकारी के बारे में यह पोस्ट है, तो चलिए सबसे पहले जानते है गुड़हल के फूल के बारे में –

गुड़हल का फूल बहुत सुन्दर और आकर्षक होता है। यह एक सामान्य आकर के पेड़ पर लगता है। इसके पौधे को गुड़हल का पेड़ कहते है। गुड़हल का अंग्रेजी नाम Hibiscus है। गुड़हल का फूल जितना ज्यादा आकर्षक और खूबसूरत होता है, उतने ज्यादा ही इसके फायदे होते है। इसके तेल का इस्तेमाल बालो के लिए भी किया जाता है। तो चलिए जानते है गुड़हल के फूल के बारे में रोचक जानकारी –

  • गुड़हल का फूल की जानकारी
  • गुड़हल की जानकारी Information About Hibiscus Flower in Hindi 
  • गुड़हल के फूल के उपयोग 
  • बालों के लिए गुड़हल के फायदे 
  • गुड़हल की चाय के फायदे
  • गुडहल के फूल के फायदे 
  • हाई ब्लड प्रेशर के लिए गुड़हल की पत्तों के फायदे
  • वजन कम करने के लिए गुड़हल के फायदे
  • लाल गुड़हल के फूल के फायदे त्वचा के लिए 
  • गुड़हल के नुकसान 
  • गुड़हल का पौधा कैसे उगायें How to Grow Hibiscus Plant in Hindi 
  • गुड़हल के पौधे को कटिंग से कैसे लगायें
  • गुड़हल के पौधे की कलम कैसे लगाएं वीडियो में देखें
  • गुड़हल के पौधे को बीज से कैसे उगायें 
  • गुड़हल के पौधे की देखभाल कैसे करें
  • गुड़हल के पौधे की देखभाल कैसे करें वीडियो में देखें
    • Hibiscus Flower FAQ
    • हिबिस्कस के फूल को हिंदी में क्या कहते है?
    • क्या हिबिस्कस त्वचा के लिए अच्छा है?
    • क्या हिबिस्कस बालों के लिए अच्छा है?
    • हिबिस्कस फूल किसके लिए उपयोग किया जाता है?
    • हिबिस्कस का दूसरा नाम क्या है?
    • हिबिस्कस का फूल कितने रंग का होता हैं?
    • हिबिस्कस का पौधा किस जगह पर लगाना चाहिए?
    • शू फ्लावर को हिंदी में क्या कहते हैं? (Shoe Flower in Hindi)

गुड़हल का फूल की जानकारी

गुड़हल के फूल का हिंदी नाम जवाकुसुम है, कुछ लोग इसे गुड़हल के नाम से जानते है, और कुछ लोग इसके जवाकुसुम के नाम से जानते है। इसका वानस्पतिक नाम “हीबीस्कूस् रोज़ा साइनेन्सिस” है। गुड़हल के फूल कई रंग के होते है, यह लाल, पीला, और सफ़ेद रंगो में होता है। यह कई शानदार फूलो में से एक है। तो चलिए जानते है, इस फूल की पत्तियों, और पौधे के बारे में –

गुड़हल के फूल का आकार तुरही की तरह होता है, यह प्रत्येक रंग में होता है, इसकी कुछ प्रजातियां तो भारत में भी पायी जाती है, जो की अनेक रंगो की होती है। इसका पौधा एक बड़ी झाड़ी की तरह होता है। यह पौधा एक लम्बे समय तक जीवित रहने वाला पौधा है l

गुड़हल के पौधे के आकर लगभग 10-15 फिट तक हो जाता है। इसके पत्तो का रंग गहरा हरा होता है। जिनका आकर सामान्य, भालाकार, और अंडाकार होता है। इसके पत्तियों के किनारो पर दांते होते है। गुड़हल के फूल के आकार की बात करें, तो इनका सामान्य आकर तुरही की तरह होता है, जिनका व्यास लगभग पांच से सात इंच का होता है, यह ऊपर से बड़े होते है।

इन फूलो का सामान्य रंग पीला, लाल, और सफ़ेद होता है, यह प्रजाति आमतौर पर कही भी मिल जाती है। इसके प्रत्येक फूल में 7 या इससे ज्यादा पंखुड़ियां होती है, जो की एक दूसरे के साथ जुड़ी होती है। फूल की चौड़ाई पांच सेंटीमिटर तक की होती है।

जब यह फूल फल में बदल जाता है, तो इसके ऊपर फल लगता है, जो की पांच भुजाओ वाला होता है, इसकी प्रत्येक फांक में बीज पाए जाते है। जब यह फल पक जाता है। तो इसके बीज अपने आप बहार आ जाते है। इन बीजो से आप गुड़हल के पौधे को भी तैयार कर सकते है।

गुड़हल की जानकारी Information About Hibiscus Flower in Hindi 

गुड़हल के फूल की सबसे ज्यादा पायी जाने वाली कुछ प्रमुख प्रजातियां इस प्रकार है।
शेरोन का गुलाब – गुड़हल की यह प्रजाति सबसे ज्यादा चीन में पायी जाती है। इस प्रजाति के पौधे का आकर झाड़ी की तरह होता है। इस पर लगने वाले फूल मध्य गर्मियों से लेकर गर्मियों के अंत तक खिलते है।

हार्डी हिबिस्कस – इस प्रजाति के फूलो को हवा वाला वातावरण पसंद होता है। यह ज्यादार ऐसी जगह पर ज्यादा अच्छी तरह से उगते है। जहाँ का वातावरण नम हो, और पूरी तरह से सूर्य की किरणे पौधे पर पड़ती हो। अगर आप इस प्रजाति के पौधे को एक ऐसी जगह पर उगना चाहते है, जहा पर मिटटी सुखी है, तो इसको नियमित रूप से पानी देना होता है। तब यह इस तरह की मिटटी में पनपता है।

रोज़ मैलो – रोज़ मैलो एक तरह का गुलाब का पौधा होता है, यह भी हिबिस्कस के फूल की प्रजाति का ही पौधा है, यह मूल रूप से उत्तरी अमेरिका का निवासी है। यह इस तरह के वातावरण में उगता है, जहाँ पर इसको पूरी तरह से सूर्य की किरणे, और नमी वाली मिटटी हो। जब इसके ऊपर फूल आते है, तो यह बहुत से किट पतंगों और तितलियों को अपनी और आकर्षित करता है।

उष्णकटिबंधीय हिबिस्कस – हिबिस्कस की इस प्रजाति को उगने के लिए 20 – 25 डिग्री सेल्सियस अगर आप इस पौधे को उगना चाहते है, तो आपके इलाके का तापमान इसके बिच में होना चाहिए। अगर आप ऐसी जगह से हो जहाँ पर सर्दियाँ अधिक होती है। तो आप इस पौधे को अपने घर के अंदर भी ऊगा सकते हो।

इस फूल की पूरी दुनिया में लगभग 200 से ज्यादा प्रजातियां पायी जाती है। जिसमे से सबसे ज्यादा प्रजातियां अफ्रीका, यूरोप, और एशिया में पायी जाती है। सबसे ज्यादा हिबिस्कुस की गुड़हल प्रजाति भारत में पायी जाती है। गुड़हल ऐसे इलाको में ज्यादा मिलता है, जहाँ का तापमान गर्म होता है।

इस पुष्प का सबसे ज्यादा इस्तेमाल तेल निकलने के लिए किया जाता है। इससे बना तेल हमारे बालो और त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। जिसके इस्तेमाल से हमारे बाल काले होते है। और काफी हद तक इनका झड़ना भी कम हो जाता है।

इस फूल का इस्तेमाल हिन्दू धर्म में मंदिरो में भगवान् को अर्पित करने के लिए भी किया जाता है। भगवान् गणेश की पूजा में गुड़हल के फूल को रखना सुबह माना गया है।

गुड़हल का फूल दो देशो दक्षिण कोरिया और मलेशिया का राष्ट्रीय फूल है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल सजावट के रूप में भी किया जाता है। भारत में होने वाले समारोह और शादियों में इसके फूलो को लगाया जाता है।

गुड़हल के फूल में समृद्ध मात्रा में पाए जाने वाला आयरन और विटामिन सी सर्दी जुकाम में रहत दिआलता है।

गुड़हल के फूल के उपयोग 

गुड़हल के फूल को प्राचीन कल से ही भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग किया गया है। यह कई प्रजातियों में अलग अलग रंग का होता है, सफ़ेद रंग के गुड़हल को पीसकर इसका पाउडर बनाकर इसको दवाइयों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके फूल की चाय भी बनायीं जाती है। गुड़हल की चाय भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है और गुड़हल फूल के फायदे इन सभी के बारे में विस्तृत जानते है।

बालों के लिए गुड़हल के फायदे 

आज के समय में बल झड़ना एक सामान्य स्थिति है, जिससे लोग बहुत परेशान रहते है। अगर आप इस समस्या से छुटकारा पाना चाहते है, तो गुड़हल का फूल सबसे कारगर तरीका है। गुड़हल की पत्तियां बालो से जुड़ी सभी समस्याओं को दूर करने में बहुत मदद करती है।

अगर आप अपने बालो को घना करना चाहते है, तो गुड़हल की पत्तियां और जैतून की पत्तियां पीसकर एक जगह मिलाकर, इसका पेस्ट अपने सिर में लगाएं। इसे लगाने के 10 – 15 लगाकर छोड़ दे। इसके बाद हलके गुनगुने पानी से अपने बालो को धो ले। यह आपके बालो को घना करने में बहुत फायदेमंद होता है।

गुड़हल की पत्तियों का पेस्ट और नारियल का तेल दोनों को एक साथ मिलकर गर्म करके रख ले। इसको ठंडा करने के बाद इस तेल को बालो में लगाने से बाल चमकदार हो जाते है, और बालो में कभी रुसी जैसी परेशानी भी नहीं होती है।

इसके अलावा आपने अपने बालो के लिए गुड़हल के फूल और गुड़हल के पत्तो को मिलकर पेस्ट बना ले। इस पेस्ट को बालो में लगाने से प्राकृतिक कंडीशनर की तरह काम करता है। इस कंडीशनर को लगाने से पहले आपको अपने बालो को शेम्पू से अच्छी तरह से धोना होगा। इस कंडीशनर को इस्तेमाल करने से बाल काले हो जाते है, और इनका झड़ना बंद हो जाता है।

गुड़हल की चाय के फायदे

गुड़हल की चाय के बहुत फायदे होते है। इसकी पत्तियों से बनी चाय हमारे शरीर के कोलेस्ट्रॉल स्तर को कंट्रोल करने में बहुत फायदेमंद होती है। इसके अंदर मौजूद पोषक तत्व धमनियों में पट्टिको को जमने से रोकता है। जिससे हमारे शरीर का कोलेस्ट्रॉल कम रहता है। इसके अलावा यह हमारे दिल सम्बन्धी बिमारियों के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है। इसकी चाय में मौजूद हाइपोलिपिडेमिक और हाइपोग्लाइसेमिक गुण डायबिटीज सम्बंधित रोगो को भी दूर रखती है। एक शोध में पता चला है, की डायबिटीज के मरीजों पर किया गया एक अध्यन जिमसे गुड़हल की खट्टी चाय रोगियों को स्वस्थ रखने में मदद करती है।

गुडहल के फूल के फायदे 

गुड़हल के फूल में समृद्ध मात्रा में आयरन मौजूद होता है, जो की हमारे शरीर में एनीमिया के रोग की समस्या को नहीं होने देता है। हमारे शरीर में जब भी एनीमिया होता है, इसकी वजह होती है आयरन की कमी, 40 से 50 गुड़हल के फूल की कच्ची कलियों को लेकर उसको अच्छे से पीसकर उसका रस निकल लेना चाहिए।

उस रस को एक डिब्बे में बंद करके रख लेना चाहिए। जिससे की उसके अंदर हवा ना पहुंच पाए। अगर रस को हवा लगती है, तो वह ख़राब हो सकता है। इस रस को अगर आप प्रतिदिन सुबह शाम दूध के साथ सेवन करते है, तो आपकी एनीमिया का रोग दूर हो जाता है। इसके अलावा यह आपके शरीर के स्टेमिना को भी बढ़ाने में फायदेमंद होता है।

हाई ब्लड प्रेशर के लिए गुड़हल की पत्तों के फायदे

गुड़हल की पत्तियां हाई ब्लड प्रेशर वाले व्यक्तियों को बहुत फायदे पहुँचती है। अगर आपका हाई ब्लड प्रेशर रहता है, तो आप गुड़हल की पत्तियों की चाय बनाकर पी सकते है, यह आपके लिए एक दवाई की तरह काम करती है। इसके सेवन से शरीर के हृदय की गति सामान्य तोर पर कार्य करने लगती है, जिससे आप खुद को आरामदायक महसूस करते है। आपको इसकी चाय एक सफ्ताह में कम से कम तीन बार पीनी ही चाहिए।

वजन कम करने के लिए गुड़हल के फायदे

यह आपके शरीर की फालतू चर्बी को कम करता है, जिससे आपके शरीर का वजन घटने लगता है। अगर आपको भूख नहीं लगती है, तो आप गुड़हल के सेवन को कर सकते है। जब हम अपनी दिनचर्या में ऐसा भोजन करने लगते है, जिसमे कार्बोहाइड्रेट समृद्ध होता है, तो ऐसी स्तिथि में आपके शरीर का वजन बढ़ने लगता है। कुछ शोध से पता चला है, की गुड़हल आपके शरीर से ग्लूकोज की मात्रा को अवशोषित करता है। जिससे हमारे शरीर का वजन कम होता है। इसके सेवन से हमारी पाचन क्रिया तेज होने लगती है, और हमारे शरीर पर फालतू चर्बी इकठ्ठा नहीं हो पाती है।

लाल गुड़हल के फूल के फायदे त्वचा के लिए 

गुड़हल हमारी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है, इसके अंदर मौजूद समृद्ध मात्रा में विटामिन सी, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते है। जो की हमारे चेहरे की मृत कोशिकाओं को जीवित करके उन्हें पहले जैसा बनाते है। जिससे हमारे चेहरे के दाग धब्बे, मुहासे, से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए आपको लाल गुड़हल की पत्तियां लेनी है, उन्हें पानी में उबाल कर उनका पेस्ट बनाना है। इस पेस्ट में शहद मिलकर अपने चेहरे पर लगा सकते है। इससे आपकी त्वचा का रूखापन दूर होगा, और आपकी त्वचा को बेहतर नमी प्राप्त होगी। साथ ही यह आपके चेहरे की जलन को भी दूर करता है।

गुड़हल के नुकसान 

जिस तरह से प्रत्येक चीज के फायदे होते है, उसी तरह से उसके नुकसान भी होती है। इसी तरह से गुड़हल के भी कुछ नुसकान है, साथ ही इसकी चाय के भी कुछ नुक्सान हो सकते है, तो चलए जानते है गुड़हल के नुसकान –

  1. गर्भवती महिला के लिए गुड़हल की चाय नुक्सानदायक होती है।
  2. महिलाओ को यह चाय सबसे ज्यादा नुक्सान देती है।
  3. गुड़हल की चाय को पिने से नींद बहुत आती है, अगर आपके साथ ऐसी कोई समस्या है, तो आपको यह चाय नहीं पीनी चाहिए।
  4. अगर आप वहां चलने से पहले इसकी चाय पीते है, तो आपको परेशानी हो सकती है। वहां चलते समय इसकी चाय पिने से बचना चाहिए।
  5. गुड़हल की चाय से हाई ब्लड प्रेशर को कम किया जा सकता है। अगर आप एक सामान्य स्तिथि में है, तो आपको यह चाय नहीं पीनी चाहिए। क्योकिं इससे आपका रक्त चाप और भी ज्यादा कम हो सकता है। जिससे आपको समस्या हो सकती है।

गुड़हल का पौधा कैसे उगायें How to Grow Hibiscus Plant in Hindi 

जिस तरह से अन्य पौधे उगाये जाते है, जैसे अशोक का पेड़ ठीक उसी तरह से गुड़हल के पौधे को भी उगाया जाता है। इसको उगने के लिए भी दो तरीके होते है। एक तरीका है गुड़हल के पौधे को बीजो के द्वारा या कटिंग से कैसे उगायें? आज हम सभी विषयो के बारे में जानेगे। साथ में यह भी जानेगे अगर आपने अपना पौधा इंडोर में लगाया है, तो उसकी देखभाल कैसे करें? तो सबसे पहले जानते है, गुड़हल के पौधे को कटिंग के द्वारा कैसे लगाया जाता है।

गुड़हल के पौधे को कटिंग से कैसे लगायें

गुड़हल को कटिंग के द्वारा लगाने के लिए आपको सबसे पहले किसी भी गुड़हल के पेड़ से एक लम्बी सी कटिंग ले लेनी है। जिसे कम से कम पांच या सात कलम बन जाए। प्रत्येक कलम का साइज आपको पांच इंच ही रखना इससे बड़ी कलम ना बनाये। क्योकिं ज्यादा बड़ी कलम चलने में समय लगता है।

कलम को लाने के बाद आपको किसी तेज धार वाले औजार से उसकी कटिंग करनी है। कटिंग करते समय एक बात का ध्यान रखे की सभी कटिंग को थोड़ा तिरछा काटे इससे आपकी कटिंग में जड़े बहुत अच्छे से निकलती है। कटिंग काटने के बाद आपको निचे का एक इंच हिस्सा चाकू से हल्का हल्का छीलना है, जिससे की उसके ऊपर की पार्ट हट जाए।

इसके बाद आपको किसी गिलास में थोड़ा पानी लेना है और उसके अंदर रूटिंग हार्मोन पाउडर डालकर घोल बना लेना है। इससे आपकी सभी कटिंग में जड़े बहुत जल्दी आती है। इस घोल में कटिंग को पांच मिनट के लिए रख दे।

इसके बाद आपको गमले कटिंग को लगाने के लिए मिटटी तैयार करनी है। मिटटी के लिए आपको एक हिस्सा सामान्य मिटटी लेनी है, एक हिस्सा गोबर का पुराना और एक हिस्सा कॉकपिट इन सभी को अच्छे से मिलकर आप गमले में भर लीजिये। इसके बाद आपको अपनी कटिंग को घोल से बहार निकलना है, और उस के निचे वाले हिस्से पर फिर से रूटिंग हार्मोन पाउडर लगाकर उसको गमले में लगाना है।

कटिंग को गमले के अंदर मिटटी में कम से कम तीन इंच गहराई में लगाए। एक बात का आपको ध्यान रखना है, की आपकी कटिंग के ऊपर कोई भी पत्ती नहीं होनी चाहिए। कटिंग को लगाने के बाद इसमें भरपूर मात्रा में पानी डाल दे। इसके बाद आपको ध्यान देना है की आपकी कटिंग बिलकुल भी हिलनी नहीं चाहिए।

अगर आपने यह कटिंग समर के मौसम में लगायी है, तो आपको अपने गमले के ऊपर से एक पोलोथिन लगनी है। जिससे की आपके गमले में नमी बनी रहे। क्योकिं गर्मियों के दिनों में गमले से नमी बहुत जल्दी सुख जाती है। पॉलीथिन को गमले के ऊपर से लगाने के बाद आपको उसको किसी भी चीज से बांध देना है। इसके बाद आपको अपने गमले को कुछ दिन के लिए ऐसे ही छोड़ देना है।

आपको पानी उस समय देना है, जब गमले के ऊपर की मिटटी सूखने लग जाए। लगभग इस मिटटी को सूखने में दस दिन का समय लग सकता है। जब आपकी कटिंग से पत्तियां निकालनी शुरू हो जाए, तो आप इस पॉलीथिन में छोटे छोटे छेद कर सकते है। जिससे की इसके अंदर हवा जा सके। जब यह पूरी तरह से सभी पत्तिया पूरी तरह से उग जाए तो आपको यह पॉलीथिन गमले से हटा देनी है। जब गुड़हल की कटिंग में अच्छी तरह से जड़े निकल जाए तो आप इन कटिंग को दूसरे गमले में अलग अलग लगा सकते है।

गुड़हल के पौधे की कलम कैसे लगाएं वीडियो में देखें

गुड़हल के पौधे को बीज से कैसे उगायें 

गुड़हल को बीजो के द्वारा उगाने के लिए आपको सबसे पहले इसके बीजो को पड़ेगा। अगर आपके घर में पहले से गुड़हल का पौधा है, तो आप उसके बीजो का भी इस्तेमाल कर सकते है। इसके बीज थोड़े महंगे मिलते है। एक हजार बीजो का पैकेट आपको लगभग एक हजार से डेढ़ हजार रूपये के आस पास का मिलता है।

अगर आप इतने बीज मांगना नहीं चाहते है, तो किसी भी नर्सरी से जाकर आप एक गुड़हल का पौधा लेकर आ सकते है। आपको इसका छोटा पौधा तीस रूपये के आसपास का मिल जाता है। इससे आप बीज बना सकते है। आपको यह पौधा जब भी लगाना है। फरवरी महीने में लगाए। क्योकिं इस समय सर्दियों का मौसम चला जाता है।

सर्दियों में यह पौधा बहुत जल्दी मर जाता है। अगर आप इसे फरवरी में लगते है, तो यह आपको अप्रैल के महीने तक बीज दे देता है। इसके बीजो को इकठा करने के बाद आपको इसके लिए मिटटी तैयार करनी है। मिटटी में आपको 80% सामान्य बगीचे की मिटटी लेनी है। और 10% गोबर की पुरानी खाद, 10% बर्मीकम्पोस्ट इन सबको मिलकर एक गमले में डालना है।

गमले मिटटी को डालने के बाद आपको बीजो को लगभग दो से तीन इंच गहराई में लगाना है। और पानी डाल देना है। इसके बाद आपको इस गमले को किसी भी छाया वाली जगह पर रख देना है। और इसमें हमेशा नमी बनाये रखना है। आपके बीज 15-20 दिन में जम जायेंगे।

गुड़हल के पौधे की देखभाल कैसे करें

अगर आपका पौधा बहार या घर के अंदर कही पर भी है। इसकी देखभाल करना बहुत ही आसान है। बस आपको कुछ बातो का ख्याल रखना है, वो बाते कौन सी यह हम इस लेख में जानेगे। थोड़ा सा सर्दियों के मौसम में गुड़हल की देखभाल करना मुश्किल हो जाता है। लेकिन आपको चिंता करने की कोई बात नहीं आज हम गुड़हल की देखभाल कैसे करें, इसके बारे में आपको जानकारी देंगे। अगर आप इस तरह से अपने पौधे की देखभाल करते है, तो उस पर बहुत अच्छे फूल आएंगे और आपका पौधा हमेशा हरा भरा रहेगा।

सर्दियों के मौसम में यह पौधे बढ़ना बंद हो जाते है। अगर आपका पौधा ऐसी जगह पर है। जहाँ पर धुप नहीं जाती है। तो आप उस पौधे को सर्दियों में ऐसी जगह पर रखें जहाँ पर धुप आती हो इससे आपका पौधा सर्दियों में भी बचा रहेगा।

आप इस पौधे को ज्यादा छाया वाले स्थान पर ना रखे इससे इसकी बढ़वार तो होती है, लेकिन इस पर फूल नहीं आते। अगर आपको गुड़हल से फूल चाहिए, तो इसको धुप जरूर देनी होगी।

अगर आप एक ऐसी जगह पर रहते है, जहाँ पर गर्मियां ज्यादा होती है, तो इस पौधे को गर्मियों से बचाने के लिए हरे रंग की जाली जैसी एक कपड़े की तिरपाल आती है, उसके निचे रख सकते है।

अगर आपका पौधा गमले में लगा हुआ है, तो आपको गर्मियों के दिनों में रोज पानी देना चाहिए। अगर पौधा जमीन में लगा है और बहुत पुराना है, तो ऐसे पौधे को रोज पानी देने की जरुरत नहीं होती है।

सर्दियों में आप गुड़हल के फूल के पौधे को जब ही पानी दे। जब इसकी ऊपर की मिटटी सूखने लग जायें। अगर आप पौधे को ज्यादा पानी देते है, तो इससे इस पर आने वाली कलियाँ गिरने लगती है, और इसके पत्ते पिले होने लगते है।

जिस समय पौधे पर फूल आने वाले होते है, उस समय आपको पौधे का ज्यादा ध्यान रखना है। क्योकिं इस समय पौधे को पानी की आवयश्कता होती है। जब आपके पौधे के पत्ते हलके मुरझाने लगे तो आपको इसको पानी दे देना चाहिए। आप चाहे तो सुबह सुबह भी प्रत्येक दिन इसमें पानी दे सकते है, जिस समय इस पर फूल आने शुरू होते है। इससे आपके फूल बहुत अच्छे से खिलेंगे।

इस पौधे को हमेशा ऐसी मिटटी में लगाए जो की ज्यादा पानी को सोखती हो। क्योकिं इस पौधे को ज्यादा नमी पसंद नहीं होती है। आप अपना पौधा लगाते समय इसमें रेत भी मिला सकते है, जो घर बनाने के काम में आती है। इससे आपके गमले में पानी ज्यादा नहीं रुकता है और पौधा स्वस्थ रहता है।

इस पौधे में आप महीने में एक बार पुरानी गोबर की खाद डाल सकते है। इससे आपके पौधे स्वस्थ रहते है। इसके अलावा आप नीम आयल का स्प्रे भी कर सकते है। इससे आपके पौधे के पत्तो को बहुत फायदे होता है। और उन पर किट पतंगे नहीं बैठते। खाद देने के तुरंत बाद आप आपने गमले में पानी डाल दे। इससे यह और भी अच्छा रिजल्ट देता है।

इन पोधो को हमेशा ऐसा खाद दे, जिसमे पोटेशियम और फास्फोरस मौजूद हो। नाइट्रोजन वाला खाद इन पोधो ज्यादा नहीं देना चाहिए। इससे पोधो की पत्तियां गिरने लगते है। आप चाहे तो अपने गमले के अंदर केले के छिलको को बारीक़ काटकर भी डाल सकते है। इसके अंदर मौजूद पोटेशियम आपके पौधे के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सर्दियों के मौसम में गुड़हल के पौधे को खाद ना दे। जब सर्दियों के मौसम के बाद आप इसे खाद दे सकते है।

गुड़हल के पौधे की देखभाल कैसे करें वीडियो में देखें

अगर आपको इसके फूल की देखभाल करने के बारे में कुछ भी समझ नहीं आया, तो आप यह वीडियो भी देख सकते है। जिसमे बहुत ही आसान तरीके से आपको बताया गया है, की गुड़हल के पौधे की देखभाल कैसे करनी है।

यह जानकारी भी पढ़ें

  • खुबानी के फायदे और जानकरी
  • केले के फायदे और पेड़ की जानकरी
  • आम का पेड़ और फल की जानकरी
  • कटहल का पेड़ और फल की जानकारी

Hibiscus Flower FAQ

हिबिस्कस के फूल को हिंदी में क्या कहते है?

हिबिस्कस का फूल मालवेसी परिवार से सम्बंधित है, जिसका वानस्पतिक नाम हीबीस्कूस् रोज़ा साइनेन्सिस है। इसे हिंदी में गुड़हल का फूल कहते है। इसके अलावा गुड़हल का फूल मलेशिया तथा दक्षिण कोरिया का राष्ट्रीय पुष्प भी है।

क्या हिबिस्कस त्वचा के लिए अच्छा है?

हिबिस्कस त्वचा के लिए बहुत लाभदायक होता है। यह बढ़ती उम्र के कारण पड़ रही चेहरे की झुर्रियों को भी ठीक करता है। इसके अंदर मौजूद प्राकृतिक एसिड मृत त्वचा को ताजा और स्वस्थ बनाते है। जिससे की त्वचा की टोन भी अच्छी होती है।

क्या हिबिस्कस बालों के लिए अच्छा है?

हिबिस्कस के अंदर अमीनो एसिड (केराटिन) की अच्छी मात्रा पायी जाती है, जो की बालों के लिए उपयोगी एक तरह का प्रोटीन होता है। यह बालों को पोषण देता है। जिससे की बाल स्वस्थ बनते है, इसका उपयोग बालों में कंडीशनर की तरह भी किया जा सकता है। इससे बने कई उत्पाद बाजार में मौजूद है।

हिबिस्कस फूल किसके लिए उपयोग किया जाता है?

हिबिस्कस के फूल का उपयोग अलग अलग संस्कृतियों में अलग अलग तरह से उपयोग किया जाता है। मिस्र के लोग हिबिस्कस का उपयोग चाय बनाने के लिए करते थे। इसके अल्वा इसकी चाय शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए भी उपयोग में ली जाती है। हिबिस्कस की चाय का उपयोग कई रोगो में किया जाता है।

हिबिस्कस का दूसरा नाम क्या है?

हिबिस्कस अपने बड़े फूल वाली प्रजातियों के लिए लोकप्रिय है। इसके फूल आकर्षक होते है, इसे दूसरे नामों में गुलाब मॉलो, शेरोन के गुलाब, और गुड़हल के नाम से जाना जाता है।

हिबिस्कस का फूल कितने रंग का होता हैं?

हिबिस्कस की कई प्रजातियां पायी जाती है, जो की अलग अलग रंगो के फूल उगाती है। जिसमे सफ़ेद, हलके नील, और लाल रंग मुख्य है।

हिबिस्कस का पौधा किस जगह पर लगाना चाहिए?

हिबिस्कस के पौधे को हमेशा ऐसी जगह पर लगाना चाहिए, जहाँ पर दिन में चार से पांच घंटे धुप रहती हो। इन पौधों को धुप बहुत ज्यादा पसंद होती है। गर्मियों को दिनों में पौधों में नमी बनाये रखना बहुत जरुरी होता है।

शू फ्लावर को हिंदी में क्या कहते हैं? (Shoe Flower in Hindi)

Shoe Flower को हिंदी में गुड़हल का फूल कहते है, गुड़हल को कई नामो से जाना जाता है, इसका अंग्रेजी नाम हिबिस्कुस है, और इसे संस्कृत में में जपाकुसुम कहते हैं

गुड़हल के फूलों में कितने रंग होते हैं?

गुड़हल का फूल इकहरा, दोहरा, तिहरा, लाल, सफेद या सफेद लाल, बैंगनी, पीला, नारंगी इत्यादि कई रंगों का होता है। इसकी केसर बाहर निकली हुई होती है। सफेद, और सफेद तथा लाल रंग वाला गुड़हल फूल विशेष गुणकारी होता है। गुड़हल की मुख्यतया दो प्रजातियां होती हैं

गुड़हल का दूसरा नाम क्या है?

गुड़हल या जवाकुसुम वृक्षों के मालवेसी परिवार से संबंधित एक फूलों वाला पौधा है। इसका वनस्पतिक नाम है- हीबीस्कूस् रोज़ा साइनेन्सिस।

गुड़हल की पहचान कैसे करें?

गुड़हल का फूल की जानकारी इसके पत्तो का रंग गहरा हरा होता है। जिनका आकर सामान्य, भालाकार, और अंडाकार होता है। इसके पत्तियों के किनारो पर दांते होते है। गुड़हल के फूल के आकार की बात करें, तो इनका सामान्य आकर तुरही की तरह होता है, जिनका व्यास लगभग पांच से सात इंच का होता है, यह ऊपर से बड़े होते है।

घर में गुड़हल का पेड़ लगाने से क्या होता है?

ऐसे में यह पौधा आपके घर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार करेगा। घर में इस पौधे को लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य देव का प्रभाव अच्छा नहीं है उन्हें अपने घर में इस पौधे को लगाना चाहिए। इसके अलावा यदि आपकी कुंडली में मंगल दोष है फिर भी आप घर में इस पौधे को लगा सकते हैं।

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