घर में आग लगने पर हमें क्या करना चाहिए? - ghar mein aag lagane par hamen kya karana chaahie?

आग कहीं भी और कभी भी लग सकती है। लेकिन, सतर्कता रखी जाए तो जान-माल के नुकसान को कम किया जा सकता है। हादसों को टाला जा सकता है। खासकर गर्मियों के मौसम में तापमान अधिक होने के कारण आग की घटनाएं ज्यादा होती हैं।


आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ डॉ. अनिकेत साने ने वेबदुनिया से बातचीत में बताया कि यूं तो आग कहीं भी घर, दफ्तर, मॉल आदि में लग सकती है, लेकिन घर पर संसाधन बहुत सीमित होते हैं। अग्निशामक यंत्र घरों में नहीं लगाए जाते। दरअसल, आग ऑक्सीजन की उपस्थिति से ही फैलती है। ऐसे में सबसे पहले उसको डिसकनेक्ट करना चाहिए। इसके लिए आप गीला कंबल आग की जगह पर या जल रहे व्यक्ति पर रख सकते हैं। इसके अलावा आग बुझाने के लिए पानी, रेत और मिट्‍टी या गिट्‍टी की चूरी का उपयोग किया जा सकता है। अग्निशामक दल के आने तक आप ऐसा कर सकते हैं। ऐसा करके आप आपदा की तीव्रता को कम कर सकते हैं।

देनी चाहिए पीसीआर : साने कहते हैं कि यदि आग धुएं से किसी व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ हो रही हो तो उसे घटनास्थल से तत्काल बाहर लाएं। जब तक मेडिकल सुविधा न मिले, उसे सीपीआर देनी चाहिए। दरअसल, सामान्य जानकारी से जान-माल के नुकसान को कम किया जा सकता है।

आग बुझाने के अलग-अलग तरीके : आग बुझाने से पहले यह समझना जरूरी है कि आग किस श्रेणी की है। अन्यथा हमारे किसी भी एक्शन से आग कम होने के बजाय और भड़क सकती है। आग को 5 कैटेगरी में बांटा जाता है। ए श्रेणी में कपड़े, रबर, रद्दी, गत्ते आदि में आग लगती है तो इसे पानी और ड्राय केमिकल्स की मदद से बुझाया जाना चाहिए।

आग कैसी-कैसी : साने कहते हैं कि पेट्रोल, केरोसिन, एसिड, सॉल्बेंट आदि में लगने वाली आग को बी श्रेणी में रखा जा सकता है। इस तरह की आग को बुझाने के मैकेनिकल फॉम और ड्राय कैमिकल का उपयोग किया जाता है। इसी तरह सीएनजी, पीएनजी, मीथेन आदि गैस में लगने वाली आग को कार्बन डाईआक्साइड और ड्राय कैमिकल की मदद से बुझाया जा सकता है।

मैटल में लगने वाली आग को डी श्रेणी में रखा जा सकता है, इसे बुझाने के लिए ड्राय कैमिकल और स्पेशल कैमिकल का उपयोग किया जाता है। ई श्रेणी यानी इलेक्टिक उपकरणों की आग में पानी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इससे आग की तीव्रता और बढ़ सकती है।

क्या करें : डॉ. साने कहते हैं कि यदि हम किसी स्थान पर हैं तो सबसे पहले वहां लगे अग्निशामक यंत्रों को वैधता को जरूर चैक करें। क्योंकि वैधता समाप्त होने के बाद इनका उपयोग घातक हो सकता है। यह डिजास्टर को और बढ़ा सकता है। ऐसे में संबंधित अथॉरिटी को सूचित करें।

यदि कोई व्यक्ति आग से झुलस जाता है तो सबसे पहले जले हुए स्थान को गीले कंबल या गीले कपड़े से ढंकें और इसके बाद उसे तत्काल अस्पताल पहुंचाएं। बर्फ का उपयोग न करें, इससे फफोले पड़ सकते हैं। साने कहते हैं कि छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर और उनका प्रयोग कर हम आपदा को कम तो कर ही सकते हैं।

Fire Safety Tips आग लगने पर लोगों के बीच घबराहट होना आम बात है लेकिन अगर ऐसे हादसों में कुछ बातों का ध्यान रखा जाता तो शायद कई ज़िंदगियां बच जाती।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Fire Safety Tips: राजधानी दिल्ली के झांसी रोड पर अनाज मंडी इलाके में लगी भीषण आग ने 43 ज़िंदगियां ले लीं। आग किस वजह से लगी यह फिलहाल साफ नहीं है, लेकिन यह ये ज़रूर पता चल गया है कि वहां चल रही फैक्ट्री कई नियमों को तोड़कर चलाई जा रही थी। इमारत के मालिक ने फायर एनओसी नहीं ली हुई थी। हवा पास होने की व्यवस्था नहीं थी। इसके साथ वहां नाबालिग तक काम कर रहे थे, जिनकी मौत हो गई।

चार मंजिला इमारत में लगी आग में जलकर और धुएं में दम घुटने से दर्जनों लोगों की मौत हो गई है। आग लगने पर लोगों के बीच घबराहट होना आम बात है लेकिन अगर ऐसे हादसों में कुछ बातों का ध्यान रखा जाता, तो शायद कई ज़िंदगियां बच जाती। 

इसलिए आज हम बता रह हैं सुरक्षा के ऐसे कुछ उपाय जो आग लगने पर काम आ सकते हैं: 

1. आग लगने पर तुरंत 101 नंबर पर कॉल करके सूचना दें। यह न सोचें कि कोई दूसरा इसकी सूचना पहले ही दे चुका होगा। 

2.  आग लगने पर सबसे पहले इमारत की अग्नि चेतावनी की घंटी (फायर अलार्म) को सक्रिय करें। फिर बहुत ज़ोर से "आग-आग" चिल्लाकर लोगों को सचेत करें। चेतावनी कम शब्दों में ही दें, नहीं तो लोगों को घटना की गंभीरता समझने में ज़्यादा समय लग जाएगा।

3. आग लगने पर लिफ्ट का उपयोग न करें, सिर्फ सीढ़ियों का ही प्रयोग करें।

4. धुएं से घिरे होने पर अपनी नाक और मुंह को गीले कपड़े से ढक लें।

5. अगर आप धुएं से भरे कमरे में फंस जाएं और बाहर निकलने का रास्ता न हो, तो दरवाज़े को बंद कर लें और सभी दरारों और सुराखों को गीले तौलिये या चादरों से सील कर दें, जिससे धुआं अंदर न आ सके।

6. अगर आग आपकी अपनी ईमारत में लगी है और आप उसमें फंसे नहीं हैं तो पहले बाहर आएं और 101 नंबर पर फायर ब्रिगेड को घटना की सूचना दें।

7. अपने घर और कार्यालय में स्मोक (धुआं) डिटेक्टर ज़रूर लगाएं क्योंकि अपनी सुरक्षा के उपाय करना हमेशा बेहतर और अच्छा होता है।

8. समय-समय पर इमारत में लगे फायर अलार्म, स्मोक डिटेक्टर, पानी के स्त्रोत, अग्निशामक की जांच करवाते रहें।

9. घटनास्थल के नज़दीक भीड़ न लगने दें, इससे आपातकालीन अग्निशमन सेवा और बचाव कार्य में बाधा होती है। ऐसी स्थिति में 101 पर कॉल करें और वहां से दूर हो जाएं।

10. यदि आपके कपड़ो में आग लग जाए तो भागे नहीं, इससे आग और भड़केगी। ज़मीन पर लेट जाए और उलट पलट (रोल) करें। किसी कम्बल, कोट या भारी कपड़े से ढक कर आग बुझाएं।

Edited By: Ruhee Parvez

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