इस पाठ से आपको बाल स्वभाव की कौन सी जानकारी मिलती है? - is paath se aapako baal svabhaav kee kaun see jaanakaaree milatee hai?

Solution : इस पाठ से पता चलता है कि बच्चे अपने सुख-दुख को मन में नहीं रखते। वे दुखी होते हैं तो उसे रो-चिल्लाकर प्रकट कर देते हैं। प्रसन्न होते हैं तो हँसी-खुशी के माध्यम से व्यक्त कर देते हैं। इसलिए सिसकते-सिसकते एकदम हँस पड़ना और खेलने लगना उनके लिए स्वाभाविक होता है। समझदार आदमी बच्चों की इस क्रिया को अद्भुत मानता है, किन्तु वास्तव में यही स्वाभाविक है। <br> बच्चे कभी अपने मन पर बोझ नहीं रखते। वे अपने मन में तनाव नहीं रखते । इसलिए वे बातों को याद करके परेशान नहीं होते। जैसे ही उनके सामने कोई रुचिकर प्रसंग आता है वे एकदम धूप में बारिश की तरह तरोताजा होकर हँसने-खेलने लगते हैं।

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