जब सेना लोकतांत्रिक शासन को उखाड़ फेंकती है तो सामान्यतः कौन सी? - jab sena lokataantrik shaasan ko ukhaad phenkatee hai to saamaanyatah kaun see?

12. लेक वालेश कौन था?

13. अफ्रीका का पहला कौन-सा देश स्वतंत्र हुआ?

14. सोवियत संघ के बिखराव का पूर्वी यूरोप के देशों पर क्या प्रभाव

15. उस व्यक्ति का नाम लिखें जो लोकतंत्र के मार्ग से भटककर जीवन

16. चिले का राष्ट्रपति बनने के पश्चात् सल्वाडोर आर्यदेते गरीबों की

17. यू०एस०ए० और उसके साथियों ने इराक पर क्यों आक्रमण किया?

18. 11 सितम्बर 1973 ई० के सैनिक तख्ता-पलट के पश्चात् चिले में

19. क्या सेना को यह अधिकार है कि वह देश के रक्षा मंत्री को गिरफ्तार

20. नक्शे में पोलैंड कहाँ स्थित है? उसके चारों ओर स्थित देशों के नाम

21. 1980 के दशक में पूर्वी यूरोप के किन-किन अन्य देशों में साम्यवादी

22. लातिनी अमेरिका के कुछ ऐसे देशों के नाम लिखें, जिन्होंने 1975 के

उत्तर― पराग्वे, उरूग्वे. सुरीनाम, फ्रेंच गुयाना।

23. कुछ ऐसे देशों के नाम लिखें,जो सन् 2000 तक में लोकतांत्रिक नहीं

24. आयेंदे ने अपने भाषा में मेहनतकश मजदूरों का जिक्र क्यों किया?

25. विश्व में लोकतंत्र स्थापित करने में किन्हीं तीन घटनाओं का नाम लिखें।

26. चिले में सैनिक अधिकापरियों ने कैसे तख्ता पलट किया?

उत्तर― सैनिक अधिकारियों ने पहले बन्दरगाह पर कब्जा किया और राज्यमंत्री को

उनके ही दफ्तर में गिरफ्तार कर लिया। फिर उन्होंने राष्ट्रपति आयेंदे को

पद छोड़ने के लिए कहा। इंकार करने पर उसके निवास को घेर लिया

गया और उस पर बम बरसाए गए। इस फौजी हमले में राष्ट्रपति आउँदै

की मौत हो गई।

27. अफ्रीका के मानचित्र में घाना कहाँ स्थित है? कौन-सा एक बड़ा देश

इसका पड़ोसी है? क्या यह देश एक लोकतंत्र है?

उत्तर― घाना अफ्रीका के पश्चिम भाग में स्थित है और अन्ध्र महासागर को छूता

है। नाइजीरिया इसका पड़ोसी देश है घाना में लोकतंत्र स्थापित नहीं है।

28. इसमें क्या बुराई है यदि किसी व्यक्ति को सदा के लिए जीवन-भर

राष्ट्रपति चुन लिया जाए?

उत्तर― यदि किसी व्यक्ति विशेष को जीवन-भर के लिये राष्ट्रपति चुन लिया जाता

है तो वह शीघ्र ही तानाशाह बन जाता है, जैसा कि नकरूमा ने घामा में

किया।

29. म्यंमार एशिया के किस भाग में स्थित है? कौन-से भारतीय राज्य

उसकी सीमा से लगते हैं?

उत्तर― म्यांमार एशिया के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है। इसकी सीमा भारत के

मिजोरम मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश आदि से लगती है।

30. नजरबन्दी से आपका क्या तात्पर्य है? क्या सेना देश के चुने हुए

प्रतिनिधियों को नजरबन्द कर सकती है? उदाहरण दें।

उत्तर― नजरबन्दी का यह अर्थ होता है कि किसी भी व्यक्ति/राजनेता को घर से

बाहर जाने की मनाही कर दी जाए और उसके संचार के सभी साधन काट

दिए जाए। लगभग हर देश में जहाँ तख्तापलटी हुई वहाँ सेना ने ऐसा ही

किया। म्यांमार, पाकिस्तान, चिले. पुर्तगाल, घाना आदि में सेना ने ऐसा ही

किया।

31. सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार किसे कहते हैं?

उत्तर― जब 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी नागरिकों को बिना किसी

रंग जाति, लिंग आदि के भेदभाव के वोट अधिकार प्राप्त होता है तो

उस अधिकार को सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार कहा जाता है।

32. विश्व बैंक से क्या समझते हैं?

उत्तर― जब सरकार को रुपयों की जरूरत होती है, तो यह बैंक ऋण देता है। उधार

देने से पहले ये संस्थाएं संबद्ध सरकार से अपना हिसाब-किताब दिखने

को कहती है और उनकी आर्थिक नीतियों में बदलाव का निर्देश देती हैं।

                                लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

1. राष्ट्रपति आयेंदे बार-बार मजदूरों की बात क्यों करते हैं? अमीर लोग

उनसे नाखुश क्यों थे?

उत्तर― चुनाव में राष्ट्रपति चुने जाने के पश्चात् आयेंदे को सरकार ने गरीबों और

मजदूरों की मदद के लिए अनेक उपाय किए। इनमें शिक्षा पद्धति में संशोधन, बच्चों

के लिए मुफ्त दूध और किसानों के लिए भूमि का पुनर्वितरण शामिल थे। मजदूर

लोगों के कल्याण हेतु किए गए विशेष कार्यों के कारण आयेंदे ने अपने भाषण

में मजदूर को संबोधित किया।

      अमीर लोग उसका विरोध करते थे, क्योंकि उन्हें उसको नीतियों पसंद नहीं थी।

2. पोलैंड में एक स्तत मजदूर संघ क्यों इतना महत्वपूर्ण था? मजदूर संघों

की जरूरत क्यों है?

उत्तर- पोलैंड में एक स्वतंत्र मजदूर संघ इतना महतवपूर्ण इसलिए था क्योंकि

पहली बार किसी साम्यवादी देश में एक स्वतंत्र मजदूर संघ का निर्माण हुआ था।

              मालिकों के गैर-कानूनी व्यवहारों का विरोध करने के लिए मजदूरों को

संगठित करने हेतु मजदूर संघ आवश्यक होते हैं। मजदूरों मजदूर संघों के माध्यम

के अपराध व्यक्त करते हैं।

3. पिनोशे की सरकार के क्रियाकलापों पर प्रकाश डालें।

उत्तर― (क) आयेंदे के समर्थक अनेक लोगों ने सरकार ने कई यंत्रणाएँ दीं और

उनकी हत्या करवा दी। प्रजातंत्र के इच्छुक लोगों को भी चुन-चुनकर मरवा दिया

गया। इनमें चिली की वायु-सेना का सेनापति अल्वर्टों बैशले और सैन्य-शासन के

विरोधी बहुत से अन्य अधिकारी भी सम्मिलित थे।

(ख) जनरल बैशले की पत्नी तथा पुत्री को जेल में डाल दिया गया और

कई तरह की यातनाएँ दी गई, सेना ने 3000 से अधिक लोगों की हत्या कर दी।

(ग) बहुत से अन्य लोग गायब दिखाए गए। उनका कोई भी पता नहीं

चला कि वे कहाँ गए।

4. उपनिवेशवाद की समाप्ति पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।

उत्तर― (क) औपनिवेशिक देशों की जनता की स्वतंत्रता पाने के लिए संघर्ष

करना पड़ा वे न केवल औपनिवेशिक शासन से मुक्ति चाहते थे बल्कि अपने भावी

नेताओ को भी चुनना चाहते थे। हमारा देश ऐसे कुछ उपनिवेशों में से एक था

जहाँ की जनता ने औपनिवेशिक शसन से देश को स्वतन्त्रत करने के लिए राष्ट्रप्यापी

संघर्ष किया।

                  (ख) इनमें से बहुत से देश 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध को सम्माप्ति

के तुरंत बाद लोकतंत्र बने। भारत ने 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त की तथा एक गुलाम

देश से अपने को एक लोकतंत्रात्मक देश में परिवर्तित करने को यागा आरंभ की।

इसने शाश्वत लोकतंत्र का आह्वान किया। पहले के सभी उपनिवेश को ऐसा अबछा

अनुभव नहीं था।

                 (ग) पश्चिमी अफ्रीका के एक देश घाना को पहले के उपनिवेशों का

एक उदाहरणस्वरूप लिया जा सकता है। माना गोल्ट-कोस्ट नाम से अंग्रेजों का

एक उपनिवेश था। यह 1957 में स्वतंत्र हुआ। यह अकोका के स्वतंत्रता प्राप्त

करने वाले देशों में से पहला देश था। इसने अफ्रीका के अन्य देशों को भी स्वतंत्रता

संग्राम के लिए प्रेरित किया।

5. आप पोलैंड के लोकतंत्र के बारे में क्या जानते हैं?

उत्तर― (क) वर्ष 1980 में पोलैंड में वहाँ को यूनाइटेड वर्कर्स पार्टी की सरकार

थी, यह उस काल में पूर्वी यूरोप के बहुत से देशों में सत्तासीन बहुत से कम्युनिस्ट

दलों की सरकारों में से एक भी इन देशों में किसी अन्य दल को शासन करने

की अनुमति नहीं दी गई थी।

            (ख) जनता कम्युनिस्ट दल के नेताओं या सरकार को अपने स्वतंत्र मत

से नहीं चुन सकती थी।

               (ग) नेताओं या इत अथवया सरकार के विस्ट भाषण देने वालों को

कारागार में डाल दिया गया। पोलेंड को सरकार को सोवियत संघ को सरकार

का समर्थन और नियंत्रण प्रापत था जो किए एक विशाल और शक्तिशाली

कम्युनिस्ट राज्य था।

6. संयुक्त राष्ट्र को महासभा का क्या कार्य है?

उत्तर― (क) संयुक्त राष्ट्र के 192 सदस्य देश संयुक्त राष्ट्र  की महासभा में

मतदान करते हैं। प्रत्येक देश का एक मत होता हैं  सदस्य देशों के प्रतिनिधियों में

से चुने गए एक अध्यक्ष के नेतृत्व में इसकी वर्ष में एक बार नियमित रूप से सभा

आयोजित होती है।

(ख) महासभा एक संसद जैसी है जहाँ सभी विषयों पर विचार एवं

परिचर्चा होती है। इस अर्थ में संयुक्त राष्ट्र भी एक लोकतांत्रिक संगठन की तरह

कार्य करता है। हालाँकि भिन्न-भिन्न देशों के बीच संघर्ष में कार्यवाही करने के

किसी फैसले को संयुक्त राष्ट्र नहीं लेता।

7. संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् की भूमिका का वर्णन करें।

उत्तर― (क) संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् पन्द्रह सदस्यों वाली संस्था है जो

गंभीर मामलों पर फैसले लेती है। इस परिषद् के पाँच स्थाई सदस्य हैं–अमेरिका,

इंग्लैण्ड, फ्रांस, रूस और चीन। अन्य दस सदस्यों को महासभा दो वर्ष की अवधि

के लिए चुनती है। वास्तविक शक्ति इसके पाँच स्थाई सदस्यों के पास होती है।

(ख) पाँच स्थाई सदस्यों में से विशेषकर अमेरिका ही इस संघ को धन

की आपूर्ति करता है। प्रत्येक स्थाई सदस्य को निषेध की शक्ति प्राप्त हैं इसका

अर्थ यह हुआ कि जब कोई स्थाई सदस्य किसी मुद्दे पर असहमति जाहिर करता

है तो उस पर सुरक्षा परिषद् अपना फैसला नहीं ले सकती है। इस व्यवस्था का बहुत

से देश और उनके नागरिक विरोध कर रहे हैं तथा यह माँग उठा रहे हैं कि संयुक्त

राष्ट्र एक लोकतांत्रिक व्यवस्था को अपनाए।

8. अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।

उत्तर― (क) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष विश्व के प्रत्येक देश का एकमात्र सबसे बड़ा

साहूकार है। इसके 173 सदस्य राज्यों को समान मतदान का अधिकार नहीं है।

(ख) प्रत्येक देश का मत अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष को दिए गए उसके

अनुदान पर निर्भर करता है। इस कोष में मतदान का लगभग आधा अधिकार केवल

सात देशों-अमेरिका, जापान, फ्रांस, इंग्लैण्ड, सउदी अरब, चीन और रूस को है।

शेष 166 देशों को अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा लिए गए फैसलों बहुत कम

प्रतियोगिता प्राप्त है।

(ग) विश्व बैंक की मतदान प्रणाली में कोई विशेष अंतर नहीं है। विश्व

बैंक का अध्यक्ष हमेशा अमेरिका का एक नागरिक बनता है। उसके अमेरिकी

सरकार का कोषागार सचिव (वित्त मंत्री) परंपरागत तरीके से चुनता है।

9. अधिकांश देशों में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में काफी देर से

मतदाधिकार क्यों मिला? भारत में ऐसा क्यों नहीं हुआ?

उत्तर― अधिकांश देशों में महिलाओं को मताधिकार पुरुषों के बाद दिया गया

क्योंक ये देश संकीर्ण मानसिकता रखते थे और महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले

निम्नतर मानते थे।

        भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महिलाओं ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा

लिया था। यहाँ आंदोलन के दौरान ही एक परिपक्व जनतांत्रिक सोच विकसित हो

चुकी थी जिसमें महिलओं को भी बराबर का स्थान दिया गया था। यही कारण

है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात महिला तथा पुरुष दोनों को समान मताधिकार

एक ही समय प्राप्त हुआ।

10. पोलैंड में सोलिडेरिटो नामक मजदूर संघ की लोकप्रियता के क्या

कारण थे?

उत्तर― (क) इसकी लोकप्रियता का पहला कारण यह था कि किसी भी

साम्यवादी देश में यह पहला मजदूर संगठन था जिसे मान्यता प्राप्त हुई।

            (ख) इस मजदूर संघ ने देश में फैले हुए व्यापक भ्रष्टाचार और

अव्यवस्था का विरोध किया।

(ग) इस मजदूर संघ ने बड़ी कुर्बानियाँ की। जब सोलिडेरटी के सदस्यों

ने सरकार के कुप्रबंध और भ्रष्टाचार का विरोध किया तो हजारों की गिनती में

उन्हें जेलो में डाल दिया गया। परन्तु इस मजदूर संघ ने हड़तालों का अपना दौर

जारी रखा। अन्त में पोलैंड की सरकार को उनके नेता लेक वालेशा के साथ संधि

करनी पडी और स्वतंत्र चुनाव कराने की बात को मानना पड़ा। जय 1990 ई०

में चुनाव हुए तो सोलिडेरिटी को सीनेट में 100 में से 99 सीटें प्राप्त हुई ओर उनका

नेता लेक वालेशा पोलैंड का राष्ट्रपति बन गया।

11. प्रजातंत्रीय तथा गैर-प्रजातंत्रीय परिस्थितियों की तुलना करें।

उत्तर- प्रजातंत्रीय परिस्थितियाँ :

(क) प्रजातंत्र में लोग अपनी सरकार की आलोचन कर सकते हैं क्योंकि

उन्हें विचार व्यक्त करने की पूर्ण स्वतंत्रता होती है।

(ख) एक प्रजातंत्रीय देश में लोग एक निश्चित समय के बाद चुनाव

द्वारा अपने शासकों को बदल सकते हैं।

(ग) प्रजातंत्रीय देशों में प्रेस की स्वतंत्रता होती है, वे सरकार की नीतियों

की आलोचना भी कर सकते हैं।

(घ) प्रजातंत्रीय देशों में कारीगरों को अपना स्वतंत्र ट्रेड यूनियन बनाने

की स्वतंत्रता होती है।

गैर-प्रजातंत्रीय परिस्थितियाँ

(क) गैर-प्रजातंत्रीय देशों में लोगों को स्वतंत्र रूप से अपने विचार प्रकट

करने की स्वतंत्रता नहीं होती, न ही वे अपनी सरकार की आलोचना ही कर सकते हैं।

(ख) परन्तु गैर-प्रजातंत्रीय देश में लोगों को न कोई चुनव में भाग लेने

की और न ही अपने शासक को बदलने की आज्ञा होती है।

(ग) गैर-प्रजातंत्रीय देशों में प्रेस पर अनेक प्रकार के अंकुशल लगाये

जाते हैं। उन्हें सरकार की नीतियों के विरुद्ध जाने की हिम्मत नहीं होती।

(घ) सैनिक राज्यों में कारीगरों को अपनी ट्रेड यूनियन बनाने की केई

आज्ञा नहीं होती। उन्हें ट्रेड यूनियन बनाना बड़ा महंगा पड़ सकता है।

                                दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

1. गैर-लोकतांत्रिक शासन वाले देशों के लोगों को किन-किन मुश्किलों

का सामना करना पड़ता है? वर्णन करें।

उत्तर― (क) ऐसा एक देश म्यांमार है। इसको पहले वर्मा कहा जाता था। इसने

1948 में औपनिवेशक शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की तथा लोकतांत्रिक राज्य बना।

हालंक 1962 में सैन्य-विद्रोह के कारण लोकतांत्रिक शासन का अंत हो गया था।

              (ख) 1990 में लगभग 30 वर्ष परचात् पहली बार चुनाव आयोजित

हुए। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक लीग की नेता आग सान सूची (सू की नाम से

लोकप्रिय) इस चुनाव में विजयी रहें हालांकि म्यांमार के सैन्य शासकों ने शासन

का त्याग नहीं किया और चुनाव परिणामों को मान्यता नहीं दी। इसके स्थान पर

उप-प्रजातंत्र को सू-ची सहित सभी नेताओं को नजरबंद (गृहबंदी) कर लिया गया।

(ग) राजनैतिक क्रांतिकारियों/कार्यकर्ताओं को नगण्य अपराधों के लिए

भी जेल में डाल दिया गया। सार्वजनिक स्थलों पर सैन्य शासन के विरोध में किसी

तरह के उत्तेजक भाषण देने वाले या विचारों को प्रकट करने वाले व्यक्ति को 20

वर्ष कारावास दंड की सजा देने की घोषणा की गई है।

             (घ) म्यांमार में सैन्य शासित सरकार की प्रतपीड़क नीतियों कारण उस

देश के लगभग 6 से 10 लाख लोगों को बेघरबार कर दिया गया और उन्होंने

अन्यत्र शरण ली है।

2. जब सेना लोकतांत्रिक शासन को उखाड़ फेंकती है तो सामान्यतः

कौन-सी स्वतंत्रताएँ छीन ली जाती है?

उत्तर― जब सेना लोकतांत्रिक शासन को उखाड़ फेंकती है तो सामान्यतः

निम्नांकित स्वतंत्रताएँ छीन ली जाती है―

            (क) लोगों को स्वतंत्र भाषण देने का अधिकार नहीं रहता।

            (ख) लोगों को अपने-अपने संगठन स्थापित करने का अधिकार नहीं

रहता, जैसे-पोलैंड के कारीगरों (क्रेन में काम करने वालों या बिजली का काम

करने वालों) को । अपनी ट्रेड यूनियन बनाने का अधिकार नहीं था।

             (ग) लोगों को स्वतंत्र रूप से चुनाव में भाग लेने का अधिकार नहीं

रहता , जैसा कि प्रजातंत्रीय देशों में रहने वाले लोगों को होता है।

उपरोक्त स्वतंत्रताओं के अभाव में लोग तानाशाही या सैनिक सरकारों को

बदलना चाहते थे और वहाँ प्रजातंत्रीय सरकारों का निर्माण करना चाहते थे।

3. “संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व के राष्ट्रों का एक संघ है जो विश्व में

अंतर्राष्ट्रीय कानून, सुरक्षा, आर्थिक विकास तथा सामाजिक समता को कायम

रखने में सहायक बना है।" यह कथन किस सीमा तक सही है?

उत्तर― (क) संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न अभिकरण मानव के स्वास्थ्य एवं

कल्याण के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहते हैं ताकि मानव जीवन की सुख-सुविधापूर्ण

बनाया जा सके।

            (ख) महासागर जो किसी एक देश की सीमा के भीतर नहीं आते उनकी

व्यवस्था करने के कानून संयुक्त राष्ट्र बनाता है।

            (ग) जब अनययपूर्ण तरीके से एक देश किसी अन्य देश पर आक्रमण

करता है तो उस समय क्या होता है? ऐसी दशा में संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद्

ही उन देशों के बीच समझौता, शांति और सुरक्षा स्थापित करती है। यह अन्तर्राष्ट्रीय

सेना को एकजुट करके अन्यायी देश के विरुद्ध दमन कार्यवाही कर सकती है।

              (घ) विश्व की सरकारों को जब धन की आवश्यकता पड़ती है तो

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ही उन्हें धन देता है। विश्व बैंक भी सरकारों को उधार देता

है। उधार देने से पहले संबंधित सरकार को अपने समस्त लेखा इसको दिखाने होते

हैं तथा यह संस्था उस सरकार को अपनी आर्थिक नीति में परिवर्तन करने का निर्देश

करती है।

4. चिली में लोकतंत्र की पुनः स्थापना के बारे में आप क्या जानते है?

उत्तर― लोकतंत्र की पुनः स्थापना या वापसी–

           (क) पिनोशे की सैन्य तानाशाही उसके द्वारा 1988 में जनमत संग्रह

किए जाने का फैसला लिए जाने के साथ ही समाप्त हो गई। उसने सेचा था कि

इस चुनाव में लोग उसके पक्ष में मतदान करेंगे।

            (ख) चिली के निवासी अपनी लोकतांत्रिक परंपराओं को नहीं भूले थे।

उन्होंने पिनोशे के पक्ष में मतदान नहीं किया। इसके फलस्वरूप पिनोशे ने पहले तो

सत्ता खोई और फिर उसकी सैन्य शक्तियाँ समाप्त हो गई। अपने अंतिम संबोधन

में आयेंदे ने जो विचार व्यक्त किये थे उन्हें प्रकाशित कराया गया। यह चार था-

आतताई, कायरता और राजद्रोह अंततः दण्डित ही होता है।

               (ग) राजनैतिक स्वतंत्रता बहाल हो गई। उस दिन से चिली में राष्ट्रपति

के चुनाव चार बार आयोजित किए जा चुके हैं जिसमें भिन्न-भिन्न राजनैतिक दलों

ने भाग लिया। धीरे-धीरे देश की सरकार सेना की भूमिका समाप्त कर दी गई।

            (घ) सत्ता में आने वाली चयनित सरकारों ने पिनोशे के शासकाल में

हुए कार्यों की जाँच का आदेश दिया। इन जाँचों से यह प्रकट हो गया था कि

उसकी सरकार ने केवल निर्दयी और आततायी थी बल्कि भ्रष्ट भी थी।

5. दल विभिन्न कारणों को बताएँ जिनके फलस्वरूप पिछली शताब्दी

में प्रजातंत्र को अपनाया गया?

          अथवा, प्रजातंत्र के विस्तार के लिये उत्तरदायी कारणों की व्याख्या करें।

उत्तर―(क) यह सर्वोत्तम प्रकार की सरकार है : जितनी भी विभिन्न प्रकार

की सरकारें हैं उनमें सबसे उत्तम प्रजातंत्रीय सरकारें ही सिद्ध हुई हैं। इसके मुकाबले

में तानाशाही सरकारें, एक पार्टी की सरकारें तथा राजतंत्र इतने लोकतप्रिय नहीं रहे।

जब कभी भी किसी तानाशाह या राजतंत्र के विरुद्ध लोगों को उठने का मौका

मिलता है, वे उठते हैं और प्रजातंत्र स्थापित करने का प्रयल करते हैं। प्रजातंत्र का

अपना ही आकर्षण है और जो लोग ऐसे शासन के अभ्यस्त हो जाते हैं वो फिर

और प्रकार के शासन की ओर देखते नहीं।

               (ख) विचार प्रकट करने की स्वतंत्रता : प्रजातंत्र में सभी नागरिकों को

अपने विचार प्रकट करने की पूर्ण स्वतंत्रता होती है। उन्हें ऐसा करने में न तो किसी

आतंक का डर रहता है और न ही कैद में जाने का खतरा जैसे चिले, म्यांमार,

पुर्तगाल, घाना आदि देशों में प्राय: देखने को मिलता है। प्रजातंत्र में आदमी पिंजरे

का पंक्षी नहीं होता, वह स्वतंत्रता की ऊँँचाइयों को छू सकता है।

(ग) लोगों को अपनी सरकार को चुनने का अधिकार होता है–

प्रजातंत्र लोगों की अपनी सरकार होती है क्योंकि वे उन द्वारा स्वयं बनाई गई होती

है। उनमें से कई स्वयं मंत्री, उपमंत्री, राज्यमंत्री तक के पद पर आसीन होते हैं।

ऐसी सरकार इसलिए लोगों को अधिक प्रिय होती है।

                (घ) प्रजातंत्र में सामाजिक-आर्थिक समानता अधिक सुनिश्चित

होती है- जो लोग अनेक सामाजिक एवं आर्थिक कारणों से उत्पीड़ित रहे हों, उन्हें

प्रजातंत्र में एक नए जीवन की किरण नजर आती है जहाँ वे अनेक प्रकार के शोषण

से अपने-आप को बचा सकते हैं।

               (ङ) प्रजातंत्र की स्थापना में अनेक बाह्य कारणों की भी महत्वपूर्ण

भूमिका रहना- आंतरिक कारणों के अतिरिक्त अनेक बाह्य कारणों ने भी प्रजातंत्र

की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की, जैसे दूसरे विश्व युद्ध तानाशाह एवं

साम्राज्यवादी शक्तियों का निर्बल पड़ जाना, साम्राज्यवादी शतियों की आपसी भिड़ंत

या टकराव और 1990 ई० में सोवियत संघ का विघटन आदि।

                                                ■■

जब सेना लोकतांत्रिक शासन को उखाड़ फेंकती है तो सामान्यतः कौन सी स्वतंत्रताएँ छीन ली जाती?

(1) भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता। (2) राजनितिक संगठन बनाने की स्वतंत्रता। (3) प्रेस की स्वतंत्रता। (4) सरकार के विरुद्ध आवाज़ उठाने की स्वतंत्रता।

जब लोकतंत्र को सैनिक शासन द्वारा उखाड़ फेंका जाता है तब लोगों की कौन सी स्वतंत्र आए छीन ली जाती है?

Answer. जब सेना लोकतांत्रिक शासन को उखाड़ फेंकती है तो सामान्यतः विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, संघ या संगठन बनाने की स्वतंत्र तथा विद्रोह या विरोध व्यक्त करने एवं राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने की वास्तविक स्वतंत्रता को जनता से छीन ली जाती है।

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