कलयुग में हनुमान जी के दर्शन कैसे होंगे? - kalayug mein hanumaan jee ke darshan kaise honge?

कैसे करें हनुमान जी की पूजा  

मुख्य बातें

  • हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन भगवान हनुमान जी को समर्पित है

  • संकट मोचन हनुमान जी की पूजा मंगलवार के दिन सच्चे मन से करने पर हर बिगड़े संकट टल जाते हैं

  • हनुमान जी की सच्चे मन से पूजा व अर्चना करने पर राह में आ रही हर बाधाएं दूर हो जाती हैं

Benefits Of Hanuman Worship: हिंदू धर्म में पवन पुत्र श्री हनुमान जी को कलयुग में सभी संकटों को दूर करने वाला माना गया है। भगवान हनुमान जी को अजर अमर चिरंजीवी रहने का वरदान मिला है। माना जाता है कि वह कलयुग के अंत तक धरती पर रहेंगे। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार वे आज भी धरती पर विचरण करते हैं। हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन भगवान हनुमान जी को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि संकट मोचन हनुमान जी की पूजा मंगलवार के दिन सच्चे मन से करने पर हर बिगड़े संकट टल जाते हैं और जीवन में हर प्रकार का भय खत्म हो जाता है। हनुमान जी की सच्चे मन से पूजा व अर्चना करने पर राह में आ रही हर बाधाएं दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं बजरंगबली हनुमान जी की पूजा कैसे करनी चाहिए।

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ऐसे करें पूजा

हनुमान जी की पूजा करने से पहले घर व मंदिर की सफाई कर लें। उसके बाद खुद नहा धोकर शुद्ध हो जाएं। पूजा करने के दौरान खुद के लिए लाल कपड़े का आसन बिछाएं। उस आसान पर बैठकर ही पूजा करें। मंदिर में सामने हनुमान जी की प्रतिमा रखें। हमनुमान जी को लाल बूंदी का लड्डू हनुमानजी को भोग लगाएं। पूजा के समय तुलसी की पत्ते जरूर रखें। इसके साथ ही देसी घी से ज्योत जलाएं। मन ही मन हनुमान जी का स्मरण करें। हनुमान जी की पूजा उनकी आरती से शुरू करें। हनुमान जी की आरती पड़े व मंगलवार के दिन सात बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को मनोवांछित फल देते हैं। इस दिन सुंदरकांड का भी पाठ करना फलदायी होता है।

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इन बातों का रखें ध्यान

हनुमान जी की पूजा उपासना में पवित्रता व साफ़-सफाई का विशेष महत्तव माना जाता है। बिना स्नान किये पूजा पर नहीं बैठना चाहिए। हनुमानजी की पूजा करते वक्त कभी भी चरणामृत नहीं चढ़ाना चाहिए। हनुमान जी की पूजा करने वाले भक्तों को किसी प्रकार का मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए और न ही किसी भी प्रकार का नशा करना चाहिए।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

श्री हनुमान जी को भगवान श्री राम और माता सीता ने अमरता का वरदान दिया था। यही कारण है कि वह हर युग में मौजूद रहते हैं। सात चिरंजीवियों में से एक संकटमोचक श्री हनुमान जी का पृथ्वी पर निवास स्थान जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.

यहां हर पल मौजूद रहते हैं हनुमान

सनातन परंपरा से संबंधित शास्त्रों में वर्णन आता है कि दुनिया में सात ऐसे चिरंजीवी हैं, जो आज भी मौजूद हैं. जिनमें अश्वत्थामा, बलि, भगवान परशुराम, विभीषण, महर्षि व्यास, कृपाचार्य और संकटमोचन कहलाने वाले महावीर हनुमान जी शामिल हैं. ये सात लोग ऐसे हैं, जिन्हें अमरता का वरदान मिला हुआ है. मान्यता है कि श्री राम और माता सीता की सेवा से मिले वरदान के बाद श्री हनुमान जी अमर हो गए. हनुमान जी एक ऐसे देवता हैं जो हर युग में मौजूद रहे हैं, वहीं कलयुग में तो इनकी साधना सबसे ज्यादा कल्याणकारी मानी गई है.

आखिर कहां पर रहते हैं हनुमान

सामान्य तौर पर माना जाता है कि पृथ्वी पर श्री हनुमान जी उन सभी जगह पर मौजूद रहते हैं, जहां पर भगवान श्री राम का भजन, कीर्तन या पूजन चल रहा होता है. वहीं मान्‍यता यह भी है कि श्री हनुमान जी आज भी कैलाास पर्वत के उत्तर दिशा की ओर एक खास स्‍थान पर निवास करते हैं. श्री हनुमान जी के निवास स्थल का वर्णन कई ग्रंथों में मिलता है. पुराणों के अनुसार श्री हनुमान जी कलियुग में गन्धमादन पर्वत पर निवास करते हैं.

भीम को यहां पर हुए थे हनुमान जी के दर्शन

पौराणिक कथा के अनुसार अपने अज्ञातवास को बिताने के लिए पांडव हिमवंत पार करके गंधमादन पर्वत पहुंचे थे. वहां पर जब एक बार भीम गंधमादन पर्वत के वन में सहस्त्रदल कमल लेने के लिए गये तो उन्होंने पाया कि एक बड़ा सा वानर उनके रास्ते में अपनी पूंछ फैला कर लेटा हुआ है. तब भीम ने उस वानर से अपनी पूंछ हटाने को कहा. जिस पर वानर के रूप में लेटे श्री हनुमान जी ने भीम से कहा तुम खुद ही हटा दो. ऐसा कहने पर भीम ने पूंछ को हटाने की भरसक कोशिश की लेकिन वह टस से मस न हुई. तब भीम को अहसास हुआ कि वे कोई साधरण वानर नहीं बल्कि पवनपुत्र हनुमान हैं. इसके बाद उन्होंने हनुमान जी को प्रणाम किया. हनुमान जी ने भीम के बल का अभिमान दूर कर दिया था. कहते हैं कि इसी पर्वत पर एक मंदिर है, जिसमें हनुमान जी की मूर्ति के साथ उनके आराध्य श्री राम और माता सीता की मूर्ति भी है.

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(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

हनुमान जी के साक्षात दर्शन कैसे हो?

लोग ये भी मानते हैं कि अपने भक्तों की सहायता करने के लिए आते हैं, लेकिन किसी को आँखो से दिखाई नहीं देते। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा मंत्र है जिसको जपने से बजरंगबली साक्षात प्रगट हो जाते हैं। कालतंतु कारेचरन्ति एनर मरिष्णु,निर्मुक्तेर कालेत्वम अमरिष्णु। यही वह मंत्र जिसका जाप करने से हनुमान जी प्रगट होते हैं।

हनुमान जी कैसे मिलेंगे?

' इस प्रकार तुलसीदासजी को रामजी के दर्शन हुए। अंत में जानिए, हनुमानजी आज भी सशरीर हैं तो कहां मिलेंगे... हनुमानजी कलियुग में गंधमादन पर्वत पर निवास करते हैं, ऐसा श्रीमद भागवत में वर्णन आता है। उल्लेखनीय है कि अपने अज्ञातवास के समय हिमवंत पार करके पांडव गंधमादन के पास पहुंचे थे।

हनुमान जी को बुलाने का मंत्र क्या है?

उतर : हनुमान जी को बुलाने का मंत्र है – ॐ हनु हनु हनु हनुमते नमः है। २. हनुमान जी को प्रकट करने का मंत्र ? उतर : हनुमान जी को प्रकट करने का मंत्र है – ॐ ऐं भ्रीम हनुमते, श्री राम दूताय नम: ।

कलयुग में कौन कौन से देवता जिंदा है?

कलयुग में कौन से भगवान जिंदा (अमर) है? इस कलयुग में सात देवता आज भी मौजूद हैं। इन्हीं 7 देवताओं को कलयुग में सप्त चिरंजीवी के रूप में भी समझा जाता है। इन सात चिरंजीवी में भगवान हनुमान, श्री वेद व्यास, परशुराम, कृपाचार्य, अश्वत्थामा, बलि, विभीषण आज भी अमर हैं।

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